सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को लगाई फटकार:दिल्ली को पानी देने का मामला, CM बोले- हमने नहीं रोका, 37 क्यूसेक लीटर दे रहे

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को लगाई फटकार:दिल्ली को पानी देने का मामला, CM बोले- हमने नहीं रोका, 37 क्यूसेक लीटर दे रहे

देश की राजधानी दिल्ली के लिए पानी छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार के अधिकारी को फटकार लगाई है। दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल को दिल्ली के लिए एक्स्ट्रा पानी छोड़ने के लिए कहा था। इस पर हिमाचल सरकार ने लिखित जवाब दिया कि उन्होंने पानी छोड़ दिया है। मगर सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के वकील कहते हैं कि वे पानी छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया। यह तो कंटेम्पट का मामला है। कोर्ट ने हिमाचल के अधिकारियों को कल पेश होने के लिए कहा है। CM बोले- हमने नहीं रोका पानी इस मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- हमने पानी छोड़ा हुआ है। हम पानी देने को तैयार है। पानी हरियाणा से होकर जाएगा। दिल्ली देश की राजधानी है और हमारा दायित्व भी बनता है। हमने पानी नहीं रोका। उन्होंने कहा- जिसने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी है, उसका पता करुंगा। रिपोर्ट में हिमाचल ने ये कहा अप्पर यमुना रिवर बोर्ड (UIRB) को हिमाचल सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि हिमाचल 137 क्यूसिक से ज्यादा पानी दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल ने कहीं भी पानी नहीं रोका है, क्योंकि यमुना नदी और इसकी सहायक उप नदियों पर कोई भी बांध नहीं बना है, जहां पानी को रोका जा सके। पानी मापने को दो अधिकारियों की तैनाती सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हिमाचल सरकार ने अप्पर यमुना रिवर बोर्ड के सहयोग के लिए पानी को मापने के लिए जल शक्ति विभाग के दो अधिकारियों की तैनाती की है। इनमें नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता (SE) और योजना एवं अन्वेषण यूनिट-2 के SE शामिल हैं। दिल्ली सरकार को लगाई फटकार दिल्ली जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई। जस्टिस पीके मिश्रा और पीबी वराले की बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा- जल संकट गहराता जा रहा है। आपने अब तक टैंकर माफिया को लेकर क्या एक्शन लिया है। अगर आप एक्शन नहीं ले सकते तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे कि वो कार्रवाई करे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। इसका जवाब आज या कल में दीजिए। इस मामले में कल फिर से सुनवाई होगी। दिल्ली सरकार ने 31 मई को दायर की थी याचिका दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी। देश की राजधानी दिल्ली के लिए पानी छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार के अधिकारी को फटकार लगाई है। दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल को दिल्ली के लिए एक्स्ट्रा पानी छोड़ने के लिए कहा था। इस पर हिमाचल सरकार ने लिखित जवाब दिया कि उन्होंने पानी छोड़ दिया है। मगर सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के वकील कहते हैं कि वे पानी छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया। यह तो कंटेम्पट का मामला है। कोर्ट ने हिमाचल के अधिकारियों को कल पेश होने के लिए कहा है। CM बोले- हमने नहीं रोका पानी इस मामले में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- हमने पानी छोड़ा हुआ है। हम पानी देने को तैयार है। पानी हरियाणा से होकर जाएगा। दिल्ली देश की राजधानी है और हमारा दायित्व भी बनता है। हमने पानी नहीं रोका। उन्होंने कहा- जिसने सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी दी है, उसका पता करुंगा। रिपोर्ट में हिमाचल ने ये कहा अप्पर यमुना रिवर बोर्ड (UIRB) को हिमाचल सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया कि हिमाचल 137 क्यूसिक से ज्यादा पानी दिल्ली को दे रहा है। हिमाचल ने कहीं भी पानी नहीं रोका है, क्योंकि यमुना नदी और इसकी सहायक उप नदियों पर कोई भी बांध नहीं बना है, जहां पानी को रोका जा सके। पानी मापने को दो अधिकारियों की तैनाती सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हिमाचल सरकार ने अप्पर यमुना रिवर बोर्ड के सहयोग के लिए पानी को मापने के लिए जल शक्ति विभाग के दो अधिकारियों की तैनाती की है। इनमें नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता (SE) और योजना एवं अन्वेषण यूनिट-2 के SE शामिल हैं। दिल्ली सरकार को लगाई फटकार दिल्ली जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई। जस्टिस पीके मिश्रा और पीबी वराले की बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा- जल संकट गहराता जा रहा है। आपने अब तक टैंकर माफिया को लेकर क्या एक्शन लिया है। अगर आप एक्शन नहीं ले सकते तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे कि वो कार्रवाई करे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। इसका जवाब आज या कल में दीजिए। इस मामले में कल फिर से सुनवाई होगी। दिल्ली सरकार ने 31 मई को दायर की थी याचिका दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर