सिरसा बार एसोसिएशन ने वर्क सस्पेंड रखा:किसी भी केस की नहीं हुई सुनवाई, रानियां को सब डिवीजन बनाने की मांग

सिरसा बार एसोसिएशन ने वर्क सस्पेंड रखा:किसी भी केस की नहीं हुई सुनवाई, रानियां को सब डिवीजन बनाने की मांग

हरियाणा के सिरसा में रानियां हलके को सब डिवीजन बनाए जाने की मांग को लेकर रानियां बार एसोसिएशन का समर्थन करते हुए सिरसा बार एसोसिएशन ने बुधवार को वर्क सस्पेंड रखा। वर्क सस्पेंड होने से अदालतों का कामकाज प्रभावित रहा। जिन केसों की सुनवाई बुधवार को होनी थी, वर्क सस्पेंड के कारण नहीं हो पाई। एक भी वकील अदालतों में पेश नहीं हुआ। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान आदित्य राठौर का कहना है कि रानियां बार एसोसिएशन की ओर से रानियां को सब डिवीजन बनाने के मुद्दे पर उनसे सहयोग मांगा गया था, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए बुधवार को कोर्ट में नो वर्क डे रखा गया है। इस कारण 1200 से अधिक केसों की सुनवाई प्रभावित हुई। वे इस मुद्दे को लेकर रानियां बार एसोसिएशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। रिपोर्ट पर सरकार ने नहीं लिया संज्ञान राठौर का कहना है कि जब DC की ओर से रिपोर्ट ओके कर भेजी गई है तो सरकार उस पर संज्ञान क्यों नहीं ले रही है, ये सोचने वाली बात है। इस मामले को लेकर वे कमेटी के चेयरमैन कृष्णपाल गुर्जर से भी मिले थे, लेकिन उन्होंने भी यह कहकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली कि इस मुद्दे पर विचार करेंगे। ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि इस सरकार में यह मसला हल होने वाला है, क्योंकि कुछ समय बाद चुनाव है और आचार संहिता भी लग जाएगी। उनका प्रयास है कि आचार संहिता से पूर्व सब डिवीजन का मसला हल करवाया जाए। 26 जुलाई को इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी संघर्ष संबंधी निर्णय लिया जाएगा। सब डिवीजन की सभी शर्तें पूरी करता है रानियां हलका रानियां बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट रिंकल बांगा का कहना है कि रानियां हलका सब डिवीजन के लिए सभी शर्तें पूरी करता है। विधायकों, मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को समय-समय पर इस बाबत लिखित रूप में अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन बावजूद इसके रानियां को सब डिवीजन की प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अगर सरकार ने जल्द इस पर संज्ञान नहीं लिया तो बार एसोसिएशन भूख हड़ताल पर बैठेगी। हरियाणा के सिरसा में रानियां हलके को सब डिवीजन बनाए जाने की मांग को लेकर रानियां बार एसोसिएशन का समर्थन करते हुए सिरसा बार एसोसिएशन ने बुधवार को वर्क सस्पेंड रखा। वर्क सस्पेंड होने से अदालतों का कामकाज प्रभावित रहा। जिन केसों की सुनवाई बुधवार को होनी थी, वर्क सस्पेंड के कारण नहीं हो पाई। एक भी वकील अदालतों में पेश नहीं हुआ। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान आदित्य राठौर का कहना है कि रानियां बार एसोसिएशन की ओर से रानियां को सब डिवीजन बनाने के मुद्दे पर उनसे सहयोग मांगा गया था, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए बुधवार को कोर्ट में नो वर्क डे रखा गया है। इस कारण 1200 से अधिक केसों की सुनवाई प्रभावित हुई। वे इस मुद्दे को लेकर रानियां बार एसोसिएशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। रिपोर्ट पर सरकार ने नहीं लिया संज्ञान राठौर का कहना है कि जब DC की ओर से रिपोर्ट ओके कर भेजी गई है तो सरकार उस पर संज्ञान क्यों नहीं ले रही है, ये सोचने वाली बात है। इस मामले को लेकर वे कमेटी के चेयरमैन कृष्णपाल गुर्जर से भी मिले थे, लेकिन उन्होंने भी यह कहकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली कि इस मुद्दे पर विचार करेंगे। ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि इस सरकार में यह मसला हल होने वाला है, क्योंकि कुछ समय बाद चुनाव है और आचार संहिता भी लग जाएगी। उनका प्रयास है कि आचार संहिता से पूर्व सब डिवीजन का मसला हल करवाया जाए। 26 जुलाई को इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी संघर्ष संबंधी निर्णय लिया जाएगा। सब डिवीजन की सभी शर्तें पूरी करता है रानियां हलका रानियां बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट रिंकल बांगा का कहना है कि रानियां हलका सब डिवीजन के लिए सभी शर्तें पूरी करता है। विधायकों, मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को समय-समय पर इस बाबत लिखित रूप में अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन बावजूद इसके रानियां को सब डिवीजन की प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अगर सरकार ने जल्द इस पर संज्ञान नहीं लिया तो बार एसोसिएशन भूख हड़ताल पर बैठेगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर