सीरियल किलर को पकड़ने वाले IPS को मेडल:13 महीने तक चलाया ऑपरेशन; 2.5 लाख के इनामी को ढेर करने वाले सिपाही को भी सम्मान

सीरियल किलर को पकड़ने वाले IPS को मेडल:13 महीने तक चलाया ऑपरेशन; 2.5 लाख के इनामी को ढेर करने वाले सिपाही को भी सम्मान

UP पुलिस के तीन अफसरों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक दिया जाएगा। इनमें बरेली के SSP अनुराग आर्य, यूपी STF के DSP विमल कुमार और बिजनौर के हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार का नाम शामिल है। अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बरेली में 6 महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल साइको किलर कुलदीप को गिरफ्तार किया था। DSP विमल कुमार ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर किया था। हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा को मार गिराया था। उन 3 मामलों के बारे में विस्तार से जानिए जिनकी वजह से पुलिस वालों को मिलेगा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक… 1- SSP अनुराग आर्य का ऑपरेशन ‘तलाश’ हुआ हिट बरेली में सीरियल साइको किलर कुलदीप की गिरफ्तारी के बाद SSP अनुराग आर्य को यूपी सरकार ने सराहा। DGP प्रशांत कुमार ने भी उनकी तारीफ की। अब उन्हें मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।
बरेली बवाल के बाद उन्हें यहां का SSP बनाया गया। उन्होंने बरेली की कानून व्यवस्था में बेहतर सुधार किया। लेकिन यहां लगातार हो रही महिलाओं की हत्या के केस को सॉल्व करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। 2- साइको किलर को पकड़ने के लिए 22 टीमें लगाईं
सभी हत्याओं का पैटर्न एक जैसा था। इसलिए पुलिस ने मामले को सीरियल किलिंग एंगल से देखा। SSP अनुराग आर्य ने सीरियल साइको किलर को पकड़ने के लिए 22 टीमें बनाईं। इस तरह के केस सॉल्व कर चुके स्पेशलिस्ट की मदद ली। उन्होंने अपनी टीम के पुलिस वालों को मुंबई तक भेजा। साइकोलॉजिस्ट की राय ली। करीब 3 महीने तक साइको किलर को पकड़ने के लिए दबिश दी गई। SSP अनुराग आर्य ने साइको किलर को पकड़ने के लिए एक वॉर रूम बनवाया। गिरफ्तारी के लिए जो सर्च ऑपरेशन चलाया गया- उसका नाम तलाश रखा गया। तीन महीने में पुलिस ने करीब 150 जगहों पर दबिश दी। सर्विलांस टीम ने 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए। एरिया के 1500 CCTV खंगाले। 600 नए कैमरे भी लगवाए। 3- अनुराग आर्य ने की सटीक प्लानिंग, गूगल मैप पर उतरी पुलिस
SSP अनुराग आर्य ने महिलाओं की हो रही हत्या के खुलासे के लिए पुलिस टीम को डिजिटल मोड पर भी रखा। उन्होंने गूगल मैप पर क्राइम स्पॉट को चिह्नित किया। इससे साइको किलर तक पहुंचने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। सभी हत्याएं 25 किमी. की रेंज के भीतर हुई थीं। इन क्राइम स्पॉट को पिन करते हुए टीम ने करीब 250 गांव खंगाले। एक-एक कर मुखबिरों का नेटवर्क स्ट्रॉन्ग किया गया। इसके बाद पुलिस को लीड तब मिली, जब साइको किलर के तीन स्केच जारी हुए। पहला स्केच कुलदीप का था
6 अगस्त को पुलिस ने ये तीन स्केच सर्कुलेट किए। ये स्केच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें, इसके लिए पुलिस ने तीनों स्केच सोशल मीडिया, सभी मीडिया संस्थानों और थानों में सर्कुलेट किए। 8 अगस्त को शाम चार बजे शाही थाना पुलिस टीम को सूचना मिली- पहले स्केच जैसा दिखने वाला शख्स एक मठिया (मचान जैसा) के पास बैठा है। लोकेशन बुझिया जागीर गांव के पास थी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और साइको किलर को गिरफ्तार किया। अब 5-5 लाख के इनामी असद और मो. गुलाम को ढेर करने वाले DSP विमल कुमार सिंह के बारे में… विमल सिंह UP STF के लखनऊ मुख्यालय पर डिप्टी एसपी पद पर हैं। विमल सिंह सब-इंस्पेक्टर से यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। UP STF में तैनाती के दौरान पूर्वांचल के कई बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसने में विमल सिंह के मुखबिरी नेटवर्क की अहम भूमिका रही है। वह यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं और साल 2018 कैडर के पुलिस अधिकारी हैं। दौड़ाकर किया गया असद और गुलाम का एनकाउंटर
24 फरवरी, 2023 को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई। हत्याकांड को बीच बाजार अंजाम दिया गया। उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तभी गली के बाहर कार से निकलते वक्त उन पर फायरिंग हुई। इस दौरान बम भी फेंके गए। उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की मौके पर ही मौत हो गई। मामले का CCTV सामने आया। इसके बाद असद और गुलाम की संलिप्तता पाई गई। इसके बाद केस यूपी एसटीएफ के पास गया। दोनों की लोकेशन झांसी में मिली। यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों को चारों तरफ से घेरा गया। असद और गुलाम टीम पर फायरिंग करने लगे। जवाबी कार्रवाई में दोनों ऑन द स्पॉट ढेर कर दिए गए। हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने 6 हत्याओं के आरोपी को गोली मारी हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार बिजनौर के बढ़ापुर थाने में तैनात हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर 12 अप्रैल, 2023 को ढाई लाख के इनामी आदित्य राणा को ढेर कर दिया। राणा स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव राणा नंगला का रहने वाला था। वह 23 अगस्त, 2022 को शाहजहांपुर से कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद डीजीपी ने आदित्य पर ढाई लाख के इनाम की घोषणा की थी। कुख्यात आदित्य पर करीब 43 मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज थे। इनमें 6 हत्या, 13 लूट समेत फिरौती, धमकी आदि के मुकदमे शामिल थे। आदित्य राणा के एनकाउंटर में 5 पुलिस वाले घायल हुए थे। इस दौरान अरुण कुमार ने मोर्चा संभाले रखा। आदित्या राणा के एनकाउंटर के बाद उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। ये भी पढ़ें: यूपी में कैसी थी आजादी की पहली सुबह?:जालौन गुलाम ही रहा, गोरखपुर में जहां चौकी फूंकी, वहीं फहराया तिरंगा 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ। इस आजाद भारत में उत्तर प्रदेश का नाम यूनाइटेड प्रोविंस यानी संयुक्त प्रांत था। जैसे ही देश ने आजादी की पहली सुबह देखी, संयुक्त प्रांत इस आजाद हवा में खुशियां मनाने के लिए निकल पड़ा। संयुक्त प्रांत के प्रशासनिक केंद्र रहे तब के इलाहाबाद और आज का प्रयागराज में सबसे ज्यादा हलचल थी। इधर, लखनऊ भी प्रशासनिक केंद्र होने के नाते तरह-तरह के कार्यक्रमों में डूब गया…(पढ़ें पूरी खबर) UP पुलिस के तीन अफसरों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक दिया जाएगा। इनमें बरेली के SSP अनुराग आर्य, यूपी STF के DSP विमल कुमार और बिजनौर के हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार का नाम शामिल है। अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बरेली में 6 महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल साइको किलर कुलदीप को गिरफ्तार किया था। DSP विमल कुमार ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर किया था। हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने ढाई लाख के इनामी बदमाश आदित्य राणा को मार गिराया था। उन 3 मामलों के बारे में विस्तार से जानिए जिनकी वजह से पुलिस वालों को मिलेगा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक… 1- SSP अनुराग आर्य का ऑपरेशन ‘तलाश’ हुआ हिट बरेली में सीरियल साइको किलर कुलदीप की गिरफ्तारी के बाद SSP अनुराग आर्य को यूपी सरकार ने सराहा। DGP प्रशांत कुमार ने भी उनकी तारीफ की। अब उन्हें मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।
बरेली बवाल के बाद उन्हें यहां का SSP बनाया गया। उन्होंने बरेली की कानून व्यवस्था में बेहतर सुधार किया। लेकिन यहां लगातार हो रही महिलाओं की हत्या के केस को सॉल्व करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी। 2- साइको किलर को पकड़ने के लिए 22 टीमें लगाईं
सभी हत्याओं का पैटर्न एक जैसा था। इसलिए पुलिस ने मामले को सीरियल किलिंग एंगल से देखा। SSP अनुराग आर्य ने सीरियल साइको किलर को पकड़ने के लिए 22 टीमें बनाईं। इस तरह के केस सॉल्व कर चुके स्पेशलिस्ट की मदद ली। उन्होंने अपनी टीम के पुलिस वालों को मुंबई तक भेजा। साइकोलॉजिस्ट की राय ली। करीब 3 महीने तक साइको किलर को पकड़ने के लिए दबिश दी गई। SSP अनुराग आर्य ने साइको किलर को पकड़ने के लिए एक वॉर रूम बनवाया। गिरफ्तारी के लिए जो सर्च ऑपरेशन चलाया गया- उसका नाम तलाश रखा गया। तीन महीने में पुलिस ने करीब 150 जगहों पर दबिश दी। सर्विलांस टीम ने 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए। एरिया के 1500 CCTV खंगाले। 600 नए कैमरे भी लगवाए। 3- अनुराग आर्य ने की सटीक प्लानिंग, गूगल मैप पर उतरी पुलिस
SSP अनुराग आर्य ने महिलाओं की हो रही हत्या के खुलासे के लिए पुलिस टीम को डिजिटल मोड पर भी रखा। उन्होंने गूगल मैप पर क्राइम स्पॉट को चिह्नित किया। इससे साइको किलर तक पहुंचने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। सभी हत्याएं 25 किमी. की रेंज के भीतर हुई थीं। इन क्राइम स्पॉट को पिन करते हुए टीम ने करीब 250 गांव खंगाले। एक-एक कर मुखबिरों का नेटवर्क स्ट्रॉन्ग किया गया। इसके बाद पुलिस को लीड तब मिली, जब साइको किलर के तीन स्केच जारी हुए। पहला स्केच कुलदीप का था
6 अगस्त को पुलिस ने ये तीन स्केच सर्कुलेट किए। ये स्केच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें, इसके लिए पुलिस ने तीनों स्केच सोशल मीडिया, सभी मीडिया संस्थानों और थानों में सर्कुलेट किए। 8 अगस्त को शाम चार बजे शाही थाना पुलिस टीम को सूचना मिली- पहले स्केच जैसा दिखने वाला शख्स एक मठिया (मचान जैसा) के पास बैठा है। लोकेशन बुझिया जागीर गांव के पास थी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और साइको किलर को गिरफ्तार किया। अब 5-5 लाख के इनामी असद और मो. गुलाम को ढेर करने वाले DSP विमल कुमार सिंह के बारे में… विमल सिंह UP STF के लखनऊ मुख्यालय पर डिप्टी एसपी पद पर हैं। विमल सिंह सब-इंस्पेक्टर से यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। UP STF में तैनाती के दौरान पूर्वांचल के कई बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसने में विमल सिंह के मुखबिरी नेटवर्क की अहम भूमिका रही है। वह यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं और साल 2018 कैडर के पुलिस अधिकारी हैं। दौड़ाकर किया गया असद और गुलाम का एनकाउंटर
24 फरवरी, 2023 को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई। हत्याकांड को बीच बाजार अंजाम दिया गया। उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तभी गली के बाहर कार से निकलते वक्त उन पर फायरिंग हुई। इस दौरान बम भी फेंके गए। उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की मौके पर ही मौत हो गई। मामले का CCTV सामने आया। इसके बाद असद और गुलाम की संलिप्तता पाई गई। इसके बाद केस यूपी एसटीएफ के पास गया। दोनों की लोकेशन झांसी में मिली। यूपी एसटीएफ के डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों को चारों तरफ से घेरा गया। असद और गुलाम टीम पर फायरिंग करने लगे। जवाबी कार्रवाई में दोनों ऑन द स्पॉट ढेर कर दिए गए। हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने 6 हत्याओं के आरोपी को गोली मारी हेड कॉन्स्टेबल अरुण कुमार बिजनौर के बढ़ापुर थाने में तैनात हैं। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर 12 अप्रैल, 2023 को ढाई लाख के इनामी आदित्य राणा को ढेर कर दिया। राणा स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव राणा नंगला का रहने वाला था। वह 23 अगस्त, 2022 को शाहजहांपुर से कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। इसके बाद डीजीपी ने आदित्य पर ढाई लाख के इनाम की घोषणा की थी। कुख्यात आदित्य पर करीब 43 मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज थे। इनमें 6 हत्या, 13 लूट समेत फिरौती, धमकी आदि के मुकदमे शामिल थे। आदित्य राणा के एनकाउंटर में 5 पुलिस वाले घायल हुए थे। इस दौरान अरुण कुमार ने मोर्चा संभाले रखा। आदित्या राणा के एनकाउंटर के बाद उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने आदित्य को मृत घोषित कर दिया। ये भी पढ़ें: यूपी में कैसी थी आजादी की पहली सुबह?:जालौन गुलाम ही रहा, गोरखपुर में जहां चौकी फूंकी, वहीं फहराया तिरंगा 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ। इस आजाद भारत में उत्तर प्रदेश का नाम यूनाइटेड प्रोविंस यानी संयुक्त प्रांत था। जैसे ही देश ने आजादी की पहली सुबह देखी, संयुक्त प्रांत इस आजाद हवा में खुशियां मनाने के लिए निकल पड़ा। संयुक्त प्रांत के प्रशासनिक केंद्र रहे तब के इलाहाबाद और आज का प्रयागराज में सबसे ज्यादा हलचल थी। इधर, लखनऊ भी प्रशासनिक केंद्र होने के नाते तरह-तरह के कार्यक्रमों में डूब गया…(पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर