<p style=”text-align: justify;”><strong>Pappu Yadav Father:</strong> पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के पिता की तबीयत खराब हो गई है. इलाज के लिए पूर्णिया के ही एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. बीते मंगलवार (03 सितंबर) की शाम भर्ती कराया गया. अस्पताल पहुंचकर सांसद पप्पू यादव ने अपने पिता से मुलाकात की. डॉक्टरों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Pappu Yadav Father:</strong> पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के पिता की तबीयत खराब हो गई है. इलाज के लिए पूर्णिया के ही एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. बीते मंगलवार (03 सितंबर) की शाम भर्ती कराया गया. अस्पताल पहुंचकर सांसद पप्पू यादव ने अपने पिता से मुलाकात की. डॉक्टरों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. </p> बिहार पांढुर्ना में ‘खूनी’ खेल गोटमार, पत्थरों की बौछार में 250 से ज्यादा लोग घायल, 300 साल पुरानी है परंपरा
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लुधियाना में संदिग्ध परिस्थितियों में ड्राइवर की मौत:ट्रक के कैबिन में मुंह के बल गिरा पड़ा मिला शव,अंबाला से हुआ था लोड
लुधियाना में संदिग्ध परिस्थितियों में ड्राइवर की मौत:ट्रक के कैबिन में मुंह के बल गिरा पड़ा मिला शव,अंबाला से हुआ था लोड पंजाब के लुधियाना में बीते रात एक ट्रक ड्राइवर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ड्राइवर का शव ट्रक से लोगों को बरामद हुआ। शोर मचा लोगों ने तुरंत पुलिस थाना साहनेवाल को सूचित किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल रखवा दिया है। पुलिस ने ट्रक की तालाशी ली तो ड्राइवर की पहचान हुई। मृतक ड्राइवर का नाम सुखविंदर सिंह (41) है। ट्रक अंबाला से लोड हुआ है। मुंह के बल कैबिन सीट पर पड़ा मिला शव जानकारी देते हुए जांच अधिकारी रणजीत सिंह ने कहा कि लोगों ने पुलिस को सूचित किया। ट्रक के अंदर मुंह के बल ड्राइवर का शव गिरा हुआ था। ट्रक की तालाशी ली तो पता चला है कि ट्रक अंबाला से लुधियाना के लिए चला था। ट्रक में क्या माल लोड किया हुआ है अभी कुछ पता नहीं है। ट्रक के मालिक और मृतक सुखविंदर के परिजनों को अंबाला में सूचित कर दिया है। उनके आने के बाद ही ट्रक को खोल कर चैक किया जाएगा। सुखविंदर की मौत किस तरह हुई है अभी कहना जल्दबाजी होगा। फिलहाल प्राथमिक जांच में किसी तरह के कोई मारपीट के निशान मरने वाले के शरीर पर नजर नहीं आए। उसकी शरीर पर सिर्फ अंडरवेयर पहना हुआ था। शव का रविवार आज पोस्टमार्टम करवा दिया जाएगा। डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद ही मौत के असल कारण पता चल सकेंगे।
लुधियाना सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी:31 अक्टूबर तक और कैदी रखने से इनकार; गोइंदवाल भेजे जाने से पुलिसकर्मियों में नाराजगी
लुधियाना सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी:31 अक्टूबर तक और कैदी रखने से इनकार; गोइंदवाल भेजे जाने से पुलिसकर्मियों में नाराजगी पंजाब के लुधियाना की सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने के कारण जेल प्रशासन ने 31 अक्टूबर तक और कैदियों को रखने से मना कर दिया है। साथ ही पुलिस को विभिन्न मामलों में गिरफ्तार आरोपियों को सेंट्रल जेल गोइंदवाल भेजने को कहा है। जेल अधिकारियों के अनुसार गर्मी के कारण ज्यादा कैदियों को रखना मुश्किल हो रहा है। मौसम थोड़ा ठंडा होते ही वे नए कैदियों को लेना शुरू कर देंगे। कैदियों को सेंट्रल जेल गोइंदवाल ले जाने के लिए 110 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा, जिससे पुलिस कर्मी काफी नाराज हैं। 3200 कैदियों की क्षमता और 4700 कैदी रखे लुधियाना सेंट्रल जेल की क्षमता 3200 कैदियों की है, लेकिन इसमें पहले से ही 4700 कैदी बंद हैं। जेल के अधीक्षक शिवराज सिंह नंदगढ़ के अनुसार, जेल प्रशासन पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, इसलिए उनके लिए और कैदियों को रखना मुश्किल हो रहा है। गर्मी का मौसम परेशानी को और बढ़ा रहा है। 31 अक्टूबर तक और कैदियों को न लेने के कदम से उन्हें संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 31 अक्टूबर तक कुछ कैदियों को जमानत मिल जाएगी और वे नए कैदियों को स्वीकार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमने लुधियाना शहर, खन्ना, लुधियाना ग्रामीण और अन्य जिलों की पुलिस को पत्र भेजकर कहा है कि वे आरोपियों को लुधियाना सेंट्रल जेल में न भेजें। 4700 कैदियों को संभालने के लिए 110 जेल गार्ड की जरूरत 4700 कैदियों को संभालने के लिए मात्र 110 जेल गार्ड हैं। जेल गार्ड मोबाइल फोन और तस्करी के सामान को रोकने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, इस फैसले के कारण पुलिस अधिकारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 110 किलोमीटर अतिरिक्त यात्रा नाम न छापने की शर्त पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि जेल के कैदियों के इस फैसले के कारण उन्हें कैदियों को सेंट्रल जेल गोइंदवाल ले जाने के लिए 110 किलोमीटर अतिरिक्त यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कई बार कैदियों को जेल ले जाने में देरी हो जाती थी, क्योंकि उन्हें सिविल अस्पताल से उनका मेडिकल चेकअप करवाना पड़ता था। यह सारा खर्च पुलिसकर्मियों को अपनी जेब से उठाना पड़ता है।
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डीएवी कॉलेज में रैगिंग विरोधी सप्ताह संपन्न अमृतसर| डीएवी कॉलेज में एंटी रैगिंग सप्ताह समारोह संपन्न हो गया। इस दौरान छात्रों को रैगिंग के खतरे और इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। प्रिंसिपल अमरदीप गुप्ता ने बताया कि इस जागरुकता सप्ताह में छात्रों और शिक्षकों के लिए रैगिंग को न कहें, विषय पर एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम करवाया गया। इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल प्रो. मदन मोहन, प्रो. प्रदीप सैली, डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. समीर कालिया, प्रो. मीनू अग्रवाल, प्रो. शिल्पी सेठ उपस्थित थे।