सहारनपुर के बलियाखेड़ी में किसान संदीप चौधरी ‘मियाजाकी’ आम खेती कर इन दिनों चर्चाओं में हैं। जिसकी एक किलो की कीमत 2.70 लाख से 3.50 लाख रुपए है। ये आम जापान के मियाजाकी यूनिवर्सिटी में विकसित हुआ। इसका जापानी नाम है ‘ताइयो नो टमैगो’ जिसका मतलब है ‘सूर्य का अंडा’। किसान संदीप चौधरी के पास दो पेड़ हैं। जिन पर सिर्फ तीन आम लगे हुए हैं। जिन्हें वो बेचना नहीं, बल्कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीएम को खिलाना चाहते हैं। यह खाने में बेहद मीठा होता है। एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटिन और फोलिक एसिड से भरपूर है। जो कैंसर की बीमारी में काफी राहत पहुंचाने का काम करता है। ढाई से तीन फिट है पेड़ की ऊंचाई 9 माह पहले किसान संदीप चौधरी कोलकाता से ऑर्डर कर मंगाया था। एक पेड़ की कीमत 7500 रुपए है। उन्होंने दो पेड़ अपने ऑर्गेनिक बगीचे में लगाए। अप्रैल माह में इस पेड़ पर आम का बौर आने लगा। एक आम का वजन 300 से 350 ग्राम तक होगा। अगस्त माह में ये आम पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस आम की वीडियो संदीप ने सोशल मीडिया पर डाली। उसके बाद वो चर्चा में आए। इस पेड़ की ऊंचाई केवल ढाई से तीन फीट होती है। तीन आम को खरीदने को लगी कतार वैसे तो इस आम को आम इंसान नहीं खरीद सकता है। इसको खरीदने के लिए करोड़पति और अरबपति ही आगे आ रहे हैं। लेकिन संदीप कहते हैं कि उनके पास आम को खरीदने के लिए फोन कॉल आ रही है। सूरत के एक कपड़ा व्यापारी प्रवीण गुप्ता लगातार फोन कर इस आम को खरीदने की इच्छा जता रहे हैं। आम को खुद ही तोड़ने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन किसान संदीप चौधरी इस कीमती आम को बेचना नहीं चाहते हैं। वो पेड़ के पहले फल को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को खिलाना चाहते हैं। आम की सीसीटीवी से निगरानी किसान संदीप चौधरी ने इन पेड़ों की निगरानी के लिए पीटीजेड सीसीटीवी कैमरा लगाया हुआ है। जो 360 डिग्री पर घुमता है। यदि कोई बगीचे में आ जाता है, तो कैमरा आवाज करने लगता है। जिसका अलर्ट संदीप के मोबाइल फोन पर चला जाता है। खेत में आने वाले व्यक्ति की फोटो को ऑटोमैटिक सेव कर लेता है। ये कैमरा सेंसर युक्त है, सोलर ऊर्जा से चलता है। ये है आम की ख़ासियत
संदीप चौधरी कहते हैं कि मियाजाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम है। इसमें कुछ प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और बीटा-कैरोटीन व फोलिक एसिड जैसे अन्य रासायनिक घटक पाए जाते हैं। कैंसर की दवाईयों में भी इसका इस्तेमाल होता है। साथ ही इसकी खास महक और स्वाद होता है। इसमें जिंक, कैल्शियम, विटामिन सीईए के अलावा कॉपर व मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी हैं। 45 डिग्री टैम्परेचर में होता हैं पौधा
संदीप बताते हैं कि ये पेड़ 45 डिग्री टैम्परेचर पर होता है। तभी इस पर फल आते हैं। इस बार गर्मी भीषण पड़ी है। जिस कारण ये पौधा विकसित हो पाया है। इस पेड़ पर एक साल में एक बार ही फल आता है। मियाजाकी आम में न्यूट्रिशन वैल्यू बहुत ज्यादा होता है। इस आम का छिलका भी आसानी से खाया जा सकता है। इसमें 15% शुगर होता हैं। ये आम की फसल अप्रैल से अगस्त तक उगाई जाती है। पकने के शुरुआती दौर में इसका रंग बैंगनी होता है। पूरी तरह पकने के बाद यह एक गहरे लाल रंग में बदल जाता है। भारत के किसानों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति
किसान संदीप चौधरी कहते हैं कि देश के किसान को खेती की पुरानी पद्धति को छोड़ना होगा। जिससे उनका उज्जवल भविष्य हो सकता हैं। समय-समय पर नई-नई तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए। देश का किसान भी करोड़पति बन सकता है। जिस प्रकार से विदेशों में होता है। देश का किसान भी सूट-बूट पहन सकता है, यदि वो अपनी खेती की पद्धति को बदलेगा। सड़क से संसद तक किसान अपनी मांगों के लिए जूझता रहता है। लेकिन यदि वो अपनी खेती को लेकर बदलाव करेगा तो उसे बड़ा फायदा होने वाला है। 2019 में 36 लाख रुपए के बिके थे 2 आम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2019 में इस किस्म के दो आम जापान में नीलामी के दौरान 5 मिलियन येन की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग कीमत पर बेचे गए थे, जो करीब 45,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। अगर इंडियन करेंसी में हिसाब लगाएं तो इन दो आमों की कीमत लगभग 36 लाख रुपए है। इसलिए भी इसे दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। ताइयो नो टमैगो आम की ख़ासियत सहारनपुर के बलियाखेड़ी में किसान संदीप चौधरी ‘मियाजाकी’ आम खेती कर इन दिनों चर्चाओं में हैं। जिसकी एक किलो की कीमत 2.70 लाख से 3.50 लाख रुपए है। ये आम जापान के मियाजाकी यूनिवर्सिटी में विकसित हुआ। इसका जापानी नाम है ‘ताइयो नो टमैगो’ जिसका मतलब है ‘सूर्य का अंडा’। किसान संदीप चौधरी के पास दो पेड़ हैं। जिन पर सिर्फ तीन आम लगे हुए हैं। जिन्हें वो बेचना नहीं, बल्कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीएम को खिलाना चाहते हैं। यह खाने में बेहद मीठा होता है। एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटिन और फोलिक एसिड से भरपूर है। जो कैंसर की बीमारी में काफी राहत पहुंचाने का काम करता है। ढाई से तीन फिट है पेड़ की ऊंचाई 9 माह पहले किसान संदीप चौधरी कोलकाता से ऑर्डर कर मंगाया था। एक पेड़ की कीमत 7500 रुपए है। उन्होंने दो पेड़ अपने ऑर्गेनिक बगीचे में लगाए। अप्रैल माह में इस पेड़ पर आम का बौर आने लगा। एक आम का वजन 300 से 350 ग्राम तक होगा। अगस्त माह में ये आम पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस आम की वीडियो संदीप ने सोशल मीडिया पर डाली। उसके बाद वो चर्चा में आए। इस पेड़ की ऊंचाई केवल ढाई से तीन फीट होती है। तीन आम को खरीदने को लगी कतार वैसे तो इस आम को आम इंसान नहीं खरीद सकता है। इसको खरीदने के लिए करोड़पति और अरबपति ही आगे आ रहे हैं। लेकिन संदीप कहते हैं कि उनके पास आम को खरीदने के लिए फोन कॉल आ रही है। सूरत के एक कपड़ा व्यापारी प्रवीण गुप्ता लगातार फोन कर इस आम को खरीदने की इच्छा जता रहे हैं। आम को खुद ही तोड़ने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन किसान संदीप चौधरी इस कीमती आम को बेचना नहीं चाहते हैं। वो पेड़ के पहले फल को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को खिलाना चाहते हैं। आम की सीसीटीवी से निगरानी किसान संदीप चौधरी ने इन पेड़ों की निगरानी के लिए पीटीजेड सीसीटीवी कैमरा लगाया हुआ है। जो 360 डिग्री पर घुमता है। यदि कोई बगीचे में आ जाता है, तो कैमरा आवाज करने लगता है। जिसका अलर्ट संदीप के मोबाइल फोन पर चला जाता है। खेत में आने वाले व्यक्ति की फोटो को ऑटोमैटिक सेव कर लेता है। ये कैमरा सेंसर युक्त है, सोलर ऊर्जा से चलता है। ये है आम की ख़ासियत
संदीप चौधरी कहते हैं कि मियाजाकी आम दुनिया का सबसे महंगा आम है। इसमें कुछ प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट और बीटा-कैरोटीन व फोलिक एसिड जैसे अन्य रासायनिक घटक पाए जाते हैं। कैंसर की दवाईयों में भी इसका इस्तेमाल होता है। साथ ही इसकी खास महक और स्वाद होता है। इसमें जिंक, कैल्शियम, विटामिन सीईए के अलावा कॉपर व मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी हैं। 45 डिग्री टैम्परेचर में होता हैं पौधा
संदीप बताते हैं कि ये पेड़ 45 डिग्री टैम्परेचर पर होता है। तभी इस पर फल आते हैं। इस बार गर्मी भीषण पड़ी है। जिस कारण ये पौधा विकसित हो पाया है। इस पेड़ पर एक साल में एक बार ही फल आता है। मियाजाकी आम में न्यूट्रिशन वैल्यू बहुत ज्यादा होता है। इस आम का छिलका भी आसानी से खाया जा सकता है। इसमें 15% शुगर होता हैं। ये आम की फसल अप्रैल से अगस्त तक उगाई जाती है। पकने के शुरुआती दौर में इसका रंग बैंगनी होता है। पूरी तरह पकने के बाद यह एक गहरे लाल रंग में बदल जाता है। भारत के किसानों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति
किसान संदीप चौधरी कहते हैं कि देश के किसान को खेती की पुरानी पद्धति को छोड़ना होगा। जिससे उनका उज्जवल भविष्य हो सकता हैं। समय-समय पर नई-नई तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए। देश का किसान भी करोड़पति बन सकता है। जिस प्रकार से विदेशों में होता है। देश का किसान भी सूट-बूट पहन सकता है, यदि वो अपनी खेती की पद्धति को बदलेगा। सड़क से संसद तक किसान अपनी मांगों के लिए जूझता रहता है। लेकिन यदि वो अपनी खेती को लेकर बदलाव करेगा तो उसे बड़ा फायदा होने वाला है। 2019 में 36 लाख रुपए के बिके थे 2 आम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2019 में इस किस्म के दो आम जापान में नीलामी के दौरान 5 मिलियन येन की रिकॉर्ड-ब्रेकिंग कीमत पर बेचे गए थे, जो करीब 45,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। अगर इंडियन करेंसी में हिसाब लगाएं तो इन दो आमों की कीमत लगभग 36 लाख रुपए है। इसलिए भी इसे दुनिया का सबसे महंगा आम माना जाता है। ताइयो नो टमैगो आम की ख़ासियत उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर