हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर वोटिंग में रुझानों को लेकर सुबह बड़ा उलटफेर हुआ। मंगलवार सुबह कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर 60 सीटों पर बढ़त बना चुकी थी। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में ढ़ोल बजने लगे और लड्डू बांटे जाने लगे। हालांकि 10 बजे का टाइम होते ही कांग्रेस तेजी से पिछड़ी और भाजपा ने रुझान में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। इसके बाद दोनों दलों के नेता भी सामने आए और कहा कि यह अभी रुझान हैं, फाइनल रिजल्ट तक उनकी ही सरकार बनेगी। सीएम नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा की तीसरी बार सेवा के लिए हम तैयार हैं। सैनी ने सुबह कहा था कि हमने जो लोगों की सेवा की है, उससे एकतरफा सरकार बना रहे हैं। कांग्रेस सत्ता के लिए काम करती है और हम सेवा के लिए काम करते हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमने जितना हरियाणा के किसान, जवान और पहलवान के लिए किया है, उतना कांग्रेस कर ही नहीं सकती। यह जनता को पता है। लोग कांग्रेस के भ्रम में नहीं आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हार देखकर रिजल्ट देरी से घोषणा करने की बात कहते हैं। सैनी के CM होने के सवाल पर खट्टर ने कहा कि हमारे हाईकमान और गृह मंत्री ने इसकी घोषणा की है। बाकी यह संसदीय बोर्ड के हाथ में होता है। वहीं हार के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं और काउंटिंग एजेंट्स को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां वोटिंग रुकी हुई है, कार्यकर्ता अभी सेंटर न छोड़ें। हुड्डा ने कहा कि 10 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस जीत सकती है लेकिन भाजपा काउंटिंग में देरी करवाकर इन सीटों को किसी तरह से जीतना चाहती है। अनिल विज ने सुबह रुझान के बाद खुशी मनाने को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा था कि उन्होंने सुबह-सुबह झूठ की दुकान खोली थी। हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों पर वोटिंग में रुझानों को लेकर सुबह बड़ा उलटफेर हुआ। मंगलवार सुबह कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर 60 सीटों पर बढ़त बना चुकी थी। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में ढ़ोल बजने लगे और लड्डू बांटे जाने लगे। हालांकि 10 बजे का टाइम होते ही कांग्रेस तेजी से पिछड़ी और भाजपा ने रुझान में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। इसके बाद दोनों दलों के नेता भी सामने आए और कहा कि यह अभी रुझान हैं, फाइनल रिजल्ट तक उनकी ही सरकार बनेगी। सीएम नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा की तीसरी बार सेवा के लिए हम तैयार हैं। सैनी ने सुबह कहा था कि हमने जो लोगों की सेवा की है, उससे एकतरफा सरकार बना रहे हैं। कांग्रेस सत्ता के लिए काम करती है और हम सेवा के लिए काम करते हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमने जितना हरियाणा के किसान, जवान और पहलवान के लिए किया है, उतना कांग्रेस कर ही नहीं सकती। यह जनता को पता है। लोग कांग्रेस के भ्रम में नहीं आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हार देखकर रिजल्ट देरी से घोषणा करने की बात कहते हैं। सैनी के CM होने के सवाल पर खट्टर ने कहा कि हमारे हाईकमान और गृह मंत्री ने इसकी घोषणा की है। बाकी यह संसदीय बोर्ड के हाथ में होता है। वहीं हार के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने अपने कार्यकर्ताओं और काउंटिंग एजेंट्स को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां वोटिंग रुकी हुई है, कार्यकर्ता अभी सेंटर न छोड़ें। हुड्डा ने कहा कि 10 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस जीत सकती है लेकिन भाजपा काउंटिंग में देरी करवाकर इन सीटों को किसी तरह से जीतना चाहती है। अनिल विज ने सुबह रुझान के बाद खुशी मनाने को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा था कि उन्होंने सुबह-सुबह झूठ की दुकान खोली थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई
डेयरी से करोड़पति बना हरियाणा का युवक:एक गाय 67 लीटर दूध दे रही, अमूल-नेस्ले में भी बिक्री, हर महीने 20 लाख की कमाई जीवन में लक्ष्य बनाकर चलें तो मुकाम हासिल हो ही जाता है, इस कहावत को करनाल के गुढा गांव का रहने वाला गुरमेश उर्फ डिम्पल दहिया (35) ने सच साबित किया है। आठवीं क्लास पास करने के बाद जब गुरमेश ने पढ़ाई छोड़ी तो कई लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, कई लोगों ने उससे ये तक कहा कि वो जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन आज गुरमेश डेयरी फार्मिंग के जरिए करोड़पति बन गए हैं। 2004 में 10 गाय से एक डेयरी की शुरूआत करने वाले गुरमेश ने आज डेयरी फार्मिंग में महारत हासिल कर ली है। उनके पास इस समय 60 गाय हैं। कभी उनकी डेयरी में महज 100 लीटर दूध का उत्पादन होता था, लेकिन आज मिल्क प्रोडक्शन 1400 से 1500 लीटर प्रतिदिन है। इस दूध को वह नेस्ले और अमूल जैसी कंपनियों को सप्लाई करते हैं। जिससे वह हर महीने 15 से 20 लाख रुपए आराम से कमा लेते हैं। गुरमेश बताते हैं कि उन्होंने पशुपालन अपने पिता से सीखा है बचपन से ही वो अपने पिता के साथ काम में लगे रहते थे और उन्हें पशुपालन में हमेशा से ही रुचि रही है। वहीं, गुरमेश के पास ऐसी गाय भी है जो रोजाना 67 लीटर दूध देती है। डेयरी का आइडिया कहां से आया?
गुरमेश बताते हैं कि उनके पिता रणधीर सिंह पशुपालन का काम करते थे। 2004 से पहले हमारे पास 10-12 पशु होते थे। जिनमें भैंसे भी ओर गाय भी होती थीं। 2004 में हमने अपने डेयरी के काम को बढ़ाया। पास के गांव शेखपुरा खालसा से 11 हजार 400 रुपए की एचएफ नस्ल की गाय ली थी। जिसके नीचे 20 लीटर दूध था, उस समय 20 लीटर दूध देने वाली गाय को टॉप गाय की कैटेगरी में माना जाता था। 2006 में फिर हमने 29 हजार की एक और गाय ली, जो 30 लीटर दूध देती थी। हम बाहर से गाय खरीदते थे, इसलिए आइडिया यह आया कि क्यों न हम अपनी ही ब्रीड तैयार करें। जिसके बाद से डेयरी फार्मिंग की तरफ ओर भी ज्यादा रुझान हो गया। शुरुआत में क्या दिक्कतें आईं?
दूध का प्रोडक्शन और ब्रीड सुधार में इतना इंटरेस्ट बना की, घर पर पशु बांधने के लिए जगह ही कम पड़ गई थी। कोई बछिया चक्की से बांधनी पड़ती थी तो किसी को चारपाई के पावे से ही बांध दिया जाता। घर पर हमारे पास 25 से ज्यादा गाय हो चुकीं थी। भैंस में खर्च ज्यादा आता है आमदनी कम
गुरमेश बताते है कि वह शुरुआत से ही गाय पालते आ रहे हैं, उनके पास 55 एचएफ नस्ल की गाय हैं और 5 जर्सी नस्ल की गाय हैं। लोग कहते भी हैं कि भैंस भी पाल लिया करो, लेकिन भैंस पालने में खर्च ज्यादा आता है और दूध का प्रोडक्शन भी गाय के मुकाबले कम होता है। इसलिए शुरू से ही गाय की तरफ रुझान है। हमारे पास 36 दूधारू, 10 हिप्पर (पहली बार गर्भवती), 15 काफ गाय हैं जो 0 से एक साल के बीच की उम्र की होती हैं। सबसे महंगी गाय कितने की और किस नस्ल की?
गुरमेश ने के पास ऐसी गाय है जो 40 लीटर से ज्यादा दूध देती है। कुछ गाय ऐसी भी हैं जो 60 लीटर से ज्यादा दूध देती हैं। इसके अलावा एक गाय वो भी है, जो 67 लीटर दूध एक ही दिन में देती है। एचएफ नस्ल की इस गाय का दिन में तीन बार दूध निकालना पड़ता है। हालांकि इस गाय को खरीदने के लिए कई लोग 5 लाख रुपए तक देने को तैयार हैं लेकिन हमने ये गाय नहीं बेची। दरअसल वो अपनी इस गाय को पशु मेलों में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रहे हैं। ब्रीड के लिए सांड किस नस्ल का? कहां से लाए?
गुरमेश बताते हैं ब्रीडिंग के लिए वह विदेशी कंपनियों के सीमन का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें एचएफ (होलीस्टन फ्रिजियम सीमन), यूएसए की कंपनी डब्ल्युडब्ल्युएस (वर्ल्ड वाइड सीरीज) और यूएसए की एबीएस ग्लोबल नाम की कंपनी शामिल है। इसके अलावा वो नीदरलैंड की कंपनी सीआरवी, कनाडा की कंपनी सी- मेक्स से भी सीमन मंगाते है। गुजरात की एसईजी कंपनी के सीमन का यूज भी वो करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह से डेयरी से आमदनी होती है उस हिसाब से खर्चे भी हैं। आमदनी का 60 फीसदी हिस्सा डेयरी में पशुओं पर ही खर्च हो जाता है। डेयरी फार्मिंग से कितनी कमाई होती है
गुरमेश के मुताबिक, वह अपनी डेयरी का दूध लॉकल में नहीं बेचते बल्कि अमूल और नेस्ले कंपनी को बेचते हैं। जहां पर उन्हें फैंट के हिसाब से दूध का रेट मिलता है। दूध उत्पादन भी सर्दियों और गर्मियों के अनुसार घटता बढ़ता रहता है। दूध घटने पर नुकसान होता है, लेकिन जब दूध सर्दियों में बढ़ता है तो थोड़ा फायदा होने लगता है। कंपनियों में दूध 38 रुपए से 40 रुपए के हिसाब से चला जाता है। पीक सीजन में उनकी डेयरी पर 1500 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। दूध निकालने के लिए विदेशी मशीनें इस्तेमाल की जाती हैं। उनके पास 4 मशीने हैं लेकिन वह सिर्फ 2 मशीनों का इस्तेमाल करते हैं और दो घंटे में सारी गायों का दूध निकाल लेते हैं।
हरियाणा में नवजात बच्ची नर्स के हाथ देकर महिला फरार:5-6 दिन पहले जन्म हुआ; आधार कार्ड लाने भेजा तो लौटकर नहीं आई
हरियाणा में नवजात बच्ची नर्स के हाथ देकर महिला फरार:5-6 दिन पहले जन्म हुआ; आधार कार्ड लाने भेजा तो लौटकर नहीं आई हरियाणा के नूंह में एक महिला अपनी नवजात बच्ची को सिविल अस्पताल में छोड़ कर भाग गई। अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन वह नहीं लौटी। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। अस्पताल में लगे CCTV कैमरे खंगाले गए तो यहां महिला बच्ची को गोद में लिए होने का ड्रामा करते दिखाई दी। इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी गई है। फिलहाल, बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार बच्ची का जन्म 5 से 6 दिन पहले ही हुआ है। डॉक्टरों ने मांगा था आधार कार्ड
पुलिस के अनुसार, गुरुवार की अल सुबह करीब ढाई बजे एक महिला और एक व्यक्ति एक नवजात बच्ची को मांडीखेड़ा स्थित अल आफिया सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। उन्होंने बच्ची को गोद में लेकर कुछ देर इंतजार किया। इसके बाद महिला बच्ची को लेकर SMC वार्ड में गई। वहां, नर्स ने महिला को आधार कार्ड जमा कराने के लिए बाहर भेज दिया। जबकि, बच्ची को अपने पास ही रख लिया। इसी का फायदा उठाकर महिला अस्पताल से भाग गई। डॉक्टरों ने महिला के लौटने का काफी देर इंतजार किया। बाद में पुलिस को सूचना दे दी गई। CCTV फुटेज में क्या दिख रहा
घटना को लेकर सामने आई CCTV फुटेज में दिख रहा है कि कुछ महिलाएं अपने बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंची हैं। इन्हीं में एक महिला काली शॉल ओढ़कर खड़ी है। सभी महिलाओं ने अपने हाथ में बच्चे पकड़े हुए हैं, लेकिन काली शॉल ओढ़े खड़ी महिला के हाथ में बच्चा नहीं है। उसने हाथ में केवल तौलिया पकड़ा हुआ है। उसके पास मौजूद महिलाएं उसे बार-बार देख रही हैं और उससे कुछ कह भी रही हैं। पास ही बेंच पर एक व्यक्ति बैठा है, जो इस काली शॉल ओढ़े महिला के साथ ही था। कुछ देर महिलाएं उस काली शॉल ओढ़े महिला के अंदर जाने का इंतजार करती हैं, लेकिन वह नहीं जाती। इसके बाद पास मौजूद महिलाएं दरवाजा खोलकर अंदर डॉक्टर के पास चली जाती हैं। इसी दौरान आरोपी महिला और उसका साथी व्यक्ति वहां से भाग जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह फुटेज महिला के डॉक्टर के पास से लौट आने के बाद का है। उसे आधार कार्ड जमा करने भेजा था। पुलिस ने केस दर्ज किया
इधर, अस्पताल से शिकायत मिलने के बाद नगीना थाने में मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी प्रवीण कुमार का कहना है कि गुरुवार सुबह करीब ढाई बजे अज्ञात माता-पिता बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए थे। इसी दौरान बच्ची को वे वार्ड में छोड़कर फरार हो गए। डॉक्टरों ने बताया है कि बच्ची का अभी 5 से 6 दिन पहले ही जन्म हुआ है। हालांकि, बच्ची का जन्म इस अस्पताल में नहीं हुआ। महिला को आधार कार्ड लाने के लिए भेजा था, ताकि उसकी पहचान हो सके, लेकिन महिला और उसका साथी आधार कार्ड दिखाने से पहले ही फरार हो गए। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल में बच्ची फिलहाल स्वस्थ्य है। उसे ICU में रखा गया है। महिला और उस व्यक्ति का पता लगाया जा रहा है।
हरियाणा में कांग्रेस केवल 2 सीटें हार रही:इंटरनल रिपोर्ट में दावा; ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वोट मिले, किसानों की BJP से नाराजगी काम आई
हरियाणा में कांग्रेस केवल 2 सीटें हार रही:इंटरनल रिपोर्ट में दावा; ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वोट मिले, किसानों की BJP से नाराजगी काम आई हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा के बाद अब कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली आई है। अब तक के मंथन में 4 सीटों पर पार्टी जीत मान रही है। वहीं, 3 लोकसभा सीटों पर टक्कर कड़ी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि 2 सीटों पर कांग्रेस हारने वाली है। इसके साथ ही AAP के साथ गठबंधन वाली कुरुक्षेत्र सीट की रिपोर्ट अच्छी मानी जा रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां भाजपा, इंडी गठबंधन और INLD में त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा ने यहां से उद्योगपति नवीन जिंदल, AAP-कांग्रेस ने डॉ. सुशील गुप्ता और इनेलो ने अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। हुड्डा भी ले चुके MLA से फीडबैक
हरियाणा कांग्रेस और दिल्ली में पार्टी के नेताओं के मंथन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पार्टी के विधायकों से सभी 10 लोकसभा सीटों का फीडबैक ले चुके हैं। हालांकि, पार्टी के 30 विधायकों ने गठबंधन सहित सभी 10 सीटों पर कड़ी टक्कर बताई है। विधायकों ने यह भी फीडबैक दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से शहरों के मुकाबले कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिली है। इसे उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अच्छा संकेत बताया है। विधायकों से फीडबैक लेने के बाद पूर्व CM हुड्डा कह चुके हैं कि हरियाणा में गठबंधन सभी 10 सीटें जीत रहा है। जीतने वाली 4 सीटों की इंटरनल रिपोर्ट में क्या है… रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दिया। इस लोकसभा चुनाव में यहां 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के मुकाबले 4.83% कम है। कांग्रेस की रिपोर्ट में इस सीट को सबसे अच्छे अंक मिले हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में इस सीट पर जाटों और किसानों के विरोध का भाजपा को नुकसान होने की बात कही गई है। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा 3 बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में मोदी लहर के बाद भी दीपेंद्र यहां से चुनाव जीत गए थे। इस बार अन्य सीटों की अपेक्षा कांग्रेस इस सीट को लेकर ज्यादा एक्टिव रही। सिरसा : अन्य सीटों की तरह सिरसा सीट पर 2019 के मुकाबले 6.21% कम वोटिंग हुई। सिरसा में कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को मैदान में उतारा है। कुमारी सैलजा यहां से पहले भी 2 बार सांसद रह चुकी हैं। इस सीट से उनके मजबूत होने की एक वजह यह बताई गई है कि उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह सिरसा में कांग्रेस के बड़े नेता थे। कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में किसानों और जाटों ने एकजुट होकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोटिंग करने की बात कही गई है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि भाजपा के उम्मीदवार अशोक तंवर का पार्टी बदलने को लेकर यहां के लोगों ने काफी विरोध किया। इसके अलावा किसानों का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा। सोनीपत : यहां से कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया, जबकि भाजपा ने सीटिंग MP रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काटकर विधायक मोहन लाल बड़ौली को उम्मीदवार बनाया। सतपाल ब्रह्मचारी सन्यासी हैं और हरिद्वार में उनके आश्रम हैं। मूलतः वह जींद के गांगोली गांव के रहने वाले हैं। इसका इन्हें चुनाव में फायदा मिला है। इनके पक्ष में यह भी रहा कि जींद जिले से पहली बार किसी बड़े दल ने अपना उम्मीदवार चुना है। जींद की 3 विधानसभाओं से उन्हें अच्छी लीड मिली है। रिपोर्ट में इसका जिक्र है। यह सीट जाट बाहुल्य है और जाट पहले से ही भाजपा का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा यहां भाजपा को भीतरघात का भी नुकसान उठाना पड़ेगा। भिवानी-महेंद्रगढ़ : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में इस सीट को विनिंग लिस्ट में रखा गया है। यहां से कांग्रेस ने विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि, भाजपा ने यहां से सीटिंग सांसद धर्मबीर सिंह को टिकट दी है। 15 सालों में इस सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। कांग्रेस इसे पॉजिटिव लेकर चल रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार की विधानसभा में सबसे अधिक मतदान हुआ है। जबकि, नांगल चौधरी में सरकार में राज्य मंत्री डॉ.अभय सिंह भाजपा विधायक हैं। यहां सबसे कम वोटिंग हुई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़े वोटिंग प्रतिशत की रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में बताई गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हार को देखते हुए भाजपा कैंडिडेट घर बैठ गए थे। उन्होंने अपने पास चुनाव के लिए पैसा न होने की बात चुनाव प्रबंधन समिति तक को बता दी थी। इन 2 सीटों पर हार की रिपोर्ट… करनाल : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में करनाल को हार की लिस्ट में डाला गया है। इसकी वजह बताई गई है कि यहां से भाजपा ने सबसे मजबूत कैंडिडेट मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। इनके मुकाबले कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा नया चेहरा थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यदि यहां से पार्टी किसी अन्य चेहरे को उम्मीदवार बनाती तो भाजपा से टक्कर की स्थिति बन सकती थी। यह भी बताया गया कि इस सीट पर भाजपा का जीत का मार्जिन 2 लाख से अधिक का होगा। गुरुग्राम : भाजपा ने यहां से 5 बार सांसद रह चुके राव इंद्रजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से फिल्म अभिनेता राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। राव इंद्रजीत का केंद्र सरकार में मंत्री रहना उनके पक्ष में रहा। इसके अलावा वह लोगों के बीच काफी सक्रिय रहने वाले नेता हैं। इनके मुकाबले राज बब्बर गुरुग्राम के लिए नया चेहरा रहे। पार्टी नेताओं का भी प्रचार के लिए साथ नहीं मिल पाया। इसके अलावा पार्टी के किसी भी बड़े नेता की उनके पक्ष में रैली नहीं हुई। इसका नुकसान पार्टी को हो रहा है। यही वजह है कि इस सीट को कांग्रेस ने हार की लिस्ट में डाला है। अंबाला, हिसार और फरीदाबाद में कड़ी टक्कर
रिपोर्ट में 3 सीटों पर कड़ी टक्कर दिखाई गई है। इन सीटों में अंबाला, हिसार और फरीदाबाद को शामिल किया गया है। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम रतन कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया भाजपा उम्मीदवार हैं। उन्हें वरुण मुलाना कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा का ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध रहा। वहीं, हिसार में कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि INLD और JJP के इस सीट पर मजबूत आधार के कारण कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही पार्टी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार काफी कमजोर रहा। फिर BJP से रणजीत चौटाला यहां से मैदान में हैं तो जेपी की राह मुश्किल हो चली है। उधर, फरीदाबाद सीट की भी यही रिपोर्ट है। यहां से भाजपा ने मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस से महेंद्र प्रताप सिंह लड़ रहे हैं। भाजपा के मुकाबले यहां से पार्टी प्रत्याशी काफी कमजोर रहा। हालांकि, उनकी साफ छवि का फायदा चुनाव में मिलेगा।