करनाल के कैमला गांव के 23 वर्षीय मनीष का शव बुधवार सुबह 3 बजे सिंगापुर से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। शव को सिंगापुर से भारत लाने का खर्च करीब 4 से 5 लाख रुपए आया है और यह खर्च मृतक के परिजनों ने उठाया है। मृतक मनीष के परिजनों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उसका शव लिया और उसे अपने पैतृक गांव ले गए। अंतिम दर्शन के बाद मनीष का अंतिम संस्कार आज सुबह गांव के श्मशान घाट पर किया जाएगा। ताबूत में रखी गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट परिवार के अनुसार मनीष के साथ ही ताबूत में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी रखी गई है। अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार मनीष की मौत मरीना बे में डूबने से हुई है। परिवार इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि उसकी मौत पानी में डूबने से हुई है, क्योंकि जब परिवार ने मनीष से बात की थी तो उस समय वह खुश था और उसने अपनी मां सुमन और बहन मोनिका से बात कर उन्हें बताया था कि सब ठीक है। पैसे भेजने की भी कही थी बात बहन मोनिका ने बताया कि मनीष ने फोन पर कहा था कि सोमवार को 40 हजार रुपए अकाउंट में भेज देगा, क्योंकि बीच में रविवार आ रहा था, लेकिन रविवार को ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली। परिजनों की माने तो मनीष कभी सुसाइड जैसा कदम नहीं उठा सकता। उसके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई है, क्योंकि उसके कमरे से मरीना-बे एक घंटे की जर्नी पर है। फिलहाल सिंगापुर पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। मृतक मनीष का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किया हुआ है, ताकि मौत के असली कारणों तक पहुंचा जा सके। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला.. 23 साल का मनीष 7 महीने पहले वर्क परमिट पर सिंगापुर गया था। उसको विदेश भेजने के लिए पिता भीम सिंह ने करीब 15 लाख रुपए खर्च किए, जिसके लिए उन्होंने अपनी दो कनाल जमीन बेची और अपने परिचितों से कर्ज भी लिया। उसे सिंगापुर के नारनिया में टेक्नो कंपनी में काम मिल गया था और वह वहीं पर काम कर रहा था। वह हर महीने 30 से 40 हजार रुपए घर भेज देता था, और अब तक वह करीब सवा लाख रुपए भेज चुका था। 12 अप्रैल को आया कॉल, मां से की बात, बोला पैसे भेजूंगा मृतक के परिजन बलकार ने बताया कि 12 अप्रैल की शाम करीब चार बजे मनीष का उसकी मां के पास कॉल आया था। उसने अच्छी तरह से बातचीत की थी। उसने बहन से भी बात की थी। उसने अपनी मां को बताया था कि वह सोमवार को 40 हजार रुपए भेजेगा, ताकि घर का खर्च अच्छी तरह से चल सके। 12 अप्रैल की रात हो गया लापता मनीष सिंगापुर के नारनिया में रहता था। उसके साथ ही उसका रूममेट संजू भी रहता है। संजू यमुनानगर के शाहबाद का रहने वाला है। मृतक मनीष के परिजन बलकार के मुताबिक, संजू ने हमे बताया कि 12 अप्रैल की रात को करीब 10 बजे मनीष ने मुझे कहा कि मैं अपने घर वालों से बात करके आता हूं। वह फोन लेकर बाहर चला गया। मैं अपने रूम में था, लेकिन जब वह 11 बजे तक भी नहीं लौैटा तो उसको कॉल किया, उसके पास कॉल तो जा रही थी, लेकिन वह कॉल उठा नहीं रहा था। उसने कई कॉल उसके नंबर पर की हुई थी। सुबह 8.21 बजे मिली लाश जब सारी रात मनीष कमरे पर नहीं लौटा तो संजू ने कॉल करके उसके परिवार वालों को जानकारी दी थी कि मनीष रात से लापता है और वह उसकी तलाश कर रहा है। इतना कहकर उसने फोन काट दिया था। बलकार ने बताया कि रविवार सुबह करीब 11 बजे परिवार के पास कॉल आई कि मनीष की डेडबॉडी मरीना बे पर 8.21 बजे मिली है। इसके बारे में संजू को पुलिस से जानकारी मिली थी, क्योंकि मनीष के मोबाइल पर संजू के ही कॉल जा रहे थे। पुलिस द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद वह मरीना बे पर पहुंचा और उसने शिनाख्त की। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में भेज दिया था। रविवार होने की वजह से पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। पोस्टमॉर्टम सोमवार को हुआ। मनीष की मौत पर सस्पेंस परिजन मनीष की मौत को लेकर सस्पेंस में है, क्योंकि 12 अप्रैल को मनीष ने 4 बजे अपनी मां और बहन से बात की, तब भी वह ठीक था। रात को दस बजे उसने सिंगापुर में ही रहने वाले अपने गांव के रिंकू से फोन पर करीब आधा घंटा बात हुई। इसके बाद उसने यूएसए में अपने ही गांव के साहिल से फोन पर बात की थी, वह नॉर्मल था और सही से बात कर रहा था। परिजनों को अब यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इसके बाद वह मरीना-बे पर कैसे पहुंचा और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई। उसकी मौत के पीछे कोई साजिश तो नहीं? यह सब सवाल परिवार वालों के मन में उठ रहे है और इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिल सकते है। उसकी बॉडी पर कोई निशान था या नहीं, यह पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में क्लियर होगा और वह रिपोर्ट मनीष के शव के साथ ही आएगी। परिवार वालों ने किए पैसे इकट्ठा मृतक मनीष के पिता भीम सिंह बुजुर्ग है, भाई छोटा परीक्षित है और पढ़ाई कर रहा है, बड़ी बहन भी घर पर रहती है और मां हाउस वाइफ है। घर में कमाने वाला सिर्फ मनीष ही था। वह समय समय पर पैसे भी भेज रहा था। अब परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है कि वे ओर कर्ज लेकर डेडबॉडी मंगवा सके, क्योंकि डेडबॉडी मंगवाने में 4 से 5 लाख रुपए खर्च होने है। ऑनलाइन वीडियो के जरिये भी मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन कुछ हजार पैसे ही एकत्रित हुए है, जो नाकाफी है। ऐसे में पूरे परिवार ने पैसे एकत्रित किए और शव को सिंगापुर से भारत मंगवाया। मंगलवार रात को 11 बजे सिंगापुर से फ्लाइट भारत के लिए रवाना हुई और 3 बजे दिल्ली फ्लाइट लैंड हुई। आज मनीष का दाह संस्कार गांव के श्मशान घाट में किया जाएगा। बेटे की मौत पर मां, बहन, भाई, पिता और पूरा परिवार बिलख बिलख कर रोता नजर आया। विधानसभा स्पीकर ने भी दी थी सांत्वना- मंगलवार को मनीष की मौत की सूचना के बाद विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने पूरे परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया था। करनाल के कैमला गांव के 23 वर्षीय मनीष का शव बुधवार सुबह 3 बजे सिंगापुर से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। शव को सिंगापुर से भारत लाने का खर्च करीब 4 से 5 लाख रुपए आया है और यह खर्च मृतक के परिजनों ने उठाया है। मृतक मनीष के परिजनों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उसका शव लिया और उसे अपने पैतृक गांव ले गए। अंतिम दर्शन के बाद मनीष का अंतिम संस्कार आज सुबह गांव के श्मशान घाट पर किया जाएगा। ताबूत में रखी गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट परिवार के अनुसार मनीष के साथ ही ताबूत में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी रखी गई है। अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार मनीष की मौत मरीना बे में डूबने से हुई है। परिवार इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि उसकी मौत पानी में डूबने से हुई है, क्योंकि जब परिवार ने मनीष से बात की थी तो उस समय वह खुश था और उसने अपनी मां सुमन और बहन मोनिका से बात कर उन्हें बताया था कि सब ठीक है। पैसे भेजने की भी कही थी बात बहन मोनिका ने बताया कि मनीष ने फोन पर कहा था कि सोमवार को 40 हजार रुपए अकाउंट में भेज देगा, क्योंकि बीच में रविवार आ रहा था, लेकिन रविवार को ही उसकी मौत की खबर घरवालों को मिली। परिजनों की माने तो मनीष कभी सुसाइड जैसा कदम नहीं उठा सकता। उसके साथ कोई न कोई अनहोनी हुई है, क्योंकि उसके कमरे से मरीना-बे एक घंटे की जर्नी पर है। फिलहाल सिंगापुर पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। मृतक मनीष का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किया हुआ है, ताकि मौत के असली कारणों तक पहुंचा जा सके। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला.. 23 साल का मनीष 7 महीने पहले वर्क परमिट पर सिंगापुर गया था। उसको विदेश भेजने के लिए पिता भीम सिंह ने करीब 15 लाख रुपए खर्च किए, जिसके लिए उन्होंने अपनी दो कनाल जमीन बेची और अपने परिचितों से कर्ज भी लिया। उसे सिंगापुर के नारनिया में टेक्नो कंपनी में काम मिल गया था और वह वहीं पर काम कर रहा था। वह हर महीने 30 से 40 हजार रुपए घर भेज देता था, और अब तक वह करीब सवा लाख रुपए भेज चुका था। 12 अप्रैल को आया कॉल, मां से की बात, बोला पैसे भेजूंगा मृतक के परिजन बलकार ने बताया कि 12 अप्रैल की शाम करीब चार बजे मनीष का उसकी मां के पास कॉल आया था। उसने अच्छी तरह से बातचीत की थी। उसने बहन से भी बात की थी। उसने अपनी मां को बताया था कि वह सोमवार को 40 हजार रुपए भेजेगा, ताकि घर का खर्च अच्छी तरह से चल सके। 12 अप्रैल की रात हो गया लापता मनीष सिंगापुर के नारनिया में रहता था। उसके साथ ही उसका रूममेट संजू भी रहता है। संजू यमुनानगर के शाहबाद का रहने वाला है। मृतक मनीष के परिजन बलकार के मुताबिक, संजू ने हमे बताया कि 12 अप्रैल की रात को करीब 10 बजे मनीष ने मुझे कहा कि मैं अपने घर वालों से बात करके आता हूं। वह फोन लेकर बाहर चला गया। मैं अपने रूम में था, लेकिन जब वह 11 बजे तक भी नहीं लौैटा तो उसको कॉल किया, उसके पास कॉल तो जा रही थी, लेकिन वह कॉल उठा नहीं रहा था। उसने कई कॉल उसके नंबर पर की हुई थी। सुबह 8.21 बजे मिली लाश जब सारी रात मनीष कमरे पर नहीं लौटा तो संजू ने कॉल करके उसके परिवार वालों को जानकारी दी थी कि मनीष रात से लापता है और वह उसकी तलाश कर रहा है। इतना कहकर उसने फोन काट दिया था। बलकार ने बताया कि रविवार सुबह करीब 11 बजे परिवार के पास कॉल आई कि मनीष की डेडबॉडी मरीना बे पर 8.21 बजे मिली है। इसके बारे में संजू को पुलिस से जानकारी मिली थी, क्योंकि मनीष के मोबाइल पर संजू के ही कॉल जा रहे थे। पुलिस द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद वह मरीना बे पर पहुंचा और उसने शिनाख्त की। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में भेज दिया था। रविवार होने की वजह से पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। पोस्टमॉर्टम सोमवार को हुआ। मनीष की मौत पर सस्पेंस परिजन मनीष की मौत को लेकर सस्पेंस में है, क्योंकि 12 अप्रैल को मनीष ने 4 बजे अपनी मां और बहन से बात की, तब भी वह ठीक था। रात को दस बजे उसने सिंगापुर में ही रहने वाले अपने गांव के रिंकू से फोन पर करीब आधा घंटा बात हुई। इसके बाद उसने यूएसए में अपने ही गांव के साहिल से फोन पर बात की थी, वह नॉर्मल था और सही से बात कर रहा था। परिजनों को अब यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इसके बाद वह मरीना-बे पर कैसे पहुंचा और किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई। उसकी मौत के पीछे कोई साजिश तो नहीं? यह सब सवाल परिवार वालों के मन में उठ रहे है और इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिल सकते है। उसकी बॉडी पर कोई निशान था या नहीं, यह पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में क्लियर होगा और वह रिपोर्ट मनीष के शव के साथ ही आएगी। परिवार वालों ने किए पैसे इकट्ठा मृतक मनीष के पिता भीम सिंह बुजुर्ग है, भाई छोटा परीक्षित है और पढ़ाई कर रहा है, बड़ी बहन भी घर पर रहती है और मां हाउस वाइफ है। घर में कमाने वाला सिर्फ मनीष ही था। वह समय समय पर पैसे भी भेज रहा था। अब परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है कि वे ओर कर्ज लेकर डेडबॉडी मंगवा सके, क्योंकि डेडबॉडी मंगवाने में 4 से 5 लाख रुपए खर्च होने है। ऑनलाइन वीडियो के जरिये भी मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन कुछ हजार पैसे ही एकत्रित हुए है, जो नाकाफी है। ऐसे में पूरे परिवार ने पैसे एकत्रित किए और शव को सिंगापुर से भारत मंगवाया। मंगलवार रात को 11 बजे सिंगापुर से फ्लाइट भारत के लिए रवाना हुई और 3 बजे दिल्ली फ्लाइट लैंड हुई। आज मनीष का दाह संस्कार गांव के श्मशान घाट में किया जाएगा। बेटे की मौत पर मां, बहन, भाई, पिता और पूरा परिवार बिलख बिलख कर रोता नजर आया। विधानसभा स्पीकर ने भी दी थी सांत्वना- मंगलवार को मनीष की मौत की सूचना के बाद विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण परिजनों को सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने पूरे परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
