जिला योजना कमेटी गुरदासपुर के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के प्रदेश जनरल सचिव एडवोकेट जगरुप सिंह सेखवां ने आज चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात की। उन्होंने बैठक करके विधानसभा क्षेत्र कादियां और जिला गुरदासपुर के विभिन्न विकास प्रोजेक्ट्स के बारे में चर्चा की। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ विधानसभा क्षेत्र कादियां और जिला गुरदासपुर में चल रहे विभिन्न विकास प्रोजेक्ट्स पर विस्तार से चर्चा की। सेखवां ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि धारीवाल और कादियां शहर में चल रहे सीवरेज प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं। इसके अलावा जिले में लिंक सड़कों की मरम्मत और नई चुनी गई पंचायतों को ग्रांट जारी करने की मांग भी की गई। गुरदासपुर-मुकेरियां मार्ग को फोरलेन करने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की कि गुरदासपुर-मुकेरियां मार्ग को फोरलेन करने के प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करवाने के लिए केंद्र सरकार के सड़क मंत्रालय के साथ संपर्क करें, ताकि लोगों की दशकों पुरानी यह मांग पूरी हो सके। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि बैठक के दौरान जिला गुरदासपुर के गांव डल्ला गोड़िया में सैनिक स्कूल की स्थापना में तेजी लाने की भी मांग की गई। इसके साथ ही नैनकोट गांव में आईटीआई में स्किल सेंटर की स्थापना करने की मांग की गई है, ताकि स्थानीय युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार के मौके प्रदान किए जा सकें। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने उनकी सभी मांगों को बड़े ध्यान से सुनकर भरोसा दिया है कि लोगों से जुड़े हुए ये सभी मुद्दे पंजाब सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाएंगे और इस वर्ष इन पर तेजी से काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के मामले में सीमावर्ती जिला गुरदासपुर को पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। जिला योजना कमेटी गुरदासपुर के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के प्रदेश जनरल सचिव एडवोकेट जगरुप सिंह सेखवां ने आज चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात की। उन्होंने बैठक करके विधानसभा क्षेत्र कादियां और जिला गुरदासपुर के विभिन्न विकास प्रोजेक्ट्स के बारे में चर्चा की। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ विधानसभा क्षेत्र कादियां और जिला गुरदासपुर में चल रहे विभिन्न विकास प्रोजेक्ट्स पर विस्तार से चर्चा की। सेखवां ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि धारीवाल और कादियां शहर में चल रहे सीवरेज प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं। इसके अलावा जिले में लिंक सड़कों की मरम्मत और नई चुनी गई पंचायतों को ग्रांट जारी करने की मांग भी की गई। गुरदासपुर-मुकेरियां मार्ग को फोरलेन करने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की कि गुरदासपुर-मुकेरियां मार्ग को फोरलेन करने के प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करवाने के लिए केंद्र सरकार के सड़क मंत्रालय के साथ संपर्क करें, ताकि लोगों की दशकों पुरानी यह मांग पूरी हो सके। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि बैठक के दौरान जिला गुरदासपुर के गांव डल्ला गोड़िया में सैनिक स्कूल की स्थापना में तेजी लाने की भी मांग की गई। इसके साथ ही नैनकोट गांव में आईटीआई में स्किल सेंटर की स्थापना करने की मांग की गई है, ताकि स्थानीय युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार के मौके प्रदान किए जा सकें। चेयरमैन जगरुप सिंह सेखवां ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने उनकी सभी मांगों को बड़े ध्यान से सुनकर भरोसा दिया है कि लोगों से जुड़े हुए ये सभी मुद्दे पंजाब सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाएंगे और इस वर्ष इन पर तेजी से काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के मामले में सीमावर्ती जिला गुरदासपुर को पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब की जेलों में पढे़ंगे कैदियों के बच्चे:22 जेबीटी टीचरों की हुई भर्ती, कैबिनेट मंत्री लाल जीत भुल्लर ने जॉयनिंग लेटर पंजाब की जेलों में महिला कैदियों के छह साल से छोटी उम्र के बच्चों की पढ़ाई में अब दिक्कत नहीं आएगी। जेल विभाग ने पहली बार 22 जेबीटी टीचरों की भर्ती जेलों के लिए की है। इनमें से 15 को आज नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जबकि सात को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी की जाएगी। कैबिनेट मंत्री लाल जीत भुल्लर ने उन्हें नियुक्ति पत्र दिए हैं। मंत्री ने कहा कि इससे कैदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने व कैदियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 30 साल बाद हुई नियमित भर्ती सरकार ने तीन दशकों के बाद इन पदों पर नियमित भर्ती की है। नव-नियुक्त अध्यापकों को उनके घरों के निकट तैनाती दी गई है, ताकि वे अपनी ड्यूटी सुगमता से निभा सकें। भर्ती प्रक्रिया के तहत 738 वार्डन और 25 मैट्रन पहले ही अपनी ड्यूटी संभाल चुके हैं। इसके अलावा 175 वार्डन और 4 मैट्रन सहित गार्ड स्टाफ के 179 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। जेल विभाग में विभिन्न कैडरों के 1220 पदों को पुनः सृजित किया जा रहा है, जिनकी भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। 2200 कैदी कर रहे हैं विभिन्न कोर्स जेलों में चल रही शैक्षिक प्रोजेक्टों के तहत 2200 कैदी विभिन्न शैक्षिक कोर्स कर रहे हैं। वहीं, पंजाब कौशल विकास मिशन के तहत जनवरी 2025 से शुरू होने वाले इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और टेलरिंग समेत विभिन्न कोर्स में 513 कैदी कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। भुल्लर ने बताया कि महज 33 महीनों में युवाओं को लगभग 50,000 नियमित सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। सरकार द्वारा 2,65,430 उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराया गया है।
लुधियाना के शिअद प्रधान भिंदा ने दिया इस्तीफा:लिखा- सुखबीर बादल ने पार्टी की प्रधानगी छोड़ी, नैतिक फर्ज समझ लिया फैसला
लुधियाना के शिअद प्रधान भिंदा ने दिया इस्तीफा:लिखा- सुखबीर बादल ने पार्टी की प्रधानगी छोड़ी, नैतिक फर्ज समझ लिया फैसला लुधियाना के जिला शिरोमणि अकाली दल के प्रधान भूपिंदर सिंह भिंदा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद भिंदा ने ये फैसला लिया है। उनके इस फैसले लेने के बाद कही न कही पार्टी वर्करों मे भी निराशा है। जानकारी के मुताबिक, भूपिंदर सिंह भिंदा ने शिअद कार्यकारी प्रधान के नाम से पत्र लिखा है। पत्र में भिंदा ने लिखा कि सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। उन्होंने ही मुझे शिरोमणि अकाली दल लुधियाना शहरी प्रधान की ज़िम्मेदारी सौंपी थी और मैंने उनकी प्रधानगी में अपनी पूरी समर्थता के साथ पार्टी हित में काम किए। भिंदा ने लिखा- नैतिक फर्ज समझ दिया इस्तीफा सुखबीर बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद अपना नैतिक फर्ज समझ कर मैं अपने लुधियाना शहरी की प्रधानगी के पद से इस्तीफा दे रहा हूं, ताकि पार्टी का जो भी नया प्रधान बने वह अपनी मर्जी से किसी को भी प्रधान नियुक्त कर सकता है। मैं अकाली दल के सीनियर नेताओं और जिला लुधियाना के नेता और वर्करों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
पंजाब में GST बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश:मंत्री चीमा बोले- 163 करोड़ रुपए का फेक लेन-देन शामिल, 60 फर्जी फर्मों से की खरीददारी
पंजाब में GST बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश:मंत्री चीमा बोले- 163 करोड़ रुपए का फेक लेन-देन शामिल, 60 फर्जी फर्मों से की खरीददारी पंजाब जीएसटी विभाग ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लुधियाना में एक बड़े फर्जी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें पिछले दो वर्षों में 163 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन शामिल हैं। वित मंत्री हरपाल सिंह चीमा बोले… शुक्रवार को खुलासा करते हुए पंजाब के वित्त, योजना,आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जांच से पता चला है कि लुधियाना के बुड्डेवाल रोड स्थित मैसर्स मोंगा ब्रदर्स (यूनिट-II) फर्जी फर्मों का एक जटिल जाल चला रहा था, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बना रहा था और सरकारी खजाने को चूना लगा रहा था। 60 फर्जी फर्मों से की खरीददारी उन्होंने कहा कि फर्म ने 60 फर्जी फर्मों से खरीदारी की थी, जिन्हें या तो निलंबित या रद्द कर दिया गया था। निलंबित या रद्द किए गए डीलरों से खरीदारी की थी। मंत्री ने कहा कि इन 60 फर्मों का कुल कारोबार लगभग 1270 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि पंजाब GST विभाग ने मेसर्स मोंगा ब्रदर्स (यूनिट-II) के व्यवसायिक परिसर में पंजाब जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 67 के तहत निरीक्षण, तलाशी और जब्ती की। मंत्री ने कहा कि जांच के आधार पर, कराधान आयुक्त, पंजाब ने पंजाब जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 और 132 के तहत मेसर्स मोंगा ब्रदर्स (यूनिट-II) के भागीदारों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। व्यापार समुदाय से विभाग के साथ सहयोग करने और बकाया करों का भुगतान करने की वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अपील की। उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कानून मुताबिक सख्त कार्रवाई की जा रही है।