उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की सोमवार को राजधानी लखनऊ के रविंद्रालय में बैठक हुई। इसमें प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की बैठक में प्रदेश के पदाधिकारी और कई जिलों के अध्यक्षों की भी घोषणा होनी है। इस बैठक में पार्टी का चुनाव चिन्ह बदलने को लेकर भी फैसला किया जाएगा। दरअसल सुहेलदेव भारती समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह अभी तक छड़ी है, लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में घोसी सीट से एक प्रत्याशी ऐसा भी चुनावी मैदान में था, जिसका चुनाव चिन्ह हॉकी था। इस वजह से मतदाताओं में कंफ्यूजन पैदा हुआ और उन्होंने छड़ी की जगह हॉकी को ही अपना वोट दे डाला। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था और अब उसे विवादों के बाद आज की इस बैठक में चुनाव चिन्ह बदलने को लेकर पार्टी के पदाधिकारी के द्वारा सहमति दर्ज की जाएगी। नई कार्यकारिणी का गठन और उपचुनाव की रणनीति होगी तैयार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के द्वारा बुलाई गई इस बैठक में जहां एक तरफ आज पार्टी के नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जाएगी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अब तक सुभाषपा की सहयोगी पार्टी बीजेपी की तरफ से सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी पत्ते नहीं खोले गए हैं। ऐसे में सुभाषपा के द्वारा बुलाई गई यह बैठक में किन-किन सीटों पर पार्टी मजबूत है उसका विभाग का तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की सोमवार को राजधानी लखनऊ के रविंद्रालय में बैठक हुई। इसमें प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की बैठक में प्रदेश के पदाधिकारी और कई जिलों के अध्यक्षों की भी घोषणा होनी है। इस बैठक में पार्टी का चुनाव चिन्ह बदलने को लेकर भी फैसला किया जाएगा। दरअसल सुहेलदेव भारती समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह अभी तक छड़ी है, लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में घोसी सीट से एक प्रत्याशी ऐसा भी चुनावी मैदान में था, जिसका चुनाव चिन्ह हॉकी था। इस वजह से मतदाताओं में कंफ्यूजन पैदा हुआ और उन्होंने छड़ी की जगह हॉकी को ही अपना वोट दे डाला। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था और अब उसे विवादों के बाद आज की इस बैठक में चुनाव चिन्ह बदलने को लेकर पार्टी के पदाधिकारी के द्वारा सहमति दर्ज की जाएगी। नई कार्यकारिणी का गठन और उपचुनाव की रणनीति होगी तैयार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के द्वारा बुलाई गई इस बैठक में जहां एक तरफ आज पार्टी के नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जाएगी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अब तक सुभाषपा की सहयोगी पार्टी बीजेपी की तरफ से सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी पत्ते नहीं खोले गए हैं। ऐसे में सुभाषपा के द्वारा बुलाई गई यह बैठक में किन-किन सीटों पर पार्टी मजबूत है उसका विभाग का तैयार किया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।
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अभिनेत्री प्रीति जिंटा पहुंची अदालत:पंजाब किंग्स के शेयर बेचने पर रोक लगाने की लगाई याचिका, 20 अगस्त को सुनवाई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेगा ऑक्शन से पहले फ्रैंचाइजी (केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड) में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कंपनी की को-ओनर व अभिनेत्री प्रीति जिंटा अदालत पहुंच गई। उन्होंने कंपनी के सह मालिक मोहित बर्मन के खिलाफ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने मोहित बर्मन के साढ़े 11 फीसदी शेयर किसी और को बेचने पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में अदालत ने बर्मन को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को संपन्न होगी। चार हिस्सेदारों के पास है शेयर याचिका के मुताबिक कंपनी के चार बड़े हिस्सेदार है। बर्मन के पास केवीएच की सबसे बड़ी 48 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि प्रीति जिंटा व नेस वाडिया के पास 23-23 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि शेष शेयर चौथे हिस्सेदार करण पाॅल के पास हैं। याचिका के मुताबिक प्रीति जिंटा का कहना है कि मोहित बर्मन अपने हिस्से के 11.5 फीसदी शेयर किसी अन्य पार्टी को बेचने की बात कर रहे हैं। याचिका मे यह दी है दलील प्रीति ने बर्मन को यह शेयर बेचने से रोकने की मांग आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट 1996 के तहत याचिका दायर कर की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी हिस्सेदार अपना शेयर समूह के बाहर उस स्थिति में बेच सकता है, जब बाकी हिस्सेदार उन शेयरों को खरीदने से इनकार कर रहे हो। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। बाकी हिस्सेदारों ने इन शेयरों को खरीदने से इनकार नहीं किया है। बर्मन ने भी अपने शेयर बेचने से इनकार किया है। पंजाब किंग्स ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अनुच्छेद 19 का किया प्रयोग जिंटा ने एसोसिएशन के उप नियमों ने अनुच्छेद 19 को उजागर किया है। जो मौजूदा निवेशकों के पहले इनकार के अधिकार आरओएफआर से संबंधित है। अदालत ने कहा कि शुरुआत में हिस्सेदारी बेचने की पेशकश करने के बाद बर्मन पीछे हट गए। लेकिन अमेरिकी कंपनी के साथ सौदे की चर्चा जारी है।