पानीपत के समालखा पुलिस ने क्षेत्र के 8 होटलों में विशेष जांच अभियान चलाया। पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह के निर्देश में होटल स्टाफ के रिकॉर्ड और रजिस्टर की गहन जांच की गई। वहीं सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे चालू रखने के निर्देश दिए हैं। चौकी इंचार्ज जितेन्द्र आंतिल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने होटल संचालकों को कड़े निर्देश दिए हैं। इनमें प्रमुख रूप से बिना आईडी प्रूफ किसी को भी कमरा न देने, आईडी की फोटोकॉपी रखने और पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज करने की हिदायत शामिल है। साथ ही, होटलों में 24 घंटे काम करने वाले उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बिना आईडी प्रूफ कमरा देने पर होगी कार्रवाई एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि कई बार असामाजिक तत्व बिना पहचान के होटलों में रुककर अपराध को अंजाम देते हैं, जिससे होटल प्रबंधन भी मुसीबत में पड़ जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध गतिविधियां पाए जाने पर होटल मालिक और संचालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने होटल संचालकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी को स्टाफ में न रखें और नियमित रूप से कमरों की जांच करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस का यह चेकिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा। पानीपत के समालखा पुलिस ने क्षेत्र के 8 होटलों में विशेष जांच अभियान चलाया। पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह के निर्देश में होटल स्टाफ के रिकॉर्ड और रजिस्टर की गहन जांच की गई। वहीं सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे चालू रखने के निर्देश दिए हैं। चौकी इंचार्ज जितेन्द्र आंतिल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने होटल संचालकों को कड़े निर्देश दिए हैं। इनमें प्रमुख रूप से बिना आईडी प्रूफ किसी को भी कमरा न देने, आईडी की फोटोकॉपी रखने और पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज करने की हिदायत शामिल है। साथ ही, होटलों में 24 घंटे काम करने वाले उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बिना आईडी प्रूफ कमरा देने पर होगी कार्रवाई एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि कई बार असामाजिक तत्व बिना पहचान के होटलों में रुककर अपराध को अंजाम देते हैं, जिससे होटल प्रबंधन भी मुसीबत में पड़ जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध गतिविधियां पाए जाने पर होटल मालिक और संचालक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने होटल संचालकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी को स्टाफ में न रखें और नियमित रूप से कमरों की जांच करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस का यह चेकिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर
मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी अगुवाई वाली तीसरी सरकार में अपने पुराने दोस्त, मनोहर लाल खट्टर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। मोदी और खट्टर पुराने दोस्त हैं, ये बात जगजाहिर है। दोनों उस समय से साथ हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले, भाजपा में संगठन का काम देखा करते थे। खुद मोदी सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वह मनोहर लाल के साथ उनकी बाइक पर घूमते रहे हैं। PM मोदी से दोस्ती का खट्टर को समय-समय पर फायदा भी मिला। हरियाणा की सियासत में कई उतार-चढ़ाव देखने वाली भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने बूते पूर्ण बहुमत मिलने के बाद, अपने पहले ही फैसले से सबको चौंका दिया था। चुनाव रिजल्ट आने के बाद लाइमलाइट से दूर चल रहे मनोहर लाल खट्टर को अचानक CM बनाने का ऐलान कर दिया गया। उस समय BJP के कई बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे लेकिन खट्टर अचानक सबको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गए। BJP ने 2014 में जिस तरह मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का CM बनाकर सबको चौंकाया था, ठीक उसी तरह 12 मार्च 2024 को अचानक उनका इस्तीफा दिलाकर भी सबको चौंका दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें करनाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और जीतने के बाद अब वह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। मनोहर लाल को पहले ही दे दिया था संकेत
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मनोहर लाल को दिल्ली में बड़ा पद देने के संकेत दे दिए थे। दरअसल मनोहर लाल के पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव हैं। RSS में संघ प्रचारक के तौर पर लंबे समय तक काम कर चुके मनोहर लाल 1994 में BJP में शिफ्ट हुए। उस समय नरेंद्र मोदी भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी थे। दोनों ने उस समय संगठन में साथ मिलकर काम किया। प्रधानमंत्री मोदी खुद खट्टर से अपनी दोस्ती का जिक्र कई बार कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा से 5 दिन पहले, 11 मार्च 2024 को PM मोदी गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां मोदी ने मंच से कहा- मैं और मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बाइक पर एक साथ घूमते थे। हमें हरियाणा का लंबा अनुभव है। इसके अगले ही दिन, 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि खट्टर को जल्दी ही दिल्ली में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 5 भाइयों में सबसे बड़े, डॉक्टर बनना चाहते थे
70 साल के मनोहर लाल खट्टर मूलरूप से रोहतक जिले में निंदाना गांव के रहने वाले हैं। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे इसलिए परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उन्हीं के ऊपर था।
मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब माली हालत के चलते उनके पिता हरवंश लाल खट्टर चाहते थे कि वह पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ गुजर-बसर चलाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों की तरह खेती में उनका हाथ बटाएं। इसी वजह से स्कूलिंग के दौरान मनोहर लाल अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। हालांकि बाद में रोहतक में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आगे की स्टडी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही खट्टर ने ठान लिया था कि वह ताउम्र शादी नहीं करेंगे। दिल्ली का दुकानदार, पहले CM बना और अब केंद्रीय मंत्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद, खट्टर ने दिल्ली में ही सदर बाजार के पास एक दुकान खोल ली। उसी दौरान 1977 में वह RSS से जुड़ गए। लगभग 17-18 साल आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम करने के बाद वर्ष 1994 में खट्टर बीजेपी में शामिल हो गए। भाजपा संगठन में 20 साल काम करने के बाद, वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार करनाल सीट से लड़ा और MLA बन गए। पहली बार का विधायक होने के बावजूद वह सीधे हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए। तब प्रदेश में 18 साल बाद, किसी गैरजाट नेता को CM की कुर्सी मिली थी। पांच साल सरकार चलाने के बाद, 2019 का विधानसभा चुनाव BJP ने मनोहर लाल की अगुवाई में ही लड़ा। पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसने दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर लगातार दूसरी बार राज्य में सरकार बनाई। भाजपा नेतृत्व ने 2024 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 4 दिन पहले, उन्हें हटाकर नायब सैनी को राज्य का नया सीएम बना दिया। परिवार से ज्यादा संपर्क में, पैतृक प्रॉपर्टी दान कर दी
मनोहर लाल अपने घर-परिवार से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। हालांकि उनके सीएम, सांसद और अब कैबिनेट मंत्री बनने पर उनके पैतृक गांव, निंदाना में जश्न मनाया गया।
तकरीबन साढ़े 9 साल तक हरियाणा में CM की कुर्सी संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब उन्होंने सीएम रहते हुए, रोहतक में अपनी पैतृक प्रॉपर्टी सरकार को दान कर दी।
साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद खट्टर का नाम किसी बड़े विवाद या करप्शन केस में नहीं आया। 3 चुनाव लड़े, तीनों जीते
मनोहर लाल खट्टर ने अपने राजनीतिक जीवन में तीन चुनाव लड़े हैं और तीनों में वह विजयी रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में करनाल सीट से लड़ा और विजयी रहे। उसके बाद वह सीएम बन गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह फिर करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीते। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें करनाल सीट से मैदान में उतारा। खट्टर अपने सामने उतरे कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराकर सांसद बने। अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
शाहबाद में पेट्रोल पंप पर CNG गैस लीक:आस-पास के लोगों में मची अफरा-तफरी, अंबाला से सीएनजी गैस विभाग की टीम पहुंची
शाहबाद में पेट्रोल पंप पर CNG गैस लीक:आस-पास के लोगों में मची अफरा-तफरी, अंबाला से सीएनजी गैस विभाग की टीम पहुंची कुरुक्षेत्र के शाहबाद में एक पेट्रोल पंप पर सीएनजी गैस लीक होने लगा। जिससे आस-पास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पेट्रोल पंप के आस-पास हजारों दुकानें और आवासीय क्षेत्र होने के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई थी। सूचना मिलते ही अंबाला से सीएनजी गैस विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया। अंबाला से पहुंचे अधिकारी सुमित ने बताया कि सेफ्टी वॉल के ओवरफ्लो होने के कारण गैस लीक हुई थी। उन्होंने कहा कि टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गैस लीकेज को बंद कर दिया। सेफ्टी वॉल में मौजूद गैस को नियंत्रित तरीके से निकाला जा रहा है। अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। गैस लीक की घटना से आसपास के निवासियों में दहशत का माहौल था, लेकिन स्थिति पर काबू पाए जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। यह घटना एक बड़े हादसे का कारण बन सकती थी, लेकिन समय रहते विभाग की टीम की त्वरित कार्रवाई से किसी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सका।
हरियाणा में JJP को हर विधानसभा सीट पर झटका:चुनाव में जमानत नहीं बचा पाए कैंडिडेट, इनेलो-बसपा से कम वोट शेयर
हरियाणा में JJP को हर विधानसभा सीट पर झटका:चुनाव में जमानत नहीं बचा पाए कैंडिडेट, इनेलो-बसपा से कम वोट शेयर हरियाणा में इनेलो पार्टी से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। एक भी सीट जीतना तो दूर, पार्टी के कैंडिडेट अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। इतना ही नहीं पार्टी 90 विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। जजपा का वोट शेयर 0.87% रहा, जो बसपा और इनेलो से भी कम है। इस साल के लास्ट में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। जजपा के बागी विधायक JJP के विधायक ही उसके खिलाफ
2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के 10 विधायक बने थे, लेकिन इसमें से 6 विधायक पार्टी से बगावत कर अलग-अलग पार्टियों को हरियाणा में समर्थन कर रहे हैं। कुछ विधायक तो 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन के बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नाराज हो गए थे। इसमें दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बने थे। दुष्यंत के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में सबसे पहले विधायक नारनौंद के रामकुमार गौतम थे। इसके बाद धीरे-धीरे आधे से ज्यादा विधायक दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हो गए। बागी विधायकों में टोहाना से देवेंद्र बबली, बरवाला से जोगीराम सिहाग, गुहला से ईश्वर सिंह, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, शाहबाद से रामकरण काला है। अब सिर्फ 4 विधायक ही जेजेपी के साथ है। इसमें खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला, उकलाना से अनूप धानक और जुलाना से अमरजीत ढांडा शामिल हैं। 3 महीने पहले सीट शेयरिंग पर टूटा था गठबंधन
लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में सीट शेयरिंग को लेकर हरियाणा में तकरीबन साढ़े 4 साल से मिलकर सरकार चला रहीं BJP और JJP का गठबंधन टूट गया था। जजपा भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए लोकसभा की 2 सीटें मांग रही थी, मगर भाजपा खुद के दम पर चुनाव लड़ने के पक्ष में थी। दुष्यंत के सरकार विरोधी तेवर से बढ़ी बगावत
लोकसभा में सीट शेयरिंग पर समझौता न होने के बाद दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन टूटने की बात कही। इसके बाद हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी की अगुआई में नई सरकार बनी। हालांकि असली बात तब बिगड़ी, जब 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने सरकार को अल्पमत में बता कांग्रेस को सरकार गिराने के बदले समर्थन का ऑफर दे दिया। दुष्यंत ने यह भी कहा कि उनके सभी विधायकों को पार्टी व्हिप का पालन करना होगा। जिसके बाद बागी विधायकों के तेवर सख्त हो गए। चुनाव में जजपा को 0.87 प्रतिशत वोट मिले
लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 10 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, लेकिन सभी हार गए। जेजेपी को 0.87% ही वोट मिल पाए हैं। सबसे खराब स्थित सोनीपत, अंबाला, रोहतक और कुरुक्षेत्र में रही। यहां JJP कैंडिडेट्स 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले। वहीं सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22,032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि बसपा और इनेलो के कैंडिडेट्स की भी जमानत जब्त हुई। एडवोकेट योगेश सिहाग बोले- जजपा को अभी कोई खतरा नहीं
हिसार के वकील व राजनीतिक जानकार एडवोकेट योगेश सिहाग के अनुसार किसी भी पार्टी को स्टेट पार्टी का दर्जा बचाने के लिए 6 प्रतिशत से वोट हासिल करना जरूरी है। नियमों के हिसाब से अभी JJP को किसी तरह का खतरा नहीं है। मगर आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को प्रदर्शन सुधारना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत 6 प्रतिशत से ऊपर रखना होगा।