पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में 7 फरवरी को पिता बलकौर सिंह की कोर्ट में गवाही से पहले मां चरण कौर ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा की है। उन्होंने लिखा कि, बेटे के बिना तीन साल होने को हैं, लेकिन उनकी यादों को उनकी चीजों के जरिए जीवित रखा है। चरण कौर ने पोस्ट में लिखा कि बेटे के जाने के बाद भारतीय न्याय व्यवस्था के दरवाजे बहुत ऊंचे हो गए हैं, जो उनके मासूम परिवार की गुहार नहीं सुन पा रहे। हालांकि, उन्होंने दृढ़ता से कहा कि वह और बलकौर सिंह न्याय की लड़ाई में कभी थकेंगे नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे मूसेवाला के प्रशंसकों ने उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा, वे भी उनकी कमी को उनके गीतों से पूरा करते रहेंगे। बता दें कि, अदालत ने बलकौर सिंह को 7 फरवरी को गवाही देने का आदेश दिया है। मूसेवाला की हत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए परिवार लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। चरण कौर का यह भावुक पोस्ट इस बात का प्रमाण है कि परिवार अभी भी अपने बेटे की मौत का गहरा दुख झेल रहा है, लेकिन न्याय के लिए संघर्ष करने का दृढ़ संकल्प भी बनाए हुए है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में 7 फरवरी को पिता बलकौर सिंह की कोर्ट में गवाही से पहले मां चरण कौर ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा की है। उन्होंने लिखा कि, बेटे के बिना तीन साल होने को हैं, लेकिन उनकी यादों को उनकी चीजों के जरिए जीवित रखा है। चरण कौर ने पोस्ट में लिखा कि बेटे के जाने के बाद भारतीय न्याय व्यवस्था के दरवाजे बहुत ऊंचे हो गए हैं, जो उनके मासूम परिवार की गुहार नहीं सुन पा रहे। हालांकि, उन्होंने दृढ़ता से कहा कि वह और बलकौर सिंह न्याय की लड़ाई में कभी थकेंगे नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे मूसेवाला के प्रशंसकों ने उन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा, वे भी उनकी कमी को उनके गीतों से पूरा करते रहेंगे। बता दें कि, अदालत ने बलकौर सिंह को 7 फरवरी को गवाही देने का आदेश दिया है। मूसेवाला की हत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए परिवार लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। चरण कौर का यह भावुक पोस्ट इस बात का प्रमाण है कि परिवार अभी भी अपने बेटे की मौत का गहरा दुख झेल रहा है, लेकिन न्याय के लिए संघर्ष करने का दृढ़ संकल्प भी बनाए हुए है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जगराओं में पूर्व बैंक मैनेजर ने किया गबन:फील्ड आफिसर के साथ की मिलीभगत, फर्जी कागजात के जरिए दिया लोन
जगराओं में पूर्व बैंक मैनेजर ने किया गबन:फील्ड आफिसर के साथ की मिलीभगत, फर्जी कागजात के जरिए दिया लोन जगराओं में अपनी कुर्सी का नाजयाज फायदा उठाते हुए पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के पूर्व मैनेजर व फील्ड अफसर ने कृषि लोन का ऐसा खेल खेला कि 10 सालों तक किसी को भनक तक नहीं लगी। इस का खुलासा उस समय हुआ जब लोन के पैसे वापस नहीं आए तो अधिकारियों ने इस की जांच शुरू कर दी। जांच दौरान अधिकारियों के पैरो तले जमीन उस समय खिसक गई जब उन्हें पता चला कि इन मामलों में दो लोन फर्जी किए गए हैं। इसके अलावा 10 केसो में गबन किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह की शिकायत पर पूर्व प्रबंधक अशोक कुमार और फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए थाना सिटी रायकोट में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी। कृषि लोन में की गड़बड़ी थाना प्रमुख इंस्पेक्टर दविंदर सिंह के अनुसार दो अलग-अलग मामलों की विभागीय जांच के बाद जिला पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह के आदेशानुसार उप पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार हैं, जिनको पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पंजाब कृषि विकास बैंक रायकोट के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि रिटायर मैनेजर अशोक कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन फील्ड ऑफिसर सरबजीत सिंह के साथ मिलीभगत कर वर्ष 2013-14 के दौरान कृषि ऋण के 10 केसों में गबन किया। जबकि दूसरी शिकायत में आरोप लगाया है कि बैंक मैनेजर रहते हुए अशोक कुमार मैनेजर ने वर्ष 2013-14 में 21 कृषि ऋण मामले स्वीकृत किए थे और जो फर्जी निकले। इस संबंध में जिला लुधियाना (ग्रामीण) के पुलिस प्रमुख नवनीत सिंह बैंस को शिकायत की गई। पुलिस जांच के दौरान भी दोनों मामलों में आरोपों की पुष्टि होने पर केस दर्ज कर लिया गया है।
पंजाब में 9 जगहों पर NIA की छापेमारी:करणी सेना प्रमुख हत्याकांड में चार्जशीट के बाद कार्रवाई; गोल्डी और साथियों की मांगी जानकारी
पंजाब में 9 जगहों पर NIA की छापेमारी:करणी सेना प्रमुख हत्याकांड में चार्जशीट के बाद कार्रवाई; गोल्डी और साथियों की मांगी जानकारी करणी सेना प्रमुख हत्या मामले में गोल्डी बराड़ के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 24 घंटों के अंदर ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को पंजाब में 9 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। चंडीगढ़ में जबरन वसूली और फायरिंग से जुड़े एक अन्य मामले में गोल्डी बराड़ के सहयोगियों के परिसरों, आतंकवादी और उसके गिरोह के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए जनता से भी अपील की है। NIA ने कहा कि छापेमारी विदेश स्थित नामित व्यक्तिगत आतंकवादी गोल्डी बरार और उसके सहयोगियों से जुड़े लोगों के परिसरों पर की गई। NIA ने जिन जगहों की तलाशी ली उनमें पंजाब के मोहाली, पटियाला, होशियारपुर और फतेहगढ़ साहिब शामिल हैं। NIA ने जनता के लिए आतंकवादी और उसके सहयोगियों के बारे में जानकारी साझा करने या गिरोह से प्राप्त किसी भी धमकी भरे कॉल का खुलासा करने के लिए टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं। NIA द्वारा जारी एक घोषणा में कहा गया है कि जानकारी लैंडलाइन नंबर 0172-2682901 या मोबाइल नंबर 7743002947 (टेलीग्राम/व्हाट्सएप के लिए) पर साझा की जा सकती है। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। ताजा कार्रवाई चंडीगढ़ में एक पीड़ित के आवास पर जबरन वसूली की मांग और फायरिंग से संबंधित मार्च महीने में दर्ज मामले में NIA की जांच का हिस्सा थी। मामला मूल रूप से 20 जनवरी, 2024 को स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, जिसे NIA ने 18 मार्च को अपने हाथों में ले लिया। आज तलाशी मोहाली, पटियाला, होशियारपुर और फतेहगढ़ जिले में की गई। डिजिटल डिवाइज किए जब्त NIA ने एक बयान में कहा कि रेड के दौरान डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त कर ली गई है। अब तक की जांच से पता चला है कि गोल्डी बराड़ ने राजपुरा में गोल्डी के साथ मिलकर व्यवसायियों से जबरन वसूली की साजिश रची थी। आतंकवाद विरोधी एजेंसी की जांच में भी सामने आया है कि बराड़ द्वारा गठित आतंकवादी गिरोहों के सदस्यों को हथियार और गोला-बारूद भी मुहैया कराया जा रहा था। वे इसके अलावा नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री में भी शामिल थे और इन बिक्री से प्राप्त आय को चैनलाइज़ कर रहे थे। कमजोर युवाओं को भर्ती करना लक्ष्य NIA ने आगे कहा कि गोल्डी अपने गिरोह में कमजोर युवाओं को लगातार भर्ती करना, जबरन वसूली के लक्ष्यों की पहचान के लिए उनका उपयोग करना, उन टारगेट्स जो पैसे देने से मना करते हैं, के घरों के सामने फायरिंग करना और उन्हें नशीले पदार्थों व हथियार तस्करी की बिक्री व खरीद में शामिल करना जैसे काम कर रहा था। करणी सेना प्रमुख की हत्या के मामले में NIA द्वारा दायर 12 आरोपियों में नामित आतंकवादी गोल्डी बरार भी शामिल है।
पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा
पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।