करनाल के इंद्री नई अनाज मंडी स्थित किसान भवन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने सरकार पर मंडियों को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र द्वारा बनाई गई कृषि विपणन मंडी नीति दरअसल उन्हीं तीन कृषि कानूनों का नया रूप है, जिन्हें किसानों के भारी विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह नीति लागू हुई तो मंडियां खत्म हो जाएंगी और फसलों की खरीद व्यवस्था पूरी तरह से कॉर्पोरेट्स के हाथों में चली जाएगी। रतनमान ने कहा- मंडी खत्म हुई तो किसान बर्बाद हो जाएंगे रतनमान ने कहा कि सिर्फ हरियाणा और पंजाब में ही मंडियों के जरिए फसल खरीदने की व्यवस्था है, लेकिन अगर यह नीति लागू हुई तो किसानों को अपनी फसल कॉर्पोरेट खरीदारों के पास ले जानी पड़ेगी। कंपनियां तय करेंगी कि फसल खरीदनी है या नहीं, किस रेट पर और कब खरीदनी है। इससे किसानों की आजीविका पूरी तरह खतरे में पड़ जाएगी और वे निजी कंपनियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से आते हैं, इसलिए उनसे उम्मीद है कि वे इस नीति को खारिज करेंगे और किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे। किसानों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, सौंपेंगे ज्ञापन रतनमान ने बताया कि इस नीति के विरोध में 11 मार्च को हरियाणा के सभी जिलों में किसान सचिवालयों पर जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। करनाल में किसान पुरानी कचहरी में इकट्ठा होकर जुलूस निकालेंगे और सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त को ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस नीति को खारिज कर दिया है, अब हरियाणा सरकार के पास भी विधानसभा सत्र के दौरान इसे नकारने का सुनहरा मौका है। अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी, तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। एमएसपी गारंटी कानून बने, किसानों की कर्ज माफी हो रतनमान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज तक एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून नहीं बनाया गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की कि वह अपने स्तर पर एमएसपी खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने वाला कानून बनाए, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके। भादसों शुगर मिल के बकाया भुगतान की मांग रतनमान ने कहा कि भादसों शुगर मिल की बकाया पेमेंट अभी तक किसानों को नहीं मिली है, जबकि नियमानुसार उन्हें समय पर भुगतान मिलना चाहिए। अगर जल्द ही किसानों का पैसा नहीं दिया गया तो किसान मजबूर होकर मुख्यमंत्री के दरवाजे पर धरना देंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, नहीं तो प्रदेश में बड़े स्तर पर आंदोलन होगा और सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। करनाल के इंद्री नई अनाज मंडी स्थित किसान भवन में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने सरकार पर मंडियों को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र द्वारा बनाई गई कृषि विपणन मंडी नीति दरअसल उन्हीं तीन कृषि कानूनों का नया रूप है, जिन्हें किसानों के भारी विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह नीति लागू हुई तो मंडियां खत्म हो जाएंगी और फसलों की खरीद व्यवस्था पूरी तरह से कॉर्पोरेट्स के हाथों में चली जाएगी। रतनमान ने कहा- मंडी खत्म हुई तो किसान बर्बाद हो जाएंगे रतनमान ने कहा कि सिर्फ हरियाणा और पंजाब में ही मंडियों के जरिए फसल खरीदने की व्यवस्था है, लेकिन अगर यह नीति लागू हुई तो किसानों को अपनी फसल कॉर्पोरेट खरीदारों के पास ले जानी पड़ेगी। कंपनियां तय करेंगी कि फसल खरीदनी है या नहीं, किस रेट पर और कब खरीदनी है। इससे किसानों की आजीविका पूरी तरह खतरे में पड़ जाएगी और वे निजी कंपनियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से आते हैं, इसलिए उनसे उम्मीद है कि वे इस नीति को खारिज करेंगे और किसानों के हक की लड़ाई लड़ेंगे। किसानों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, सौंपेंगे ज्ञापन रतनमान ने बताया कि इस नीति के विरोध में 11 मार्च को हरियाणा के सभी जिलों में किसान सचिवालयों पर जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। करनाल में किसान पुरानी कचहरी में इकट्ठा होकर जुलूस निकालेंगे और सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त को ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस नीति को खारिज कर दिया है, अब हरियाणा सरकार के पास भी विधानसभा सत्र के दौरान इसे नकारने का सुनहरा मौका है। अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी, तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। एमएसपी गारंटी कानून बने, किसानों की कर्ज माफी हो रतनमान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज तक एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून नहीं बनाया गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की कि वह अपने स्तर पर एमएसपी खरीद की गारंटी सुनिश्चित करने वाला कानून बनाए, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके। भादसों शुगर मिल के बकाया भुगतान की मांग रतनमान ने कहा कि भादसों शुगर मिल की बकाया पेमेंट अभी तक किसानों को नहीं मिली है, जबकि नियमानुसार उन्हें समय पर भुगतान मिलना चाहिए। अगर जल्द ही किसानों का पैसा नहीं दिया गया तो किसान मजबूर होकर मुख्यमंत्री के दरवाजे पर धरना देंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, नहीं तो प्रदेश में बड़े स्तर पर आंदोलन होगा और सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
