सिरसा जिले के रोडी में नशा तस्कर को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपना जाल बिछाया लेकिन कामयाब नहीं हो सकी। पुलिस ने नाकाबंदी करके तस्कर को पकड़ने की कोशिश की लेकिन आरोपी नाका के पास से ही दूसरे रास्ते की तरफ अपनी गाड़ी मोड़ कर फरार हो गया। जब तक पुलिस उस रास्ते पहुंची, तब तक आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर निकल चुका था। दरअसल रोडी में एक 22 वर्षीय युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। पिछले 5 साल से वह नशे का आदी था। 4-5 दिन पहले उसे बेहोशी की हालत में बठिंडा के एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां पर उसकी मंगलवार रात को उपचार के दौरान मौत हो गई। बुधवार को युवक का नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। वहीं, जहां गांव में मातम छाया हुआ था। इसी दौरान रोडी के सूरतिया रोड पर बसे आबादी क्षेत्र में एक घर से चिट्टा खरीदने के लिए एक गाड़ी चालक आया। इसकी सूचना ग्रामीणों को लग गई। ग्रामीणों ने उसका पीछा कर नाका पुलिस को सूचित किया। नाका पुलिस ने उसे रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए। गाड़ी चालक ने तेज गति से नाके से पहले एक गली में गाड़ी मोड़ दी। पुलिस कर्मचारी भागकर दूसरी ओर चौक पर पहुंचे तो युवक तेजी से गाड़ी लेकर फरार हो गया। पुलिस मुस्तैदी भी काम नहीं आई। सिरसा जिले के रोडी में नशा तस्कर को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपना जाल बिछाया लेकिन कामयाब नहीं हो सकी। पुलिस ने नाकाबंदी करके तस्कर को पकड़ने की कोशिश की लेकिन आरोपी नाका के पास से ही दूसरे रास्ते की तरफ अपनी गाड़ी मोड़ कर फरार हो गया। जब तक पुलिस उस रास्ते पहुंची, तब तक आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर निकल चुका था। दरअसल रोडी में एक 22 वर्षीय युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। पिछले 5 साल से वह नशे का आदी था। 4-5 दिन पहले उसे बेहोशी की हालत में बठिंडा के एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां पर उसकी मंगलवार रात को उपचार के दौरान मौत हो गई। बुधवार को युवक का नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। वहीं, जहां गांव में मातम छाया हुआ था। इसी दौरान रोडी के सूरतिया रोड पर बसे आबादी क्षेत्र में एक घर से चिट्टा खरीदने के लिए एक गाड़ी चालक आया। इसकी सूचना ग्रामीणों को लग गई। ग्रामीणों ने उसका पीछा कर नाका पुलिस को सूचित किया। नाका पुलिस ने उसे रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए। गाड़ी चालक ने तेज गति से नाके से पहले एक गली में गाड़ी मोड़ दी। पुलिस कर्मचारी भागकर दूसरी ओर चौक पर पहुंचे तो युवक तेजी से गाड़ी लेकर फरार हो गया। पुलिस मुस्तैदी भी काम नहीं आई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में शादी के 8वें दिन दुल्हन फरार:सावन में मायके आयी थी; सहेली से मिलने की बता कह घर से निकली
रेवाड़ी में शादी के 8वें दिन दुल्हन फरार:सावन में मायके आयी थी; सहेली से मिलने की बता कह घर से निकली हरियाणा के रेवाड़ी जिले के कोसली उपमंडल में एक नई-नवेली दुल्हन संदिग्ध हालात में लापता हो गई। दुल्हन अपने मायके आई हुई थी और सहेली से मिलने की कहकर घर गई थी। इसके बाद वापस घर नहीं लौटी। परिजनों ने कोसली थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। पुलिस ने विवाहिता की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, कोसली कस्बा के एक गांव निवासी युवती की शादी 17 जुलाई को भड़फ गांव के एक युवक के साथ हुई थी। शादी के 5 दिन बाद 22 जुलाई को सावन का पर्व आरंभ होने के साथ ही लड़की ससुराल से अपने मायके में आ गई थी। बुधवार को वह शाम 4 बजे घर से अपनी सहेली से मिलने की बात कहकर निकली थी। परिजन इसके बाद उसका इंतजार करते रहे, लेकिन रात तक वह वापस नहीं आई। लड़की की मां ने उसके मोबाइल नंबर पर कॉल की, परन्तु उसका फ़ोन स्विच ऑफ मिला। परिजनों ने अपने स्तर पर उसकी तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने लड़की की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पुलिस उसके फोन की कॉल डिटेल निकाल कर छानबीन में लगी है।
जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे
जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की ओर वाटर कैनन का मुंह मोड़ने वाला वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा जेल से बाहर आ गया है। करीब 111 दिन जेल में रहने के बाद नवदीप कल यानी मंगलवार को रिहा हुआ। नवदीप को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आने के बाद नवदीप ने हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई प्रताड़ना पर आपबीती सुनाई है। नवदीप ने कहा- गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुझे रिमांड पर ले लिया गया। रिमांड रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। रिमांड के दौरान मेरे साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया। मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- मुझे पहले ही पता चल गया था कि पुलिस मुझे तलाश रही है। अंबाला में भी पुलिस ने मेरी गाड़ी के पीछे गाड़ी लगा दी, जब हम घर से निकले ही थे। पुलिस काफी देर से हमें तलाश रही थी। किसान आंदोलन के दौरान लेह लद्दाख से कुछ किसान हमारे साथ प्रदर्शन के लिए आए थे। मैं मोहाली से फ्लाइट से लेह गया। वहां मेरी मुलाकात सोनम वांगचुक से हुई जो लेह में प्रदर्शन कर रहे थे, वहां हमने भी सोनम वांगचुक के प्रदर्शन का समर्थन किया। इसके बाद मुझे मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। मुंह को पानी में डुबोया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- कुछ कर्मचारी मुझे गिरफ्तार करने आए थे। गिरफ्तारी के बाद मुझे अंबाला लाया गया। जब मुझे अंबाला के रिमांड रूम में लाया गया तो उक्त रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। गिरफ्तारी के बाद मेरा फोन तुरंत वापस ले लिया गया। सबसे पहले उन्होंने आते ही मुझसे पगड़ी और कपड़े उतारने को कहा। नवदीप जलबेड़ा ने बताया- मेरे सामने एक सरदार अधिकारी मौजूद था, जिसने आदेश दिया कि मेरे हाथ-पैर बांध दिए जाएं। मेरे हाथ-पैर बांधने के बाद उक्त अधिकारियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मेरे साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया। उन्होंने मुझसे कहा- तुम बहुत बोलते हो, हम तुम्हें सबक सिखाएंगे। जिसके बाद मेरे मुंह को पानी में डुबाया गया। केंद्रीय एजेंसियों के लोग भी पूछताछ के लिए पहुंचे
नवदीप ने आगे कहा- गिरफ्तारी के बाद मुझे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। कोर्ट ने दो दिन की रिमांड दी। इस दौरान केंद्रीय एजेंसियों NIA और CBI के अधिकारी भी पूछताछ के लिए आए। इस दौरान उन्होंने मुझसे भी पूछताछ की।वे सुबह से ही पूछताछ शुरू कर देते थे। मुझसे पूछा जाता था कि पैसा कहां से आ रहा है। किसान आंदोलन के लिए फंडिंग कहां से आ रही है। मेरे बैंक अकाउंट समेत सारी जानकारी मुझसे ली गई। बैंक अकाउंट की खूब जांच की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। मेडिकल भी नहीं कराया, वैसे भी हस्ताक्षर ले लिए गए। उसके आधार पर मेडिकल करा लेते थे। सभी झूठे मामलों में न तो पुलिस को कुछ मिला और न ही एजेंसियों को कुछ मिला। मेरे खिलाफ कुल 16 मामले दर्ज किए गए
नवदीप ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरे खिलाफ करीब 16 मामले दर्ज किए। इनमें चार मामले ऐसे थे, जिनमें हत्या के प्रयास की धाराएं लगाई गई थीं और कुछ में दंगा फैलाने की धाराएं जोड़ी गई थीं। कोर्ट ने जब सभी मामलों की सुनवाई शुरू की तो उसने कहा कि ऐसा लगता है कि सभी मामले झूठे बनाए गए हैं क्योंकि सभी मामले एक जैसे हैं। नवदीप ने कहा- पुलिस हर तरह से क्रूर रही है, लेकिन मैं अपने समुदाय के लिए खड़ा रहा हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा। जब मेरे साथ क्रूरता हो रही थी, तब मैं होश में था। जब दर्द बहुत बढ़ गया तो मैं वाहेगुरु का नाम लेता था। जेल की जिंदगी ने मुझे भगवान की तरफ धकेला
नवदीप जलबेड़ा ने कहा- मैंने जेल में 111 दिन बिताए हैं। इस दौरान मैंने कई बदलाव देखे हैं। सबसे बड़ा बदलाव वाहेगुरु की भक्ति में आया है। पहले मैं सिर्फ गुरु को मानता था। लेकिन जेल के अंदर मैंने रोजाना पाठ करना शुरू कर दिया। मैं जेल में रोजाना 3 बाणियों का जाप करता था। जेल के अंदर एक गुरुद्वारा था, मैं वहां जाता था। नवदीप ने कहा- मैं जेल में रोजाना श्री जपजी साहिब, श्री चौपाई साहिब और श्री आनंदपुर साहिब का पाठ करता था। जेल में मैंने अपने समुदाय का पूरा इतिहास पढ़ा। जेल में बनी लाइब्रेरी के अंदर मैंने वो सब पढ़ा जो हमारे समुदाय के शहीदों ने हमारे लिए किया। जेल हमें बहुत कुछ सिखाती है, मैंने भी वही सीखा। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता
नवदीप ने कहा कि कोई व्यक्ति तब जेल जाता है जब वह कोई बुरा काम करता है। साथ ही, कोई व्यक्ति उन पांच कामों को करने पर भी जेल जाता है जो बाबा जी को पसंद नहीं हैं। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता। सभी मिलजुल कर रहते हैं। एक बैरक में करीब 50 लोग रहते हैं। नवदीप ने कहा- कोई किसी का धर्म के आधार पर साथ नहीं देता। सब एक दूसरे को भाई मानते हैं। कोई जात-पात की बात नहीं करता। सब एक दूसरे की थाली में खाते हैं। सब एक दूसरे का दर्द सुनते हैं और अपना दर्द बताते हैं। मैंने जेल के अंदर विनम्र रहना सीखा है। मैं जितने भी समय जेल में रहा हूं, हमेशा ऊपर की ओर बढ़ा हूं। सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि जेल जाने के बाद मैं पीछे हट जाऊंगा। अगर सरकार ऐसा सोच रही है तो वह गलत है। मैं अपनी कौम के लिए कभी पीछे नहीं हटूंगा। जब बदन पर कफन होगा तो डर लगेगा, उससे पहले कोई डर नहीं है। कौम के लिए अगर मुझे पूरी जिंदगी जेल में रहना पड़े तो भी रहूंगा।
रेवाड़ी में मंजीत और नितेश का आज होगा पोस्टमॉर्टम:हादसे से पहले मंजीत ने पिता को कॉल की; बोला-10 मिनट में घर आ रहा हूं, खरखड़ी में पसरा मातम
रेवाड़ी में मंजीत और नितेश का आज होगा पोस्टमॉर्टम:हादसे से पहले मंजीत ने पिता को कॉल की; बोला-10 मिनट में घर आ रहा हूं, खरखड़ी में पसरा मातम हरियाणा में रेवाड़ी शहर से सटे आउटर बाइपास स्थित नेशनल हाइवे (NH-11) पर गांव खरसानकी के निकट हुए सड़क हादसे में मारे गए नितेश और मंजीत दोनों के शव का बुधवार को नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम होगा। रामपुरा थाना पुलिस ने मंजीत के पिता पूर्व सरपंच मुकेश कुमार की शिकायत पर आरोपी टैंकर चालक के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया हैं। वहीं दूसरी तरफ दो युवकों की मौत के बाद गांव खरखड़ी में मातम पसरा हुआ है। दोनों युवक अपने परिवार में इकलौते चिराग थे। मृतक मंजीत के पिता मुकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम हादसे से पहले उनके बेटे मंजीत से उनकी फोन पर बात हुई थी। उसने 10 मिनट में घर आने की बात कही थी, लेकिन इससे पहले ही एक्सीडेंट हो गया और उसके बेटे मंजीत और दोस्त नितेश की मौत हो गई। परिवार के मुताबिक, मंजीत और नितेश काफी अच्छे दोस्त थे। दोनों ने एक साथ पढ़ाई की थी। साथ ही दोनों अब नौकरी की तैयारी में लगे हुए थे। दोनों रेवाड़ी आ रहे थे, रास्ते में हादसा हुआ बता दें कि गांव खरखड़ी निवासी मंजीत (24) और नितेश (23) दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों मंगलवार की देर शाम आई-20 कार में सवार होकर रेवाड़ी शहर में किसी काम से आ रहे थे। दोनों रेवाड़ी-जैसलमेर हाइवे के आउटर बाइपास स्थित खरसानकी पहुंचे तो सामने से पानी का एक टैंकर आ रहा था। आरोप है कि टैंकर चालक ने उनकी कार को सीधे टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इतना ही नहीं टैंकर का भी अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। कार के अंदर फंसे दोनों हादसे में मंजीत और नितेश दोनों कार के अंदर फंस गए। काफी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद सेक्टर-3 और गांव भाड़ावास चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों चौकी की पुलिस काफी देर तक एरिया को लेकर उलझी रही, लेकिन जब बाद में क्लियर हुआ कि इलाका गांव भाड़ावास चौकी के अधीन आता है तो पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मुकेश कुमार की शिकायत पर टैंकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।