कलानौर से भाजपा प्रत्याशी रही पूर्व मेयर रेनू डाबला ने मंगलवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। उन्होंने दूसरी बार सीएम बनने पर सैनी को शुभकामनाएं दी। पूर्व मेयर रेनू डाबला ने कहा कि नॉन स्टॉप हरियाणा की तरह कलानौर भी नॉन स्टॉप विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। रेनू डाबला ने बताया कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत हरियाणा में समान विकास कार्य करवा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सीएम पद की शपथ लेते ही 24 हजार युवाओं को बिना पर्ची ख़र्ची के सरकारी नौकरी देकर अपना वादा निभाया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा देना भी सरकार की जन कल्याण की सोच का प्रतीक है। रेनू डाबला ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वस्त किया है कि कलानौर हलका के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। प्रत्येक कार्यकर्ता को उचित मान सम्मान दिया जाएगा। कलानौर से भाजपा प्रत्याशी रही पूर्व मेयर रेनू डाबला ने मंगलवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। उन्होंने दूसरी बार सीएम बनने पर सैनी को शुभकामनाएं दी। पूर्व मेयर रेनू डाबला ने कहा कि नॉन स्टॉप हरियाणा की तरह कलानौर भी नॉन स्टॉप विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। रेनू डाबला ने बताया कि भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत हरियाणा में समान विकास कार्य करवा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सीएम पद की शपथ लेते ही 24 हजार युवाओं को बिना पर्ची ख़र्ची के सरकारी नौकरी देकर अपना वादा निभाया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा देना भी सरकार की जन कल्याण की सोच का प्रतीक है। रेनू डाबला ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वस्त किया है कि कलानौर हलका के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। प्रत्येक कार्यकर्ता को उचित मान सम्मान दिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कैथल में कोहरे में भिड़े 8 वाहन, धू-धूकर जली कार:हीटर में शॉर्ट सर्किट से लगी आग; SHO की गाड़ी बची, कई व्यक्ति घायल हरियाणा के कैथल में घने कोहने के कारण एक बार फिर हादसा हुआ है। सोमवार सुबह हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर क्रेन, ट्रक, पिकअप सहित 8 वाहन आपस में टकरा गए। हादसे में एक कार में आग भी लग गई और वह मौके पर ही पूरी तरह से जल गई। हालांकि कार में बैठे दोनों व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। ड्राइवर को गंभीर हालत में कैथल नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। कलायत पुलिस की गाड़ी भी हादसे का शिकार होने से बाल बाल बच गई। हादसे में कई को चोटें आई हैं। जानकारी के अनुसार कैथल में सोमवार सुबह भी घना कोहरा छाया हुआ था। विजिबिलिटी बहुत ही कम रही। एक में रोड पर निकले वाहन रेंग कर चल रहे थे। इस बीच हिसार-चंडीगढ़ रोड पर गांव बाता में बड़ा हादसा हो गया। यहां पर सुबह साढ़े 5 बजे के करीब एक के बाद एक आठ गाड़ियां आपस में टकरा गई। कुछ गाड़ियां मामूली तौर पर क्षतिग्रस्त हुई हैं, तो कई गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है। इनमें एक क्रेन, बड़ा ट्राला, ट्रक और पिकअप शामिल हैं। कार में हीटर में शॉर्ट सर्किट से आग पता चला है कि नरवाना का रहने वाला सूर्य प्रकाश अपने एक साथी के साथ अपनी कार में कैथल की तरफ आ रहा था। रास्ते में उनकी कार आगे चल रही क्रेन के साथ टकरा गई। उस समय कार के अंदर गर्म हवा के लिए हीटर चल रहा था। हीटर में शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई। कुछ ही देर में कार धू धू कर जलने लगी। हादसे में सूर्यप्रकाश घायल हो गया, जबकि उसका साथी को सुरक्षित निकाल लिया गया। हादसे की सूचना के बाद पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। एसएचओ की गाड़ी भी बाल बाल बची कलायत थाना के एसएचओ सब इंस्पेक्टर जयभगवान ने बताया कि सुबह करीब 5:30 बजे उन्हें सूचना मिली थी कि बाता गांव के पास कुछ गाड़ियां आपस में टकरा गई हैं। इसमें एक डेशन मार्का कार पूरी तरह से जल गई। कार में नरवाना के जयप्रकाश व उसका एक साथी किसी शादी समारोह में जा रहे थे। सूचना के बाद वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि हिसार चंडीगढ़ हाईवे पर क्रेन, बड़ा ट्राला, ट्रक पिकअप व कई अन्य गाड़ी आपस में टकराई हुई थी। सड़क के साइड में उतरी गाड़ी, कई घायल एसएचओ जय भगवान ने बताया कि कोहरा इतना गहरा था कि जब वे मौके पर पहुंचे तो तभी पीछे से एक कार आई और उनकी गाड़ी से भिड़ते भिड़ते रह गई। इतनी देर में पीछे से एक और गाड़ी आई जो रोड की साइड में उतर गई। उन्होंने आसपास के लोगों की सहायता से गाड़ी ड्राइवर व उनके अंदर बैठी सवारियों को बाहर निकाला और इलाज के लिए नागरिक अस्पताल भेजा।
हरियाणा में रैली में बांटे 500-500 के नोट:BJP बोली- कांग्रेस ने पैसे देकर भीड़ बुलाई, रिटर्निंग ऑफिसर ने रिपोर्ट मांगी
हरियाणा में रैली में बांटे 500-500 के नोट:BJP बोली- कांग्रेस ने पैसे देकर भीड़ बुलाई, रिटर्निंग ऑफिसर ने रिपोर्ट मांगी हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार जोरों पर है। नेता रोड शो के साथ रैलियां कर रहे हैं। इस बीच नूंह के पुन्हाना में रैली के दौरान व्यक्ति का लोगों को पैसे बांटने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें व्यक्ति लोगों को 500-500 रुपए के नोट बांटते दिख रहा है। ये वीडियो नगीना-होडल रोड का बताया जा रहा है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इलियास का कार्यक्रम था। जिसमें बॉलीवुड एक्टर एवं पूर्व सांसद राज बब्बर भी पहुंचे थे। वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरा है। बीजेपी ने कहा कि पैसे देकर भीड़ बुलाई गई। वहीं मोहम्मद इलियास ने इस पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। उधर, रिटर्निंग अधिकारी (RO) ने वीडियो को लेकर रिपोर्ट तलब कर ली है। पुन्हाना में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इलियास और निर्दलीय रहीश खान के बीच मुकाबला बताया जा रहा है। पिछले चुनाव में मोहम्मद इलियास ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस के प्रत्याशी की थी जनसभा
जानकारी के अनुसार रविवार को पुन्हाना विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी मोहम्मद इलियास के समर्थन में गांव सिंगार में जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें राज बब्बर मुख्य अतिथि थे। राज बब्बर समर्थकों के हुजूम के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। इस दौरान बाइक रैली भी निकाली गई। इसमें कई युवा बाइकों के साथ पहुंचे थे। आरोप है कि इसमें बाइक सवार युवकों को खुलेआम 500-500 के नोट बांटे गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बाइक पर सवार युवकों के हाथों में कांग्रेस के झंडे भी दिख रहे हैं। भाजपा बोली- पैसे देकर भीड़ बुलाई
भाजपा नेता हरियाणा हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन औरंगजेब ने कहा कि कांग्रेस से हर वर्ग नाराज है। रैली में भीड़ जुटाने के लिए हर बाइक सवार को 500-500 रुपए देना कांग्रेस नेताओं की मजबूरी थी वहीं भाजपा प्रत्याशी एजाज खान ने कहा कि वीडियो में कांग्रेस का एक कार्यकर्ता 500 रुपए की गड्डी लेकर लोगों को पैसे वितरित करते देखा जा सकता है। कांग्रेस की सभा में भीड़ नहीं आ रही है। इसलिए पैसे देकर लोगों को बुलाया गया था। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है। इससे यह साबित हो गया कि कांग्रेस की हार निश्चित है। अधिकारी बोली- वायरल वीडियो पर रिपोर्ट मांगी
पुन्हाना के रिटर्निंग ऑफिसर एवं एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि प्रत्याशियों की रैलियों में प्रशासन की टीमें भी अपने स्तर पर वीडियोग्राफी कर रहीं हैं। वायरल वीडियो को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में कुछ मिला तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए बिश्नोई समाज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र के बीच चल रही तनातनी। हाल ही में दोनों ने संगठन में रहते हुए एक-दूसरे को अपने-अपने पदों से हटा दिया था। वहीं, बुधवार को बिश्नोई समाज ने बैठक कर 5 फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला महासभा का संरक्षक पद खत्म करना था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई से ‘बिश्नोई रत्न’ भी वापस लिया जाएगा। संगठन में चल रहे विवाद के कारण भले ही इस वक्त बिश्नोई समाज सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन आपको बता दें कि प्रकृति से प्रेम करने वाला यह समाज वन्य जीवों के लिए त्याग करने के लिए समाज में एक मिसाल माना जाता है। बिश्नोई महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती है। पेड़ बचाने के लिए वह सिर तक कटा देते हैं। उनके यहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फेरे नहीं लेते। महासभा में चल रहे विवाद के बीच बिश्नोई समाज की पूरी कहानी पढ़ें… सबसे पहले ये तस्वीर देखें… हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही ये महिला बिश्नोई समाज की है। ये तस्वीर ही उस दस्तूर की बानगी है, जिसमें बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति अटूट प्रेम दिखता है। बिश्नोई… यह बीस और नौ शब्द से बना है. जिसका मतलब होता है 29 नियमों का पालन करने वाला एक पंथ। इसमें से एक है जानवरों पर दया करना। जहां-जहां बिश्नोई बसाहट है, वहां हिरण, मोर और काले तीतर के झुंड मिलेंगे। इनकी रक्षा के लिए यह पंथ अपनी जान तक दे देता है और इन्हें बचाने के लिए किसी की जान ले भी सकता है। बिश्नोई समाज को प्रह्लादपंथी कहा जाता है। ये भक्त प्रह्लाद को मानते हैं। इसलिए, होलिका दहन के दिन शोक मनाते हैं। उस दिन इनके घर में खिचड़ी बनती है। इसी तरह इस समाज में पेड़-पौधे को काटना मना है। इसलिए, मरने के बाद इन्हें जलाया नहीं जाता, बल्कि मिट्टी में दफना दिया जाता है। हर घर के आगे खेजड़ी का पेड़ होना भी जरूरी है। बिश्नोई समाज ने हिसार में 40 हजार करोड़ की टाउनशिप का प्लान शिफ्ट कराया हरियाणा के हिसार में गांव बड़ोपल से कुछ दूरी पर संकरी सड़क के दोनों ओर दूर तक जंगल है। आसपास कंटीली झाड़ियां और कुछ कोस पर कीकर और खेजड़ी के पेड़ हैं। यहां ब्लैक बक सेंचुरी है। इस सेंचुरी में केंद्र सरकार का 40,000 करोड़ रुपए का टाउनशिप का एक प्लान बिश्नोई समाज के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़कर शिफ्ट करवाया है। इस जंगल में हिरण, सांप, नील गाय समेत अनेक जीव और खेजड़ी के पेड़ हैं। इस बारे में कुलदीप बिश्नोई कहते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर ने हमें 29 नियमों का मंत्र दिया था। उन्हीं को मानते हुए आज भी हम वन्यजीव और वन बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। इसके लिए युवाओं की प्रबंधन कमेटियां बनाई गई हैं। बिश्नोइयों के इलाके में कोई शिकारी या लकड़ी तस्कर आने की हिम्मत नहीं करते।’ बिश्नोई समाज के जीव प्रेमी अनिल खिच्चड़ मंगाली बताते हैं, ‘यह हमारे लिए ये सब सामाजिक नहीं धार्मिक काम हैं। हिरण के लिए हम ज्यादा संवेदनशील है। इसकी वजह यह है कि यह सबसे ज्यादा निरीह और कमजोर है। इस वजह से इसके इंसान भी दुश्मन हैं और दूसरे जानवर भी। अबोहर और राजस्थान में बिश्नोई समाज के घरों में आमतौर पर हिरण आ जाते हैं। हिरण के छोटे बच्चे को महिलाएं अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं।’ बिश्नोइयों को प्रह्लाद पंथी क्यों कहते हैं? कहा जाता है कि भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने वचन दिया था कि वो कलयुग में उन जीवों का उद्धार करने के लिए आएंगे जो सतयुग में रह गए हैं। बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर को भी विष्णु का अवतार मानता है। ज्यादातर बिश्नोई जाट समाज से इस पंथ में आए हैं। इस समाज को मानने वाले राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रहते हैं। हिसार शहर से 40 किलोमीटर दूर आदमपुर का गांव सदलपुर बिश्नोई बहुल समाज का गांव है। यहां बिश्नोई मंदिर है। इसमें गुरु जम्भेश्वर के सिवाय कोई और मूर्ति नहीं है। गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति के सामने कुछ भी नहीं रखा जाता। हिंदू मंदिरों से तुलना करें तो यहां सब कुछ बेहद सादा है। गुरु जम्भेश्वर वचन का पाठ हो होता है। हवन के बाद आरती होती है। यहां हवन में गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर सूखे नारियल की गिरियां, शुद्ध घी, सौंफ, तिल और हवन सामग्री डाली जाती है। आरती की थाली गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति की ओर नहीं रखी जाती। जो व्यक्ति आरती कर रहा है उसकी पीठ मूर्ति की ओर रहती है। इसकी वजह भगत राम बताते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर का कहना था कि मैं जोत में हूं, जिसका मुंह चारों ओर है। इसलिए, आरती उनकी मूर्ति को न दिखाकर चारों ओर दिखाई जाती है।’ गुरु जम्भेश्वर के भक्त घर या मंदिर में सुबह और शाम सिर्फ हवन करते हैं। गुरु जम्भेश्वर का कहना है कि कोई मूर्ति पूजा नहीं करनी है। घर में सुबह-शाम हवन करना है। बिश्नोई समाज में बच्चे का जन्म और शादी के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद 29 दिन बच्चे और उसकी मां को अलग रखा जाता है। 30वें दिन हवन होता है और पाल-पानी रखा जाता है। गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से इसे मंत्रित किया जाता है। इस पाल को बच्चे को पिलाया जाता है, जिसे पीने से वह बिश्नोई हो जाता है। उसके बाद वह घर के अंदर आकर बाकी परिवार के साथ सामान्य जीवन जीता है। दरअसल, पाल एक मंत्र फूंका हुआ पानी होता है जिसे यह लोग गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। बिश्नोई समाज में शादी के रीति-रिवाज भी अलग हैं। इनके यहां फेरे नहीं होते हैं। बल्कि, दूल्हा और दुल्हन को दो अलग-अलग पीढ़े पर बैठा देते हैं। उनके सामने गुरु जम्भेश्वर की शब्दवाणी पढ़ी जाती है। पाल की कसम खिलाई जाती है। बस शादी हो गई। बिश्नोई समाज पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता है। उसका मानना है कि कर्म के हिसाब से जो है इसी जन्म में है। इनकी पूजा इबादत जो है, वह पर्यावरण से ही जुड़ी है। इसलिए, यह मरने के बाद शव को जलाते नहीं हैं, बल्कि उसे दफनाते हैं। बीते साल जोधपुर के गांव में शैतान सिंह ने एक शिकारी के चंगुल से एक हिरण को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। इन लोगों के लिए जीव जंतु इतने अहम हैं कि मरने के बाद यह लोग इंसानों की ही तरह से पशु पक्षियों का दाह संस्कार करते हैं। बिश्नोई समाज के लोग होली भी नहीं मनाते हैं। वह होली के त्योहार को काला दिन मानते हैं, क्योंकि इस दिन होलिका भक्त प्रह्लाद को दहन करने के लिए अपनी गोद में लेकर बैठी थी। बिश्नोई समाज के लोग इस दिन सूतक रखते हैं। ये लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाते हैं। अफसोस करते हैं। गुरु जम्भेश्वर और भक्त प्रह्लाद की बातें करते हैं। शाम को जल्दी खाना खाकर सो जाते हैं। इस दिन वह बहुत ही सादा खाना खिचड़ा खाते हैं। कोई किसी से हंसी-मजाक नहीं करता है। इस दिन किसी के बच्चा हो जाए तो खुशी नहीं मनाई जाती है। सारे शुभ काम टाल दिए जाते हैं। होली के अगले दिन जब देखा जाता है कि भक्त प्रह्लाद जले नहीं हैं, भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया है, तब खुशी मनाते हैं। खेजड़ी के पेड़ बचाने के लिए 363 बिश्नोइयों ने अपने सिर कटवाए
खेजड़ी इनका धार्मिक पेड़ है। हर बिश्नोई के घर के बाहर यह पेड़ आपको मिलेगा। इसके पीछे एक कहानी है। आज से लगभग 300 साल पहले की बात है। राजा अभय सिंह ने अपने महल के दरवाजे बनवाने के लिए हरे पेड़ों की लकड़ी कटवाने का आदेश दिया। उन्हें पता लगा कि बिश्नोई बहुल इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ मिलेंगे। जब उनकी सेना वहां पेड़ काटने के लिए गई तब वहां बिश्नोई समाज की महिला ‘माता अमृता देवी’ ने इसका विरोध किया। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना शीश कटा दिया। शीश कटवाने से पहले माता अमृता देवी ने उनसे कहा, ‘सिर सांटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाणिये।’ कहने का मतलब है- अगर सिर कटवा देने से एक पेड़ भी बच जाता है तो यह मेरे लिए सस्ता सौदा है। इसके बाद से खेजड़ी के पेड़ की पूजा शुरू हो गई। उस वक्त 363 बिश्नोइयों ने भी अपना सिर कटवा दिया था। **************** ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। (पूरी खबर पढ़ें)