हरियाणा के जींद जिले में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। मनीषा रंधावा जजपा के समर्थन से चेयरपर्सन बनी थी। इसके बाद विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हो गई थी। अब चेयरपर्सन के खिलाफ 13 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग होनी थी, लेकिन उससे पहले ही मनीषा रंधावा ने कुर्सी बचाने की ख़ातिर भाजपा में एंट्री मारी है। 18 पार्षदों ने डीसी को सौंपे थे शपथ पत्र जिले में चेयरपर्सन सहित जिला परिषद में कुल 25 पार्षद हैं। दो दिसंबर को जिला परिषद वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला सहित 18 जिला पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिलकर चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र सौंपे थे। इसके बाद डीसी ने 13 दिसंबर अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग की निर्धारित कर दी थी। चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए विरोधी खेमे को दो तिहाई यानि 25 में से 17 पार्षदों का बहुमत जरूरी है। एक वोट से पार्षद कविता को हराया वहीं चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचाने के लिए खुद के वोट सहित 9 पार्षदों का बहुमत चाहिए। मनीषा रंधावा जजपा के समर्थन से भाजपा समर्थित प्रत्याशी जिला पार्षद कविता देवी को एक वोट से हराकर चेयरपर्सन बनी थी। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया था। मनीषा रंधावा ने भी जजपा को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। विस चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई। इसके चलते जिला परिषद की प्रधानी जाने का खतरा मंडरा रहा है। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और चेयरपर्सन मनीषा के साथ सात पार्षद (स्वयं सहित) और विरोधी खेमें में 18 जिला पार्षद हैं। हरियाणा के जींद जिले में जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। मनीषा रंधावा जजपा के समर्थन से चेयरपर्सन बनी थी। इसके बाद विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हो गई थी। अब चेयरपर्सन के खिलाफ 13 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग होनी थी, लेकिन उससे पहले ही मनीषा रंधावा ने कुर्सी बचाने की ख़ातिर भाजपा में एंट्री मारी है। 18 पार्षदों ने डीसी को सौंपे थे शपथ पत्र जिले में चेयरपर्सन सहित जिला परिषद में कुल 25 पार्षद हैं। दो दिसंबर को जिला परिषद वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला सहित 18 जिला पार्षदों ने डीसी मोहम्मद इमरान रजा से मिलकर चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए शपथ पत्र सौंपे थे। इसके बाद डीसी ने 13 दिसंबर अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग की निर्धारित कर दी थी। चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए विरोधी खेमे को दो तिहाई यानि 25 में से 17 पार्षदों का बहुमत जरूरी है। एक वोट से पार्षद कविता को हराया वहीं चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचाने के लिए खुद के वोट सहित 9 पार्षदों का बहुमत चाहिए। मनीषा रंधावा जजपा के समर्थन से भाजपा समर्थित प्रत्याशी जिला पार्षद कविता देवी को एक वोट से हराकर चेयरपर्सन बनी थी। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया था। मनीषा रंधावा ने भी जजपा को अलविदा कह कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। विस चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई। इसके चलते जिला परिषद की प्रधानी जाने का खतरा मंडरा रहा है। अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और चेयरपर्सन मनीषा के साथ सात पार्षद (स्वयं सहित) और विरोधी खेमें में 18 जिला पार्षद हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में कांग्रेस केवल 2 सीटें हार रही:इंटरनल रिपोर्ट में दावा; ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वोट मिले, किसानों की BJP से नाराजगी काम आई
हरियाणा में कांग्रेस केवल 2 सीटें हार रही:इंटरनल रिपोर्ट में दावा; ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वोट मिले, किसानों की BJP से नाराजगी काम आई हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा के बाद अब कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली आई है। अब तक के मंथन में 4 सीटों पर पार्टी जीत मान रही है। वहीं, 3 लोकसभा सीटों पर टक्कर कड़ी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि 2 सीटों पर कांग्रेस हारने वाली है। इसके साथ ही AAP के साथ गठबंधन वाली कुरुक्षेत्र सीट की रिपोर्ट अच्छी मानी जा रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां भाजपा, इंडी गठबंधन और INLD में त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा ने यहां से उद्योगपति नवीन जिंदल, AAP-कांग्रेस ने डॉ. सुशील गुप्ता और इनेलो ने अभय सिंह चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। हुड्डा भी ले चुके MLA से फीडबैक
हरियाणा कांग्रेस और दिल्ली में पार्टी के नेताओं के मंथन से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पार्टी के विधायकों से सभी 10 लोकसभा सीटों का फीडबैक ले चुके हैं। हालांकि, पार्टी के 30 विधायकों ने गठबंधन सहित सभी 10 सीटों पर कड़ी टक्कर बताई है। विधायकों ने यह भी फीडबैक दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से शहरों के मुकाबले कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिली है। इसे उन्होंने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अच्छा संकेत बताया है। विधायकों से फीडबैक लेने के बाद पूर्व CM हुड्डा कह चुके हैं कि हरियाणा में गठबंधन सभी 10 सीटें जीत रहा है। जीतने वाली 4 सीटों की इंटरनल रिपोर्ट में क्या है… रोहतक : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दिया। इस लोकसभा चुनाव में यहां 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के मुकाबले 4.83% कम है। कांग्रेस की रिपोर्ट में इस सीट को सबसे अच्छे अंक मिले हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में इस सीट पर जाटों और किसानों के विरोध का भाजपा को नुकसान होने की बात कही गई है। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा 3 बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में मोदी लहर के बाद भी दीपेंद्र यहां से चुनाव जीत गए थे। इस बार अन्य सीटों की अपेक्षा कांग्रेस इस सीट को लेकर ज्यादा एक्टिव रही। सिरसा : अन्य सीटों की तरह सिरसा सीट पर 2019 के मुकाबले 6.21% कम वोटिंग हुई। सिरसा में कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को मैदान में उतारा है। कुमारी सैलजा यहां से पहले भी 2 बार सांसद रह चुकी हैं। इस सीट से उनके मजबूत होने की एक वजह यह बताई गई है कि उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह सिरसा में कांग्रेस के बड़े नेता थे। कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में किसानों और जाटों ने एकजुट होकर पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोटिंग करने की बात कही गई है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि भाजपा के उम्मीदवार अशोक तंवर का पार्टी बदलने को लेकर यहां के लोगों ने काफी विरोध किया। इसके अलावा किसानों का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा। सोनीपत : यहां से कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया, जबकि भाजपा ने सीटिंग MP रमेश चंद्र कौशिक का टिकट काटकर विधायक मोहन लाल बड़ौली को उम्मीदवार बनाया। सतपाल ब्रह्मचारी सन्यासी हैं और हरिद्वार में उनके आश्रम हैं। मूलतः वह जींद के गांगोली गांव के रहने वाले हैं। इसका इन्हें चुनाव में फायदा मिला है। इनके पक्ष में यह भी रहा कि जींद जिले से पहली बार किसी बड़े दल ने अपना उम्मीदवार चुना है। जींद की 3 विधानसभाओं से उन्हें अच्छी लीड मिली है। रिपोर्ट में इसका जिक्र है। यह सीट जाट बाहुल्य है और जाट पहले से ही भाजपा का विरोध कर रहे थे। इसके अलावा यहां भाजपा को भीतरघात का भी नुकसान उठाना पड़ेगा। भिवानी-महेंद्रगढ़ : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में इस सीट को विनिंग लिस्ट में रखा गया है। यहां से कांग्रेस ने विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि, भाजपा ने यहां से सीटिंग सांसद धर्मबीर सिंह को टिकट दी है। 15 सालों में इस सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है। कांग्रेस इसे पॉजिटिव लेकर चल रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार की विधानसभा में सबसे अधिक मतदान हुआ है। जबकि, नांगल चौधरी में सरकार में राज्य मंत्री डॉ.अभय सिंह भाजपा विधायक हैं। यहां सबसे कम वोटिंग हुई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़े वोटिंग प्रतिशत की रिपोर्ट कांग्रेस के पक्ष में बताई गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हार को देखते हुए भाजपा कैंडिडेट घर बैठ गए थे। उन्होंने अपने पास चुनाव के लिए पैसा न होने की बात चुनाव प्रबंधन समिति तक को बता दी थी। इन 2 सीटों पर हार की रिपोर्ट… करनाल : कांग्रेस की इंटरनल रिपोर्ट में करनाल को हार की लिस्ट में डाला गया है। इसकी वजह बताई गई है कि यहां से भाजपा ने सबसे मजबूत कैंडिडेट मनोहर लाल खट्टर को उम्मीदवार बनाया है। इनके मुकाबले कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा नया चेहरा थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यदि यहां से पार्टी किसी अन्य चेहरे को उम्मीदवार बनाती तो भाजपा से टक्कर की स्थिति बन सकती थी। यह भी बताया गया कि इस सीट पर भाजपा का जीत का मार्जिन 2 लाख से अधिक का होगा। गुरुग्राम : भाजपा ने यहां से 5 बार सांसद रह चुके राव इंद्रजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से फिल्म अभिनेता राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। राव इंद्रजीत का केंद्र सरकार में मंत्री रहना उनके पक्ष में रहा। इसके अलावा वह लोगों के बीच काफी सक्रिय रहने वाले नेता हैं। इनके मुकाबले राज बब्बर गुरुग्राम के लिए नया चेहरा रहे। पार्टी नेताओं का भी प्रचार के लिए साथ नहीं मिल पाया। इसके अलावा पार्टी के किसी भी बड़े नेता की उनके पक्ष में रैली नहीं हुई। इसका नुकसान पार्टी को हो रहा है। यही वजह है कि इस सीट को कांग्रेस ने हार की लिस्ट में डाला है। अंबाला, हिसार और फरीदाबाद में कड़ी टक्कर
रिपोर्ट में 3 सीटों पर कड़ी टक्कर दिखाई गई है। इन सीटों में अंबाला, हिसार और फरीदाबाद को शामिल किया गया है। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम रतन कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया भाजपा उम्मीदवार हैं। उन्हें वरुण मुलाना कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा का ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध रहा। वहीं, हिसार में कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी की रिपोर्ट अच्छी नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया है कि INLD और JJP के इस सीट पर मजबूत आधार के कारण कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही पार्टी उम्मीदवार का चुनाव प्रचार काफी कमजोर रहा। फिर BJP से रणजीत चौटाला यहां से मैदान में हैं तो जेपी की राह मुश्किल हो चली है। उधर, फरीदाबाद सीट की भी यही रिपोर्ट है। यहां से भाजपा ने मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस से महेंद्र प्रताप सिंह लड़ रहे हैं। भाजपा के मुकाबले यहां से पार्टी प्रत्याशी काफी कमजोर रहा। हालांकि, उनकी साफ छवि का फायदा चुनाव में मिलेगा।
रेवाड़ी में तहसील परिसर के पीछे लगी आग:वाहनों और अन्य सामान से उठा धुआं, रखवाली के तैनात दो पुलिसकर्मी, दमकल ने पाया काबू
रेवाड़ी में तहसील परिसर के पीछे लगी आग:वाहनों और अन्य सामान से उठा धुआं, रखवाली के तैनात दो पुलिसकर्मी, दमकल ने पाया काबू हरियाणा के रेवाड़ी शहर में तहसील परिसर के पीछे रखे सरकारी सामान (कबाड़) में शुक्रवार की दोपहर अचानक आग लग गई। काफी दूर तक धुंआ फैलने के बाद आग लगने का पता चला। इसके बाद तुरंत दमकल विभाग को कॉल की गई। सूचना के बाद दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया। बता दें कि, शहर के गढ़ी बोलनी रोड स्थित तहसील परिसर के पीछे काफी जमीन खाली पड़ी हुई है। इस जमीन पर कबाड़ बन चुके सालों पुराने व्हीकल और अन्य सामान रखा हुआ है। इससे जुड़ा मामला कोर्ट में विचारधीन होने के कारण एक कबाड़ की रखवाली के लिए दो पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगी हुई है। शुक्रवार की दोपहर अचानक कबाड़ से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया। तहसील में बने मकानों से पानी की बौछार इसके बाद तुरंत दमकल विभाग को सूचित किया गया। इतना ही नहीं तहसील के आसपास बने मकानों से पाइप के जरिए पानी की बौछार की गई। कुछ देर बाद दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंच गई। दमकल कर्मचारियों ने आग पर समय रहते काबू पा लिया, वरना आग की चपेट में तहसील परिसर की अन्य बिल्डिंग भी आ सकती है। जिस जगह पर आग लगी वहां कबाड़ बन चुके स्कूटर, साईकिल व अन्य सामान रखा हुआ था।
हरियाणा चुनाव में नामांकन वापसी का अंतिम दिन:नाराज नेताओं को मनाने में जुटे, कांग्रेस को 12, भाजपा को 6 नाम वापसी की उम्मीद
हरियाणा चुनाव में नामांकन वापसी का अंतिम दिन:नाराज नेताओं को मनाने में जुटे, कांग्रेस को 12, भाजपा को 6 नाम वापसी की उम्मीद हरियाणा विधानसभा चुनाव में नामांकन वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस बागियों को मनाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को न सिर्फ बागियों को पार्टी में वापस लाने बल्कि उनसे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए कहने का कठिन काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लिए हरियाणा भर में अभियान चलाया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने भी बागियों से संपर्क साधा। माना जा रहा है कि उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है, हालांकि अधिकांश बागी आज भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सलाह-मशविरा करेंगे। रूठों को मनाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस में क्या चल रहा है… CM सैनी 3 नेताओं को मनाएंगे 1. सैनी का पहला पड़ाव महेंद्रगढ़ के बागी और वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के निवास पर था, हालांकि शर्मा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन वापस ले लेंगे। 2. मुख्यमंत्री ने नारनौल नगर परिषद की पूर्व प्रधान एवं भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भारती सैनी से भी मुलाकात की। बैठक के बाद भारती ने कहा कि नाम वापसी पर फैसला लेने के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक होगी, हालांकि बातचीत “बहुत सकारात्मक” रही। 3. सोनीपत के बागी और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन को भी संदेश मिला है कि सीएम उनके आवास पर आएंगे। राज्य पार्टी प्रमुख मोहन लाल बडोली सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही उनसे “समझौते” के लिए संपर्क किया है। बिप्लब देब 3 नेताओं से मिलेंगे पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देव रणधीर कापड़ीवास (रेवाड़ी), संतोष यादव (अटेली) और शशि रंजन परमार (तोशाम) से मिलने वाले थे। तीनों नेताओं को फोन कॉल आए, जिसमें उनसे नामांकन वापस लेने का आग्रह किया गया। यादव ने कहा, “मैं इस बार विधानसभा नहीं जाऊंगा, लेकिन तय करूंगा कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है। मुझे बिप्लब देब का फोन आया था। कांग्रेस को 12 नाम वापसी की उम्मीद कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है और हुड्डा पिता-पुत्र की जोड़ी लगातार बागियों के संपर्क में है। हुड्डा ने कहा, “हमारे अधिकांश नेता पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में नाम वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं,” जबकि दीपेंद्र ने कहा कि कल कम से कम 12 नेताओं के नाम वापस लेने की संभावना है। कांग्रेस में इन नामों की वापसी की उम्मीद सूत्रों ने बताया कि नलवा से वरिष्ठ नेता संपत सिंह, हांसी से प्रेम सिंह मलिक और अंबाला से जसबीर मलोर के हटने की संभावना है, जबकि कुछ अन्य के साथ बातचीत अभी भी जारी है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विद्रोहियों के पास कल तक का समय है। उन्हें वापस जाने के लिए मनाने के लिए हमारे पास अभी भी सुबह है।” 3 बजे तक का ही टाइम हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि उम्मीदवार कल दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “नाम वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद, हम उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित करेंगे।”