भिवानी जिले के सिवानी के मुख्य बाजार में पुलिस ने शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर एक कार से करीब डेढ़ करोड़ रूपए बरामद किया। पुलिस को सूचना मिली की भारी मात्रा में एक कार में नगदी राशि ले जाई जा रही है। जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नगदी राशि जब्त कर ली। साथ ही पुलिस ने मौके पर FST टीम को बुलाकर पैसे को थाने भेजवाया। जहां उसकी गिनती हुई तो कुल डेढ़ करोड़ राशि पाई गई। अब पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है। जब्त राशि की हुई गिनती जानकारी के अनुसार पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शहर के मुख्य बाजार में मंडी मोड़ पर एक गाड़ी को रूकवाया। गाड़ी की जांच की तो पाया कि गाड़ी में भारी मात्रा में पैसे है। पैसे दो बैगों में भरे थे। पुलिस ने मौके पर FST की टीम को भी बुला लिया। पैसे जब्त करके जब पुलिस थाने में टीम ने पैसों की गिनती की तो करीब 1.5 करोड़ रुपए मिले। तीन लोगों ने साथ निकाला बैंक से पैसा कार्यवाहक थाना प्रभारी निकेश ने बताया की पुलिस ने सूचना के आधार पर कार की जांच की तो दो बैगों से 1.5 करोड़ रुपए मिला है। पैसा तीन व्यापारियों का बताया जा रहा है। पुलिस जांच में लग गई है। वहीं व्यापारी मांगे राम ने बताया की सिवानी में दो दिन पहले एक व्यापारी से लूट की घटना हुई थी। इसी के डर से तीन व्यापारी इकट्ठा होकर सिवानी के आई सी आई सी बैंक से पैसा निकलवा कर लाए थे। पैसा बैंक से फैक्ट्री ले कर जा रहे थे, लेकिन बैंक से 500 मीटर दूरी पर ही पैसा पकड़ लिया गया। बैंक से लिखवा कर टीम को पत्र दे दिया गया है। भिवानी जिले के सिवानी के मुख्य बाजार में पुलिस ने शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर एक कार से करीब डेढ़ करोड़ रूपए बरामद किया। पुलिस को सूचना मिली की भारी मात्रा में एक कार में नगदी राशि ले जाई जा रही है। जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नगदी राशि जब्त कर ली। साथ ही पुलिस ने मौके पर FST टीम को बुलाकर पैसे को थाने भेजवाया। जहां उसकी गिनती हुई तो कुल डेढ़ करोड़ राशि पाई गई। अब पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई है। जब्त राशि की हुई गिनती जानकारी के अनुसार पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शहर के मुख्य बाजार में मंडी मोड़ पर एक गाड़ी को रूकवाया। गाड़ी की जांच की तो पाया कि गाड़ी में भारी मात्रा में पैसे है। पैसे दो बैगों में भरे थे। पुलिस ने मौके पर FST की टीम को भी बुला लिया। पैसे जब्त करके जब पुलिस थाने में टीम ने पैसों की गिनती की तो करीब 1.5 करोड़ रुपए मिले। तीन लोगों ने साथ निकाला बैंक से पैसा कार्यवाहक थाना प्रभारी निकेश ने बताया की पुलिस ने सूचना के आधार पर कार की जांच की तो दो बैगों से 1.5 करोड़ रुपए मिला है। पैसा तीन व्यापारियों का बताया जा रहा है। पुलिस जांच में लग गई है। वहीं व्यापारी मांगे राम ने बताया की सिवानी में दो दिन पहले एक व्यापारी से लूट की घटना हुई थी। इसी के डर से तीन व्यापारी इकट्ठा होकर सिवानी के आई सी आई सी बैंक से पैसा निकलवा कर लाए थे। पैसा बैंक से फैक्ट्री ले कर जा रहे थे, लेकिन बैंक से 500 मीटर दूरी पर ही पैसा पकड़ लिया गया। बैंक से लिखवा कर टीम को पत्र दे दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा
महेंद्रगढ़ में पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के तीखे तेवर:कल हर हाल में करेंगे नामांकन, कई पदाधिकारी दे सकते है इस्तीफा हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने आज चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि भाजपा ने अभी महेंद्रगढ़ और एनआईटी फरीदाबाद विधानसभा की सीट होल्ड कर रखी है। सूची का इंतजार किए बिना ही उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। वो कल दोपहर 1:15 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उससे पहले 10 बजे महेंद्रगढ़ आवास जयराम दास सदन पर कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मीडिया से बचते नजर आए रामबिलास शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता हैं। दूसरी लिस्ट में भी उनका नाम नहीं आने से कार्यकर्ता में रोष है। दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं की उनके आवास पर मीटिंग हुई और उस मीटिंग में कार्यकर्ताओं ने उनको चुनाव लड़ने को कहा है। इस दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा मीडिया से बचते हुए नजर आए। सूत्रों अनुसार अगर भाजपा ने पूर्व मंत्री को महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट नहीं दिया, तो पार्टी के कई पदाधिकारी इस्तीफा दे सकते हैं। पांच बार महेंद्रगढ़ से जीत चुके चुनाव बता दें कि रामबिलास शर्मा हरियाणा भाजपा के भीष्म पितामह के रूप में जाने जाते हैं। वो जनता पार्टी के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। 1982 में उन्होंने पहली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उसके बाद से वो लगातार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। वो पांच बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं। दो बार प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 1991 में वो पूरे प्रदेश में अकेले भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे। कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त 2014 में वो प्रदेश अध्यक्ष थे, तब उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। भाजपा की दो लिस्ट जारी होने के बाद भी जब उनका नाम नहीं आया, तो कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। बता दें कि कुछ दिन पहले कैलाश चंद शर्मा पाली ने महेंद्रगढ़ विधानसभा से टिकट मिले बिना ही भाजपा की टिकट पर नामांकन कर दिया। कैलाश पाली स्वयं सेवक रहे हैं और संघ के आदेश पर उन्होंने यह फॉर्म भरा था। नारनौल सीट से यादव समाज पर खेला दाव महेंद्रगढ़ और नारनौल विधानसभा हमेशा ब्राह्मणों की होती थी। नारनौल से पूर्व विधायक कैलाश चंद शर्मा और महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा दोनों ही भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भाजपा नारनौल सीट से यादव समाज पर दाव खेल रही थी। इस बार महेंद्रगढ़ विधानसभा से भी यादव समाज से चुनाव लड़वाना चाह रही है। हालांकि अभी टिकट की घोषणा होना बाकी हैं, लेकिन ऐसी चर्चा कार्यकर्ताओं से सुनने को मिल रही है।
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में देरी:सत्र के बाद फैसले की उम्मीद, कांग्रेस नेता शमशेर गोगी बोले-15 साल से संगठन हीन कांग्रेस
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति में देरी:सत्र के बाद फैसले की उम्मीद, कांग्रेस नेता शमशेर गोगी बोले-15 साल से संगठन हीन कांग्रेस हरियाणा में सरकार गठन के डेढ़ माह बाद भी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने में असफल रही है, जिससे विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दल की मजबूती पर सवाल उठे। कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने इसे नेतृत्व की व्यस्तता का परिणाम बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के कारण यह निर्णय टल गया। गोगी ने माना कि सत्र से पहले यह फैसला होना चाहिए था। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष की हार और पार्टी के 15 वर्षों से संगठन हीन होने को उन्होंने कांग्रेस की कमजोरी करार दिया। भाजपा पर निशाना साधते हुए गोगी ने किसानों के लिए किए गए वादों को झूठा बताया और करनाल मंडियों में फर्जीवाड़े व नौकरियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया। उन्होंने चुनावों में धनबल और साम-दाम-दंड-भेद अपनाने का भी मुद्दा उठाया। कांग्रेस में गुटबाजी और अनुशासन पर सवालों के बीच गोगी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए कठोर निर्णय लेने की वकालत की। सरकार बनने के डेढ़ माह बाद भी कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष बनाए सदन में बैठ गई?
इस सवाल पर कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि ऐसा पहले भी कई जगह हो चुका है। चूंकि अभी महाराष्ट्र व झारखंड का इलेक्शन है और पूरी लीडरशिप वहां बिजी है। जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में अगर विधानसभा सेशन से पहले नेता प्रतिपक्ष का फैसला कर देते तो बड़ी ही अच्छी बात थी, फैसला तो होना ही चाहिए और वह आने वाले दिनों में होना ही है। नेता प्रतिपक्ष के साथ क्या प्रदेश अध्यक्ष का फैसला भी होना है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष खुद भी चुनाव हार गए है, और हार की जिम्मेदारी कौन लेगा? किसकी वजह से हारे सभी को पता है
गोगी ने कहा कि हार की जिम्मेदारी कोई ले या ना ले, जनता को भली भांति पता है कि किसकी वजह से हारे है और कैसे हारे है, लेकिन यह ताे एक मर्यादा है और उस मर्यादा को रखते तो जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। प्रदेश अध्यक्ष तो आगे पीछे बन सकता है लेकिन सीएलपी लीडर बन जाना चाहिए। लेकिन अब सेशन निकल चुका है, हो सकता है अब इकट्ठा ही फैसला हो जाए। कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर गोगी ने जवाब दिया कि गुटबाजी तो कही पर भी नहीं है, लेकिन जितने भी लीडर है उनको ध्यान में तो रखा ही जाएगा। 8 सदस्यीय कमेटी द्वारा आपको भी बुलाया गया था, उसमें क्या रहा?
गोगी ने जवाब देते हुए कहा कि कमेटी ने मुझे भी बुलाया था, लेकिन मैं उस दिन ब्यास गया हुआ था। मैं वहां दिल्ली नहीं जा सका था, फिर मैने चेयरमैन कर्ण दलाल जी से बात की थी तो उन्होंने बताया कि हार की समीक्षा के लिए यह कमेटी है, उन्होंने मुझे पूरी जानकारी दी थी। अब मुझे लगता है कि मेरी चेयरमैन से मुलाकात चंडीगढ़ में बात होगी, दो या चार दिन बाद। हमारा दुर्भाग्य है कांग्रेस का संगठन नहीं बना
हरियाणा में जल्द ही संगठन कांग्रेस द्वारा बनाया जा सकता है? इस सवाल पर गोगी ने कहा कि संगठन न होना यह एक बड़ा कारण है। हमारा और हमारी पार्टी का भी दुर्भाग्य है कि पिछले 15 साल से हमारा संगठन ही नहीं है। अब संगठन बनाना है और बनना चाहिए। मीडिया के माध्यम से एक बात कहना चाहूं कि जिन लोगों ने एमपी के इलेक्शन में या फिर एमएलए के इलेक्शन में पार्टी का विरोध किया है, ऐसे लोगों को संगठन से दूर रखा जाएगा, ऐसे लोग कभी भी वफादारी नहीं करेंगे। अगर डिसिप्लिन स्ट्रांग होगा तो ही बात बन पाएगी। अगर दोबारा से संगठन में उन्हीं लोगों को ला देंगे, जिन्होंने हाथ के पंजे को अपना कैंडिडेट नहीं माना। तो पार्टी मजबूत होने की बजाए कमजोर होगी। अगर ऐसे लोगों की लिस्ट लंबी भी होती है तो कोई दिक्कत नहीं, उसके बावजूद भी पार्टी मजबूत होगी। सीएम नायब सैनी ने बोला झूठ
शमशेर सिंह गोगी ने सीएम नायब सैनी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन के अंदर नायब सैनी ने झूठ बोला था कि जीरी 3100 रुपए में खरीदी जाएगी, वो भी नहीं खरीदी गई। डीएपी भी किसानों को नहीं मिल रही। किसान को यूरिया की जरूरत है, लेकिन नहीं मिल रही। जब किसानों को यूरिया की जरूरत होती है तब डीएपी मिलती है और डीएपी की जरूरत होती है तब यूरिया मिलती है। दूसरी बात, इसके पीछे षड्यंत्र भी है। पैक्स को खत्म करने का षड्यंत्र खट्टर साहब के समय से चल रहा है। उस टाइम भी इन्होंने दो बार नोटिफिकेशन किया, क्योंकि पैक्स के पैसे पर ब्याज नहीं लगता, तो यह भाजपा को हजम नहीं हो रहा कि किसान को जो लाख या डेढ़ लाख रुपए दिया जाता है, यह बिना ब्याज क्यों? इसलिए पैक्स को तंग कर रहे है। नौकरियों के मामले में भी बड़ा झूठ बोला, जबकि 9 हजार तो पहले ही लगे हुए थे, उसको रोककर रखा गया, अढ़ाई लाख लोगों ने पेपर दिए थे, इतना ज्यादा प्रचार करते है कि पर्ची खर्ची नौकरियों में नहीं है, फिर इलेक्शन में पर्ची खर्ची क्यों? अबकी बार पैसों के बल पर ही इलेक्शन जीता गया। इसमें बहुत बड़ा दुरुपयोग हुआ है। मेरे पास पैसे होते तो दोगुने वोट मिले
क्या कांग्रेस के पास पैसों की कमी थी, तो गोगी ने जवाब दिया कि मेरे पास तो पैसों की कमी थी, अगर मेरे पास पैसे होते तो मेरे को दोगुने वोट आ जाते, लेकिन मैं गलत काम करके आगे बढना नहीं चाहता था। भाजपा ने साम-दाम-दंड-भेद सभी हथकंडे अपना, लेकिन मैं तो बाबा का आदमी हूं, हमने लंगर तो जरूरत चलाया। लेकिन अगर हम जहर बेच कर सत्ता में आए, तो इससे अच्छा है कि बाहर ही रहे। इलेक्शनों में जो पर्ची खर्ची चली है उस पर भी नायब सैनी अपना स्पष्टीकरण देंगे। सरकार की मर्जी के बिना कोई घोटाला नहीं होता
करनाल की मंडियों में फर्जी गेट पास डिलीट के सवाल पर गोगी ने कहा कि हर साल घोटाला होता है और सरकार के सभी आदमी उसमें शामिल है। किसी मंडी सचिव की हिम्मत है कि बिना सरकार की मर्जी के घोटाला कर दे। पिछले 5 सालों में घोटाला ही घोटाला हुआ और घोटालों की जांच के लिए जितनी कमेटी बनी उनकी रिपोर्ट ही नहीं आई। जिस तरह के नारे लेकर चुनावी मैदान में बीजेपी उतरी हुई है उस हिसाब से तो इलेक्शन कमीशन को इन्हें बैन कर देना चाहिए, लेकिन इलेक्शन कमीशन है ही नहीं है।
गुरुग्राम में BJP को एक और झटका:पार्षद एवं जिला उपाध्यक्ष सीमा ने दिया इस्तीफा; बोलीं- पति के साथ नवीन की करेंगी मदद
गुरुग्राम में BJP को एक और झटका:पार्षद एवं जिला उपाध्यक्ष सीमा ने दिया इस्तीफा; बोलीं- पति के साथ नवीन की करेंगी मदद हरियाणा के गुरुग्राम में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के बाद से प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। टिकट कटने से नाराज नेताओं का पार्टी छोड़ने का क्रम जारी है। तीन दिन पहले पार्टी के बड़े दलित चेहरे सुमेर सिंह तंवर के बाद अब गुरुग्राम नगर निगम की दो बार की पार्षद व जिला उपाध्यक्ष सीमा पाहूजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने त्यागपत्र में साफ शब्दों में लिखा कि अब वह अपने पति पवन बंटी पाहूजा के साथ बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नवीन गोयल का साथ देंगी। सीमा पाहूजा पंजाबी चेहरा हैं और दो बार पार्षद का चुनाव भी जीत चुकीं हैं। एक बार तो उन्होंने बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ को भी पार्षद के चुनाव में मात दी थी। विधानसभा चुनाव के लिए वह गुरुग्राम से टिकट मांग रहीं थीं और पंजाबी चेहरे के चलते टिकट की रेस में भी थीं। हालांकि बीजेपी ने अपने मूल केडर वैश्य चेहरे के साथ ही पंजाबी दावेदारों की जगह ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा दिया। इसके बाद से ही बीजेपी छोड़ने का क्रम गुरुग्राम में चल रहा है। सीमा के कारोबारी पति पवन बंटी पाहूजा पहले से ही बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनावी रण में उतरे नवीन गोयल का साथ दे रहे हैं। बीजेपी से पहले सीमा पाहूजा कांग्रेस पार्टी में थीं। सीमा पाहूजा बीजेपी की वार्ड 15 से दो बार पार्षद का चुनाव जीती थीं। साथ ही इस समय वह बीजेपी जिला उपाध्यक्ष, अर्जुन मंडल की प्रभारी थीं। कांग्रेस प्रत्याशी मोहित ग्रोवर पंजाबी वोट बैंक के जरिए जीत का सपना देख रहे थे लेकिन अचानक सीमा ने जोर का झटका धीरे से देकर उनकी परेशानी बड़ा दी। अब सीमा और बंटी पाहूजा पंजाबी वोट बैंक को नवीन गोयल के पक्ष में शिफ्ट करने की कोशिश करेंगे। यह बीजेपी के लिए जहां बड़ा झटका है वहीं यह मोहित ग्रोवर के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। सीमा पाहूजा के माध्यम से नवीन गोयल ने पंजाबी वोट में बड़ी सेंधमारी करने की कोशिश की है। सीमा पाहूजा के पत्र का मजनून सीमा पाहूजा ने 21 सितंबर को बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल यादव को पत्र लिखकर त्यागपत्र दिया। इसमें उन्होंने लिखा की वह तत्काल प्रभाव से बीजेपी के सभी पदों से त्यागपत्र दे रहीं हैं। उन्होंने त्यागपत्र का कारण अपनी पारिवारिक परिस्थिति बताते हुए साफ लिखा कि उनके पति पवन पाहूजा के मित्र नवीन गोयल निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नवीन गोयल से उनका पारिवारिक नाता है और इसके चलते अब वह अपने पति के साथ उनके प्रचार में शामिल होंगी। उन्होंने बीजेपी संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कोई व्यक्तिगत शिकायत व गिला-शिकवा नहीं होने की बात कहते हुए पार्टी की प्रगति की कामना भी की। जल्द करेंगी अगली रणनीति का खुलासा बीजेपी का साथ छोड़कर सीमा पाहूजा अब खुलकर नवीन गोयल के प्रचार की कमान संभालेंगी। इसको लेकर वह रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस भी करने जा रहीं हैं। इसमें वह अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करेंगी। मालूम हो कि उनके पति पवन पाहूजा निर्दलीय प्रत्याशी नवीन गोयल के नामांकन की रैली में खुलकर शामिल हुए थे और पंजाबी समाज को उनके पाले में करने की जुगत लगा रहे हैं। हालांकि पंजाबी समाज ने पाहूजा परिवार को मोहित ग्रोवर के पक्ष में रहने के लिए काफी दबाव बनाया लेकिन दोस्ती का हवाला देकर उन्होंने नवीन गोयल का साथ देने का ही निर्णय किया है। इस नए राजनीतिक घटनाक्रम से बीजेपी-कांग्रेस की धड़कनें बढ़ गईं हैं, तो नवीन गोयल को अब पंजाबी समाज का साथ मिलने से वह ओर भी मजबूत नजर आते दिख रहे हैं।