संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ दर्ज FIR रद्द नहीं होगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि संभल हिंसा की जांच जारी रहेगी। जांच में सांसद पुलिस का सहयोग करें। हालांकि, कोर्ट ने सांसद बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। अगले दिन पुलिस ने बर्क पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की थी। बर्क के साथ ही स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे को भी आरोपी बनाया था। FIR के बाद बर्क ने 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें FIR रद्द करने के साथ ही गिरफ्तारी पर रोक की मांग की। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 7 साल से कम की सजा वाली धाराएं होने के चलते गिरफ्तारी पर फौरी रोक लगा दी। पहले पढ़िए FIR की पूरी कॉपी…
संभल हिंसा के बाद सब इंस्पेक्टर दीपक राठी की ओर से कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात भीड़ को शामिल किया। कहा गया कि 19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर गठित की गई टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के अगले दिन यानी 20 नवंबर को जुमा था। सांसद बर्क भी जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे। नमाज के बाद बर्क ने सर्वे को रोकने के लिए भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया। सियासी लाभ के लिए आपत्तिजनक नारे लगाए। जिससे भीड़ सर्वे के खिलाफ भड़कने लगी। 24 नवंबर रविवार को जब सर्वे टीम दोबारा पहुंची। मैं वहां सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में तैनात था। सुबह करीब 9 बजे अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ सर्वे रुकवाने की नीयत से आ गई। इस भीड़ में सुहैल इकबाल पुत्र इकबाल महमूद भी शामिल थे। सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी हमारे साथ हैं। हम भी आपके साथ हैं। अपने मंसूबों को पूरा कर लो। सुहैल के इतना कहते ही भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और गोली चलाना शुरू कर दीं। इसी बीच एक उपद्रवी ने सीओ संभल काे गोली मार दी, जो उनके पैर में लगी…। ये FIR BNS की धारा 191(2), 191(3), 190. 221,132,125,324(5),196,323(b) और सार्वजनिक संपत्ति को छति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है। बर्क ने कहा था- हमारे लोग मारे गए, हम पर ही FIR संभल हिंसा के बाद सांसद बर्क बीते 30 दिसंबर को पहली बार पहुंचे। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय डेलिगेशन भी था। 24 नवंबर को हुई हिंसा में मारे गए 5 लोगों के परिवार से सपा नेताओं ने मुलाकात की। उन्हें 5-5 लाख रुपए के चेक दिए। सांसद बर्क ने कहा, ‘जो घटना हुई है उससे केवल संभल ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश शर्मसार हुआ है। यह सच है कि संभल अति संवेदनशील जगह रही है। यहां पहले जरूर आपस में लोगों के झगड़े थे। लेकिन यह भी सच है कि 29 सालों से यहां हिंदू और मुस्लिम के बीच कोई फसाद नहीं हुआ है। लोग सुकून से रह रहे थे और इस सुकून को आग लगाई गई है।’ ‘हम लोगों के सुकून को छीना गया है। हमारे पांच लोगों की जान ली गई है। हमारे खिलाफ ही मुकदमा लिखा गया। बिजली चोरी के मुकदमे पर कहा कि अगर कल पुलिस का डंडा गायब हो जाए तो वह हम पर ही आरोप लगा देगी। हम लोगों न्याय नहीं मिलेगा तो न्यायालय जाएंगे। मेरे ऊपर क्यों मुकदमा लिख दिया, जबकि मैं उस दिन संभल में ही नहीं था।’ संभल हिंसा के अलावा सांसद बर्क पर प्रशासन की कार्रवाई को पढ़िए… 19 दिसंबर को 1.91 करोड़ का जुर्माना लगा: बिजली विभाग ने 19 दिसंबर को बर्क के खिलाफ बिजली चोरी की FIR दर्ज की थी। घर का कनेक्शन भी काट दिया था। उन पर 1.91 करोड़ जुर्माना भी लगाया था। 20 दिसंबर को घर की सीढ़ियां तोड़ी गईं: 20 दिसंबर को संभल सांसद के घर पर बुलडोजर कार्रवाई हुई थी। नगर पालिका ने उनके घर सीढ़ियां पर बुलडोजर चलवाया था। नगर पालिका का कहना था- यह सीढ़ियां सड़क की जमीन पर बनी हैं। अवैध निर्माण में 21 दिन में 3 नोटिस —————————— बर्क से जुड़ी हुई ये खबर भी पढ़ें- संभल सांसद बर्क को मकान बनवाने पर नोटिस:डीएम ने कहा-नक्शा पास नहीं था, बर्क बोले- मुसलमानों को डराया जा रहा संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना नक्शा पास मकान निर्माण कराने में नोटिस भेजा गया है। उनको गुरुवार यानी आज जवाब देने के लिए कहा गया है। साथ ही, तुरंत निर्माण काम रोकने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि अगर निर्माण कार्य नहीं रुकता है तो जुर्माने के तौर पर रोजाना 500 रुपए देना होगा। पढ़ें पूरी खबर… संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ दर्ज FIR रद्द नहीं होगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि संभल हिंसा की जांच जारी रहेगी। जांच में सांसद पुलिस का सहयोग करें। हालांकि, कोर्ट ने सांसद बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। अगले दिन पुलिस ने बर्क पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की थी। बर्क के साथ ही स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे को भी आरोपी बनाया था। FIR के बाद बर्क ने 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें FIR रद्द करने के साथ ही गिरफ्तारी पर रोक की मांग की। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 7 साल से कम की सजा वाली धाराएं होने के चलते गिरफ्तारी पर फौरी रोक लगा दी। पहले पढ़िए FIR की पूरी कॉपी…
संभल हिंसा के बाद सब इंस्पेक्टर दीपक राठी की ओर से कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात भीड़ को शामिल किया। कहा गया कि 19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर गठित की गई टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के अगले दिन यानी 20 नवंबर को जुमा था। सांसद बर्क भी जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे। नमाज के बाद बर्क ने सर्वे को रोकने के लिए भीड़ को भड़काऊ भाषण दिया। सियासी लाभ के लिए आपत्तिजनक नारे लगाए। जिससे भीड़ सर्वे के खिलाफ भड़कने लगी। 24 नवंबर रविवार को जब सर्वे टीम दोबारा पहुंची। मैं वहां सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में तैनात था। सुबह करीब 9 बजे अचानक से 700-800 लोगों की भीड़ सर्वे रुकवाने की नीयत से आ गई। इस भीड़ में सुहैल इकबाल पुत्र इकबाल महमूद भी शामिल थे। सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी हमारे साथ हैं। हम भी आपके साथ हैं। अपने मंसूबों को पूरा कर लो। सुहैल के इतना कहते ही भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और गोली चलाना शुरू कर दीं। इसी बीच एक उपद्रवी ने सीओ संभल काे गोली मार दी, जो उनके पैर में लगी…। ये FIR BNS की धारा 191(2), 191(3), 190. 221,132,125,324(5),196,323(b) और सार्वजनिक संपत्ति को छति पहुंचाने की धारा 3 और 5 के अतिरिक्त 326 (f) के तहत दर्ज की गई है। बर्क ने कहा था- हमारे लोग मारे गए, हम पर ही FIR संभल हिंसा के बाद सांसद बर्क बीते 30 दिसंबर को पहली बार पहुंचे। इस दौरान उनके साथ समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय डेलिगेशन भी था। 24 नवंबर को हुई हिंसा में मारे गए 5 लोगों के परिवार से सपा नेताओं ने मुलाकात की। उन्हें 5-5 लाख रुपए के चेक दिए। सांसद बर्क ने कहा, ‘जो घटना हुई है उससे केवल संभल ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश शर्मसार हुआ है। यह सच है कि संभल अति संवेदनशील जगह रही है। यहां पहले जरूर आपस में लोगों के झगड़े थे। लेकिन यह भी सच है कि 29 सालों से यहां हिंदू और मुस्लिम के बीच कोई फसाद नहीं हुआ है। लोग सुकून से रह रहे थे और इस सुकून को आग लगाई गई है।’ ‘हम लोगों के सुकून को छीना गया है। हमारे पांच लोगों की जान ली गई है। हमारे खिलाफ ही मुकदमा लिखा गया। बिजली चोरी के मुकदमे पर कहा कि अगर कल पुलिस का डंडा गायब हो जाए तो वह हम पर ही आरोप लगा देगी। हम लोगों न्याय नहीं मिलेगा तो न्यायालय जाएंगे। मेरे ऊपर क्यों मुकदमा लिख दिया, जबकि मैं उस दिन संभल में ही नहीं था।’ संभल हिंसा के अलावा सांसद बर्क पर प्रशासन की कार्रवाई को पढ़िए… 19 दिसंबर को 1.91 करोड़ का जुर्माना लगा: बिजली विभाग ने 19 दिसंबर को बर्क के खिलाफ बिजली चोरी की FIR दर्ज की थी। घर का कनेक्शन भी काट दिया था। उन पर 1.91 करोड़ जुर्माना भी लगाया था। 20 दिसंबर को घर की सीढ़ियां तोड़ी गईं: 20 दिसंबर को संभल सांसद के घर पर बुलडोजर कार्रवाई हुई थी। नगर पालिका ने उनके घर सीढ़ियां पर बुलडोजर चलवाया था। नगर पालिका का कहना था- यह सीढ़ियां सड़क की जमीन पर बनी हैं। अवैध निर्माण में 21 दिन में 3 नोटिस —————————— बर्क से जुड़ी हुई ये खबर भी पढ़ें- संभल सांसद बर्क को मकान बनवाने पर नोटिस:डीएम ने कहा-नक्शा पास नहीं था, बर्क बोले- मुसलमानों को डराया जा रहा संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना नक्शा पास मकान निर्माण कराने में नोटिस भेजा गया है। उनको गुरुवार यानी आज जवाब देने के लिए कहा गया है। साथ ही, तुरंत निर्माण काम रोकने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि अगर निर्माण कार्य नहीं रुकता है तो जुर्माने के तौर पर रोजाना 500 रुपए देना होगा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर