तेज रफ्तार कार की वजह से हुए हादसे में एक 15 साल लड़का जिंदगी की जंग लड़ रहा है। घटना शनिवार शाम 5:07 बजे डर्मवाला चौक के पास हुई थी। लेकिन, दो दिन बाद भी पुलिस शिकायत का इंतजार कर रही है। पुलिस का कहना है कि जो लड़का अस्पताल में भर्ती है, वह भी अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसे किसने टक्कर मारी, ये अभी कह नहीं सकते। भास्कर के पास मौजूद इस घटना के सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि जिस क्रूज कार (पीबी-10-डीवाई-3704) से हादसा हुआ, उससे हुडी पहना हुआ एक लड़का उतरा। वह सोना टायर नाम से शहर में दो शोरूम चलाने वाले अमनदीप का बेटा है। वह कार भी सोना टायर के नाम से रजिस्टर्ड है। भास्कर ने अमनदीप से बात की तो उन्होंने भी माना कि उनका बेटा ही कार चला रहा था। लेकिन, हादसे की वजह एक दूसरी कार थी, जिससे ओवरटेक करते हुए ये हादसा हुआ। दूसरी ओर, पुलिस ऐसी किसी भी कार का जिक्र नहीं कर रही। भास्कर ने सीसीटीवी में मौजूद उस कार का भी रिकॉर्ड जांचा। इससे पता चला कि वह कार (पीबी-10-एफएच-0065) किसी अश्वनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। लेकिन, घटनास्थल पर उस कार को लेने दीपक चावला पहुंचे, जो ऑटोपार्ट्स का शोरूम चलाते हैं। उन्होंने माना कि ये कार अब उनके पास है। भास्कर ने पूछा कि हादसे के समय उस कार को कौन चला रहा था? इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बार-बार पूछने पर उन्होंने कहा- ‘ये पुलिस ही बता सकती है।’ भास्कर के पास मौजूद सीसीटीवी फुटेज में ये साफ दिख रहा है कि हादसे के बाद उस कार से एक लड़की उतरी थी, जिसका चेहरा स्पष्ट नहीं दिखाई दिखा। सूत्र बता रहे हैं कि ओवरस्पीड कार चलाने वाले दोनों बच्चे 10वीं में क्लासमेट हैं। कानूनन कार मालिक भी दोषी, कैद का प्रावधान प्रत्यक्षदर्शी रमन ने बताया- ‘ दोनों कारें ओवरस्पीड थीं। क्रूज कार में एक लड़का और एमियो कार में एक लड़की थी। दोनों में रेस लगी हुई थी। हादसे के बाद सोना टायर कंपनी के मालिक अमनदीप और उनके भाई प्रदीप राजा वहां आए। लेकिन, तब तक उनका बेटा वहां से चला गया था। मैंने ही घायल लड़के को अस्पताल पहुंचाया।’ ?वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया- ‘दोनों गाड़ियों की स्पीड बहुत ज्यादा थी। हादसे के तुरंत बाद मैंने और मेरे बेटे ने पुलिस को फोन किया, लेकिन पुलिस को पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगा। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो नाबालिग लड़के के पिता अमनदीप मौके पर मौजूद थे। अमनदीप और पुलिस अफसर के बीच कुछ देर तक बातचीत होती रही। अमनदीप ने वहां कहा कि वह घायल लड़के का पूरा इलाज कराएंगे।’ वह लड़का अभी डीएमसी अस्पताल में भर्ती है। भास्कर जब वहां पहुंचा तो अमनदीप के भाई मौजूद थे। भास्कर ने उनसे फिर सवाल किए। उन्होंने बताया कि वह यहां घायल का हाल जानने आए हैं। एक्सपर्ट व्यू- चश्मदीद: कारों की रेस चल रही थी, पुलिस डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस बोली- अभी जांच शुरू नहीं की है… मामला दुगरी क्षेत्र का है। दुगरी थाने के एसएचओ निरपिंदर सिंह का कहना है- ‘घटना की जानकारी है, लेकिन अभी कोई शिकायत नहीं आई है। हमने घायल लड़के के परिजनों से भी बात की है। घायल लड़के के होश में होने के बाद उसके बयान लेंगे। फिर आगे की कार्रवाई होगी।’ भास्कर ने पूछा कि तेज रफ्तार कार चलाने वाले नाबालिगों को क्यों छोड़ दिया। इस पर एसएचओ ने कहा- ‘अभी तक किसी नाबालिग का नाम सामने नहीं आया है।’ भास्कर के पास इस घटना के चार वीडियो हैं, जो अलग-अलग जगहों से जुटाए गए हैं। पहली वीडियो में दिखता हैकि दो कारें तेज रफ्तार से चल रही हैं। दोनों में आगे निकलने की होड़ है। इसी दौरान क्रूज कार चला रहा लड़का ओवरटेक करने की कोशिश करता है। वह लगभग सफल हो जाता है, लेकिन अचानक उसकी कार का पिछला हिस्सा पीछे छूट रही कार के अगले हिस्से से लगता है। इससे उसका टायर अलग हो जाता है और वह कार घिसटती हुई स्कूटी को टक्कर मार देती है। एक अन्य वीडियो में दिखता है कि हादसे के तुरंत बाद एक और कार वहां आकर रुकती है। उससे एक लड़की उतरती है और हादस्ताग्रस्त कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करती है। दरवाजा नहीं खुल पाता, इसलिए उस कार को चला रहा लड़का दूसरी तरफ से बाहर आता है। फोन पर बात करते हुए वह अपनी कार से कुछ समान निकालकर लड़की की कार में रख लेता है। फिर खुद भी उसी कार में बैठ जाता है। उसके बाद वो कार वहां से निकल जाती है। एक्टिवा सवार घायल लड़का सड़क पर पड़ा तड़पता रहता है। तेज रफ्तार कार की वजह से हुए हादसे में एक 15 साल लड़का जिंदगी की जंग लड़ रहा है। घटना शनिवार शाम 5:07 बजे डर्मवाला चौक के पास हुई थी। लेकिन, दो दिन बाद भी पुलिस शिकायत का इंतजार कर रही है। पुलिस का कहना है कि जो लड़का अस्पताल में भर्ती है, वह भी अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसे किसने टक्कर मारी, ये अभी कह नहीं सकते। भास्कर के पास मौजूद इस घटना के सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि जिस क्रूज कार (पीबी-10-डीवाई-3704) से हादसा हुआ, उससे हुडी पहना हुआ एक लड़का उतरा। वह सोना टायर नाम से शहर में दो शोरूम चलाने वाले अमनदीप का बेटा है। वह कार भी सोना टायर के नाम से रजिस्टर्ड है। भास्कर ने अमनदीप से बात की तो उन्होंने भी माना कि उनका बेटा ही कार चला रहा था। लेकिन, हादसे की वजह एक दूसरी कार थी, जिससे ओवरटेक करते हुए ये हादसा हुआ। दूसरी ओर, पुलिस ऐसी किसी भी कार का जिक्र नहीं कर रही। भास्कर ने सीसीटीवी में मौजूद उस कार का भी रिकॉर्ड जांचा। इससे पता चला कि वह कार (पीबी-10-एफएच-0065) किसी अश्वनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। लेकिन, घटनास्थल पर उस कार को लेने दीपक चावला पहुंचे, जो ऑटोपार्ट्स का शोरूम चलाते हैं। उन्होंने माना कि ये कार अब उनके पास है। भास्कर ने पूछा कि हादसे के समय उस कार को कौन चला रहा था? इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। बार-बार पूछने पर उन्होंने कहा- ‘ये पुलिस ही बता सकती है।’ भास्कर के पास मौजूद सीसीटीवी फुटेज में ये साफ दिख रहा है कि हादसे के बाद उस कार से एक लड़की उतरी थी, जिसका चेहरा स्पष्ट नहीं दिखाई दिखा। सूत्र बता रहे हैं कि ओवरस्पीड कार चलाने वाले दोनों बच्चे 10वीं में क्लासमेट हैं। कानूनन कार मालिक भी दोषी, कैद का प्रावधान प्रत्यक्षदर्शी रमन ने बताया- ‘ दोनों कारें ओवरस्पीड थीं। क्रूज कार में एक लड़का और एमियो कार में एक लड़की थी। दोनों में रेस लगी हुई थी। हादसे के बाद सोना टायर कंपनी के मालिक अमनदीप और उनके भाई प्रदीप राजा वहां आए। लेकिन, तब तक उनका बेटा वहां से चला गया था। मैंने ही घायल लड़के को अस्पताल पहुंचाया।’ ?वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया- ‘दोनों गाड़ियों की स्पीड बहुत ज्यादा थी। हादसे के तुरंत बाद मैंने और मेरे बेटे ने पुलिस को फोन किया, लेकिन पुलिस को पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगा। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो नाबालिग लड़के के पिता अमनदीप मौके पर मौजूद थे। अमनदीप और पुलिस अफसर के बीच कुछ देर तक बातचीत होती रही। अमनदीप ने वहां कहा कि वह घायल लड़के का पूरा इलाज कराएंगे।’ वह लड़का अभी डीएमसी अस्पताल में भर्ती है। भास्कर जब वहां पहुंचा तो अमनदीप के भाई मौजूद थे। भास्कर ने उनसे फिर सवाल किए। उन्होंने बताया कि वह यहां घायल का हाल जानने आए हैं। एक्सपर्ट व्यू- चश्मदीद: कारों की रेस चल रही थी, पुलिस डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस बोली- अभी जांच शुरू नहीं की है… मामला दुगरी क्षेत्र का है। दुगरी थाने के एसएचओ निरपिंदर सिंह का कहना है- ‘घटना की जानकारी है, लेकिन अभी कोई शिकायत नहीं आई है। हमने घायल लड़के के परिजनों से भी बात की है। घायल लड़के के होश में होने के बाद उसके बयान लेंगे। फिर आगे की कार्रवाई होगी।’ भास्कर ने पूछा कि तेज रफ्तार कार चलाने वाले नाबालिगों को क्यों छोड़ दिया। इस पर एसएचओ ने कहा- ‘अभी तक किसी नाबालिग का नाम सामने नहीं आया है।’ भास्कर के पास इस घटना के चार वीडियो हैं, जो अलग-अलग जगहों से जुटाए गए हैं। पहली वीडियो में दिखता हैकि दो कारें तेज रफ्तार से चल रही हैं। दोनों में आगे निकलने की होड़ है। इसी दौरान क्रूज कार चला रहा लड़का ओवरटेक करने की कोशिश करता है। वह लगभग सफल हो जाता है, लेकिन अचानक उसकी कार का पिछला हिस्सा पीछे छूट रही कार के अगले हिस्से से लगता है। इससे उसका टायर अलग हो जाता है और वह कार घिसटती हुई स्कूटी को टक्कर मार देती है। एक अन्य वीडियो में दिखता है कि हादसे के तुरंत बाद एक और कार वहां आकर रुकती है। उससे एक लड़की उतरती है और हादस्ताग्रस्त कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करती है। दरवाजा नहीं खुल पाता, इसलिए उस कार को चला रहा लड़का दूसरी तरफ से बाहर आता है। फोन पर बात करते हुए वह अपनी कार से कुछ समान निकालकर लड़की की कार में रख लेता है। फिर खुद भी उसी कार में बैठ जाता है। उसके बाद वो कार वहां से निकल जाती है। एक्टिवा सवार घायल लड़का सड़क पर पड़ा तड़पता रहता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब पहुंचने पर अर्शदीप का जोरदार स्वागत:बोले- मोदी से मिलकर अच्छा लगा, घर जाकर मां के हाथ की रोटी खानी है
पंजाब पहुंचने पर अर्शदीप का जोरदार स्वागत:बोले- मोदी से मिलकर अच्छा लगा, घर जाकर मां के हाथ की रोटी खानी है भारतीय T20 क्रिकेट टीम के बॉलर अर्शदीप आज देर शाम चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। जहां से वह मोहाली के कस्बा खरड़ स्थित अपने घर पर जा रहे हैं। इसके लिए उनके घर पर स्वागत की पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई थी। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचते ही समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पंजाब की कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान की तरफ से एयरपोर्ट पर अर्शदीप सिंह का स्वागत किया गया है। यहां से उनके घर खरड़ तक विजयी मार्च निकला गया है। घर को भी फूल मालाओं के साथ सजाया गया है। घर पर सोसायटी के लोग ढोल नगाडों के साथ उनके स्वागत कर रहे है। पीएम से मिलकर अच्छा लगा : अर्शदीप अर्शदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। आप लोग यहां मेरे स्वागत में आए हैं। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। आगे मैंने अपने परिवार के साथ कुछ समय व्यतीत करना है। और घर पर अपने मां के हाथ की रोटी खानी है। मेरी आंखाें से खुशी के आंसू निकले -अर्शदीप की मां अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर ने कहा कि जब इंडियन टीम ने विश्व कप जीता था, तो मैं वहां मौके पर बैठी हुई थी और मेरी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े थे। क्योंकि मेरा बेटा अर्शदीप भी उस टीम में खेल रहा था। वहीं उनके पिता दर्शन सिंह ने कहा की मुझे भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने पर दुगनी खुशी हो रही है। क्योंकि मैं एक क्रिकेटर, एक पिता और एक भारतीय हूं। इसका मुझे गर्व है। पुष्प वर्षा कर किया स्वागत अर्शदीप का मकान खरड़ की एक निजी सोसाइटी में है। सोसाइटी में पहुंचने पर लोगों ने अपने घरों की छतों से फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। माता-पिता ने देखे सभी मैच अर्शदीप सिंह के पिता दर्शन सिंह और मां बलजीत कौर दोनों T20 वर्ल्ड कप के सभी मैच देखने के लिए विदेश में ही थे। फाइनल जीतने के बाद पूरे परिवार में बेटे के साथ ट्रॉफी के साथ मैदान पर तस्वीर भी खिंचवाई थी। इसके बाद वह अपने बेटे अर्शदीप के साथ विशेष विमान के जरिए ही भारत लौटे थे। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अर्शदीप के साथ मुलाकात भी की। इसके बाद माता-पिता घर आ गए और अर्शदीप मुंबई के लिए रवाना हो गया था। अब आज अर्शदीप भी अपने घर पहुंच रहे हैं। बुमराह की वजह से मिले विकेट अर्शदीप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कहा कि विदेशी खिलाड़ियों पर बुमराह दबाव बनाते थे। उनके बाद जब मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिलता था, तो वह आउट हो जाते थे। उन्होंने इस पूरे वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए हैं। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट, उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन विकेट, बांग्लादेश के खिलाफ दो विकेट, अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट, अमेरिका के खिलाफ चार विकेट, आयरलैंड के खिलाफ दो विकेट और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने एक विकेट लिया।
बलवंत राजोआना की मर्सी पिटीशन ली जाएगी वापस:अकाल तख्त साहिब की बैठक में फैसला; सिख संगठनों राय देने के लिए भी कहा
बलवंत राजोआना की मर्सी पिटीशन ली जाएगी वापस:अकाल तख्त साहिब की बैठक में फैसला; सिख संगठनों राय देने के लिए भी कहा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या करने वाले बलवंत सिंह राजोआना की मर्सी पटीशन को वापस लेने का फैसला किया गया है। ये फैसला श्री अकाल तख्त साहिब पर आज शुक्रवार हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में लिया गया। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से ये मर्सी पिटीशन राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है और अब राजओना भी यही चाहता है कि इस पिटीशन को वापस लिया जाए। जत्थेदान ज्ञानी रघबीर सिंह ने 5 तख्तों के जत्थेदारों की बैठक का फैसला बताते हुए कहा कि बैठक में बलवंत सिंह राजोआना पर गंभीरता से विचार किया गया। जिसमें अब उनकी मर्सी पटीशन जो लंबे समय से राष्ट्रपति के पास है, उसे वापस लिया जाए। बलवंत सिंह राजोआना को फांसी की सजा सुनाए 18 साल से अधिक का समय हो चुका और उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए भारत सरकार को भेजी मर्सी पटीशन 12 साल से अधिक समय से विचाराधीन पड़ी है और उस पर कोई फैसला पेंडिंग है। बलवंत सिंह राजोआना की इच्छा पर SGPC ने श्री अकाल तख्त साहिब को खत लिखा। बैठक में फैसला लिया गया कि बलवंत सिंह राजोआना की सिख कौम के लिए दी कुर्बानी बहुत बड़ी है और उनका जीवन कौम की अमानत है। सिख जत्थेबंदियां इस पर अपना विचार जल्द से जल्द श्री अकाल तख्त साहिब को लिख कर भेजें। एक तरफा फैसला लेने के लिए पहले भी कहा बलवंत सिंह राजोआना को पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का दोषी बनाया गया था। जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। एसजीपीसी की तरफ से इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की गई थी और राष्ट्रपति को भी लिखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ साल पहले ही बलवंत सिंह राजोआना पर फैसला लेने के लिए सरकार को कहा। वहीं, राष्ट्रपति को दी गई अर्जी पर आज तक फैसला नहीं हो पाया। कुछ महीने पहले पटियाला की जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उनकी मांग थी कि एक तरफ का फैसला लिया जाए। वे बंदी सिख भी नहीं हैं, क्योंकि उसे तो मौत की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति से मिलना चाहता है एसजीपीसी वफद एसजीपीसी का एक वफद जल्द ही राष्ट्रपति से मिलना चाहता है। एसजीपीसी ने बीते दिनों अंतरिम कमेटी की बैठक में फैसला लिया था कि बलवंत राजोआना की सजा माफी को लेकर वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। लेकिन अब श्री अकाल तख्त साहिब ने मर्सी पटीशन वापस लेने का फैसला किया है। अब एसजीपीसी राष्ट्रपति से मिलेंगे या मर्सी पिटीशन वापस लेंगे, इस पर फैसला लिया जाना है।
थानों पर ग्रेनेड हमलों के बाद पुलिस का एक्शन, 4 जिलों के लिए 15 टीमें बनाईं
थानों पर ग्रेनेड हमलों के बाद पुलिस का एक्शन, 4 जिलों के लिए 15 टीमें बनाईं अमृतसर | खालिस्तानी आतंकी की ओर से पुलिस थानों को टारगेट करते हुए ग्रेनेड से धमाके करने के मामले में पुलिस प्रशासन, बीएसएफ, एनआईए सहित कई एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। इसके लिए डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर और पठानकोट में 150 पुलिस मुलाजिमों की 15 टीमें बना दी हैं। इसमें डीसीपी, एसपी और डीएसपी के अगुवाई में जांच हो रही है। टीमें पाकिस्तान बेस आतंकी खालिस्तानी रिंदा के अंतर्गत अपराध करवाने वाले हैप्पी पशियां, जीवन फौजी और गोपी नवांशहरिया के आतंकी मॉडयूल के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक ऑपरेशन चला रही है। इसके अलावा बॉर्डर एरिया में ड्रोन एक्टिविटी पर भी नजर रखी जा रही है। एसएसओसी की टीम जांच करते हुए रेड कर रही है। इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड धमाके के मामले में 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। पुलिस के पास ग्रेनेड फेंकने वालों की सीसीटीवी तस्वीर आई है। इसकी पुलिस जांच कर रही है।