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<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार राज्य में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले जनहानि के मामलों में राहत प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी और निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को समान रूप से दुर्घटना बीमा और आर्थिक सुरक्षा का लाभ देने का निर्देश दिया है. इससे राज्य में निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भी दुर्घटना के दौरान राहत राशि का लाभ मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को सचिव परिवहन को निर्देश दिए कि सरकारी और निजी बसों के मुआवजे में समानता लाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए. वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सफर के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और सड़क सुरक्षा कोष से कुल 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. इसके अतिरिक्त, परिवहन निगम की ओर से 5 लाख रुपए की अतिरिक्त दुर्घटना प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है. अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी यही नियम लागू होगा. इससे निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के परिजनों को भी दुर्घटना के दौरान कुल 10 लाख रुपए की राहत राशि मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सड़क दुर्घटना से परिवारों को असहनीय कष्ट- सीएम धामी<br /></strong>सीएम धामी ने सड़क सुरक्षा नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि से परिवारों को असहनीय कष्ट का सामना करना पड़ता है. ऐसे में राहत राशि में असमानता नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही, सड़कों पर सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने संबंधित विभागों को सड़क सुरक्षा और बसों की फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सड़कों पर इन्फोर्समेंट बढ़ाने, बसों के फिटनेस परीक्षण तेज करने, ड्राइवरों की ड्राइविंग क्षमता और स्वास्थ्य परीक्षण करने जैसे कदम उठाए जाएं. साथ ही, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शेष क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी और निजी बसों के यात्रियों को समान राहत <br /></strong>सरकार का उद्देश्य सरकारी और निजी बसों के यात्रियों को समान राहत प्रदान करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ित परिवारों को सहायता राशि देने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. यह कदम राज्य में परिवहन सेवाओं की सुरक्षा और यात्रियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय निजी और सरकारी बसों के यात्रियों के लिए राहतकारी साबित होगा. इससे न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि राज्य में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और परिवहन सेवाओं में सुधार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-mahamandaleshwer-maa-yogeshwari-supported-swami-avimukteshwaranand-on-harsha-richhariya-2863891″>हर्षा रिछारिया पर एक और महामंडलेश्वर ने उठाया सवाल, कहा- अगर उन्हें ये सब करना है तो…</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार राज्य में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले जनहानि के मामलों में राहत प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी और निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को समान रूप से दुर्घटना बीमा और आर्थिक सुरक्षा का लाभ देने का निर्देश दिया है. इससे राज्य में निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को भी दुर्घटना के दौरान राहत राशि का लाभ मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को सचिव परिवहन को निर्देश दिए कि सरकारी और निजी बसों के मुआवजे में समानता लाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत किया जाए. वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सफर के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और सड़क सुरक्षा कोष से कुल 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. इसके अतिरिक्त, परिवहन निगम की ओर से 5 लाख रुपए की अतिरिक्त दुर्घटना प्रतिकर राशि प्रदान की जाती है. अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए भी यही नियम लागू होगा. इससे निजी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के परिजनों को भी दुर्घटना के दौरान कुल 10 लाख रुपए की राहत राशि मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सड़क दुर्घटना से परिवारों को असहनीय कष्ट- सीएम धामी<br /></strong>सीएम धामी ने सड़क सुरक्षा नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि से परिवारों को असहनीय कष्ट का सामना करना पड़ता है. ऐसे में राहत राशि में असमानता नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही, सड़कों पर सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने संबंधित विभागों को सड़क सुरक्षा और बसों की फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सड़कों पर इन्फोर्समेंट बढ़ाने, बसों के फिटनेस परीक्षण तेज करने, ड्राइवरों की ड्राइविंग क्षमता और स्वास्थ्य परीक्षण करने जैसे कदम उठाए जाएं. साथ ही, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शेष क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी और निजी बसों के यात्रियों को समान राहत <br /></strong>सरकार का उद्देश्य सरकारी और निजी बसों के यात्रियों को समान राहत प्रदान करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ित परिवारों को सहायता राशि देने में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. यह कदम राज्य में परिवहन सेवाओं की सुरक्षा और यात्रियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय निजी और सरकारी बसों के यात्रियों के लिए राहतकारी साबित होगा. इससे न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि राज्य में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और परिवहन सेवाओं में सुधार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/maha-kumbh-2025-mahamandaleshwer-maa-yogeshwari-supported-swami-avimukteshwaranand-on-harsha-richhariya-2863891″>हर्षा रिछारिया पर एक और महामंडलेश्वर ने उठाया सवाल, कहा- अगर उन्हें ये सब करना है तो…</a></strong></p>
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