पंजाब में मोहाली पुलिस ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के पूर्व राजनीतिक सलाहकार मालविंदर सिंह माली को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया है। मोहाली पुलिस के सीआईए विंग की तरफ से टीम देर शाम उनके घर पहुंची। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मलविंदर माली के खिलाफ मोहाली पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मलविंदर माली की गिरफ्तारी के बाद पंजाब की सियासत में उसका विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर इसका विरोध किया है और इसे डिजिटल इमरजेंसी करार दिया है। हांलाकि आम आदमी पार्टी का अभी तक इसे पर कोई बयान नहीं आया है और ना ही पुलिस की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि मलविंदर माली को किस पोस्ट के लिए अरेस्ट किया गया है। मालविंदर माली को अरेस्ट करने का वीडियो आया सामने सोमवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद अब एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पता चलता है कि जब मलविंदर माली को अरेस्ट किया गया, वे घर में अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक कर रहे थे। सीआईए मोहाली की टीम उन्हें अरेस्ट करने पहुंची। मालविंदर माली ने इस दौरान उनसे अरेस्ट वारंट भी मांगा। लेकिन टीम ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ऐसे में उन्हें अरेस्ट करने के लिए किसी वारंट की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, मालविंदर माली के दोस्तों को भी दूर रहने की सलाह दी गई, क्योंकि उन्होंने ड्रिंक कर रखी थी। पंजाब में डिजिटल इमरजेंसी जैसे हालात गुरदासपुर से कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- डिजिटल आपातकाल की स्थिति वे सरकारी बना रही है, जो स्वयं सोशल मीडिया के ऊपर परिवर्तन की बातें करके खुद सत्ता में आई। जो आज भी डिजिटल मीडिया पर करोड़ रुपए खर्च कर रही है। मालविंदर सिंह माली के जैसे पत्रकार और हर व्यक्ति जाे पंजाबी के अधिकारों की बात करता है और हर समय सरकार की आलोचना करता आया है, उन्हें ये लोग दबाने का प्रयास करते हैं। इनको जेलों में चल रहे मोबाइल फोन, जेलों में हो रहे गैंगस्टरों का इंटरव्यू, बढ़ रही गुंडागर्दी नहीं दिखाई देती। पंजाबी सीएम भगवंत मान तानाशाही के रास्ते पर पहले दिन ही चल पड़े थे, पर उनका यह रास्ता पंजाबी रोकेंगे। राजा वडिंग ने मालविंदर को छोड़ने को कहा लुधियाना से सांसद व पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि चौंकाने वाला, राजनीतिक विश्लेषक मलविंदर माली को पंजाब पुलिस ने बिना वारंट या एफआईआर कॉपी के गिरफ्तार कर लिया। AAP की तानाशाही का पर्दाफाश। मुद्दों पर चुप्पी, आवाजों की गिरफ्तारी। क्या भगवंत मान की सरकार में यह पंजाब का ‘नया’ सामान्य मामला है? पंजाब में मोहाली पुलिस ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के पूर्व राजनीतिक सलाहकार मालविंदर सिंह माली को सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया है। मोहाली पुलिस के सीआईए विंग की तरफ से टीम देर शाम उनके घर पहुंची। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मलविंदर माली के खिलाफ मोहाली पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मलविंदर माली की गिरफ्तारी के बाद पंजाब की सियासत में उसका विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर इसका विरोध किया है और इसे डिजिटल इमरजेंसी करार दिया है। हांलाकि आम आदमी पार्टी का अभी तक इसे पर कोई बयान नहीं आया है और ना ही पुलिस की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि मलविंदर माली को किस पोस्ट के लिए अरेस्ट किया गया है। मालविंदर माली को अरेस्ट करने का वीडियो आया सामने सोमवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद अब एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पता चलता है कि जब मलविंदर माली को अरेस्ट किया गया, वे घर में अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक कर रहे थे। सीआईए मोहाली की टीम उन्हें अरेस्ट करने पहुंची। मालविंदर माली ने इस दौरान उनसे अरेस्ट वारंट भी मांगा। लेकिन टीम ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ऐसे में उन्हें अरेस्ट करने के लिए किसी वारंट की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं, मालविंदर माली के दोस्तों को भी दूर रहने की सलाह दी गई, क्योंकि उन्होंने ड्रिंक कर रखी थी। पंजाब में डिजिटल इमरजेंसी जैसे हालात गुरदासपुर से कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- डिजिटल आपातकाल की स्थिति वे सरकारी बना रही है, जो स्वयं सोशल मीडिया के ऊपर परिवर्तन की बातें करके खुद सत्ता में आई। जो आज भी डिजिटल मीडिया पर करोड़ रुपए खर्च कर रही है। मालविंदर सिंह माली के जैसे पत्रकार और हर व्यक्ति जाे पंजाबी के अधिकारों की बात करता है और हर समय सरकार की आलोचना करता आया है, उन्हें ये लोग दबाने का प्रयास करते हैं। इनको जेलों में चल रहे मोबाइल फोन, जेलों में हो रहे गैंगस्टरों का इंटरव्यू, बढ़ रही गुंडागर्दी नहीं दिखाई देती। पंजाबी सीएम भगवंत मान तानाशाही के रास्ते पर पहले दिन ही चल पड़े थे, पर उनका यह रास्ता पंजाबी रोकेंगे। राजा वडिंग ने मालविंदर को छोड़ने को कहा लुधियाना से सांसद व पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि चौंकाने वाला, राजनीतिक विश्लेषक मलविंदर माली को पंजाब पुलिस ने बिना वारंट या एफआईआर कॉपी के गिरफ्तार कर लिया। AAP की तानाशाही का पर्दाफाश। मुद्दों पर चुप्पी, आवाजों की गिरफ्तारी। क्या भगवंत मान की सरकार में यह पंजाब का ‘नया’ सामान्य मामला है? पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
मुक्तसर में पूर्व सांसद सुखदेव ढींडसा ने साफ किए बर्तन:गुरुद्वारा साहिब के सेवादार बने, कीर्तन श्रवण किया, आज पूरी हुई सजा
मुक्तसर में पूर्व सांसद सुखदेव ढींडसा ने साफ किए बर्तन:गुरुद्वारा साहिब के सेवादार बने, कीर्तन श्रवण किया, आज पूरी हुई सजा श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली नेताओं को सुनाई गई धार्मिक सजा के तहत शिरोमणि अकाली दल के पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा आज अपनी धार्मिक सजा भुगतने के लिए मुक्तसर के गुरुद्वारा टूटी गंढी साहिब में पहुंचे। जहां उन्होंने सबसे पहले गुरुद्वारा साहिब के गेट पर नीला चोला पहनकर और हाथ बरछा पकड़ कर एक घंटे तक सेवा निभाई। इसके पश्चात उन्होंने एक घंटे तक कीर्तन श्रवण किया। जिसके बाद करीब एक घंटा भाई सिंह दीवान हाल के लंगर हाल में जूठे बर्तन साफ करने की सेवा निभाई। सुखदेव सिंह ढींडसा की आज धार्मिक सजा समाप्त होने के बाद कल वह श्री अकाल तख्त साहिब जाएंगे और अरदास करवाएंगे। बता दें कि, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों की ओर से 2 दिसंबर को कई अकाली नेताओं को धार्मिक सजा सुनाई गई थी, जिसके तहत अकाली नेताओं ने करीब 10 दिन तक अपनी यह धार्मिक सेवा विभिन्न गुरुद्वारा में निभाई और इसके पश्चात उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब में अरदास करवाने उपरांत अपनी धार्मिक सजा समाप्त की।
बरनाला में केवल व काला ढिल्लों भरेंगे नामांकन:भाजपा- कांग्रेस उम्मीदवार शक्ति प्रदर्शन कर दिखाएंगे ताकत; प्रताप बाजवा, राजा वड़िंग रहेंगे मौजूद
बरनाला में केवल व काला ढिल्लों भरेंगे नामांकन:भाजपा- कांग्रेस उम्मीदवार शक्ति प्रदर्शन कर दिखाएंगे ताकत; प्रताप बाजवा, राजा वड़िंग रहेंगे मौजूद पंजाब की बरनाला विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव को नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभी तक किसी बड़े नेता ने यहां से नामांकन नहीं भरा है। आज (गुरुवार) बरनाला में भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों और कांग्रेस के काला ढिल्लों नामांकन भरेंगे। नामांकन के दौरान दोनों शक्ति प्रदर्शन भी करने वाले हैं। काला ढिल्लों को सपोर्ट करने के लिए पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी बरनाला पहुंच रहे हैं। इन उप-चुनावों से पहले बरनाला सीट पर आम आदमी पार्टी के सांसद बने गुरमीत सिंह मीत हेयर विधायक थे। परिवार के साथ नामांकन भरने पहुंचेंगे केवल ढिल्लों भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों आज बरनाला में परिवार समेत अपना नामांकन भरेंगे। नामांकन भरने से पहले वह शहर में रैली निकाल शक्ति प्रदर्शन करेंगे। केवल ढिल्लों, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह करीबी रहे हैं। 2007 और 2012 में दो बार बरनाला से विधायक चुने गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब के सीएम भगवंत मान के सामने उन्होंने चुनाव लड़ा था और उनकी हार हुई थी। 2022 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के बाद केवल ढिल्लों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन कर ली थी। पेशे से बिजनेसमैन केवल ढिल्लों अपनी पत्नी व बेटों करण व कनवर के साथ चंडीगढ़ में रहते हैं। टिकट घोषित होने के बाद से पूरे परिवार ने बरनाला में डेरा डाल लिया है। काला ढिल्लों नामांकन से पहले अपना चुनावी दफ्तर खोलेंगे कांग्रेस के काला ढिल्लों भी अपने नामांकन से पहले शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की हाजिरी में काला ढिल्लों नामांकन से पहले अपना चुनावी दफ्तर खोलने जा रहे हैं। काला ढिल्लों युवा नेता हैं और प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं के काफी करीबी हैं। काला ढिल्लों फरवाही बाजार में अपना चुनावी दफ्तर खेल रहे है। इस मौके पर पहुंच रहे राजा वडिंग और प्रताप सिंह बाजवा शहर में रैली को भी संबोधित करेंगे।
पावर प्रोजेक्ट पर 3 राज्य आमने-सामने:हरियाणा ने भी दावा ठोका, सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हिमाचल-पंजाब, केंद्र ने यथास्थिति बनाने को कहा
पावर प्रोजेक्ट पर 3 राज्य आमने-सामने:हरियाणा ने भी दावा ठोका, सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हिमाचल-पंजाब, केंद्र ने यथास्थिति बनाने को कहा ब्यास नदी की सहायक उहल नदी पर बने 110 मेगावाट शानन हाइडल पावर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच चल रही कानूनी लड़ाई ने एक नया मोड़ आ गया है। हरियाणा सरकार ने भी इस मामले में पक्ष बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर दिया है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार दोनों ही इस परियोजना पर पहले ही अपना दावा कर रहे हैं। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश ने शानन परियोजना में हिस्सेदारी का दावा करने के हरियाणा सरकार के कदम का विरोध करने का फैसला किया है। हिमाचल सरकार का कहना है कि यह पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच एक मुख्य मुद्दा है। पंजाब सरकार भी हरियाणा सरकार के इस आवेदन का विरोध करेगा। हिमाचल अगली सुनवाई की तारीख 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा। प्रारंभ में 48 मेगावाट की परियोजना के रूप में शुरू की गई शानन जल विद्युत परियोजना की क्षमता को बाद में 60 मेगावाट तक बढ़ा दिया गया, तथा बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पंजाब द्वारा अंततः 110 मेगावाट तक बढ़ा दिया गया। हरियाणा ने इन 2 वजहों से किया दावा 1. हरियाणा सरकार ने अपने दावे में दो बड़ी वजहों का तर्क दिया है। हरियाणा सरकार का कहना है ब्यास की सहायक नदी उहल नदी पर स्थित शानन परियोजना भी भाखड़ा बांध को पानी देती है। चूंकि हरियाणा की भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में हिस्सेदारी है। इसलिए उसका तर्क है कि परियोजना पर उसका वैध दावा है। 2. हरियाणा के सुप्रीम कोर्ट में किए गए अपने आवेदन में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 का भी हवाला दिया गया है। जिसमें अविभाजित पंजाब राज्य के हिस्से के रूप में उसके ऐतिहासिक संबंध पर जोर दिया गया है। क्या है शानन पावर प्रोजेक्ट 1932 में शुरू की गई शानन हाइडल परियोजना हिमाचल प्रदेश के जोगिंदरनगर में स्थित है। इस परियोजना के लिए 99 साल का पट्टा 1925 में मंडी रियासत के तत्कालीन शासक जोगेंद्र सेन बहादुर और अविभाजित पंजाब सरकार के मुख्य अभियंता कर्नल बीसी बैटी के बीच हस्ताक्षरित किया गया था। समझौते के तहत परियोजना को मंडी के लिए 500 किलोवाट मुफ्त बिजली के बदले उहल नदी से पानी का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। यहां से शुरू हुआ विवाद 2 मार्च, 2024 को पट्टे की अवधि समाप्त हो गई। एक दिन पहले, केंद्र सरकार ने निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया। तब तक, पंजाब ने हिमाचल प्रदेश को परियोजना को अपने हाथ में लेने से रोकने के लिए पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया दिया था। जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने लगातार तर्क दिया है कि 99 साल के पट्टे की समाप्ति के साथ ही पंजाब का दावा समाप्त हो गया। पंजाब के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिमाचल प्रदेश 20 सितंबर को हिमाचल प्रदेश ने पंजाब के दीवानी मुकदमे को खारिज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। राज्य ने तर्क दिया कि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश 7, नियम 11 के तहत कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए पहले उसके मामले की सुनवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर को पंजाब को नोटिस जारी किया, जिस पर बाद में पंजाब ने हिमाचल प्रदेश के दावे का विरोध करते हुए जवाब दाखिल किया। प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल-पंजाब के क्या हैं तक हिमाचल प्रदेश ने अपने आवेदन में कहा कि “पंजाब के मामले का पूरा आधार संविधान-पूर्व संधि या समझौते से उत्पन्न विवाद से संबंधित है। संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत इस तरह के विवाद इस माननीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। ब्रिटिश सरकार और मंडी के राजा के बीच 1925 का समझौता विवाद का आधार है।” इसने आगे कहा, “मंडी कभी भी पंजाब का हिस्सा नहीं था। यह 1948 में स्वतंत्र भारत में विलीन हो गया और 1951 में पार्ट सी राज्य बन गया। हिमाचल प्रदेश को बाद में 1956 में केंद्र शासित प्रदेश और 1971 में पूर्ण राज्य घोषित किया गया। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत पंजाब के पास कार्रवाई का कोई कारण नहीं है।” पंजाब ने अपने सिविल मुकदमे में तर्क दिया, “पंजाब सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार को शानन पावर हाउस परियोजना के वैध कब्जे और कामकाज में बाधा डालने से रोकने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा चाहती है।” पंजाब ने दावा किया कि पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पूर्व में पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड) द्वारा प्रबंधित यह परियोजना उसे पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत 1967 की केंद्रीय अधिसूचना के माध्यम से आवंटित की गई थी। इसने यथास्थिति बनाए रखने के लिए एक अस्थायी निषेधाज्ञा भी मांगी है।