सिरसा में प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 4 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में ब्रॉट डेड बच्चा आया था। हालांकि पुलिस ने दो डॉक्टरों पर केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार रोहतक का रहने वाला है। फिलहाल वह रानियां क्षेत्र के जीवननगर कस्बे में रहते हैं। बच्चे के पिता बलजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने 4 साल के बेटे वैदिक कुमार का हाइपोस्पेडियस का इलाज खुराना अस्पताल में करवाया था। जिंदल अस्पताल हिसार से सर्जन डॉ.गौरव पराशर को बुलाया था। पूरे इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से बेटे की मौत हो गई। जब से उन्होंने ऑपरेट किया था, तब से सूजन व दर्द कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। बलजीत ने कहा कि इसी वजह से बेटा न सही से खा पा रहा था और न सही से सो पा रहा था। वह बहुत कमजोर हो गया था। जब भी नली डाली, तो बच्चे को दर्द होता था। इसी कारण उन्होंने अपना बेटा खो दिया है। मेरे अस्पताल में ब्रॉट डेड लाए बच्चा – डॉ.खुराना वहीं, खुराना अस्पताल के संचालक डॉ.आशीष खुराना का कहना है कि शुक्रवार सुबह पौने 4 बजे बच्चे को लेकर आए थे। बच्चे को जब लेकर आए तब बच्चा मर गया था। वह ब्रॉट डेड था। उन्होंने कहा कि इससे पहले डेढ़ महीने पहले सर्जरी हमारे अस्पताल में हुई थी। बच्चे के पेशाब का रास्ता दूसरी तरफ बना हुआ था, इसके लिए यह सर्जरी हुई थी। पेशाब का नया रास्ता बनाया गया था। जिंदल अस्पताल से डॉ.पराशर ने ऑपरेट किया था। उसके बाद से पेशाब करने वाली जगह सूजन आ जाती थी, जिसके लिए हमने बताया था कि यह एलर्जी हो सकती है। तीन दिन पहले डॉ.पराशर ने बच्चे के दोबारा नली लगाई थी। इसके बाद आज परिवार के लोग दोबारा आए और शोर मचाया। इसलिए हमने पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए कहा था। मामले की जांच कर रही पुलिस सिविल लाइन थाना सिरसा के एसएचओ जितेंद्र कुमार ने कहा कि बच्चे के पिता बलजीत सिंह की शिकायत के आधार पर डॉ.आशीष खुराना व डॉ.गौरव पराशर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है। जानिए क्या है हाइपोस्पेडियस बीमारी हाइपोस्पेडियस एक जन्मजात बीमारी है, जिसमें मूत्र मार्ग का द्वार लिंग के सिरे पर नहीं होता है। यह एक सामान्य चिकित्सा स्थिति है। बीमारी के कारण लिंग घुमावदार हो सकता है। लिंग की चमड़ी अविकसित हो सकती है। जिससे पेशाब निकलने में दिक्कत हो सकती है। ज्यादातर मामलों में हाइपोस्पेडियस को सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। सिरसा में प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान 4 साल के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में ब्रॉट डेड बच्चा आया था। हालांकि पुलिस ने दो डॉक्टरों पर केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार रोहतक का रहने वाला है। फिलहाल वह रानियां क्षेत्र के जीवननगर कस्बे में रहते हैं। बच्चे के पिता बलजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने 4 साल के बेटे वैदिक कुमार का हाइपोस्पेडियस का इलाज खुराना अस्पताल में करवाया था। जिंदल अस्पताल हिसार से सर्जन डॉ.गौरव पराशर को बुलाया था। पूरे इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से बेटे की मौत हो गई। जब से उन्होंने ऑपरेट किया था, तब से सूजन व दर्द कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। बलजीत ने कहा कि इसी वजह से बेटा न सही से खा पा रहा था और न सही से सो पा रहा था। वह बहुत कमजोर हो गया था। जब भी नली डाली, तो बच्चे को दर्द होता था। इसी कारण उन्होंने अपना बेटा खो दिया है। मेरे अस्पताल में ब्रॉट डेड लाए बच्चा – डॉ.खुराना वहीं, खुराना अस्पताल के संचालक डॉ.आशीष खुराना का कहना है कि शुक्रवार सुबह पौने 4 बजे बच्चे को लेकर आए थे। बच्चे को जब लेकर आए तब बच्चा मर गया था। वह ब्रॉट डेड था। उन्होंने कहा कि इससे पहले डेढ़ महीने पहले सर्जरी हमारे अस्पताल में हुई थी। बच्चे के पेशाब का रास्ता दूसरी तरफ बना हुआ था, इसके लिए यह सर्जरी हुई थी। पेशाब का नया रास्ता बनाया गया था। जिंदल अस्पताल से डॉ.पराशर ने ऑपरेट किया था। उसके बाद से पेशाब करने वाली जगह सूजन आ जाती थी, जिसके लिए हमने बताया था कि यह एलर्जी हो सकती है। तीन दिन पहले डॉ.पराशर ने बच्चे के दोबारा नली लगाई थी। इसके बाद आज परिवार के लोग दोबारा आए और शोर मचाया। इसलिए हमने पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए कहा था। मामले की जांच कर रही पुलिस सिविल लाइन थाना सिरसा के एसएचओ जितेंद्र कुमार ने कहा कि बच्चे के पिता बलजीत सिंह की शिकायत के आधार पर डॉ.आशीष खुराना व डॉ.गौरव पराशर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है। जानिए क्या है हाइपोस्पेडियस बीमारी हाइपोस्पेडियस एक जन्मजात बीमारी है, जिसमें मूत्र मार्ग का द्वार लिंग के सिरे पर नहीं होता है। यह एक सामान्य चिकित्सा स्थिति है। बीमारी के कारण लिंग घुमावदार हो सकता है। लिंग की चमड़ी अविकसित हो सकती है। जिससे पेशाब निकलने में दिक्कत हो सकती है। ज्यादातर मामलों में हाइपोस्पेडियस को सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में IPS अफसर की जांच शुरू:SP बोलीं- यौन शोषण के आरोप पर 19 पुलिसकर्मियों के बयान लिए, शिकायत की बात सामने नहीं आई हरियाणा में IPS अफसर पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वायरल चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए DGP शत्रुजीत कपूर को जांच के आदेश दिए। इसके बाद फतेहाबाद की SP आस्था मोदी को जांच सौंपी गई। आस्था मोदी ने कहा है कि इस मामले में अभी तक 19 पुलिस कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस कर्मचारियों के शिकायत देने की बात अभी सामने नहीं आई है। यह षड्यंत्र है या नहीं, इसे लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच अभी चल रही है। दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखी 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन वाली चिट्ठी वायरल हुई थी। चिट्ठी में आरोप लगाया गया था कि IPS अफसर ने एक महिला पुलिस अधिकारी से मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाब बनाया। ऐसा नहीं करने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) खराब करने की धमकी तक दी। महिला पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में महिला DSP को भी बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि आगे बढ़ना है तो यह सब करना पड़ेगा। महिला पुलिसकर्मियों ने कहा है कि अगर उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगी। IPS अधिकारी बोले- मैंने खुद जांच के लिए पत्र लिखा
वहीं, आरोपों पर IPS अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि चिट्ठी में जिसके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी इन्क्वायरी के लिए रिक्वेस्ट की है। इन्क्वायरी होने के बाद सारी चीजें सामने आ जाएंगी। DGP को मामले से अवगत करवा दिया गया है। जो महिला पुलिसकर्मी ACR खराब होने का जिक्र कर रही हैं, वह खुद इन चिट्ठी को लेकर मना कर रही हैं। जब तक यह लेटर वेरीफाई नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। इसकी जांच जारी है। महिला पुलिसकर्मियों ने चिट्ठी में अफसर पर 5 बड़े आरोप लगाए 1. IPS ऑफिसर सुंदर महिलाओं पर नजर रखता है
मैं एक महिला पुलिसकर्मी हूं और अपना काम ईमानदारी से करती हूं। मेरे जिले में तैनात IPS अधिकारी सुंदर महिला पुलिस कर्मचारियों पर गंदी नजर रखते हैं। SP की पत्नी और बच्चे बाहर रहते हैं। एक दिन महिला थाने की SHO मुझे अपने साथ SP आवास ले गईं। उस वक्त कोठी पर गेट मैन के सिवा कोई नहीं था। सर और SHO मैडम ने कहा कि रसोई में जाकर चाय बना लाओ। जब मैं चाय बनाकर बाहर आई तो मैडम रूम में नहीं थी। जैसे ही मैं सर को चाय देने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे। इसका मैने विरोध किया और जबरन कमरे से बाहर आ गई। 2. महिला SHO-DSP ने कहा अफसरों को को-ऑपरेट करो
जब मैं कैंप ऑफिस के बाहर पहुंची तो मैंने देखा महिला SHO मैडम वहां बैठी थीं। मैंने मैडम को अंदर की बात बताई तो वह भड़क गईं और कहने लगी अफसरों को को-ऑपरेट करना पड़ता है। मैडम की यह बात सुन मैं रोते हुए SP आवास से बाहर निकल गई। फिर मैंने यह बात महिला DSP मैडम को बताई। DSP ने भी कहा कि प्रमोशन के लिए अफसरों को को-ऑपरेट करना पड़ता है। इसलिए, मेरी बात मानो तो थोड़ा को-ऑपरेट करो। इसके बाद देखो तुम्हारा प्रमोशन पक्का और उसके बाद तुम रुपयों में खेलोगी। यह बातें सुन मैं ऑफिस से बाहर चली गई। इसके बाद महिला थाने की SHO मेरे पीछे पड़ गई और मेरी ACR खराब करने की धमकियां देकर मानसिक रूप से टॉर्चर करने लगी। 3. प्रमोशन का लालच देकर गलत काम करवाते हैं
CM सर, मैं एक बेहद गरीब परिवार की लड़की हूं। आपकी भाजपा सरकार में मैं ईमानदारी से बिना किसी रुपयों के नौकरी लगी हूं। इसलिए, नहीं कि पिता और बड़े भाई के समान अफसर हमारा यौन शोषण करे। माना मैं गरीब हूं, लेकिन इज्जतदार परिवार से हूं। अगर अफसरों ने ऐसी हरकत बंद नहीं की तो मैं आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाउंगी। SP सर के इस घिनौने काम में DSP से लेकर SHO मैडम तक शामिल हैं, जो कर्मचारियों को प्रमोशन का लालच देकर ऐसे काम करवाने के लिए मजबूर करते हैं। 4. गिरोह काम कर रहा, अमीर घरों के लड़के फंसाते हैं
SHO के पुलिस अधिकारी के साथ नाजायज संबंध हैं और SHO ने एक गिरोह बनाया हुआ है, जिसमें कई युवतियां शामिल हैं। ये अमीर घर के लड़कों पर फर्जी केस दर्ज करवाते हैं और फिर लाखों रुपए लेकर समझौते करवाते हैं। इस खेल में SHO, DSP और SP तीनों मिलकर काम कर रहे हैं। इससे हर महीने करोड़ों की कमाई करते हैं। अगर आप इन पुलिस अधिकारियों की संपत्तियों की डिटेल निकालेंगे तो सब कुछ क्लियर हो जाएगा। 5. विधवा कॉन्स्टेबल को भी परेशान किया गया
एक विधवा कॉन्स्टेबल पर SP सर का दिल आया हुआ है। मेरी तरह इस कॉन्स्टेबल ने भी इनकार किया तो इसको भी मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा। इस बारे में विधायक को भी बताया। विधायक ने SP को कहा कि यह मेरी बहन है। तब SP ने कहा कि आपकी बहन मेरी बहन हुई, लेकिन उसके बावजूद SP सर ने उसकी ACR खराब कर दी। CM सर मैं अकेली ऐसी महिला नहीं हूं। SP सर की बुरी नजर है। जो सुंदर महिला पुलिसकर्मी SP को पसंद आती हैं, उसके बाद महिला DSP और SHO उन महिला कर्मचारियों को बहला फुसलाकर लालच देकर घिनौना काम करने को मजबूर करती हैं। अगर वह नहीं मानतीं तो उनकी ACR खराब करने की धमकी दी जाती है। इससे पहले SP सर जहां तैनात थे, वहां भी इनके कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे।
राव इंद्रजीत का खट्टर पर निशाना:बगैर नाम लिए बोले- हमारे परिश्रम में बाधा डालने की कोशिश की; जनता ने दिया जवाब, पार्टी संज्ञान ले
राव इंद्रजीत का खट्टर पर निशाना:बगैर नाम लिए बोले- हमारे परिश्रम में बाधा डालने की कोशिश की; जनता ने दिया जवाब, पार्टी संज्ञान ले हरियाणा की गुरुग्राम सीट से सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने एक बार फिर बगैर नाम लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ‘हमारे एक मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उनका नाम मैं नहीं लूंगा। उन्होंने 10 साल के अंदर जितना खराबा किया। हमें बांटने की कोशिश की। लड़ाने की कोशिश की। नए-नए नेता बनाने की कोशिश की। जो आज तक खुद नेता नहीं बन पाए थे। वह हमारे 40 साल के परिश्रम में बिघन (बाधा) डालने की कोशिश की। उन्हें जनता ने जवाब दिया है। भले ही पार्टी ने दिया या नहीं दिया हो। मैं समझता हूं पार्टी इस बात का संज्ञान अब जरूर लेगी।’ राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में 10 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों की जीत के बाद रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-मुझे लग रहा था कि आरती राव 15 हजार से अटेली जीत जाएगी। लेकिन आरती को हराने के लिए तमाम विरोधियों ने कोशिश की, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने दिन रात मेहनत कर उसे जिताने का काम किया। आरती ही नहीं, बल्कि कोसली में अनिल, बावल में डॉ. कृष्ण, गुरुग्राम में मुकेश शर्मा, नारनौल में ओमप्रकाश यादव सहित तमाम सीटों पर हमारे कार्यकर्ताओं पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की। यहीं कारण कि है कि हम अपनी ताकत दिखाने में कामयाब रहे। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मैं हमेशा इलाके के लोगों को संगठित होने की बात तो कहता था लेकिन इस बात को मुझे अब पता चला कि पूरे क्षेत्र में एक ही लहर चल गई। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश नई पीढ़ी को आगे लाने की रही। इसलिए मैंने ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को टिकट दिलाने का काम किया। जब मैं बावल में उम्मीदवार बदलवाना चाहता था तो कुछ हमारी ही पार्टी के नेता इसके पक्ष में नहीं थे। लेकिन मैंने पार्टी नेतृत्व को समझाया कि इन्हें गांव में भी घुसने नहीं देंगे। पार्टी ने टिकट बदलकर डॉ. कृष्ण कुमार को दिया और यहां की जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताने का काम किया। राव इंद्रजीत को सीएम बनाने के नारे लगे कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के दौरान ही राव इंद्रजीत सिंह को सीएम बनाने के नारे लगाए। ‘हरियाणा का सीएम कैसा हो राव इंद्रजीत सिंह जैसा हो’। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने कहा-‘पार्टी को भी इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई उसका ध्यान रखना चाहिए। हमारे इलाके के लोगों ने ही पहले दो बार सरकार बनाने में अहम रोल अदा किया। लेकिन इस बार तो कठिन परिस्थिति के बाद भी हमारे इलाके के लोगों ने एकजुट होकर साथ दिया। ऐसे में यहां की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। राव इंद्रजीत सिंह ने बगैर नाम लिए डॉ. अभय सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलाके की ज्यादातर सीट जीत गए। एक सीट हार भी गए तो कोई बात नहीं। लेकिन एहसान फरामोश जनता जवाब देती है। दरअसल, इस बार राज्यमंत्री डॉ. अभय सिंह नांगल चौधरी सीट से चुनाव हार गए।