जालंधर , बुधवार, 18 सितंबर, 2024 भास्कर न्यूज | नवांशहर सितंबर का तीसरा सप्ताह भी बीतने को है और मानसून की बेरुखी जारी है। कई सालों के बाद ऐसा हुआ है कि मानसून के दौरान न सावन की झड़ी लगी और न ही भादों के छराटे। हालात ये हैं कि पूरे उत्तर-भारत में एक साथ बारिश भी नहीं हुई। कहीं बारिश ज्यादा होती रही, तो कहीं बहुत कम। एक जिले में ही दो-तरह के मामले देखने को मिलते रहे। नवांशहर जिले में भी अब तक पूरे सीजन में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अकेले सितंबर की बात करें, तो कमी का आंकड़ा 29 प्रतिशत पर है। बारिश की इस कमी को भले ही किसानों ने फसले बचाने के लिए मोटरें चलाकर पूरा कर लिया हो, लेकिन कहीं न कहीं ये हमें भू-जल संकट की ओर भी ले चला है। देश में मानसून का सीजन चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर) का माना जाता है। जिले की बात करें, तो जिले में जून और जुलाई में कम बारिश हुई, तो अगस्त में बारिश का आंकड़ा ठीक-ठाक रहा। अब सितंबर में फिर से बारिश की कमी लगातार बढ़ रही है। सितंबर के पहले 17 दिनों में आमतौर पर 90 एमएम बारिश होती है, लेकिन हुई अब तक 65 एमएम है। यानि लगभग 29 प्रतिशत कम। जबकि पूरे सीजन की बात करें, तो एक जून से 17 सितंबर तक के समय में जिले में औसतन 711 एमएम बारिश होती है, लेकिन अभी तक जिले में 405 एमएम बारिश ही हुई। हालात ये हैं कि इस सीजन में इस बार बारिश का घाटा अभी भी करीब करीब आधा है और एक जून से 17 सितंबर तक जिले में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। खराब हालात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि अगस्त में इस कमी के पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अगस्त का अपना आंकड़ा भी 14 प्रतिशत कम रहा है। पिछले 10 सालों में ये पहली बार है, जब जिले में इतनी कम बारिश हुई हो। प्रदेश में एक जून से 30 सितंबर तक का समय मानसून का समय माना जाता है और इस दौरान जिले में करीब 758 एमएम बारिश होती है। जबकि पूरे साल के 12 महीनों में करीब 925 एमएम बारिश होती है। किसी महीने कम बारिश होती है, तो किसी महीने में अधिक, लेकिन सबसे अधिक बारिश के चार महीने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर ही है, लेकिन इस बार जून महीने से ही बारिश का आंकड़ा कम होना शुरू हो गया था, लेकिन जुलाई के पहले चार-पांच दिनों में बादल जमकर बरसे तथा एक बार लगा कि शायद बारिश की कमी पूरी हो जाएगी, लेकिन फिर बारिश का सिलसिला थम गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जून से 17 सितंबर तक के 110 दिनों में नवांशहर जिले में औसतन 711 एमएम बारिश होती है, लेकिन अब तक जिले में 405 एमएम बारिश ही हुई है तथा इस हिसाब से जिले में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस पर बुरी खबर ये है कि सितंबर बाकी बचे 12 दिन में मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार अगर बारिश औसत से अधिक न हुई, तो पूरे सीजन में कोटा पूरा होने की संभावना कम ही है। इस सप्ताह भी कम बरसेंगे बादल नवांशहर | वैसे मौसम की बात करें, तो मंगलवार को पूरे दिन आसमान साफ रहा। मौसम विभाग की मानें, तो अभी तीन-चार दिन के दौरान मौसम ऐसा ही रहेगा। बारिश बूंदाबांदी से आगे नहीं बढ़ेगी। जालंधर , बुधवार, 18 सितंबर, 2024 भास्कर न्यूज | नवांशहर सितंबर का तीसरा सप्ताह भी बीतने को है और मानसून की बेरुखी जारी है। कई सालों के बाद ऐसा हुआ है कि मानसून के दौरान न सावन की झड़ी लगी और न ही भादों के छराटे। हालात ये हैं कि पूरे उत्तर-भारत में एक साथ बारिश भी नहीं हुई। कहीं बारिश ज्यादा होती रही, तो कहीं बहुत कम। एक जिले में ही दो-तरह के मामले देखने को मिलते रहे। नवांशहर जिले में भी अब तक पूरे सीजन में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। अकेले सितंबर की बात करें, तो कमी का आंकड़ा 29 प्रतिशत पर है। बारिश की इस कमी को भले ही किसानों ने फसले बचाने के लिए मोटरें चलाकर पूरा कर लिया हो, लेकिन कहीं न कहीं ये हमें भू-जल संकट की ओर भी ले चला है। देश में मानसून का सीजन चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर) का माना जाता है। जिले की बात करें, तो जिले में जून और जुलाई में कम बारिश हुई, तो अगस्त में बारिश का आंकड़ा ठीक-ठाक रहा। अब सितंबर में फिर से बारिश की कमी लगातार बढ़ रही है। सितंबर के पहले 17 दिनों में आमतौर पर 90 एमएम बारिश होती है, लेकिन हुई अब तक 65 एमएम है। यानि लगभग 29 प्रतिशत कम। जबकि पूरे सीजन की बात करें, तो एक जून से 17 सितंबर तक के समय में जिले में औसतन 711 एमएम बारिश होती है, लेकिन अभी तक जिले में 405 एमएम बारिश ही हुई। हालात ये हैं कि इस सीजन में इस बार बारिश का घाटा अभी भी करीब करीब आधा है और एक जून से 17 सितंबर तक जिले में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। खराब हालात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि अगस्त में इस कमी के पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अगस्त का अपना आंकड़ा भी 14 प्रतिशत कम रहा है। पिछले 10 सालों में ये पहली बार है, जब जिले में इतनी कम बारिश हुई हो। प्रदेश में एक जून से 30 सितंबर तक का समय मानसून का समय माना जाता है और इस दौरान जिले में करीब 758 एमएम बारिश होती है। जबकि पूरे साल के 12 महीनों में करीब 925 एमएम बारिश होती है। किसी महीने कम बारिश होती है, तो किसी महीने में अधिक, लेकिन सबसे अधिक बारिश के चार महीने जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर ही है, लेकिन इस बार जून महीने से ही बारिश का आंकड़ा कम होना शुरू हो गया था, लेकिन जुलाई के पहले चार-पांच दिनों में बादल जमकर बरसे तथा एक बार लगा कि शायद बारिश की कमी पूरी हो जाएगी, लेकिन फिर बारिश का सिलसिला थम गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जून से 17 सितंबर तक के 110 दिनों में नवांशहर जिले में औसतन 711 एमएम बारिश होती है, लेकिन अब तक जिले में 405 एमएम बारिश ही हुई है तथा इस हिसाब से जिले में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस पर बुरी खबर ये है कि सितंबर बाकी बचे 12 दिन में मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार अगर बारिश औसत से अधिक न हुई, तो पूरे सीजन में कोटा पूरा होने की संभावना कम ही है। इस सप्ताह भी कम बरसेंगे बादल नवांशहर | वैसे मौसम की बात करें, तो मंगलवार को पूरे दिन आसमान साफ रहा। मौसम विभाग की मानें, तो अभी तीन-चार दिन के दौरान मौसम ऐसा ही रहेगा। बारिश बूंदाबांदी से आगे नहीं बढ़ेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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