जम्मू में तैनात सेना के एक जवान पर सिरसा में एक युवती से रेप करने का आरोप लगा है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़ित युवती दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली है। 23 वर्षीय युवती ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वर्ष 2021 में उसकी मुलाकात फतेहाबाद निवासी कुलदीप बेनीवाल से हुई थी। कुलदीप भारतीय सेना में नौकरी करता है। पीड़िता का कहना है कि उसकी कुलदीप से अच्छी दोस्ती हो गई। वह उससे मिलने दिल्ली आया करता था। कुलदीप ने उसके साथ शादी करने का वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने लगा। शादी का झांसा देकर बनाता रहा शारीरिक संबंध पीड़िता का कहना है कि कुछ दिन पहले वह सिरसा आई हुई थी। कुलदीप भी सिरसा आ गया। कुलदीप ने उसे रेलवे पुल के नीचे बुलाया और यहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता का कहना है कि उसने कुलदीप से शादी का वादा निभाने को कहा तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता को अहसास हुआ कि कुलदीप ने शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसके बाद उसने पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कुलदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जम्मू में तैनात सेना के एक जवान पर सिरसा में एक युवती से रेप करने का आरोप लगा है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़ित युवती दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली है। 23 वर्षीय युवती ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वर्ष 2021 में उसकी मुलाकात फतेहाबाद निवासी कुलदीप बेनीवाल से हुई थी। कुलदीप भारतीय सेना में नौकरी करता है। पीड़िता का कहना है कि उसकी कुलदीप से अच्छी दोस्ती हो गई। वह उससे मिलने दिल्ली आया करता था। कुलदीप ने उसके साथ शादी करने का वादा किया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने लगा। शादी का झांसा देकर बनाता रहा शारीरिक संबंध पीड़िता का कहना है कि कुछ दिन पहले वह सिरसा आई हुई थी। कुलदीप भी सिरसा आ गया। कुलदीप ने उसे रेलवे पुल के नीचे बुलाया और यहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता का कहना है कि उसने कुलदीप से शादी का वादा निभाने को कहा तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता को अहसास हुआ कि कुलदीप ने शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसके बाद उसने पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कुलदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा भर में निकलेंगी पूर्व CM की कलश यात्रा:22 जिलों के पानी में विसर्जित होंगी अस्थियां; पुष्कर, आनंदपुर साहिब, प्रयागराज भी जाएंगी हरियाणा प्रदेश के पांच बार मुख्यमंत्री रहे एवं इनेलो सुप्रीमो स्वर्गीय ओमप्रकाश चौटाला का अंतिम संस्कार शनिवार को तेजाखेड़ा फार्म पर किया गया। सोमवार को उनके पोत्र कर्ण चौटाला और अर्जुन चौटाला ने हरिद्वार जाकर रस्मों के अनुसार पूजा पाठ करवाया और पवित्र गंगा नदी में उनकी अस्थियां विसर्जित की गई। उनकी तेरहवीं पर 31 दिसंबर को गांव चौटाला में चौ. साहबराम स्टेडियम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। INLD प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने बताया कि प्रदेश के लोग जो किन्हीं कारणों से चौटाला साहब के अंतिम संस्कार पर नहीं पहुंच पाए थे उनकी भावनाओं को देखते हुए सभी 22 जिलों में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी ताकि लोग चौटाला साहब को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। हर जिले के लिए अलग अस्थि कलश सभी 22 जिलों के लिए 22 कलश तैयार किए गए हैं, जिनमें चौटाला साहब की अस्थियां होंगी जिसे सभी 22 जिलों में पानी में विसर्जित किया जाएगा। यह कलश यात्रा 27 दिसंबर को फतेहाबाद से शुरू होगी और हिसार, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़ (नारनौल) होते हुए रेवाड़ी पहुंचेगी। 28 दिसंबर को गुरुग्राम से शुरू होगी और फरीदाबाद, पलवल, मेवात, झज्जर, रोहतक होते हुए सोनीपत पहुंचेगी। 29 दिसंबर को पानीपत से शुरू होगी और जींद, कैथल, करनाल, यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला होते हुए कुरुक्षेत्र पहुंचेगी। राजस्थान, पंजाब और यूपी के तीर्थ स्थानों पर भी जाएंगे कलश पार्टी अध्यक्ष ने बताया कि स्वर्गीय चौटाला हरियाणा के ही नहीं बल्कि राजस्थान और पंजाब समेत यूपी के किसानों से जुड़े रहे थे, जिसके कारण वहां के किसानों ने इच्छा जाहिर की है कि उनकी अस्थियां राजस्थान, पंजाब और यूपी के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर ले जाकर पानी में विसर्जित की जाए। 31 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा के बाद पुष्कर, आनंदपुर साहिब और प्रयागराज में स्वर्गीय चौ. ओमप्रकाश चौटाला की अस्थियां पानी में विसर्जित की जाएंगी। इसके लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इस कलश यात्रा में उनके साथ अदित्य देवीलाल, कर्ण चौटाला और अर्जुन चौटाला साथ रहेंगे। यहां देखिए अस्थि कलश यात्रा का शेड्यूल…
हरियाणा में बच्चे के सिर से रॉड निकालने की कहानी:डॉक्टर बोले- 10 सेंटीमीटर तक घुसी, हर पल जान जाने का खतरा था
हरियाणा में बच्चे के सिर से रॉड निकालने की कहानी:डॉक्टर बोले- 10 सेंटीमीटर तक घुसी, हर पल जान जाने का खतरा था हरियाणा के रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस PGI में पहली बार किसी बच्चे के सिर में घुसी लोहे की रॉड को सफलतापूर्वक निकाला गया। रॉड 8-10 सेंटीमीटर तक सिर के अंदर घुस चुकी थी। डॉक्टरों की 4 घंटे की मेहनत से बच्चे की जान बच गई। मेवात से PGI पहुंचे परिवार के मुताबिक उनका 14 वर्षीय बेटा नौशाद गिर गया था। जहां उसके सिर में रॉड घुस गई। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि किसी ने नौशाद के सिर में रॉड घुसाई है। 9 नवंबर को नौशाद को PGI में भर्ती कराया गया था। तब वह बेहोशी की हालत में था। उसे देखकर डॉक्टरों को भी लगा कि शायद उसकी जान नहीं बच पाएगी। रॉड घुसने की वजह से उसे पैरालिसिस और आवाज जाने का खतरा था। कड़ी मेहनत के बाद डॉक्टरों ने नौशाद के सिर से रॉड निकाल दी। अब वह न सिर्फ अपने दम पर चल पा रहा है, बल्कि बोल और खुद खाना भी खा रहा है। नौशाद की जान बचाने वाली डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉक्टर गोपाल कृष्ण से दैनिक भास्कर ने बातचीत कर ऑपरेशन के दौरान आई चुनौतियों के बारे में जाना। पढ़िए पूरी बातचीत… सवाल : बच्वा किस हालत में था?
डॉ. गोपाल : 14 वर्षीय बच्चा 9 नवंबर को हमारे पास आया था। बच्चा जब आया था, तब वह बेहोशी की हालत में था। बच्चे के सिर में एक रॉड घुसी हुई थी। मरीज की हालत बहुत गंभीर थी। देखने के बाद ऐसा लगा कि मरीज बच नहीं पाएगा। फिर भी उसका इलाज करना बहुत जरूरी था। हमारी PGIMS की इमरजेंसी टीम तुरंत सक्रिय हो गई। हमारी टीम ने जल्द से जल्द मरीज को ऑपरेशन के लिए शिफ्ट किया। सवाल :बच्चे की जान कैसे बचाई और क्या-क्या कदम उठाए?
डॉ. गोपाल : सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि जो रॉड सिर में लगी हुई है, वह रॉड कोई मूवमेंट न करे। अगर रॉड हिलेगी तो दिमाग के अंदर और भी डैमेज करेगी। रॉड में जंग भी लगा हुआ था। इसलिए यह भी अंदेशा था कि मरीज के दिमाग में जंग भी चली गई होगी, इंफेक्शन भी हो सकता है। पैरालिसिस का भी खतरा था। सवाल : कितना समय ऑपरेशन में लगा?
डॉ. गोपाल : इस ऑपरेशन में करीब 4 घंटे का समय लगा। जब मरीज ट्रामा सेंटर में आया तो सबसे पहले इमरजेंसी टीम ने संभाला। प्राथमिक उपचार किया और स्टेबलाइज किया। इसके बाद न्यूरो सर्जरी टीम को सूचना दी। न्यूरो सर्जरी टीम ने फटाफट मरीज को देखा और उसका सीटी स्कैन कराया। इसके बाद मुझे बताया। हमने बिना देरी किए ऑपरेशन का फैसला लिया। रॉड करीब 8-10 सेंटीमीटर तक ब्रेन के अंदर घुसी हुई थी। यह लेफ्ट पार्ट ऑफ फ्रंटल एरिया में थी। यह ऑब्लिक डारेक्शन में थी और काफी हिस्सों को डैमेज करते हुए अंदर चली गई थी। सवाल : जब ऑपरेशन कर रहे थे तो दिमाग में क्या चल रहा था?
डॉ. गोपाल : जब हमने ऑपरेशन के लिए मरीज को लिया था, तब हमें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मरीज इतना स्वस्थ होगा। ऑपरेशन करने के समय हमें बिल्कुल केयरफुल रहना पड़ा। रॉड अंदर घुसी हुई थी और मरीज को बेहोश भी करना था। उस दौरान जरा भी रॉड में मूवमेंट आती है तो वह ब्रेन को डैमेज करते हुए जाती। इस केस में बोन फ्रैक्चर थी। रॉड के आसपास का बोन हटाकर आसपास का सारा एरिया फ्री करने के बाद रॉड निकाली। सवाल : इस तरह के केस में देखने में आया है कि मरीज बहुत देरी से रिकवर करता है। इस बच्चे में क्या स्थिति है?
डॉ. गोपाल : इस तरह के केस में मरीज काफी देर से रिकवर करते हैं या फिर मरीज बच नहीं पाते। दूसरी प्रॉब्लम यह रहती है कि मरीज को इंफेक्शन हो जाता है, क्योंकि आयरन पार्टिकल जो ब्रेन में जमा हो जाते हैं, वह रस्टिड फॉम में होते हैं और यह ब्रेन के लिए बहुत ही घातक हैं। सवाल : मरीज के परिजनों का कितना साथ मिला?
डॉ. गोपाल : हमें मरीज के परिजनों का पूरा सपोर्ट मिला। पेरेंट्स काफी घबराए हुए थे। जब अस्पताल आए तो उन्हें भी यह लग रहा था कि हमारा बच्चा सर्वाइव नहीं कर पाएगा। हमें भी यह लग रहा है कि यह चमत्कार है। नतीजा हमने देखा तो लगा कि हमारा निर्णय बिल्कुल अच्छा था। पेरेंट्स ने किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया। सवाल : इस तरह का पहले भी कोई ऑपरेशन किया है?
डॉ. गोपाल : मैं PGIMS रोहतक में पिछले 8 साल से कार्यरत हूं। ऐसा ऑपरेशन हमने यहां पर पहले नहीं किया। ऐसा ऑपरेशन मैंने पहली बार किया है। रोहतक PGI में इस तरह का केस ही पहली बार आया है। सवाल : मरीज की कब तक पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद है?
डॉ. गोपाल : मरीज अभी काफी रिकवर कर चुका है। वह इतना हेल्दी हो चुका है कि उसने चलना फिरना स्टार्ट कर दिया है। हमें लगता है कि मरीज एक-दो हफ्ते में पहले की तरह हो स्वस्थ हो जाएगा। सवाल : इस तरह की घटनाओं को लेकर दूसरों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
डॉ. गोपाल : ऐसी घटनाएं अगर होती हैं तो मेरी सलाह यह होगी कि जहां भी मस्तिष्क के अंदर रॉड चली गई हो, उस रॉड को निकालने की कोशिश न करें। दूसरी चीज, रॉड को सहारे से, हाथ से, मरीज को ट्रांसपोर्ट सिस्टम की मदद ली जाए। पैरा-क्लीनिकल स्टाफ व अस्पताल स्टाफ से भी मदद की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। आम आदमी आसपास की चीजें, जिससे मरीज को और इंजरी हो सकती है, रॉड और भी अंदर जा सकती है, ऐसी चीजों से हमें मरीज को बचाना है। पैनिक न करें और जितना जल्द से जल्द अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र में रिपोर्ट करें और वहां के डॉक्टर से इलाज स्टार्ट करवाएं।
हिसार के निजी अस्पताल में मरीज को बंधक बना पीटा:लीवर की बीमारी के इलाज के लिए दाखिल है; डॉक्टर सहित 5 पर FIR
हिसार के निजी अस्पताल में मरीज को बंधक बना पीटा:लीवर की बीमारी के इलाज के लिए दाखिल है; डॉक्टर सहित 5 पर FIR हरियाणा के हिसार में राजगढ़ रोड स्थित सपरा अस्पताल में मरीज को बंधन बनाकर बुरी तरह पीटा और जान से मारने की धमकी दी है। मरीज अस्पताल के ICU में 18 जून से एडमिट था। मरीज के बेटे कैथल निवासी दर्शन ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने इस मामले में सपरा अस्पताल के डॉक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मी सहित दो लोगों सिरसा के गांव जोगीवाला निवासी नवीन कुमार और चुरू में राजगढ़ के रहने वाले सोनू के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं अस्पताल के ICU में मारपीट की घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए संबंधित स्टाफ को सस्पेंड कर दिया है। यह था मामला सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में मरीज के बेटे दर्शन गांव कलासर तहसील कलायत जिला कैथल निवासी ने बताया कि 18 जून को मेरे पिता को लीवर की बिमारी के इलाज के सपरा अस्पताल हिसार में मेरे चचेरे भाई अशोक ने दाखिल करवाया था। यहां पर ICU में पिता की लीवर की बीमारी का इलाज चल रहा था। पिता की रात्रि की निगरानी के लिए चचेरे भाई सुमित को छोड़ा गया था। आज सुबह करीब 3 से साढ़े 4 बजे पिता को अस्पताल के स्टाफ ने बंधक बनाकर मारपीट की व किसी को बतलाने पर जान से मारने की धमकी दी। सिरसा के गांव जोगीवाला निवासी नवीन कुमार और राजस्थान के जिला चुरू के राजगढ़ में वार्ड नंबर 12 निवासी सोनू कुमार , अस्पताल का एक डॉक्टर, एक नर्स व एक सुरक्षाकर्मी ने इस घटना को अंजाम दिया। अस्पताल प्रबंधन ने की कार्रवाई अस्पताल के संचालक डा. तरूण सपड़ा बताया कि मामले की जानकारी मिली है। स्टाफ को हमने सस्पेंड कर दिया है। मरीज अभी बेहोश है और वह अस्पताल में है। पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। जिसने मरीज से मारपीट की है पुलिस इस मामले में उनसे निपटेगी। हमने अपनी तरफ से कार्रवाई कर दी है। मरीज के परिजनों को हमने कोई शिकायत नहीं है।