सहारनपुर के शेखपुरा कस्बे को 5 घंटे तक उपद्रवियों ने हाईजैक रखा। पुलिस उनके आगे बेबस थी। कारण था, उपद्रवियों की ‘कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी‘। करीब 5 हजार की भीड़ के आगे कम उम्र के पत्थरबाज लड़के थे। पुलिस चाह कर भी सख्ती नहीं कर पाई। 24 घंटे बाद दैनिक भास्कर की टीम शेखपुरा के सन्नाटे को समझने पहुंची। गांव के 10-12 लोगों से बात करके हमने समझा कि उस दिन आखिर हुआ क्या था? जो कुछ सामने आया, वो किसी साजिश की तरफ इशारा करता है… सुभासपा नेता के ऐलान से शुरुआत, भीड़ में शामिल लड़कों ने किया बवाल
इस पूरे मामले की शुरुआत सुभासपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कारी नौशाद के एक ऐलान से होती है। उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के बयान पर प्रदर्शन का ऐलान किया। लेकिन, प्रशासन से परमिशन नहीं ली गई। तय हुआ, 100-150 लोग चौकी पर जाकर ज्ञापन देंगे। लेकिन, गांव में मुस्लिम समाज के लोग हजारों की संख्या में सड़क पर आ गए। इसके बाद सीओ गांव में ही आ गए। मुस्लिम समाज के लोगों ने उन्हें ज्ञापन दे दिया। लोगों ने बताया- ज्ञापन देने के दौरान भीड़ में शामिल कुछ लड़के चौकी जाने पर अड़ गए। वो भड़काने वाली बातें कर रहे थे। गांव के बुजुर्गों ने समझाया भी। मस्जिद से शांति बनाए रखने का अनाउंसमेंट हुआ। लेकिन, भीड़ में शामिल कम उम्र के लड़के चौकी की ओर जाने लगे। पुलिस ने रोका तो लड़के उग्र हो गए
यहां पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद लड़के उग्र हो गए। पुलिस से तीखी कहासुनी हुई। इसके बाद लड़कों ने पुलिस को दौड़ा लिया और पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस छिपती और भागती रही। करीब 5 घंटे तक चले इस तांडव को रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स मंगवाई गई, लेकिन मदद नहीं आई। 8-10 थानों की फोर्स पहुंचने पर मामला शांत हुआ
चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को भागकर खुद को बचाना पड़ा। बाद में 8-10 थानों की फोर्स पहुंची, लेकिन तब तक मामला शांत हो गया था। उस रात पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी गांव नहीं पहुंचा। सोमवार सुबह यानी 24 घंटे के बाद DM और SSP गांव आए। गांव के लोगों से बातचीत की। कारी नौशाद समेत 20 लोगों पर FIR दर्ज की गई, 13 उपद्रवी अरेस्ट हुए। वीडियो से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। लोगों से बातचीत करते हुए दैनिक भास्कर की टीम रेती चौक पहुंची। यही वो जगह है, जहां हाथों में झंडे लेकर लोग इकट्ठा हुए थे। यही से होकर लोग सहारनपुर-देवबंद हाईवे पहुंचे थे। जहां पथराव किया गया था। यहां की करीब 40 दुकानों पर ताले पड़े थे। जाने कहां से भीड़ आई, फिर बवाल हो गया
यहां एक चाय की दुकान पर मोहम्मद इनाम मिले। चाचा यहां क्या हुआ था? हमने उनसे पूछा। जवाब मिला- यहां कुछ भी उपद्रव नहीं हुआ था। शांति के साथ ज्ञापन दिया गया था। जाने कहां से भीड़ आई, फिर बवाल हुआ, पुलिस से तीखी-नोकझोंक हुई। पथराव भी हुआ। वो छोटी उम्र के बच्चे थे, जिन्होंने पथराव किया
यही चौक पर खड़े नसीम ने कहा- इस चौक पर सब कुछ शांत तरीके से हो गया। पता नहीं कहां से छोटी-छोटी उम्र के बच्चे आए। उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। चौकी पर पत्थर फेंके। हम लोग गवाह हैं, बच्चे थे, इसलिए पुलिस ने कुछ नहीं किया। हमने पूछा- जब सब शांत हो गया है, तो अब दुकानें क्यों बंद हैं? उन्होंने कहा- दुकानदार डरे हुए हैं, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया। कहीं पुलिस उन्हें उठाकर न ले जाए, जेल न भेज दे। इसके बाद हमारी मुलाकात दुकानदार जहांगीर से हुई। वह कहते हैं- गांव में उपद्रव कहां हुआ? आराम से जुलूस निकल रहा था। दुकानदार तो इस जुलूस में शामिल भी नहीं थे। फिर ये लोग आगे गए और उपद्रव शुरू कर दिया। शेखपुरा कदीम के रहने वाले इरशाद सोनी ने बताया- हम लोग तो दुकानदार हैं। हाथ जोड़कर माफी मांग लेंगे, क्योंकि हमें तो व्यापार करना है। वो बच्चों का झुंड आया था, जिन्होंने यह सब किया। बहुत तेज पत्थर फेंकते थे। यहां के लोगों की कोई गलती नहीं। बवाल के दौरान पुलिस के मदद मांगने के वीडियो वायरल हो रहे
यहां के लोगों ने हमें अपने मोबाइल में कुछ वीडियो दिखाए। ये सहारनपुर-देवबंद मार्ग पर शेखपुरा चौकी से करीब 100 मीटर की दूरी पर पुलिसकर्मियों पर पथराव करती भीड़ के थे। पुलिसकर्मी बैकअप के लिए चिल्लाते दिखाई दिए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। अब पॉलिटीशियन के बयान पढ़िए… पढ़िए…महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के किस बयान पर हो रहा उपद्रव
गाजियाबाद के लोहियानगर के हिंदी भवन में 29 सितंबर को अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान का एक कार्यक्रम हुआ। इसमें डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा- हम कभी धर्म को समझे ही नहीं। इन्होंने देशों, राष्ट्रों की बात की। उनके पास न एक देश है, न एक राष्ट्र है। जो अपने धर्म पर अडिग रहे, उनके सबके देख लो…कितने राष्ट्र और कितने देश हैं। आज लाखों साल हो गए, हम रावण को जलाते आ रहे हैं। अब तो ऐसे-ऐसे अपराधी पैदा हो गए हैं, जिनके सामने रावण का कोई अस्तित्व नहीं है। अब दशहरे में रावण के पुतले नहीं जलने चाहिए। यह भी पढ़िए… इकरा हसन बोलीं- नरसिंहानंद ढोंगी और पाखंडी, सहारनपुर में पुलिस चौकी पर पथराव; 13 गिरफ्तार, पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी पर प्रदर्शन जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान से यूपी में बवाल थम नहीं रहा है। सहारनपुर में रविवार को 2 हजार लोग सड़क पर उतरे। नारेबाजी करते हुए लोगों ने शेखपुरा पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस उस वक्त सड़क पर मौजूद थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। और फोर्स आने पर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया है। फिलहाल, पत्थरबाजी में कोई घायल नहीं हुआ है। पुलिस ने शाम तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए पूरी खबर… सहारनपुर के शेखपुरा कस्बे को 5 घंटे तक उपद्रवियों ने हाईजैक रखा। पुलिस उनके आगे बेबस थी। कारण था, उपद्रवियों की ‘कश्मीर वाली स्ट्रैटेजी‘। करीब 5 हजार की भीड़ के आगे कम उम्र के पत्थरबाज लड़के थे। पुलिस चाह कर भी सख्ती नहीं कर पाई। 24 घंटे बाद दैनिक भास्कर की टीम शेखपुरा के सन्नाटे को समझने पहुंची। गांव के 10-12 लोगों से बात करके हमने समझा कि उस दिन आखिर हुआ क्या था? जो कुछ सामने आया, वो किसी साजिश की तरफ इशारा करता है… सुभासपा नेता के ऐलान से शुरुआत, भीड़ में शामिल लड़कों ने किया बवाल
इस पूरे मामले की शुरुआत सुभासपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कारी नौशाद के एक ऐलान से होती है। उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के बयान पर प्रदर्शन का ऐलान किया। लेकिन, प्रशासन से परमिशन नहीं ली गई। तय हुआ, 100-150 लोग चौकी पर जाकर ज्ञापन देंगे। लेकिन, गांव में मुस्लिम समाज के लोग हजारों की संख्या में सड़क पर आ गए। इसके बाद सीओ गांव में ही आ गए। मुस्लिम समाज के लोगों ने उन्हें ज्ञापन दे दिया। लोगों ने बताया- ज्ञापन देने के दौरान भीड़ में शामिल कुछ लड़के चौकी जाने पर अड़ गए। वो भड़काने वाली बातें कर रहे थे। गांव के बुजुर्गों ने समझाया भी। मस्जिद से शांति बनाए रखने का अनाउंसमेंट हुआ। लेकिन, भीड़ में शामिल कम उम्र के लड़के चौकी की ओर जाने लगे। पुलिस ने रोका तो लड़के उग्र हो गए
यहां पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद लड़के उग्र हो गए। पुलिस से तीखी कहासुनी हुई। इसके बाद लड़कों ने पुलिस को दौड़ा लिया और पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस छिपती और भागती रही। करीब 5 घंटे तक चले इस तांडव को रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स मंगवाई गई, लेकिन मदद नहीं आई। 8-10 थानों की फोर्स पहुंचने पर मामला शांत हुआ
चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को भागकर खुद को बचाना पड़ा। बाद में 8-10 थानों की फोर्स पहुंची, लेकिन तब तक मामला शांत हो गया था। उस रात पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी गांव नहीं पहुंचा। सोमवार सुबह यानी 24 घंटे के बाद DM और SSP गांव आए। गांव के लोगों से बातचीत की। कारी नौशाद समेत 20 लोगों पर FIR दर्ज की गई, 13 उपद्रवी अरेस्ट हुए। वीडियो से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। लोगों से बातचीत करते हुए दैनिक भास्कर की टीम रेती चौक पहुंची। यही वो जगह है, जहां हाथों में झंडे लेकर लोग इकट्ठा हुए थे। यही से होकर लोग सहारनपुर-देवबंद हाईवे पहुंचे थे। जहां पथराव किया गया था। यहां की करीब 40 दुकानों पर ताले पड़े थे। जाने कहां से भीड़ आई, फिर बवाल हो गया
यहां एक चाय की दुकान पर मोहम्मद इनाम मिले। चाचा यहां क्या हुआ था? हमने उनसे पूछा। जवाब मिला- यहां कुछ भी उपद्रव नहीं हुआ था। शांति के साथ ज्ञापन दिया गया था। जाने कहां से भीड़ आई, फिर बवाल हुआ, पुलिस से तीखी-नोकझोंक हुई। पथराव भी हुआ। वो छोटी उम्र के बच्चे थे, जिन्होंने पथराव किया
यही चौक पर खड़े नसीम ने कहा- इस चौक पर सब कुछ शांत तरीके से हो गया। पता नहीं कहां से छोटी-छोटी उम्र के बच्चे आए। उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। चौकी पर पत्थर फेंके। हम लोग गवाह हैं, बच्चे थे, इसलिए पुलिस ने कुछ नहीं किया। हमने पूछा- जब सब शांत हो गया है, तो अब दुकानें क्यों बंद हैं? उन्होंने कहा- दुकानदार डरे हुए हैं, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया। कहीं पुलिस उन्हें उठाकर न ले जाए, जेल न भेज दे। इसके बाद हमारी मुलाकात दुकानदार जहांगीर से हुई। वह कहते हैं- गांव में उपद्रव कहां हुआ? आराम से जुलूस निकल रहा था। दुकानदार तो इस जुलूस में शामिल भी नहीं थे। फिर ये लोग आगे गए और उपद्रव शुरू कर दिया। शेखपुरा कदीम के रहने वाले इरशाद सोनी ने बताया- हम लोग तो दुकानदार हैं। हाथ जोड़कर माफी मांग लेंगे, क्योंकि हमें तो व्यापार करना है। वो बच्चों का झुंड आया था, जिन्होंने यह सब किया। बहुत तेज पत्थर फेंकते थे। यहां के लोगों की कोई गलती नहीं। बवाल के दौरान पुलिस के मदद मांगने के वीडियो वायरल हो रहे
यहां के लोगों ने हमें अपने मोबाइल में कुछ वीडियो दिखाए। ये सहारनपुर-देवबंद मार्ग पर शेखपुरा चौकी से करीब 100 मीटर की दूरी पर पुलिसकर्मियों पर पथराव करती भीड़ के थे। पुलिसकर्मी बैकअप के लिए चिल्लाते दिखाई दिए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। अब पॉलिटीशियन के बयान पढ़िए… पढ़िए…महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के किस बयान पर हो रहा उपद्रव
गाजियाबाद के लोहियानगर के हिंदी भवन में 29 सितंबर को अमर बलिदानी मेजर आशाराम त्यागी सेवा संस्थान का एक कार्यक्रम हुआ। इसमें डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा- हम कभी धर्म को समझे ही नहीं। इन्होंने देशों, राष्ट्रों की बात की। उनके पास न एक देश है, न एक राष्ट्र है। जो अपने धर्म पर अडिग रहे, उनके सबके देख लो…कितने राष्ट्र और कितने देश हैं। आज लाखों साल हो गए, हम रावण को जलाते आ रहे हैं। अब तो ऐसे-ऐसे अपराधी पैदा हो गए हैं, जिनके सामने रावण का कोई अस्तित्व नहीं है। अब दशहरे में रावण के पुतले नहीं जलने चाहिए। यह भी पढ़िए… इकरा हसन बोलीं- नरसिंहानंद ढोंगी और पाखंडी, सहारनपुर में पुलिस चौकी पर पथराव; 13 गिरफ्तार, पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी पर प्रदर्शन जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान से यूपी में बवाल थम नहीं रहा है। सहारनपुर में रविवार को 2 हजार लोग सड़क पर उतरे। नारेबाजी करते हुए लोगों ने शेखपुरा पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस उस वक्त सड़क पर मौजूद थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। और फोर्स आने पर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया है। फिलहाल, पत्थरबाजी में कोई घायल नहीं हुआ है। पुलिस ने शाम तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर