<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल में नेजा मेले पर रोक के बाद अब बयानबाजी का क्रम शुरू हो चुका है. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर दावा कर दिया कि सलार मसूद गाजी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला नहीं किया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘सैयद सलार मसूद गाजी जिन्हें सोमनाथ के मंदिर पर हमले से जोड़कर बताया जा रहा है वो गलत है जब सोमनाथ के मंदिर पर हमला हुआ तब आपकी उम्र सिर्फ 11 साल थी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद ने लिखा, ‘इतिहासकार बताते हैं कि सोमनाथ के मंदिर पर हमले में उनकी मौजूदगी का कोई भी जिक्र नहीं है. आखिरकार एक अधिकारी बिना कुछ तथ्यों के जाने बार-बार जिस तरीके के अलफाज एक सूफी संत के बारे में इस्तेमाल कर रहा है वो सिर्फ नफरत की हवा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है ना की संविधान का पालन कर रहा है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिया उर रहमान ने लिखा, ‘महान सूफ़ी संत सैयद सलार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलैह की याद में जगह जगह सैकड़ों नेजे के मेले लगाऐ जाते हैं. उस समय इंसानियत पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सय्यद मसूद गाजी सिर्फ अल्लाह के लिए इंसानियत की खिदमत कर रहे थे. संविधान की शपथ लेने वाले लोग कैसे किसी की आस्था का खिलवाड़ कर लेते हैं, उनपर क्यों डीजीपी या सरकार लगाम नहीं लगाती है?'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-keshav-prasad-maurya-prediction-for-up-assembly-election-2027-results-2907861″>2027 के चुनाव में सपा और बीजेपी की कितनी सीटें आएंगी? केशव प्रसाद मौर्य के इस दावे ने उड़ाई अखिलेश की नींद!</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या किया दावा</strong><br />उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘सबको अपनी मर्जी से इबादत करने की आजादी है और यह अधिकार संविधान ने ही दिया है. लेकिन संभल में अधिकारी संवैधानिक अधिकार को नजर अंदाज कर रहे है. उनकी सारी समस्या सैयद सालार मसूद गाज़ी से है. जो मेला सैकड़ों साल से परंपरागत लगता आ रहा है उसे रोकने अनैतिक है. सैयद सलार मसूद गाजी 12वीं शताब्दी के महान सूफी संत थे.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने लिखा, ‘यूपी के बहराइच में उनकी कब्र है, उनके मज़ार पर हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है. जिसमें हिंदू और मुस्लिम सिख ईसाई समुदायों के लोग शामिल होते हैं. उनकी दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में देखी जाती है. जिस तरह एक महान सूफी संत पर अमर्यादित टिप्पणी की है, वो नफरत की सियासत का नतीजा है. ऐसे अधिकारी को फौरन पदमुक्त करना चाहिए.'</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल में नेजा मेले पर रोक के बाद अब बयानबाजी का क्रम शुरू हो चुका है. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर दावा कर दिया कि सलार मसूद गाजी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला नहीं किया था. उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘सैयद सलार मसूद गाजी जिन्हें सोमनाथ के मंदिर पर हमले से जोड़कर बताया जा रहा है वो गलत है जब सोमनाथ के मंदिर पर हमला हुआ तब आपकी उम्र सिर्फ 11 साल थी.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद ने लिखा, ‘इतिहासकार बताते हैं कि सोमनाथ के मंदिर पर हमले में उनकी मौजूदगी का कोई भी जिक्र नहीं है. आखिरकार एक अधिकारी बिना कुछ तथ्यों के जाने बार-बार जिस तरीके के अलफाज एक सूफी संत के बारे में इस्तेमाल कर रहा है वो सिर्फ नफरत की हवा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है ना की संविधान का पालन कर रहा है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिया उर रहमान ने लिखा, ‘महान सूफ़ी संत सैयद सलार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलैह की याद में जगह जगह सैकड़ों नेजे के मेले लगाऐ जाते हैं. उस समय इंसानियत पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सय्यद मसूद गाजी सिर्फ अल्लाह के लिए इंसानियत की खिदमत कर रहे थे. संविधान की शपथ लेने वाले लोग कैसे किसी की आस्था का खिलवाड़ कर लेते हैं, उनपर क्यों डीजीपी या सरकार लगाम नहीं लगाती है?'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-keshav-prasad-maurya-prediction-for-up-assembly-election-2027-results-2907861″>2027 के चुनाव में सपा और बीजेपी की कितनी सीटें आएंगी? केशव प्रसाद मौर्य के इस दावे ने उड़ाई अखिलेश की नींद!</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या किया दावा</strong><br />उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘सबको अपनी मर्जी से इबादत करने की आजादी है और यह अधिकार संविधान ने ही दिया है. लेकिन संभल में अधिकारी संवैधानिक अधिकार को नजर अंदाज कर रहे है. उनकी सारी समस्या सैयद सालार मसूद गाज़ी से है. जो मेला सैकड़ों साल से परंपरागत लगता आ रहा है उसे रोकने अनैतिक है. सैयद सलार मसूद गाजी 12वीं शताब्दी के महान सूफी संत थे.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद ने लिखा, ‘यूपी के बहराइच में उनकी कब्र है, उनके मज़ार पर हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है. जिसमें हिंदू और मुस्लिम सिख ईसाई समुदायों के लोग शामिल होते हैं. उनकी दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में देखी जाती है. जिस तरह एक महान सूफी संत पर अमर्यादित टिप्पणी की है, वो नफरत की सियासत का नतीजा है. ऐसे अधिकारी को फौरन पदमुक्त करना चाहिए.'</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड महोबा: लकड़ी कीमत विवाद को लेकर दंबग ने युवक पर फायरिंग, बाल-बाल बचा युवक
सलार मसूद गाजी ने नहीं किया था सोमनाथ मंदिर पर हमला, सपा सांसद जिया उर रहमान का दावा
