हरियाणा के सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र में कहने को प्रदेश की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को जड़ मूल से समाप्त करने के दावे कर रही है, मगर सिरसा के सिंचाई विभाग में बाढ़ राहत के नाम पर करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च करने में बड़ा घोटाला आरटीआई से उजागर हुआ है। जिसकी शिकायत चंडीगढ़ मुख्यालय तक भेजे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे साफ जाहिर है कि घोटाला करने वालों के तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं, जो कि मुख्यालय तक की गई शिकायतों में जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है और दोषी को बचाया जा रहा है। ठेकेदारों के साथ मिलीभगत जानकारी के अनुसार बाढ़ राहत के नाम पर पिछले 6 वर्षों से फर्जी बिल बनाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। वर्ष 2019 से 2023 के दौरान घग्गर नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बहने वाली घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत करने व इलाके को बाढ़ के इंतजाम के नाम पर नहरी विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ कथित मिलीभगत करके सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई है। प्राप्त जानकारी में नहरी विभाग के अधिकारियों ने कुछ जानकारी जानबूझकर छुपाई है, लेकिन उनमें से कुछ जानकारी में करोड़ों रुपए के फर्जी लेनदेन का खुलासा हुआ है। विजिलेंस से लेकर सीएम तक शिकायत दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन से लेकर विभाग के मुख्यालय, स्टेट विजिलेंस व प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्राचार किया है। इन पत्राचारों के बाद विजिलेंस टीम ने दिखावा के तौर पर बयान दर्ज करवाए हैं, इसके बाद जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यह मामला सीएम विंडो में दर्ज करवाया गया है। जिसकी जांच जूनियर अधिकारियों द्वारा करवा कर मामले को रफा-दफा करवा दिया है। निर्माण के एक माह बाद टूटा साइफन वहीं दूसरे मामले में ओटू हैड पर करोड़ों रुपए की लागत से बनाए एक साइफन में भ्रष्टाचार फिर से उजागर हुआ है। यह साइफन निर्माण के 1 महीने बाद ही टूट गया है। जिसकी शिकायत करने के बाद भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ओटू हैड की खुदाई करके मिट्टी उठाने के मामले में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। शिकायत विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई, लेकिन इस बार भी मामला ठंडे बस्ते में समा गई है। ट्रैक्टर से हर साल खाली बैग सप्लाई ओटू हैड के तटबंधों को मजबूत करने में खुलासा हुआ है कि 2 वर्षों के दौरान एक वाहन ने पूरे सामान की सप्लाई की है, जो कि झज्जर का नकारा घोषित ट्रैक्टर है। इस ट्रैक्टर से हर साल खाली बैग की सप्लाई करवाई है। विभाग द्वारा कॉन्ट्रैक्ट किए ठेकेदार ने दो अलग-अलग फर्मों की कोटेशन भी दी है, जोकि फर्जीवाड़ा उजागर कर रही है। इसके अलावा कोई भी सामान खरीदने की रिपोर्ट नहीं है। इस बारे नहरी विभाग के अधीक्षक अभियंता पवन भारद्वाज ने कहा कि मामले की जांच जारी है, फिलहाल मामले को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। हरियाणा के सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र में कहने को प्रदेश की भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को जड़ मूल से समाप्त करने के दावे कर रही है, मगर सिरसा के सिंचाई विभाग में बाढ़ राहत के नाम पर करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च करने में बड़ा घोटाला आरटीआई से उजागर हुआ है। जिसकी शिकायत चंडीगढ़ मुख्यालय तक भेजे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे साफ जाहिर है कि घोटाला करने वालों के तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं, जो कि मुख्यालय तक की गई शिकायतों में जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है और दोषी को बचाया जा रहा है। ठेकेदारों के साथ मिलीभगत जानकारी के अनुसार बाढ़ राहत के नाम पर पिछले 6 वर्षों से फर्जी बिल बनाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। वर्ष 2019 से 2023 के दौरान घग्गर नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बहने वाली घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत करने व इलाके को बाढ़ के इंतजाम के नाम पर नहरी विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ कथित मिलीभगत करके सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई है। प्राप्त जानकारी में नहरी विभाग के अधिकारियों ने कुछ जानकारी जानबूझकर छुपाई है, लेकिन उनमें से कुछ जानकारी में करोड़ों रुपए के फर्जी लेनदेन का खुलासा हुआ है। विजिलेंस से लेकर सीएम तक शिकायत दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन से लेकर विभाग के मुख्यालय, स्टेट विजिलेंस व प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्राचार किया है। इन पत्राचारों के बाद विजिलेंस टीम ने दिखावा के तौर पर बयान दर्ज करवाए हैं, इसके बाद जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यह मामला सीएम विंडो में दर्ज करवाया गया है। जिसकी जांच जूनियर अधिकारियों द्वारा करवा कर मामले को रफा-दफा करवा दिया है। निर्माण के एक माह बाद टूटा साइफन वहीं दूसरे मामले में ओटू हैड पर करोड़ों रुपए की लागत से बनाए एक साइफन में भ्रष्टाचार फिर से उजागर हुआ है। यह साइफन निर्माण के 1 महीने बाद ही टूट गया है। जिसकी शिकायत करने के बाद भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ओटू हैड की खुदाई करके मिट्टी उठाने के मामले में भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। शिकायत विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई, लेकिन इस बार भी मामला ठंडे बस्ते में समा गई है। ट्रैक्टर से हर साल खाली बैग सप्लाई ओटू हैड के तटबंधों को मजबूत करने में खुलासा हुआ है कि 2 वर्षों के दौरान एक वाहन ने पूरे सामान की सप्लाई की है, जो कि झज्जर का नकारा घोषित ट्रैक्टर है। इस ट्रैक्टर से हर साल खाली बैग की सप्लाई करवाई है। विभाग द्वारा कॉन्ट्रैक्ट किए ठेकेदार ने दो अलग-अलग फर्मों की कोटेशन भी दी है, जोकि फर्जीवाड़ा उजागर कर रही है। इसके अलावा कोई भी सामान खरीदने की रिपोर्ट नहीं है। इस बारे नहरी विभाग के अधीक्षक अभियंता पवन भारद्वाज ने कहा कि मामले की जांच जारी है, फिलहाल मामले को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दीपक हुड्डा ने कहा कि मीटिंग से पहले ही 4-5 लोग बाहर खड़े हुए थे। ये मीटिंग में तू तड़ाक कर करके बात करने लगे। ये लोग नहीं चाहते कि हम विकास की बात करें। जब मैंने सभी विकास कार्यों का ब्योरा मांगा तो मान सिंह ने गलत बोलना शुरू कर दिया। इसके बाद कमरे से बाहर जाकर उन्होंने वीडियो बनाकर कहा कि जातिसूचक शब्द कहे गए। भाजपा हर जाति और नागरिक का सम्मान करती है। हम तो कामों की समीक्षा करेंगे, ये हमारा फर्ज है। अगर मैंने उनसे ब्योरा मांग लिया तो वे क्यों उठकर भागे। ये लोग प्रतिनिधि नहीं हैं। यहां बैठकर दादागीरी कर रहे हैं। मैंने फतेह सिंह को कहा कि इस आदमी को बाहर भेज दीजिए, ये लड़ाई कर रहा है। दीपक हुड्डा इन लोगों से दबने वाला नहीं है। ये लोग कब तक भागेंगे, मैं विकास को लेकर इनसे लगातार पूछूंगा। विधानसभा चुनाव में हारे से दीपक हुड्डा
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दरअसल, 11 नवंबर की सुबह करीब पौने 12 बजे रेवाड़ी के बावल कस्बा स्थित कटला बाजार में कोमल ज्वेलर्स पर 3 हथियारबंद बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों ने 50 ग्राम सोना, एक किलोग्राम चांदी के अलावा 30 हजार रुपए कैश लूट लिया था। बदमाशों ने 2 राउंड गोलियां भी चलाई थी, जिसमें एक गोली शोरूम मालिक प्रीतम सोनी के बेटे हरेंद्र को लग गई थी। लूट की वारदात के बाद बदमाश आसानी से फरार होने में कामयाब हो गए थे। चारों के थाना क्षेत्र से होकर गुजरे लुटेरे
SP की तरफ से जारी सस्पेंड ऑर्डर में साफ लिखा है कि इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों के दौरान अपराध को रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए 3 स्तरीय सीलिंग योजना पहले से ही लागू की गई है। ज्वेलर्स लूट के बाद सीलिंग योजना के अनुसार नाका लगाकर अपराधियों को पकड़ने के लिए सभी इकाइयों को लगभग 12.20 बजे एक वीटी फ्लैश की गई थी। जांच के अनुसार यह पाया गया है कि उपरोक्त लूट को अंजाम देने के बाद अपराधी चारों इंस्पेक्टर/ SHO के पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से गुजरते हुए बाइक पर भाग गए। यह दर्शाता है कि उन्होंने सीलिंग योजना के अनुसार समय पर नाका लगाकर अपराधियों को पकड़ने में घोर लापरवाही दिखाई। लूट केस में 2 आरोपी गिरफ्तार कर चुकी पुलिस
कोमल ज्वेलर्स लूट कांड में पुलिस 2 आरोपी वेदपाल और सचिन को गिरफ्तार कर चुकी है। वेदपाल गुरुग्राम के हाजीपुर पातली गांव का रहने वाला है, जबकि सचिन रोहतक के सूर्य नगर का रहने वाला है। वारदात का मास्टर माइंड वेदपाल था, जो मर्डर के मामले में जून 2023 में पैरोल पर छूटने के बाद वापस नहीं गया। उसे गुरुग्राम कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। लूट के इस केस में कुल 4 लोग शामिल थे, जिनमें 2 आरोपी अभी फरार हैं। 4 SHO को सस्पेंड करने के आदेश… ************* लूट की घटना से जुड़ी खबर पढ़ें… हरियाणा के ज्वेलरी शोरूम में दिनदहाड़े लूट:बदमाशों ने दुकानदार के बेटे को मारी गोली; कैश-आभूषण ले गए; ग्राहक से भी लूटपाट हरियाणा के रेवाड़ी में नकाबपोश बदमाशों ने दिनदहाड़े एक ज्वेलरी शोरूम पर लूट की। बदमाशों ने 3 राउंड फायर किए, जिनमें एक गोली शोरूम के मालिक के बेटे को लगी। इसके बाद बदमाश कैश के अलावा गहने लूट ले गए (पूरी खबर पढ़ें)