<p style=”text-align: justify;”><strong>Serohi News:</strong> राजस्थान के जावाल नगर पालिका के बहुचर्चित फर्जी पट्टा मामले में एक और आरोपी को धर दबोचा है. सिरोही पुलिस ने ई-मित्र संचालक किशन सुथार को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, यह आरोपी फर्जी पट्टे के मामले का मुख्य सरगना बताया जा रहा है. अभी तक इस मामले में तीन आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस जांच में कई राज खुलने की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सिरोही पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देश पर पूरे मामले की जांच सिरोही उप अधीक्षक मुकेश चौधरी और उनकी टीम द्वारा की जा रही है. इसी के तहत फर्जी पट्टे बनाने वाली टीम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जावाल के एक ई-मित्र से जुड़े दो लोग और नगर पालिका में संविदा पर लगे एक कार्मिक ने नगर पालिका में न आवेदन किया और न ही पालिका में राशि जमा करवाई. इसके बावजूद लोगों को आवासीय भूखंडों के पट्टे बनाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर पालिका के तत्कालीन ईओ महेंद्र राजपुरोहित के फर्जी साइन और नगर पालिका की स्टाम्प लगाकर पट्टे बनाने पर ईओ ने थाने में फर्जी पट्टे होने का मामला दर्ज करवाया था. इस पर सिरोही उप अधीक्षक मुकेश चौधरी को जांच सौंपनें पर फर्जी पट्टों को कब्जे में लिया और जिनके नाम से बने, उनसे पूछताछ की गई. इस दौरान साइन का लैब टेस्ट करवाया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>FSL रिपोर्ट से हुआ खुलासा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फॉरेंसिंक रिपोर्ट में साइन झूठे पाए जाने पर पुलिस ने पहले एक आरोपी को गिरफ्तार किया और बाद में एक आरोपी किशन सुथार को पकड़ा और आज तीसरे आरोपी जितेंद्र मेघवाल को भी धर दबोचा है. इन तीनों पर फर्जी पट्टे बनाने का गंभीर आरोप है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फर्जी पट्टों के आधार पर इसकी रजिस्ट्री भी हो गई थी. बाद में नगर पालिका की शिकायत पर रजिस्ट्री केंसल की गई. लेकिन फर्जी कूट रचित दस्तावेज से रजिस्ट्री करवाने वालों के विरुद्ध सिरोही एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो आश्चर्यजनक है.<br /> <br /><strong>हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी किशन सुथार ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन पेश किया था, लेकिन हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया. इसके चलते उसकी गिरफ्तारी हुई. आरोपी को एक दिन के लिए पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे मामले में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक पहले हुआ था जबकि दो गिरफ्तार किये हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. उसके बाद ओर खुलासे हों सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिपोर्ट : तुषार पुरोहित सिरोही</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”अशोक गहलोत की सरकार में लिए एक और फैसले को पलटेंगे CM भजनलाल शर्मा? समिति गठित” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bhajan-lal-sharma-rajasthan-bjp-govt-now-going-to-review-mahatma-gandhi-english-medium-schools-ashok-gehlot-congress-ann-2855712″ target=”_self”>अशोक गहलोत की सरकार में लिए एक और फैसले को पलटेंगे CM भजनलाल शर्मा? समिति गठित</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Serohi News:</strong> राजस्थान के जावाल नगर पालिका के बहुचर्चित फर्जी पट्टा मामले में एक और आरोपी को धर दबोचा है. सिरोही पुलिस ने ई-मित्र संचालक किशन सुथार को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, यह आरोपी फर्जी पट्टे के मामले का मुख्य सरगना बताया जा रहा है. अभी तक इस मामले में तीन आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस जांच में कई राज खुलने की संभावना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सिरोही पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देश पर पूरे मामले की जांच सिरोही उप अधीक्षक मुकेश चौधरी और उनकी टीम द्वारा की जा रही है. इसी के तहत फर्जी पट्टे बनाने वाली टीम के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जावाल के एक ई-मित्र से जुड़े दो लोग और नगर पालिका में संविदा पर लगे एक कार्मिक ने नगर पालिका में न आवेदन किया और न ही पालिका में राशि जमा करवाई. इसके बावजूद लोगों को आवासीय भूखंडों के पट्टे बनाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नगर पालिका के तत्कालीन ईओ महेंद्र राजपुरोहित के फर्जी साइन और नगर पालिका की स्टाम्प लगाकर पट्टे बनाने पर ईओ ने थाने में फर्जी पट्टे होने का मामला दर्ज करवाया था. इस पर सिरोही उप अधीक्षक मुकेश चौधरी को जांच सौंपनें पर फर्जी पट्टों को कब्जे में लिया और जिनके नाम से बने, उनसे पूछताछ की गई. इस दौरान साइन का लैब टेस्ट करवाया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>FSL रिपोर्ट से हुआ खुलासा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फॉरेंसिंक रिपोर्ट में साइन झूठे पाए जाने पर पुलिस ने पहले एक आरोपी को गिरफ्तार किया और बाद में एक आरोपी किशन सुथार को पकड़ा और आज तीसरे आरोपी जितेंद्र मेघवाल को भी धर दबोचा है. इन तीनों पर फर्जी पट्टे बनाने का गंभीर आरोप है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फर्जी पट्टों के आधार पर इसकी रजिस्ट्री भी हो गई थी. बाद में नगर पालिका की शिकायत पर रजिस्ट्री केंसल की गई. लेकिन फर्जी कूट रचित दस्तावेज से रजिस्ट्री करवाने वालों के विरुद्ध सिरोही एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो आश्चर्यजनक है.<br /> <br /><strong>हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी किशन सुथार ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन पेश किया था, लेकिन हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया. इसके चलते उसकी गिरफ्तारी हुई. आरोपी को एक दिन के लिए पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे मामले में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक पहले हुआ था जबकि दो गिरफ्तार किये हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. उसके बाद ओर खुलासे हों सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिपोर्ट : तुषार पुरोहित सिरोही</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”अशोक गहलोत की सरकार में लिए एक और फैसले को पलटेंगे CM भजनलाल शर्मा? समिति गठित” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bhajan-lal-sharma-rajasthan-bjp-govt-now-going-to-review-mahatma-gandhi-english-medium-schools-ashok-gehlot-congress-ann-2855712″ target=”_self”>अशोक गहलोत की सरकार में लिए एक और फैसले को पलटेंगे CM भजनलाल शर्मा? समिति गठित</a></strong></p> राजस्थान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने असदुद्दीन ओवैसी को बताया ‘जिन्ना’, कहा- ‘खुद को बाबर-औरंगजेब से जोड़ते हैं’