सिरसा में शहर थाना पुलिस ने हिसार रोड पर दो युवकों को 668 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ शहर थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर हासिल किया जाएगा। शहर थाना पुलिस मंगलवार को इलाके में गश्त कर रही थी। इसी दौरान हिसार रोड स्थित बिश्रोई मार्केट के पास दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। राजस्थान के रहने वाले हैं दोनों आरोपी पुलिस को देखकर दोनों युवक भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने उनका पीछा कर दबोच लिया। पुलिस ने युवकों के पास मिले बैग की तलाशी ली तो उसमें से 668 ग्राम अफीम बरामद हुई। युवकों की पहचान पप्पू व अशोक निवासी जोधपुर राजस्थान के रूप में हुई। सिरसा में सप्लाई करने लाए थे अफीम दोनों ने पुलिस को बताया कि वे जोधपुर से अफीम लेकर आए थे। जिसे सिरसा में सप्लाई किया जाना था। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा। रिमांड अवधि के दौरान गहन पूछताछ कर पता लगाया जाएगा। सिरसा में शहर थाना पुलिस ने हिसार रोड पर दो युवकों को 668 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ शहर थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर हासिल किया जाएगा। शहर थाना पुलिस मंगलवार को इलाके में गश्त कर रही थी। इसी दौरान हिसार रोड स्थित बिश्रोई मार्केट के पास दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। राजस्थान के रहने वाले हैं दोनों आरोपी पुलिस को देखकर दोनों युवक भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने उनका पीछा कर दबोच लिया। पुलिस ने युवकों के पास मिले बैग की तलाशी ली तो उसमें से 668 ग्राम अफीम बरामद हुई। युवकों की पहचान पप्पू व अशोक निवासी जोधपुर राजस्थान के रूप में हुई। सिरसा में सप्लाई करने लाए थे अफीम दोनों ने पुलिस को बताया कि वे जोधपुर से अफीम लेकर आए थे। जिसे सिरसा में सप्लाई किया जाना था। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा। रिमांड अवधि के दौरान गहन पूछताछ कर पता लगाया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बहादुरगढ़ में पैसों के लेनदेन में हुआ मर्डर:पुलिस ने 2 को गिरफ्तार किया; खून से सना मिला था युवक का शव हरियाणा के झज्जर के बहादुरगढ़ में एक व्यक्ति की चोट मार कर हत्या करने के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी पहचान प्रवीण निवासी डिग्गी वाला रोड और पवन निवासी विकास नगर लाइन पार बहादुरगढ़ के तौर पर की गई। दोनों को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। पता चला है कि पैसों के लेन देन के विवाद में व्यक्ति की हत्या की गई थी। बहादुरगढ़ सिटी थाना के SHO इंस्पेक्टर हरेश कुमार ने बताया कि नेहरू पार्क के पास रहने वाले बिजेंद्र सिंह ने सूचना दी थी कि 16 अक्टूबर को सुबह वह अपने घर से घूमने के लिए निकला था। बराही मोड़ PWD रेस्ट हाउस के सामने आया तो देखा कि स्टूडियो के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी हुई है। उसके चेहरे व मुंह पर चोट के निशान थे। आसपास भी खून पड़ा था। यह लग रहा था कि किसी ने चोंटे मारकर उसकी हत्या की है। एसएचओ ने बताया कि थाना पुलिस टीम ने जांच की तो मृतक की पहचान रवि निवासी लाइनपार बहादुरगढ़ के तौर पर हुई। मामले में गहनता से छानबीन करते हुए पुलिस ने अब 2 हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रवीण निवासी डिग्गी वाला रोड बहादुरगढ़ और पवन निवासी वाजितपुर जिला झज्जर हाल विकास नगर लाइनपार बहादुरगढ़ के तौर पर की गई। दोनों को बहादुरगढ़ कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। इनका रवि के साथ पैसों के लेन देन का विवाद था।
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
हरियाणा में छोटी पार्टियों से वोटरों की तौबा:जजपा 10 से 0, कांडा-कुंडू का पत्ता साफ; AAP का खाता नहीं खुला, इनेलो की 1 सीट बढ़ी
हरियाणा में छोटी पार्टियों से वोटरों की तौबा:जजपा 10 से 0, कांडा-कुंडू का पत्ता साफ; AAP का खाता नहीं खुला, इनेलो की 1 सीट बढ़ी हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार छोटी पार्टियों का जादू नहीं चला। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। 2019 में 10 सीट जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) इस बार जीरो पर सिमट गई। उचाना में पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तो पांचवें स्थान पर आए। राज्य में 90 सीटों पर पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) भी अपना खाता नहीं खोल पाई। हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) की भी यही स्थिति रही। सिरसा में गोपाल कांडा चुनाव हार गए। 2019 विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी से जीत दर्ज की थी। महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू की हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) पहले ही विधानसभा चुनाव में ध्वस्त हो गई। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए किस पार्टी की क्या स्थिति रही… जजपा 10 से जीरो पर पहुंची 2019 में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली जजपा इस बार आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ मिलकर 85 सीटों पर लड़ी। राज्य में पार्टी को कुल 1.25 लाख वोट ही मिले। 2019 में उचाना में रिकॉर्ड वोटों से जीतने वाले दुष्यंत चौटाला इस बार पांचवें स्थान पर खिसक गए। उन्हें 7950 वोट ही मिले। सिर्फ डबवाली में उनके भाई दिग्विजय चौटाला की जमानत बच पाई। दिग्विजय को यहां 35,261 वोट मिले। इनेलो एक सीट से 2 पर पहुंची इनेलो ने इस बार बसपा के साथ गठबंधन कर राज्य में चुनाव लड़ा। पार्टी को राज्य में 4.14 फीसदी वोट मिले। 2019 में इनेलो के इकलौते विधायक पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ऐलनाबाद में चुनाव हार गए। इनेलो सिर्फ रानियां और डबवाली सीट जीतने में कामयाब रही। रानियां में अभय के बेटे अर्जुन चौटाला और डबवाली में उनके चचेरे भाई आदित्य देवीलाल ने जीत दर्ज की। नई पार्टी हजपा भी परस्त हुई महम विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक बलराज कुंडू की जन सेवा का जादू इस बार नहीं चला। 2019 में इस बूते पर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कुंडू ने अपनी हरियाणा जनसेवक पार्टी बनाई थी। इस बार वह चुनाव नहीं जीत पाए। 2019 में कुंडू ने जिन पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी को हराया था, इस चुनाव में उन्हीं आनंद सिंह दांगी के बेटे कांग्रेस उम्मीदवार बलराम दांगी ने उन्हें हार चखा दी। हलोपा 2 दलों के सहारे डूबी सिरसा में हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो ने इनेलो के साथ भाजपा का समर्थन भी बटोरा। 2 नाव पर सवार होने के बाद भी उनका समुद्री जहाज चुनावी सागर में डूब गया। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया ने हराया। पिछले चुनाव में गोकुल सेतिया सिर्फ 602 वोटों से कांडा से हारे थे। AAP शून्य पर ही अटकी इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन की कोशिशें तो बहुत हुईं लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। आखिर में AAP ने सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। पार्टी सिर्फ जगाधरी सिर्फ पर अपनी जमानत बचा पाई। यहां अरविंद केजरीवाल उम्मीदवार आदर्शपाल सिंह के समर्थन में रोड शो भी करके गए थे। AAP को इस चुनाव में 2,48,455 वोट यानी 1.79 फीसदी वोट मिले। पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा कलायत में तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें सिर्फ 5,482 वोट ही मिले।