शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर सजा पूरी करते समय गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा का दो दिन का रिमांड बड़ा दिया गया है। अमृतसर पुलिस ने नरायण सिंह चौड़ा को तीन दिन का रिमांड खत्म होने के बाद आज फिर से अमृतसर की अदालत में पेश किया। पुलिस ने पांच दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दो दिन का रिमांड ही मंजूर किया। नारायण चौड़ा के वकील ने बताया कि 2 और 4 दिसंबर की सीसीटीवी फुटेज अब तक उन्हें नहीं दी गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) से फुटेज मुहैया कराने की अपील की गई है। वकील का कहना है कि यह मामला एसजीपीसी की जांच टीम से संबंधित है और नरायण सिंह चौड़ा का इसमें कोई सीधा संबंध नहीं है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी एसीपी जसपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नरायण सिंह चौड़ा के पास से बरामद पिस्तौल पहले ही जब्त कर ली गई है। इस मामले में एक अन्य आरोपी धर्म सिंह की गिरफ्तारी बाकी है। पुलिस ने अदालत से पांच दिन के रिमांड की मांग की थी ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके। अदालत ने दो दिन का रिमांड दिया है। पुलिस अब चौड़ा को 16 दिसंबर को फिर से अदालत में पेश करेगी। एसीपी ने बताया कि जांच अभी जारी है और विस्तृत तथ्य जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएंगे। अकाली दल पंजाब पुलिस की जांच पर उठा रहा सवाल घटना के बाद से ही बिक्रम मजीठिया लगातार पुलिस की इन्क्वायरी पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि सुखबीर बादल पर हमला पंजाब पुलिस की विफलता के कारण हुआ है। अमृतसर पुलिस न केवल सुखबीर सिंह बादल की जान की सुरक्षा में लापरवाही बरती, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पाकिस्तान के ज्ञात आईएसआई एजेंट हमलावर नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन सांठगांठ और मिलीभगत कर रहे थे। अमृतसर पुलिस ने सच्चाई को सामने आने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कवर-अप अभियान शुरू किया गया है। लंबे समय से चौड़ा की हिटलिस्ट में थे सुखबीर बादल डोजियर में नाम होने के बावजूद नारायण सिंह चौड़ा को 3 और 4 दिसंबर को गोल्डन टेंपल में कई बार जाने की अनुमति दी गई, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब में सेवा करेंगे। नारायण सिंह चौड़ा को साफ रास्ता दिए जाने और सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें संकेत दिए जाने के आश्चर्यजनक वीडियो-ग्राफिक सबूत हैं। उन्हें कई मौकों पर निर्देश मिलते और पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह रंधावा से बातचीत करते देखा गया है। पंजाब पुलिस ने अधिकारियों ने हत्या की साजिश में मिलाया हाथ उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अमृतसर में पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने सुखबीर सिंह बादल की हत्या की साजिश में हाथ मिला लिया था। नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन मिलीभगत थी। जिसे अपने प्रतिबंधित, अवैध, अत्याधुनिक अर्ध-स्वचालित हथियार के साथ कई बार गोल्डन टेंपल में जाने की अनुमति दी गई थी। उसे पूरे परिसर की टोह लेने के निर्देश दिए गए थे। खासकर उस क्षेत्र की जहां सुखबीर सिंह बादल सेवा कर रहे थे। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर सजा पूरी करते समय गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा का दो दिन का रिमांड बड़ा दिया गया है। अमृतसर पुलिस ने नरायण सिंह चौड़ा को तीन दिन का रिमांड खत्म होने के बाद आज फिर से अमृतसर की अदालत में पेश किया। पुलिस ने पांच दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दो दिन का रिमांड ही मंजूर किया। नारायण चौड़ा के वकील ने बताया कि 2 और 4 दिसंबर की सीसीटीवी फुटेज अब तक उन्हें नहीं दी गई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) से फुटेज मुहैया कराने की अपील की गई है। वकील का कहना है कि यह मामला एसजीपीसी की जांच टीम से संबंधित है और नरायण सिंह चौड़ा का इसमें कोई सीधा संबंध नहीं है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी एसीपी जसपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नरायण सिंह चौड़ा के पास से बरामद पिस्तौल पहले ही जब्त कर ली गई है। इस मामले में एक अन्य आरोपी धर्म सिंह की गिरफ्तारी बाकी है। पुलिस ने अदालत से पांच दिन के रिमांड की मांग की थी ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके। अदालत ने दो दिन का रिमांड दिया है। पुलिस अब चौड़ा को 16 दिसंबर को फिर से अदालत में पेश करेगी। एसीपी ने बताया कि जांच अभी जारी है और विस्तृत तथ्य जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएंगे। अकाली दल पंजाब पुलिस की जांच पर उठा रहा सवाल घटना के बाद से ही बिक्रम मजीठिया लगातार पुलिस की इन्क्वायरी पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि सुखबीर बादल पर हमला पंजाब पुलिस की विफलता के कारण हुआ है। अमृतसर पुलिस न केवल सुखबीर सिंह बादल की जान की सुरक्षा में लापरवाही बरती, बल्कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पाकिस्तान के ज्ञात आईएसआई एजेंट हमलावर नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन सांठगांठ और मिलीभगत कर रहे थे। अमृतसर पुलिस ने सच्चाई को सामने आने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कवर-अप अभियान शुरू किया गया है। लंबे समय से चौड़ा की हिटलिस्ट में थे सुखबीर बादल डोजियर में नाम होने के बावजूद नारायण सिंह चौड़ा को 3 और 4 दिसंबर को गोल्डन टेंपल में कई बार जाने की अनुमति दी गई, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब में सेवा करेंगे। नारायण सिंह चौड़ा को साफ रास्ता दिए जाने और सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें संकेत दिए जाने के आश्चर्यजनक वीडियो-ग्राफिक सबूत हैं। उन्हें कई मौकों पर निर्देश मिलते और पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह रंधावा से बातचीत करते देखा गया है। पंजाब पुलिस ने अधिकारियों ने हत्या की साजिश में मिलाया हाथ उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अमृतसर में पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने सुखबीर सिंह बादल की हत्या की साजिश में हाथ मिला लिया था। नारायण सिंह चौड़ा के साथ मौन मिलीभगत थी। जिसे अपने प्रतिबंधित, अवैध, अत्याधुनिक अर्ध-स्वचालित हथियार के साथ कई बार गोल्डन टेंपल में जाने की अनुमति दी गई थी। उसे पूरे परिसर की टोह लेने के निर्देश दिए गए थे। खासकर उस क्षेत्र की जहां सुखबीर सिंह बादल सेवा कर रहे थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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