हरियाणा के चरखी दादरी में इंडियन नेशनल लोकदल महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संयोजक सुनैना चौटाला ने विनेश फोगाट और बबीता फोगाट के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने खेल में राजनीति घुसा दी है और खेल के मैदान को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। पहले जात-पात के नाम पर लड़वाते थे। लेकिन अब नेशनल हीरो को आपस में भिड़ा दिया है। सुनैना चौटाला चरखी दादरी में संगठन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने पार्टी कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय संगठन सचिव उमेद लोहान व डबवाली विधायक आदित्य चौटाला भी मौजूद रहे। भाजपा ने जात-पात का जहर घोला
सुनैना चौटाला ने बबीता व विनेश फोगाट के बीच ट्वीट के जरिए चल रही टिप्पणी को लेकर कहा कि भाजपा ने खेल में राजनीति घुसा दी है और अब खिलाड़ियों को आपस लड़ा रही है। भाजपा ने पहले जात-पात का जहर घोला और अब ये खेल को लड़ाई के मैदान में ले आए हैं। चौटाला परिवार नहीं होगा एक चौटाला परिवार के एक होने पर सुनैना चौटाला ने कहा कि दोनों परिवारों की राजनीतिक राहें अलग हैं। उन्हें नहीं लगता कि परिवार एक होगा। वहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के चौटाला परिवार के एक करने के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिनका अपना परिवार नहीं है, वे उनके परिवार को क्या जोड़ेंगे। इनेलो नेत्री ने कहा कि भाजपा का काम परिवार जोड़ने नहीं बल्कि परिवार तोड़ना है। राजनीतिक पार्टी भी एक परिवार ही होता है और भाजपा ने हरियाणा ही नहीं बल्कि देश में कई पार्टियों को तोड़ने का काम किया है। विनेश को कैश प्राइज मिलने के बाद किया ट्वीट
सरकार द्वारा विनेश फोगाट को कैश प्राइज दिए जाने के बाद उनकी चचेरी बहन भाजपा नेत्री दंगल गर्ल ने दो एक्स हैंडल पर दो ट्वीट किए थे। जिसमें उन्होंने खेल सुविधाओं व खेल में राजनीति का जिक्र किया था। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में विनेश फोगाट का नाम नहीं लिया था।
पहले ट्वीट में ये लिखा
भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने पहले ट्वीट में लिखा कि “जो सुविधाएं मोदी जी की सरकार में अब खिलाड़ियों को मिल रही है अगर मुझे वहीं सुविधाएं मिलती तो मुझे खेल नहीं छोड़ना पड़ता”!! इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने एक इंटरव्यू का विडियो भी शेयर किया है जिसमें ओलिंपिक में मेडल नहीं मिलने की उनकी टीस बाहर आई है। उन्होंने जो विडियो शेयर किया है उसमें उन्होंने कहा है कि एक खिलाड़ी को बनाने में सालों लग जाते है। खिलाड़ी का बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई बार वह मेडल के करीब भी पहुंच जाता है लेकिन हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि सुविधाएं लेट मिली हैं। जो सुविधाएं 2014 के बाद मिली यदि ये ही सुविधाएं अगल 15 साल मिली होती तो आज हम मेडल तालिका में और भी ऊपर होते। बबीता फोगाट ने कहा कि उसने 2018 में गेम छोड़ दिया। वे उस पड़ाव में थी कि ओलिंपिक तक पहुंच गई थी लेकिन मेडल नहीं मिल पाया। उन्हें घुटनों में दिक्कत थी और यदि ये सुविधाएं उन्हें 10 साल पहले मिल गई होती तो 2018 में गेम छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और वो लगातार खेलती।
दूसरे ट्वीट में खिलाड़ियों के आंदोलन का जिक्र
बबीता फोगाट ने जो दूसरा ट्वीट किया है उसमें उन्होंने लिखा है कि”मैं खिलाड़ियों के साथ थी,हूं और रहूंगी। इसी तरह मैं पार्टी के साथ भी हूं और आगे भी रहूंगी। लेकिन जब किसी भी खिलाड़ियों के मंच का राजनीतिकरण होगा तो मैं वहां पर नहीं रहूंगी”इस ट्वीट के साथ भी उन्होंने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। जिसमें खिलाड़ियों के आंदोलन में पहले समर्थन देने और बाद में पीछे हटने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को जब तक स्पॉट किया जब तक एक खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों की आवाज उठाई। वे वहां पर राजनीतिक मंच के जरिए नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर गई थी। भाजपा नेत्री ने कहा उन्होंने तब भी खिलाड़ियों को समर्थन किया, आज भी करती हैं और आगे भी करती रहेंगी। लेकिन जब उन्हें लगा कि खिलाड़ियों का मंच राजनीतिक मंच हो गया है। अपने स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों का मसीहा अपने आप को बताने वाले ने वहां पर राजनीति शुरू की तो वे पीछे हट गई। वे खिलाड़ियों की उचित मांगों के लिए खड़ी रहेंगी।
विनेश ने भी किया ट्वीट
कांग्रेस नेत्री एवं जुलाना विधायक ने भी बबीता फोगाट के बाद ट्वीट किया। विनेश ने भी बबीता फोगाट का नाम नहीं लिया लेकिन उनके ट्वीट को बबीता फोगाट के ट्वीट माना जा रहा है। विनेश ने अपने ट्वीट में लिखा है 2 रुपए लेकर ट्वीट करने वालों और फ्री का ज्ञान बांटने वालों जरा ध्यान से सुनो। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि अब तक करोड़ों के ऑफर ठुकरा चुकी हूं। सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक,पर मैंने कभी अपने वसूलो का सौदा नहीं किया। जो कुछ भी हासिल किया है, मेहनत की ईमानदारी और अपनों के आशीर्वाद से किया है और उसी पर गर्व है। जहां तक मांगने की बात है तो मैं उस धरती की बेटी हूं जहां आत्मसम्मान मां के दूध में घुला होता है। मैंने अपने पूर्वजों से सीखा है कि हक छीना नहीं जाता, जीता जाता है। जरूरत पड़ने पर अपनों को पुकारना भी आता है। जब कोई अपना तकलीफ में हो तो उनके साथ दीवार बनकर खड़ा रहना भी आता है। हरियाणा के चरखी दादरी में इंडियन नेशनल लोकदल महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश संयोजक सुनैना चौटाला ने विनेश फोगाट और बबीता फोगाट के बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने खेल में राजनीति घुसा दी है और खेल के मैदान को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। पहले जात-पात के नाम पर लड़वाते थे। लेकिन अब नेशनल हीरो को आपस में भिड़ा दिया है। सुनैना चौटाला चरखी दादरी में संगठन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने पार्टी कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय संगठन सचिव उमेद लोहान व डबवाली विधायक आदित्य चौटाला भी मौजूद रहे। भाजपा ने जात-पात का जहर घोला
सुनैना चौटाला ने बबीता व विनेश फोगाट के बीच ट्वीट के जरिए चल रही टिप्पणी को लेकर कहा कि भाजपा ने खेल में राजनीति घुसा दी है और अब खिलाड़ियों को आपस लड़ा रही है। भाजपा ने पहले जात-पात का जहर घोला और अब ये खेल को लड़ाई के मैदान में ले आए हैं। चौटाला परिवार नहीं होगा एक चौटाला परिवार के एक होने पर सुनैना चौटाला ने कहा कि दोनों परिवारों की राजनीतिक राहें अलग हैं। उन्हें नहीं लगता कि परिवार एक होगा। वहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के चौटाला परिवार के एक करने के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिनका अपना परिवार नहीं है, वे उनके परिवार को क्या जोड़ेंगे। इनेलो नेत्री ने कहा कि भाजपा का काम परिवार जोड़ने नहीं बल्कि परिवार तोड़ना है। राजनीतिक पार्टी भी एक परिवार ही होता है और भाजपा ने हरियाणा ही नहीं बल्कि देश में कई पार्टियों को तोड़ने का काम किया है। विनेश को कैश प्राइज मिलने के बाद किया ट्वीट
सरकार द्वारा विनेश फोगाट को कैश प्राइज दिए जाने के बाद उनकी चचेरी बहन भाजपा नेत्री दंगल गर्ल ने दो एक्स हैंडल पर दो ट्वीट किए थे। जिसमें उन्होंने खेल सुविधाओं व खेल में राजनीति का जिक्र किया था। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में विनेश फोगाट का नाम नहीं लिया था।
पहले ट्वीट में ये लिखा
भाजपा नेत्री बबीता फोगाट ने पहले ट्वीट में लिखा कि “जो सुविधाएं मोदी जी की सरकार में अब खिलाड़ियों को मिल रही है अगर मुझे वहीं सुविधाएं मिलती तो मुझे खेल नहीं छोड़ना पड़ता”!! इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने एक इंटरव्यू का विडियो भी शेयर किया है जिसमें ओलिंपिक में मेडल नहीं मिलने की उनकी टीस बाहर आई है। उन्होंने जो विडियो शेयर किया है उसमें उन्होंने कहा है कि एक खिलाड़ी को बनाने में सालों लग जाते है। खिलाड़ी का बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई बार वह मेडल के करीब भी पहुंच जाता है लेकिन हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि सुविधाएं लेट मिली हैं। जो सुविधाएं 2014 के बाद मिली यदि ये ही सुविधाएं अगल 15 साल मिली होती तो आज हम मेडल तालिका में और भी ऊपर होते। बबीता फोगाट ने कहा कि उसने 2018 में गेम छोड़ दिया। वे उस पड़ाव में थी कि ओलिंपिक तक पहुंच गई थी लेकिन मेडल नहीं मिल पाया। उन्हें घुटनों में दिक्कत थी और यदि ये सुविधाएं उन्हें 10 साल पहले मिल गई होती तो 2018 में गेम छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और वो लगातार खेलती।
दूसरे ट्वीट में खिलाड़ियों के आंदोलन का जिक्र
बबीता फोगाट ने जो दूसरा ट्वीट किया है उसमें उन्होंने लिखा है कि”मैं खिलाड़ियों के साथ थी,हूं और रहूंगी। इसी तरह मैं पार्टी के साथ भी हूं और आगे भी रहूंगी। लेकिन जब किसी भी खिलाड़ियों के मंच का राजनीतिकरण होगा तो मैं वहां पर नहीं रहूंगी”इस ट्वीट के साथ भी उन्होंने इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया है। जिसमें खिलाड़ियों के आंदोलन में पहले समर्थन देने और बाद में पीछे हटने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को जब तक स्पॉट किया जब तक एक खिलाड़ी के तौर पर खिलाड़ियों की आवाज उठाई। वे वहां पर राजनीतिक मंच के जरिए नहीं बल्कि एक खिलाड़ी के तौर पर गई थी। भाजपा नेत्री ने कहा उन्होंने तब भी खिलाड़ियों को समर्थन किया, आज भी करती हैं और आगे भी करती रहेंगी। लेकिन जब उन्हें लगा कि खिलाड़ियों का मंच राजनीतिक मंच हो गया है। अपने स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों का मसीहा अपने आप को बताने वाले ने वहां पर राजनीति शुरू की तो वे पीछे हट गई। वे खिलाड़ियों की उचित मांगों के लिए खड़ी रहेंगी।
विनेश ने भी किया ट्वीट
कांग्रेस नेत्री एवं जुलाना विधायक ने भी बबीता फोगाट के बाद ट्वीट किया। विनेश ने भी बबीता फोगाट का नाम नहीं लिया लेकिन उनके ट्वीट को बबीता फोगाट के ट्वीट माना जा रहा है। विनेश ने अपने ट्वीट में लिखा है 2 रुपए लेकर ट्वीट करने वालों और फ्री का ज्ञान बांटने वालों जरा ध्यान से सुनो। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि अब तक करोड़ों के ऑफर ठुकरा चुकी हूं। सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक,पर मैंने कभी अपने वसूलो का सौदा नहीं किया। जो कुछ भी हासिल किया है, मेहनत की ईमानदारी और अपनों के आशीर्वाद से किया है और उसी पर गर्व है। जहां तक मांगने की बात है तो मैं उस धरती की बेटी हूं जहां आत्मसम्मान मां के दूध में घुला होता है। मैंने अपने पूर्वजों से सीखा है कि हक छीना नहीं जाता, जीता जाता है। जरूरत पड़ने पर अपनों को पुकारना भी आता है। जब कोई अपना तकलीफ में हो तो उनके साथ दीवार बनकर खड़ा रहना भी आता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
