नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में पंजाब वित्तीय सकंट से गुजर रहा है। रिपोर्ट को विधानसभा में बीते दिनों पेश किया गया। राज्य का ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट का पब्लिक डेप्ट 44 प्रतिशत हो गया है, जो 20 फीसदी होना चाहिए। CAG रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने केंद्र से SOS कमेटी गठित करने की मांग रखी है। विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि रेवेन्यू डेफिसिट ऑफ जीडीपी जो 2 फीसदी होना चाहिए था। वो भी डबल 4 फीसदी हो गया है। पंजाब पर पहले 2.82 हजार करोड़ का कर्जा था और दो सालों में 90 हजार करोड़ का और कर्जा राज्य पर आ गया है। 22 फीसदी रेवेन्यू पंजाब का स्टेट गवर्नमेंट को इंट्रस्ट के तौर पर देना पड़ रहा है। इतनी नाजुक स्थिति में पंजाब का रेवेन्यू 11 फीसदी बढ़ा है, लेकिन खर्चा भी 13 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र और लोगों को समझना होगा कि ये जो फिस्कल डेफिसिट है। ये सिर्फ पंजाब का नहीं है, ये पूरे देश का है। पंजाब भारत का भिन्न अंग है, पंजाब भारत का दिल है और देश की फूड बास्केट है। केंद्र से फंड रिलीज करने की मांग सांसद साहनी ने कहा कि उन्होंने पार्लियामेंट में विनती की थी, पंजाब का 8500 करोड़ का फंड केंद्र के पास पेंडिंग है। उसे रिलीज किया जाए। जिसमें से 5600 करोड़ रूरल डेवलपमेंट फंड, 1000 करोड़ नेशनल हेल्थ मिशन, 1837 करोड़ रुपए स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट, जिससे सड़कों का निर्माण हो सकता है, जारी किया जाना चाहिए। पंजाब को हर साल कैश क्रेडिट लिमिट का 650 करोड़ भी देना पड़ रहा है। इसका समाधान तभी होगा, जब बैठकर बातचीत से इसका हल निकाला जा सके। कैबिनेट कमेटी गठित करने की मांग विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि केंद्र ने बीते सप्ताह राजपुरा पटियाला इंडस्ट्रियल जोन पंजाब को दिया है। इसके लिए 1102 एकड़ जमीन खाली पड़ी है और अगर उसके फंड भी रिलीज हो जाएं तो अच्छा होगा। वित्तीय संकट से पंजाब को उभारने के लिए केंद्र को कैबिनेट SOS कमेटी बनानी चाहिए, ताकि आने वाले समय में पंजाब को अंधेरे की तरफ जाने से बचाया जा सके। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में पंजाब वित्तीय सकंट से गुजर रहा है। रिपोर्ट को विधानसभा में बीते दिनों पेश किया गया। राज्य का ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट का पब्लिक डेप्ट 44 प्रतिशत हो गया है, जो 20 फीसदी होना चाहिए। CAG रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने केंद्र से SOS कमेटी गठित करने की मांग रखी है। विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि रेवेन्यू डेफिसिट ऑफ जीडीपी जो 2 फीसदी होना चाहिए था। वो भी डबल 4 फीसदी हो गया है। पंजाब पर पहले 2.82 हजार करोड़ का कर्जा था और दो सालों में 90 हजार करोड़ का और कर्जा राज्य पर आ गया है। 22 फीसदी रेवेन्यू पंजाब का स्टेट गवर्नमेंट को इंट्रस्ट के तौर पर देना पड़ रहा है। इतनी नाजुक स्थिति में पंजाब का रेवेन्यू 11 फीसदी बढ़ा है, लेकिन खर्चा भी 13 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र और लोगों को समझना होगा कि ये जो फिस्कल डेफिसिट है। ये सिर्फ पंजाब का नहीं है, ये पूरे देश का है। पंजाब भारत का भिन्न अंग है, पंजाब भारत का दिल है और देश की फूड बास्केट है। केंद्र से फंड रिलीज करने की मांग सांसद साहनी ने कहा कि उन्होंने पार्लियामेंट में विनती की थी, पंजाब का 8500 करोड़ का फंड केंद्र के पास पेंडिंग है। उसे रिलीज किया जाए। जिसमें से 5600 करोड़ रूरल डेवलपमेंट फंड, 1000 करोड़ नेशनल हेल्थ मिशन, 1837 करोड़ रुपए स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट, जिससे सड़कों का निर्माण हो सकता है, जारी किया जाना चाहिए। पंजाब को हर साल कैश क्रेडिट लिमिट का 650 करोड़ भी देना पड़ रहा है। इसका समाधान तभी होगा, जब बैठकर बातचीत से इसका हल निकाला जा सके। कैबिनेट कमेटी गठित करने की मांग विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि केंद्र ने बीते सप्ताह राजपुरा पटियाला इंडस्ट्रियल जोन पंजाब को दिया है। इसके लिए 1102 एकड़ जमीन खाली पड़ी है और अगर उसके फंड भी रिलीज हो जाएं तो अच्छा होगा। वित्तीय संकट से पंजाब को उभारने के लिए केंद्र को कैबिनेट SOS कमेटी बनानी चाहिए, ताकि आने वाले समय में पंजाब को अंधेरे की तरफ जाने से बचाया जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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