हमीरपुर के सुजानपुर की पनोह पंचायत के खड़ाकड़ा गांव के निवासी राजीव राणा के घर के अंदर बनी पुरानी पानी की बावड़ी में सांप घुस गया। घर वालों ने जैसे ही इसे देखा तो पूरे घर में भय का वातावरण बन गया और उनके होश उड़ गए। सांप लगभग सात घंटे तक बावड़ी के साथ टुल्लू पंप के साथ बैठा रहा। इसी बावड़ी से घर के लोग पानी भरते हैं। घर में रहने वाले लोगों ने इस पर इसकी सूचना स्नेक मैन माथुर धीमान को दी। रात के अंधेरे में ही माथुर धीमान मौके पर पहुंचे। माथुर धीमान जैसे ही इस सांप को पकड़ने लगे तो यह सांप बावड़ी के अंदर घुस गया। रात के अंधेरे में यह सांप पानी में यहां वहां घूमता रहा। लेकिन उन्होंने बड़ी मशक्कत करने के बाद होशियारी के साथ सांप को रेस्क्यू किया। 5 फीट लंबा था कोबरा सांप माथुर धीमान ने बताया कि यह सांप भारत वर्ष में पाया जाने वाला कॉमन इंडियन स्पैक्टेकल कोबरा प्रजाति का था। जो कि लगभग 5 फीट लंबा था। उन्होंने बताया कि यह बेहद जहरीला सांप होता है। अगर इसके काटे जाने पर इसका उपचार समय पर ना किया जाए तो व्यक्ति की मौत निश्चित होती है। स्नेक मैन माथुर ने लोगों को दी समझाइस उन्होंने लोगों को बताया कि अगर यह सांप काट जाए तो तुरंत अस्पताल जाकर समय पर इसका इलाज करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप के काटे जाने पर झाड़ फूंक नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसका सही उपचार समय पर इसका इलाज है जो कि अस्पताल में ही हो सकता है। हमीरपुर के सुजानपुर की पनोह पंचायत के खड़ाकड़ा गांव के निवासी राजीव राणा के घर के अंदर बनी पुरानी पानी की बावड़ी में सांप घुस गया। घर वालों ने जैसे ही इसे देखा तो पूरे घर में भय का वातावरण बन गया और उनके होश उड़ गए। सांप लगभग सात घंटे तक बावड़ी के साथ टुल्लू पंप के साथ बैठा रहा। इसी बावड़ी से घर के लोग पानी भरते हैं। घर में रहने वाले लोगों ने इस पर इसकी सूचना स्नेक मैन माथुर धीमान को दी। रात के अंधेरे में ही माथुर धीमान मौके पर पहुंचे। माथुर धीमान जैसे ही इस सांप को पकड़ने लगे तो यह सांप बावड़ी के अंदर घुस गया। रात के अंधेरे में यह सांप पानी में यहां वहां घूमता रहा। लेकिन उन्होंने बड़ी मशक्कत करने के बाद होशियारी के साथ सांप को रेस्क्यू किया। 5 फीट लंबा था कोबरा सांप माथुर धीमान ने बताया कि यह सांप भारत वर्ष में पाया जाने वाला कॉमन इंडियन स्पैक्टेकल कोबरा प्रजाति का था। जो कि लगभग 5 फीट लंबा था। उन्होंने बताया कि यह बेहद जहरीला सांप होता है। अगर इसके काटे जाने पर इसका उपचार समय पर ना किया जाए तो व्यक्ति की मौत निश्चित होती है। स्नेक मैन माथुर ने लोगों को दी समझाइस उन्होंने लोगों को बताया कि अगर यह सांप काट जाए तो तुरंत अस्पताल जाकर समय पर इसका इलाज करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप के काटे जाने पर झाड़ फूंक नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसका सही उपचार समय पर इसका इलाज है जो कि अस्पताल में ही हो सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
निगुलसरी में खाई में गिरी कार:हादसे में चालक की मौत, रामपुर से रुशकुलंग जा रहा था अपने घर
निगुलसरी में खाई में गिरी कार:हादसे में चालक की मौत, रामपुर से रुशकुलंग जा रहा था अपने घर किनौर जिला के भावानगर के निगुलसरी में एक कार हादसे का शिकार हो गई। बुधवार शाम 4:30 बजे कार नेशनल हाईवे-5 से खाई में जा गिरी। इस हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और रेस्क्यू दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गया। मिली जानकारी के मुताबिक एक कार चालक रामपुर से अपने घर रुशकुलंग जा रहा था। बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे जैसे ही वह निगुलसरी के समीप पहुंचा, तो कार पर नियंत्रण खो दिया। जिसके कारण कार NH-5 से करीब ढाई सौ मीटर नीचे खाई में जा गिरी। इस हादसे में पदम सिंह, पुत्र गोपी राम निवासी गांव रुशकुलंग, तहसील पूह, जिला किन्नौर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस थाना भावानगर को दी और सूचना मिलते ही पुलिस का दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गया। वहीं हादसे के मृतक को घटनास्थल से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू दल भेजा गया है। मामले की पुष्टि हुए एसपी किन्नौर अभिषेक ने बताया की मौके रेस्क्यू दल भेज दी है।
हिमाचल के व्यापारियों पर ऑनलाइन व्यापार की मार:50% तक कम हुआ कारोबार; त्योहारी सीजन में भी नहीं हुआ अच्छा काम
हिमाचल के व्यापारियों पर ऑनलाइन व्यापार की मार:50% तक कम हुआ कारोबार; त्योहारी सीजन में भी नहीं हुआ अच्छा काम हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन शॉपिंग ने व्यापारियों के कारोबार को चौपट कर दिया है। फेस्टिवल सीजन में भी प्रदेश में व्यापारियों का अच्छा काम नहीं हो पाया। इससे व्यापारी वर्ग परेशान है। इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान बेचने वाले कारोबारी सबसे ज्यादा परेशान है। ऑनलाइन शॉपिंग की मार रैडिमेट कपड़े, जूते और घरेलू उपयोग का सामान्य रखने वाले व्यापारियों पर भी पड़ी है। प्रदेश में कोरोना काल के बाद ऑनलाइन कारोबार का प्रचलन काफी ज्यादा बढ़ा है। हिमाचल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने बताया कि राज्य में ऑनलाइन कारोबार से व्यापारियों का काम 50 प्रतिशत तक कम हुआ है। घरेलू उपयोग की छोटी-छोटी चीजें भी लोग ऑनलाइन मंगाने लगे है। इससे राज्य के लगभग 5 लाख व्यापारिक परिवार परेशान है। सोमेश शर्मा ने बताया कि साल 2019 तक करवाचौथ से दिवाली के बीच में बहुत ज्यादा कारोबार होता था, लेकिन कोरोना के बाद से यह आधा रह गया है। ज्यादातर व्यापारियों ने महंगे दाम पर दुकानें किराए पर ले रखी है। ऐसे लोगों को हर महीने किराया निकालना भी मुश्किल हो गया है। इससे व्यापारी चिंता में है। दुकानदारों का बिजनेस चौपट शिमला व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत ने बताया कि ऑनलाइन कारोबार ने ऑफलाइन काम चौपट कर दिया है। लोग भी ऑनलाइन पर भरोसा जता रहे है। इससे लोगों के साथ ठगी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में व्यापारियों ने लोगों उधार पर सामान दिया। लोगों पर भरोसा किया। अब लोगों को भी स्थानीय व्यापारियों पर भरोसा करना चाहिए। दुकानों पर रखे लोगों के रोजगार पर आया संकट इंद्रजीत ने बताया कि कुछ ऐसे बड़े व्यापारी है जिनके पास 40 से 50 लोग काम करते हैं। ऑनलाइन काम से ऐसे लोगों की नौकरी पर संकट आ गया है। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन व्यापारी ऑनलाइन को कंपीट नहीं कर पाते, क्योंकि दुकानदारों को सभी साइज रखने पड़ते है, जबकि ऑनलाइन व्यापारी बड़े बड़े स्टोर को पकड़ते हैं, वहीं से सामान उठाते हैं।
हिमाचल: समेज में 2 और शव मिले:अब तक 6 डेड बॉडी बरामद, नहीं हुई पहचान, डीएनए से होगी शिनाख्त, 44 अभी भी लापता
हिमाचल: समेज में 2 और शव मिले:अब तक 6 डेड बॉडी बरामद, नहीं हुई पहचान, डीएनए से होगी शिनाख्त, 44 अभी भी लापता हिमाचल के शिमला जिले के रामपुर की समेज खड्ड और मंडी की चौहारघाटी में मंगलवार को 2 शव बरामद किए गए। चौहारघाटी के राजबन में खुंडी देवी (75) की बॉडी छठे दिन मिली। जबकि समेज खड्ड में मिले व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई। यह किसी पुरुष का है। इसकी अभी पहचान नहीं हो सकी। समेज खड्ड, डकोलढ़ और सुन्नी के कोल डेम में अब तक 6 लोगों के शव जरूर मिले है। मगर इनमें से एक शव की भी पहचान नहीं हो पाई। इन शवों की शिनाख्त के लिए लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। अब तक 38 परिजनों व रिश्तेदारों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं। इन्हें जांच के लिए एफएसएल लैब जुन्गा भेजा जा रहा हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि 6 शव आखिर किसके है। 200 जवान, 10 एलएनटी मशीनें रेस्क्यू में जुटी हिमाचल के समेज, बागीपुल और चौहारघाटी में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड के 200 से ज्यादा जवान, 10 पोकलेन मशीनें, स्निफर डॉग और लाइव डिटेक्टर डिवाइस की मदद से सर्च ऑपरेशन चल रहा है। मगर ज्यादा अब तक उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली। अब तक कहां कितने शव मिले चौहारघाटी में जरूर 9 शव मिले है। यहां पर 1 लड़के का अभी भी सुराग नहीं लग पाया। कुल्लू के बागीपुल में भी 2 शव मिले है, यहां पर भी अभी 5 लोग लापता है। समेज में 36 लोग लापता है। 6 शवों की पहचान होने के बाद पता चल पाएगा कि आखिर समेज में कितने शव मिले है। फिलहाल अभी 44 लोग मिसिंग है। सतलुज में मिलती है कुर्पण और समेज खड्ड समेज और कुर्पण इन दोनों खड्ड का पानी सतलुज नदी में मिलता है। इसलिए कौल डेम में मिले 3 शव समेज, बागीपुल या फिर श्रीखंड के सिंघगाड़ से लापता 2 लोगों के भी हो सकते हैं। कहां से कितने लोग लापता हुए प्रदेश में बुधवार आधी रात बादल फटने के बाद 36 लोग समेज खड्ड की बाढ़ में बह गए। कुर्पण खड्ड की बाढ़ में बाघीपुल से 7 लोग बहे। श्रीखंड के रास्ते में सिंघगाड़ से 2 लोग लापता हुए, जबकि 11 लोग मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव लैंडस्लाइड में 3 परिवारों के दब गए।