हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर के विधायक कैप्टन रंजीत सिंह का 69वां जन्मदिन रक्तदान शिविर लगाकर मनाया गया। सुजानपुर ब्लॉक युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में लोगों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर विधायक कैप्टन रंजीत सिंह ने केक काटा। स्थानीय लोगों ने उन्हें उनके जन्मदिन पर बधाई दी। विधायक ने रक्तदान करने वाले युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। एक बोतल खून देने से किसी एक व्यक्ति की जान बच सकती है। प्रदेश सरकार ने चलाई विशेष योजनाएं इस अवसर पर कैप्टन रंजीत सिंह ने कहा कि सुजानपुर की जनता ने उन्हें जो दिया है, वह उसे कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने स्थानीय बाल आश्रम में जाकर वहां रहने वाले बच्चों से मुलाकात की तथा गिफ्ट वितरित किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है, उनके लिए विशेष योजनाएं चलाई हैं। जिनका लाभ प्रदेश के उन बच्चों को मिल रहा है। सुजानपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे सीएम उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में लोगों के लिए कई विकास योजनाएं चलाई हैं। इस अवसर पर सुजानपुर के कांग्रेसी नेता राजेंद्र वर्मा, प्यार चंद सहित कई लोग मौजूद रहे। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू जल्द ही सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा सुजानपुर के लिए कई सौगात देंगे। हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर के विधायक कैप्टन रंजीत सिंह का 69वां जन्मदिन रक्तदान शिविर लगाकर मनाया गया। सुजानपुर ब्लॉक युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में लोगों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर विधायक कैप्टन रंजीत सिंह ने केक काटा। स्थानीय लोगों ने उन्हें उनके जन्मदिन पर बधाई दी। विधायक ने रक्तदान करने वाले युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। एक बोतल खून देने से किसी एक व्यक्ति की जान बच सकती है। प्रदेश सरकार ने चलाई विशेष योजनाएं इस अवसर पर कैप्टन रंजीत सिंह ने कहा कि सुजानपुर की जनता ने उन्हें जो दिया है, वह उसे कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने स्थानीय बाल आश्रम में जाकर वहां रहने वाले बच्चों से मुलाकात की तथा गिफ्ट वितरित किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने जिन बच्चों के माता-पिता नहीं है, उनके लिए विशेष योजनाएं चलाई हैं। जिनका लाभ प्रदेश के उन बच्चों को मिल रहा है। सुजानपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे सीएम उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में लोगों के लिए कई विकास योजनाएं चलाई हैं। इस अवसर पर सुजानपुर के कांग्रेसी नेता राजेंद्र वर्मा, प्यार चंद सहित कई लोग मौजूद रहे। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू जल्द ही सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा सुजानपुर के लिए कई सौगात देंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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ज्वालामुखी दरबार 100 क्वींटल फूलों से सजा:मनाया जा रहा है प्रकटोत्सव, अर्पित किए जांगे 56 भोग, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु
ज्वालामुखी दरबार 100 क्वींटल फूलों से सजा:मनाया जा रहा है प्रकटोत्सव, अर्पित किए जांगे 56 भोग, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आषाढ़ मास शुल्क पक्ष में परंपरानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से मां ज्वाला को भोग प्रसाद भेंट कर रहे हैं। मां ज्वाला के प्रकटोत्सव के पावन दिवस पर मंदिर को 100 क्वींटल फूलों से सजाया गया है। रंग बिरंगी लाईटें भी लगाई गई हैं, ताकि मां ज्वाला का दरबार कि भव्यता और ज्यादा दिव्य रुप में दिखाई दे। इसके अलावा मां ज्वाला के प्रकटोत्सव पर मंदिर में मैया को विभिन्न प्रकार के 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि है मां ज्वाला का स्थान हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर सैकड़ों वर्षो से साक्षात रुप में चमत्कारी ज्योतियों के रुप में मां ज्वाला दर्शन देती हैं। यह शक्तिपीठ अपने आप में इसलिए अनूठा है, क्योंकि यहां पर मूर्ति पूजा नहीं होती। मां ज्वाला के मंदिर में यह साक्षात ज्योति अपने ओज से वर्षोंत् से प्रकाशमान हो रही हैं। देश हो या विदेश मां ज्वाला देवी के दर्शनों के लिए वर्षों से करोड़ों श्रद्धालु इस स्थान पर आज के वैज्ञानिक युग में भी मां के चमत्कार को साक्षात देखकर नतमस्तक होते हैं। मां ज्वाला देवी के मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में 7 अखंड ज्योतियों विराजमान है, जिन्हे अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। ज्योतियों में सर्वप्रथम मां ज्वाला महाकाली के रुप में प्रकट हैं। चंडी, हिंगलाज, विध्यवासिनी,अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, महासरस्वती के रुप में मंदिर में यह ज्योतियां साक्षात भक्तों को दर्शन देती है। 51 शक्तिपीठों में मां ज्वाला को सर्वोपरि माना गया है। मां ज्वाला का इतिहास कांगड़ा घाटी में स्थित श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ की मान्यता 51 शक्तिपीठों में सर्वोपरि मानी गई है। इन पीठों में यही एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां मां के दर्शन साक्षात ज्योतियों के रुप में होतें हैं। शिव महापुराण में भी इस शक्तिपीठ का वर्णन आता है। जब भगवान शिव, माता सती के पार्थिव को पूरे ब्रहांड़ के घूमने लगे तब सती की जिव्हा इस स्थान पर गिरी थी, जिससे यहां ज्वाला ज्योति रुप में यहां दर्शन देती हैं। एक अन्य दंत कथा के अनुसार जब माता ज्वाला प्रकट हुई तब एक ग्वालो को सबसे पहले पहाडी पर ज्योति के दिव्य दर्शन हुए। राजा भूमिचंद्र ने मंदिर भवन को बनवाया था। यह भी धारणा है कि पांडव ज्वालामुखी में आए थे कांगड़ा का एक प्रचलित भजन भी इस का गवाह बनता है..पंजा पंजा पांडवां मैया तेरा भवन बनाया, अर्जुन चंवर झुलाया मेरी माता..। अकबर भी हुआ था मां ज्वाला का मुरीदबादशाह अकबर भी मां ज्वाला की परीक्षा लेने के लिए मां के दरबार में पहुंचा था। उसने ज्योतियों के बुझाने के लिए अकबर ने नहर का निर्माण करवाया, लेकिन मां के चमत्कार से ज्योतियां नहीं बुझ पाई। राजा अकबर को अंहकार के वशीभूत होकर सवा मन सोने का छत्र मंदिर में चढ़ाया था, लेकिन, मां ज्वाला ने इस छत्र को अस्वीकार कर खंडित कर दिया था। अकबर का यह छत्र आज भी मंदिर में मौजूद है। इस बाबत, नंगे नंगे पैरी माता अकबर आया, सोने दा छत्र चढ़ाया मेरी माता, भेंट प्रचलित है। ज्वालाजी मंदिर मंडप शैली निर्मित है मां ज्वालादेवी का मंदिर मंडप शैली का है। मुख्य मंदिर के बाहरी छत्र पर सोने का पालिश चढ़ाया गया है। इसे महाराजा रणजीत सिंह ने अपने शासनकाल में चढ़वाया था। उनके पौत्र कुंवर नौनिहाल सिंह ने मंदिर के मुख्य दरवाजों पर चांदी के पतरे चढवाऐ थे जो कि आज भी दर्शनीय हैं।साल में दो बार होतें है ‘गुप्त नवरात्रजनवरी- फरवरी माघ शुक्ल प्रतिपदा में मां ज्वाला देवी के मंदिर में गुप्त नवरात्र का आयोजन विश्व कल्याण के लिए परंपरानुसार किया जाता है। जून-जुलाई आषाढ़ शुक्ल में मां ज्वाला का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। कहां जाता है मां ज्वाला इसी समय यहां प्रकट हुई थी। दर्शनीय स्थल टेढा मंदिर, अबिंकेश्वर महादेव, अर्जुननागा मंदिर, गोरख डिब्बी, लाल शिवालय, राधाकृष्ण मंदिर, तारा देवी, भैरव मंदिर, प्राचीन गणेश मंदिर, अष्टभुजी मंदिर ज्वालामुखी में दर्शनीय स्थल हैं। कैसे पहुंचें हिमाचल के मां ज्वाला देवी मंदिर में आने के लिए रेलवे से आने के लिए ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। ऊना रेलवे लाइन से सड़क मार्ग से आया जा सकता है। चंडीगढ़ से इस स्थल की दूरी 200 किलोमीटर हैं। हवाई मार्ग से कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट तक आया जा सकता है। उसके बाद 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से यहां पंहुचा जा सकता है।
हिमाचल के IAS आशुतोष बने नड्डा के निजी सचिव:केंद्रीय कार्मिक विभाग ने दी मंजूरी, अब 5 साल तक दिल्ली में सेवाएं देंगे गर्ग
हिमाचल के IAS आशुतोष बने नड्डा के निजी सचिव:केंद्रीय कार्मिक विभाग ने दी मंजूरी, अब 5 साल तक दिल्ली में सेवाएं देंगे गर्ग हिमाचल प्रदेश के 2014 बैच के आईएएस आशुतोष गर्ग को केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। केंद्रीय कार्मिक विभाग ने आशुतोष गर्ग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया है। इस संबंध में देर शाम उप सचिव पूजा जैन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। आशुतोष गर्ग वर्तमान में हिमाचल सरकार में विशेष सचिव कार्मिक एवं वित्त विभाग के पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह डीसी कुल्लू रह चुके हैं। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले उनका कुल्लू से तबादला हुआ था। अब वह पांच साल तक दिल्ली में सेवाएं देंगे। 2014 में भी जब जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री बने थे तो उन्होंने हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले आईएएस रितेश चौहान को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। अब उन्होंने फिर हिमाचल के आईएएस पर भरोसा जताया है।