राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा ड्रोन के जरिए सरहद पार से हथियार मंगवाने के मामले छह लोगों को उम्र कैद व तीन दोषियों को दस साल की सजा सुनाई है। आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश संधू, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह बिंदा, मानसिंह और गुरदेव सिंह को धारा 120बी, 121ए, 122 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि शुभदीप सिंह, साजनप्रीत सिंह और रोमनदीप सिंह उर्फ रोमन को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। एनआईए ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 120बी, 121, 121ए, 122, 489बी, 489सी, 379, शस्त्र अधिनियम की धारा 13, 16, 17, 18, 18ए, 23, 38, 25(1), 25(3), 25(4), 27(2) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े थे 22 सितंबर 2019 को काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर के इंस्पेक्टर इंद्रदीप सिंह को सूचना मिली कि गुरमीत सिंह उर्फ बागा उर्फ डॉक्टर, निवासी झज, जिला होशियारपुर (जो वर्तमान में जर्मनी में रहता है), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के सदस्य रणजीत सिंह उर्फ नीटा और मान सिंह के संपर्क में है। ये सभी सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे और पंजाब व भारत में आतंकवादी गतिविधियों को फिर से सक्रिय करने की योजना बना रहे थे, ताकि खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित किया जा सके। आतंकी गतिविधियों से युवाओं को जोड़ते थे चार्जशीट के मुताबिक दोषी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और हथियारों तथा गोला-बारूद की तस्करी के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे थे। वे खालिस्तानी आंदोलन को पुनर्जीवित करने और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए विभिन्न देशों से धन भी प्राप्त कर रहे थे और उसे भारत भेज रहे थे।
जेल के अंदर से बनाई थी रणनीतिआकाशदीप सिंह उर्फ आकाश, मान सिंह के साथ अमृतसर जेल में बंद था। मान सिंह ने आकाशदीप सिंह को प्रभावित किया और उसे खालिस्तान आंदोलन की दिशा में काम करने व पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार किया। जमानत पर रिहा होने के बाद, आकाशदीप सिंह पाकिस्तान से रणजीत सिंह उर्फ नीटा द्वारा ड्रोन के माध्यम से भारत भेजे गए हथियार, गोला-बारूद और जाली भारतीय मुद्रा (FICN) की खेप लेने की योजना बना रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा ड्रोन के जरिए सरहद पार से हथियार मंगवाने के मामले छह लोगों को उम्र कैद व तीन दोषियों को दस साल की सजा सुनाई है। आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश संधू, बलवंत सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह बिंदा, मानसिंह और गुरदेव सिंह को धारा 120बी, 121ए, 122 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि शुभदीप सिंह, साजनप्रीत सिंह और रोमनदीप सिंह उर्फ रोमन को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। एनआईए ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 120बी, 121, 121ए, 122, 489बी, 489सी, 379, शस्त्र अधिनियम की धारा 13, 16, 17, 18, 18ए, 23, 38, 25(1), 25(3), 25(4), 27(2) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े थे 22 सितंबर 2019 को काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर के इंस्पेक्टर इंद्रदीप सिंह को सूचना मिली कि गुरमीत सिंह उर्फ बागा उर्फ डॉक्टर, निवासी झज, जिला होशियारपुर (जो वर्तमान में जर्मनी में रहता है), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के सदस्य रणजीत सिंह उर्फ नीटा और मान सिंह के संपर्क में है। ये सभी सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे और पंजाब व भारत में आतंकवादी गतिविधियों को फिर से सक्रिय करने की योजना बना रहे थे, ताकि खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित किया जा सके। आतंकी गतिविधियों से युवाओं को जोड़ते थे चार्जशीट के मुताबिक दोषी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और हथियारों तथा गोला-बारूद की तस्करी के लिए युवाओं की भर्ती कर रहे थे। वे खालिस्तानी आंदोलन को पुनर्जीवित करने और भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए विभिन्न देशों से धन भी प्राप्त कर रहे थे और उसे भारत भेज रहे थे।
जेल के अंदर से बनाई थी रणनीतिआकाशदीप सिंह उर्फ आकाश, मान सिंह के साथ अमृतसर जेल में बंद था। मान सिंह ने आकाशदीप सिंह को प्रभावित किया और उसे खालिस्तान आंदोलन की दिशा में काम करने व पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार किया। जमानत पर रिहा होने के बाद, आकाशदीप सिंह पाकिस्तान से रणजीत सिंह उर्फ नीटा द्वारा ड्रोन के माध्यम से भारत भेजे गए हथियार, गोला-बारूद और जाली भारतीय मुद्रा (FICN) की खेप लेने की योजना बना रहा था। पंजाब | दैनिक भास्कर
