फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद- पटियाला रोड पर गांव आदमपुर के पास सरहिंद नहर किनारे गोवंश को काट फेंक दिया गया। आरोपी गोवंश मांस को गाड़ियों में भरने की फिराक में थे कि इससे पहले गोरक्षक मौके पर पहुंच गए। जिन्हें देख आरोपी फायरिंग करते हुए भाग निकले। फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। नहर किनारे काट रहे थे गोवंश गो रक्षा दल के पंजाब प्रधान नेक्सन कुमार ने बताया कि उन्हें काफी समय से सूचनाएं मिल रही थीं कि सरहिंद नहर के किनारे गायों को काटकर गाड़ियों में गोमास दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है। बीती रात उन्हें सूचना मिली कि सरहिंद नहर किनारे गोवंश को काटा जा रहा है। जब गो रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश कुमार को साथ लेकर वे अपनी टीम सहित आदमपुर गांव के पास सरहिंद नहर किनारे पहुंचे तो उन्हें देख दिल्ली नंबर की ब्रेजा कार में सवार लोग भाग निकले। गाड़ी की लाइटें बंद करके उनकी गाड़ी को टक्कर मारी गई। एक फायर किया गया। आरोपियों की गाड़ी की नंबर प्लेट टूटकर मौके पर गिरी। निक्सन के अनुसार नहर के किनारे गायों को काट फेंका गया था। यह गिरोह नहर के अंदर भी गोमांस गिरा रहा है। जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है और लोग यह पानी पीते हैं जिससे उनकी भावनाएं आहत हो रही हैं। सूचना मिलते ही डीएसपी पहुंचे उधर, तड़के 3 बजे के करीब पुलिस को सूचना मिली तो फतेहगढ़ साहिब के डीएसपी सुखनाज सिंह अपनी टीम समेत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि पुलिस हर पहलु से जांच कर रही है। गो रक्षकों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं नहर किनारे से मिले मांस के सैंपल लिए गए हैं। पुलिस इस मामले में बनती कार्रवाई कर रही है। आप पंजाब प्रधान ने किया डीजीपी को फोन दूसरी तरफ, यह मामला पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के ध्यान में भी आ गया है। आज पटियाला से आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की शुक्राना यात्रा शुरू हुई थी। जब वे सरहिंद पहुंचे तो उन्हें गायों को काटने के मामले में मीडिया ने सवाल पूछा। अमन अरोड़ा ने कहा कि अभी उनके ध्यान में मामला लाया गया था। उन्होंने डीजीपी को फोन कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उन्हें जल्द पकड़ने के लिए कहा गया है। फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद- पटियाला रोड पर गांव आदमपुर के पास सरहिंद नहर किनारे गोवंश को काट फेंक दिया गया। आरोपी गोवंश मांस को गाड़ियों में भरने की फिराक में थे कि इससे पहले गोरक्षक मौके पर पहुंच गए। जिन्हें देख आरोपी फायरिंग करते हुए भाग निकले। फतेहगढ़ साहिब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। नहर किनारे काट रहे थे गोवंश गो रक्षा दल के पंजाब प्रधान नेक्सन कुमार ने बताया कि उन्हें काफी समय से सूचनाएं मिल रही थीं कि सरहिंद नहर के किनारे गायों को काटकर गाड़ियों में गोमास दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है। बीती रात उन्हें सूचना मिली कि सरहिंद नहर किनारे गोवंश को काटा जा रहा है। जब गो रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश कुमार को साथ लेकर वे अपनी टीम सहित आदमपुर गांव के पास सरहिंद नहर किनारे पहुंचे तो उन्हें देख दिल्ली नंबर की ब्रेजा कार में सवार लोग भाग निकले। गाड़ी की लाइटें बंद करके उनकी गाड़ी को टक्कर मारी गई। एक फायर किया गया। आरोपियों की गाड़ी की नंबर प्लेट टूटकर मौके पर गिरी। निक्सन के अनुसार नहर के किनारे गायों को काट फेंका गया था। यह गिरोह नहर के अंदर भी गोमांस गिरा रहा है। जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है और लोग यह पानी पीते हैं जिससे उनकी भावनाएं आहत हो रही हैं। सूचना मिलते ही डीएसपी पहुंचे उधर, तड़के 3 बजे के करीब पुलिस को सूचना मिली तो फतेहगढ़ साहिब के डीएसपी सुखनाज सिंह अपनी टीम समेत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि पुलिस हर पहलु से जांच कर रही है। गो रक्षकों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं नहर किनारे से मिले मांस के सैंपल लिए गए हैं। पुलिस इस मामले में बनती कार्रवाई कर रही है। आप पंजाब प्रधान ने किया डीजीपी को फोन दूसरी तरफ, यह मामला पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के ध्यान में भी आ गया है। आज पटियाला से आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा की शुक्राना यात्रा शुरू हुई थी। जब वे सरहिंद पहुंचे तो उन्हें गायों को काटने के मामले में मीडिया ने सवाल पूछा। अमन अरोड़ा ने कहा कि अभी उनके ध्यान में मामला लाया गया था। उन्होंने डीजीपी को फोन कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उन्हें जल्द पकड़ने के लिए कहा गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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डल्लेवाल बोले- मुझे इलाज की जरूरत नहीं:किसानों ने दबाव बनाया; डॉक्टर ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा- उनकी सेहत में सुधार
डल्लेवाल बोले- मुझे इलाज की जरूरत नहीं:किसानों ने दबाव बनाया; डॉक्टर ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा- उनकी सेहत में सुधार पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल का आज 57वां दिन है। सोमवार शाम को खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की देखरेख कर रहे डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया कि शनिवार रात से मेडिकल सहायता लेने के बाद उनकी तबीयत में कुछ सुधार है। उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। वहीं, इलाज लेने के बाद उनका पहला बयान आया। डल्लेवाल ने कहा- मुझे इलाज की जरूरत नहीं है। आमरण अनशन पर बैठे 121 किसानों के दबाव के चलते मैं इलाज कराने को राजी हुआ। मोर्चा रोटी से नहीं अकाल पुरख की मेहर से जीतना है। गुरु नानक की कृपा हो, शरीर उनका है, उनकी कृपा से सब होगा। वाहेगुरु की कृपा हो, संगत का जज्बा रहा तो 14 फरवरी को होने वाली मीटिंग में भी जाएंगे। मोर्चे पर 8 सीनियर डॉक्टर मौजूद बता दें कि सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर समय-समय पर डल्लेवाल की जांच कर रहे हैं। मोर्चे पर 8 सीनियर डॉक्टर मौजूद हैं। 14 फरवरी को केंद्र के साथ होने वाली बैठक से पहले डॉक्टर उनके स्वास्थ्य में सुधार की कोशिश कर रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि डॉ. स्वयंमन सिंह की रिपोर्ट के अनुसार डल्लेवाल से अनुरोध किया गया है कि वे खाना-पीना शुरू कर दें, ताकि वे 14 फरवरी को होने वाली बैठक में शामिल हो सकें। 26 जनवरी को किसानों का ट्रैक्टर प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 26 जनवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। किसान नेताओं ने बताया कि 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक किसान अपने ट्रैक्टर मॉल, टोल प्लाजा, भाजपा कार्यालयों के सामने या सड़क किनारे पार्क करेंगे। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन के लिए उपरोक्त जगहों में से किसी एक स्थान का चयन किया जाएगा। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार बदले की भावना से किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले किसी भी लोक कलाकार के खिलाफ कार्रवाई करती है तो संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा चट्टान की तरह उनके साथ खड़ा रहेगा। आज का दिल्ली मार्च स्थगित सरवन सिंह पंधेर ने आज यानी 21 जनवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। हालांकि, केंद्र की ओर से बातचीत का प्रस्ताव आने के बाद उन्होंने इसे 20 जनवरी को टाल दिया। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के बाद दिल्ली कूच पर फैसला लिया जाएगा। पंधेर का कहना है कि सरकार से जल्द बैठक करने की मांग है। अभी बहुत समय है। बैठक का स्थान नई दिल्ली होना चाहिए, क्योंकि देश के किसानों की यही मांग है। सरकार ने बजट घोषित कर दिया है, तो किसान बात क्यों नहीं कर रहे हैं? संयुक्त किसान मोर्चा से एकजुट होने की कोशिश की जा रही है। एकता तुरंत होना आसान नहीं है। केंद्रीय मंत्री भी बैठक में शामिल होंगे 16 जनवरी को कृषि एवं कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव प्रियरंजन अन्य केंद्रीय अधिकारियों के साथ खनौरी बॉर्डर पहुंचे। यहां उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। उन्होंने किसानों को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक का न्योता भी दिया। बैठक के बाद प्रियरंजन ने कहा कि केंद्र भूख हड़ताल पर बैठे डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। हम यहां इसलिए आए हैं ताकि कोई समाधान निकल सके। हमें उम्मीद है कि डल्लेवाल जल्द ही अपनी भूख हड़ताल खत्म कर बैठक में शामिल होंगे। वहीं, यह साफ हो गया है कि केंद्रीय मंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे।
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मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।