हरियाणा के सिरसा में पुलिस जिला डबवाली में नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना किसी न किसी युवक की नशे के कारण मौत सामने आ रही है। कई मामलों को परिवार के बीच ही दबा दिया जाता है। वहीं पुलिस अपनी कार्रवाई में इत्फ़ाकिया मौत दर्शा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन नशे से हो रही मौतों की हकीकत इससे कुछ अलग है। कालांवाली में शनिवार को एक युवक रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में मृत मिला। उसके पास ही एक इंजेक्शन भी पड़ा हुआ पुलिस को मिला है। इससे युवक की मौत का कारण नशे की ओवरडोज को माना जा रहा है। युवक कालांवाली के वार्ड नंबर 8 का रहने वाला था। लोगों का कहना है कि अक्सर यहां नशे की पूर्ति के लिए युवा आते हैं। दो-तीन बार पुलिस को भी इसके बारे में सूचना दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया था।तब पुलिस को देखकर नशेड़ी किस्म के युवक यहां से भाग खड़े हुए थे। लेकिन शनिवार को एक युवक नशे का शिकार हो गया और उसका शव झाड़ियों में मिला। बता दे कि इससे पहले डबवाली में रविवार को 23 जून को एक युवा पेंटर की नशे के कारण मौत हो गई थी जिसके पास भी इंजेक्शन पाया गया था। वही कुछ दिन पहले ही महाग्राम गंगा के 20 वर्षीय युवक की जब चिट्टे की तलब पूरी न हुई थी तो वह गोलियों का घोल बनाकर ही इंजेक्शन लगने लगा था और पिछले 4 साल से नशे की चपेट में था। जिसकी हालत गंभीर होने के कारण उसके परिजन 27 जून को डबवाली से सिरसा इलाज के लिए लेकर गए थे लेकिन उसने भी दम तोड़ दिया था। वही 15 जून को डबवाली के लोग में एक युवक की नशे के कारण मौत हो गई थी उसकी उम्र भी लगभग 21 साल थी लेकिन एक माह में ही नशे के चार मामले सामने आना नशे पर काबू न पाया जाना कहीं ना कहीं सरकार के ड्रग विभाग और प्रशासन की नाकामी साबित हो रही है। हरियाणा के सिरसा में पुलिस जिला डबवाली में नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना किसी न किसी युवक की नशे के कारण मौत सामने आ रही है। कई मामलों को परिवार के बीच ही दबा दिया जाता है। वहीं पुलिस अपनी कार्रवाई में इत्फ़ाकिया मौत दर्शा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन नशे से हो रही मौतों की हकीकत इससे कुछ अलग है। कालांवाली में शनिवार को एक युवक रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में मृत मिला। उसके पास ही एक इंजेक्शन भी पड़ा हुआ पुलिस को मिला है। इससे युवक की मौत का कारण नशे की ओवरडोज को माना जा रहा है। युवक कालांवाली के वार्ड नंबर 8 का रहने वाला था। लोगों का कहना है कि अक्सर यहां नशे की पूर्ति के लिए युवा आते हैं। दो-तीन बार पुलिस को भी इसके बारे में सूचना दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया था।तब पुलिस को देखकर नशेड़ी किस्म के युवक यहां से भाग खड़े हुए थे। लेकिन शनिवार को एक युवक नशे का शिकार हो गया और उसका शव झाड़ियों में मिला। बता दे कि इससे पहले डबवाली में रविवार को 23 जून को एक युवा पेंटर की नशे के कारण मौत हो गई थी जिसके पास भी इंजेक्शन पाया गया था। वही कुछ दिन पहले ही महाग्राम गंगा के 20 वर्षीय युवक की जब चिट्टे की तलब पूरी न हुई थी तो वह गोलियों का घोल बनाकर ही इंजेक्शन लगने लगा था और पिछले 4 साल से नशे की चपेट में था। जिसकी हालत गंभीर होने के कारण उसके परिजन 27 जून को डबवाली से सिरसा इलाज के लिए लेकर गए थे लेकिन उसने भी दम तोड़ दिया था। वही 15 जून को डबवाली के लोग में एक युवक की नशे के कारण मौत हो गई थी उसकी उम्र भी लगभग 21 साल थी लेकिन एक माह में ही नशे के चार मामले सामने आना नशे पर काबू न पाया जाना कहीं ना कहीं सरकार के ड्रग विभाग और प्रशासन की नाकामी साबित हो रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CM ने निर्दलीय MLA को मनाया:समर्थन वापस लेने से पहले मीटिंग की; रावत बोले- नाराजगी दूर, सरकार के साथ हूं हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधायकों के सहारे चल रही भाजपा सरकार की बुधवार को अचानक टेंशन बढ़ गई। पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सुबह अचानक अफसरों की कार्य प्रणाली को लेकर नाराज हो गए। उन्होंने यह तक कह दिया कि वह गुरुवार को इसे लेकर कोई बड़ा कदम उठाएंगे। तब चर्चा शुरू हुई कि रावत भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं। शाम होते-होते विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने नयनपाल रावत की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कराई। साथ ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी उनसे फोन पर बात की। इसके बाद नयनपाल रावत बोले- ‘मेरी शिकायतें दूर हो गई हैं। अब मैं सरकार के साथ ही रहूंगा।’ 4 निर्दलीय विधायक विपक्ष के साथ हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। रानियां से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे, वरुण चौधरी के सांसद बनने और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 7 निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की थी। तब लगभग तभी निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को अपना समर्थन दिया। किसान आंदोलन के दौरान महम से विधायक बलराज कुंडू ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया। लोकसभा चुनाव से पहले 3 निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमवीर सांगवान ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। 25 मई को लोकसभा चुनाव की वोटिंग के दिन बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन हो गया। आखिर में सरकार के साथ सिर्फ एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का साथ बचा। रावत की नाराजगी के बाद चर्चा शुरू हुई कि वह भी कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं। विपक्ष के पास 44 विधायक प्रदेश में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय विधायक शामिल हैंं। हालांकि, जजपा ने अपने 2 विधायक रामनिवास सुराजखेड़ा और जोगीराम सिहाग पर भाजपा का साथ देने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए पत्र लिखा हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी भाजपा जॉइन कर चुकी विधायक किरण चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। भाजपा सरकार को गिरने का खतरा नहीं सरकार को फिलहाल गिरने का खतरा नहीं है, क्योंकि सरकार के पास स्पीकर समेत 41 विधायक हैं। साथ ही हलोपा विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है। निर्दलीय नयनपाल रावत को मिलाकर सरकार के पास विधायकों की संख्या 43 है। जजपा के कई विधायक सरकार के कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं। वह भी समर्थन दे सकते हैं या अपना वोट विपक्ष में न डालें तो भी सरकार बहुमत की परीक्षा में सफल हो सकती है। यदि सभी विपक्षी विधायक वोट डाल दें तो भाजपा सरकार मुश्किल में पड़ सकती है।
तलाक के बाद भी बच्चों पर मां का अधिकार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, कहा- लिव-इन रिलेशनशिप का कोई प्रभाव नहीं
तलाक के बाद भी बच्चों पर मां का अधिकार:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश, कहा- लिव-इन रिलेशनशिप का कोई प्रभाव नहीं पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि तलाक के बाद किसी अन्य व्यक्ति के साथ रिश्ते में आने से मां का अपने नाबालिग बच्चों पर अधिकार समाप्त नहीं होता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मां और बच्चे के बीच का प्राकृतिक संबंध अटूट है, जिसे वैवाहिक संबंध टूटने के बावजूद खत्म नहीं किया जा सकता। इस फैसले के तहत एक महिला को तलाक के 8 साल बाद अपने बच्चों की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया गया, भले ही वह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी। क्या है पूरा मामला यह मामला 2009 में हुई एक शादी से जुड़ा है। जिसमें 2010 और 2013 में दंपती दो बच्चों के माता-पिता बने। लेकिन आपसी विवादों के चलते पति ने पत्नी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया, जिसके बाद 2016 में दोनों ने तलाक ले लिया। तलाक के बाद बच्चों की कस्टडी को लेकर विवाद खड़ा हो गया और कुरुक्षेत्र (हरियाणा) की पारिवारिक अदालत ने बच्चों की कस्टडी पिता को सौंप दी, जबकि महिला को प्रति माह बच्चों से मिलने की अनुमति दी गई। महिला की याचिका और हाईकोर्ट का फैसला महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बच्चों की कस्टडी की मांग की, जिसमें उसने तर्क दिया कि भले ही वह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है, लेकिन इससे उसके मातृत्व का अधिकार प्रभावित नहीं होता। उसने यह भी आरोप लगाया कि बच्चे अपने दादा-दादी के साथ रह रहे हैं, जहां उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। दूसरी ओर, पति ने अदालत में दलील दी कि महिला के अन्य पुरुषों से संबंध होने के कारण उसे बच्चों की कस्टडी नहीं दी जानी चाहिए। इस दावे के समर्थन में कुछ वीडियो और साक्ष्य भी पेश किए गए थे। हाईकोर्ट का तर्क हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वैवाहिक संबंध टूटने के बाद भी मां का अपने बच्चों पर अधिकार बना रहता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि बच्चों के लिए मां और पिता दोनों का प्यार और देखभाल आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन में बेहतर विकास कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि मां के लिव-इन में रहने से उसके मातृत्व अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और बच्चों की भलाई के लिए उसे उनकी कस्टडी सौंपना उचित है। इस प्रकार, हाईकोर्ट ने महिला को बच्चों की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि तलाक और नए रिश्ते बच्चों पर मां के अधिकार को समाप्त नहीं कर सकते।
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हरियाणा की महिला को नेपाल में बंधक बनाया:जाति छिपाकर 12 साल पहले लव मैरिज की, अननेचुरल संबंध का विरोध करने पर पीटा हरियाणा के करनाल की रहने वाली महिला को नेपाल में बंधक बना लिया गया। महिला ने 12 साल पहले प्रेम विवाह किया था। महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने जाति छिपाकर उसके साथ शादी की, शादी के बाद से ही उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और गर्भपात के लिए मजबूर किया। महिला ने यह भी बताया कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था और उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता था। हाल ही में आरोपी पति ने उसके 2 बच्चों को जबरन छीन लिया और उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने अपने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लव मैरिज के बाद महिला को प्रताड़ित करने की पूरी कहानी…
2013 में की थी लव मैरिज, 2 बच्चों को दिया जन्म
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, करनाल निवासी महिला ने 2013 में रवि से लव मैरिज की थी। शादी के बाद उनके 2 बेटे हुए, जिनकी उम्र अब 8 और 3 साल है। शादी के शुरुआती दिनों में तो सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ समय बाद आरोपी पति रवि ने उसके साथ मारपीट और बदसलूकी शुरू कर दी। पति की जाति का खुलासा
पीड़िता का आरोप है कि रवि उसके साथ बहुत बुरा व्यवहार करता था और विरोध करने पर मारपीट करता था। विवाहिता के अनुसार, उसके पति ने उसे अपनी जाति ‘दत्ता’ बताकर धोखा दिया, लेकिन बाद में पता चला कि वह कश्यप जाति से है। रवि के इस धोखे ने उनके रिश्ते को और मुश्किल बना दिया। पति ने नेपाल में बंधक बनाया
पीड़िता ने बताया कि उसका पति ड्राइवर है और काम के लिए नेपाल जाता रहता था। 2018 में रवि उसे नेपाल ले गया और वहां भी बंधक बनाकर उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। 2018 में करनाल वापस लौटी थी महिला
पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह 2018 में करनाल वापस आ गई। लेकिन इसके बाद भी उसका पति वहां भी उसके साथ गलत हरकत करने लगा और अक्सर नेपाल से आकर करनाल में भी उसे परेशान करता था। जबरन बच्चों को लेकर गया आरोपी
पीड़िता ने बताया कि 25 मार्च को उसका पति अचानक करनाल स्थित उसके घर आया। अगले दिन 26 मार्च को उसने उसके साथ मारपीट की। वह उसके बच्चों को जबरन उठाकर अपने साथ ले गया। जाते समय पति ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता को शक, आरोपी नेपाल भागा
पीड़िता का कहना है कि उसके पास अपने बच्चों के अलावा कुछ नहीं बचा है, वह चाहती है कि उसके बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए। पीड़िता ने इस घटना की शिकायत थाने में की थी, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता को शक है कि आरोपी पति नेपाल भाग सकता है और बच्चों को भी वहीं ले जा सकता है। केस दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
पीड़िता की शिकायत पर आरोपी पति रवि कश्यप और देवर जोगिंदर के खिलाफ करनाल के सेक्टर 32-33 थाने में मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी संदीप कुमारी ने बताया कि महिला ने अपने खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है।