सुल्तानपुर में बुधवार को राहुल गांधी की एमपी/एमएलए कोर्ट में मानहानि मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राहुल गांधी के वकील से पूछा कि वह कहां हैं? इस पर राहुल के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि लोकसभा में स्पीकर पद का चुनाव होना है। यही कारण है कि राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने इसके बाद राहुल को 2 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया। सुल्तानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी पर अमित शाह हेट स्पीच से जुड़ा केस चल रहा है। बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 दिन बाद की तारीख दी। मामले में राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान दिया था। क्या है पूरा मामला
2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अमित शाह को लेकर विवादित बयान दिया था। राहुल की टिप्पणी से आहत होकर कोतवाली देहात थानाक्षेत्र के भाजपा नेता विजय मिश्रा ने अगस्त 2018 में MP/MLA कोर्ट में परिवाद दायर किया था। 5 साल से लगातार केस में सुनवाई चल रही है। दिसंबर 2023 में MP/MLA कोर्ट के तत्कालीन जज ने राहुल गांधी के खिलाफ NBW की कार्रवाई की थी। 20 फरवरी को मिली थी जमानत
इसके बाद न्याय यात्रा लेकर 19 फरवरी 2024 को अमेठी पहुंचे। राहुल गांधी 20 फरवरी को सुल्तानपुर पहुंचे और उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया। विशेष कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार के दो बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी। तब से लगातार हर महीने में दो तारीखें पड़ रही हैं, जिसमें कोर्ट में बयान मुलजिम की कार्रवाई होना है, लेकिन राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता काशी शुक्ला हाजिरी माफी दे रहे हैं। पक्षकार बनाने की एप्लीकेशन प्रार्थना पत्र का निस्तारण पर भी कोर्ट करेगी सुनवाई
बीते मंगलवार को सुबह कोर्ट में राहुल के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया था कि न्यायालय के अवकाश के चलते सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में 26 जून को सुनवाई होनी है। इसी मामले में कोतवाली नगर घरहां कलां डिहवा निवासी रामप्रताप पुत्र रामनेवाज ने पक्षकार बनने का प्रार्थनापत्र बीती तारीख पर कोर्ट में दिया गया है। पक्षकार बनाने के प्रार्थनापत्र का निस्तारण विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की अदालत आज करेगी। 2018 में दर्ज हुआ परिवाद
बताते चलें कि कोतवाली देहात थाने के हनुमानगंज निवासी विजय मिश्र ने चार अगस्त 2018 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस (परिवाद) दायर किया था। विजय मिश्र का आरोप था कि 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था- अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद लोया मामले में इसका उल्लेख किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अमित शाह की कोई विश्वसनीयता है। जो पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है। बता दें कि जस्टिस बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत दिसंबर 2014 में नागपुर में हुई थी। उस वक्त वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में गए थे। जज लोया गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसमें अमित शाह आरोपी थे। हालांकि जस्टिस लोया के बेटे ने अपने पिता की मौत को नेचुरल बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सामान्य मौत बताते हुए मामले की SIT जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता विजय बोले- राहुल के बयान से भावनाएं आहत हुईं
इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने कहा कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं क्योंकि वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए, उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था। इसमें विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने वकील के माध्यम से कोर्ट में कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को आरोपी के रूप में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं। राहुल के खिलाफ दो धाराएं, दो साल की सजा का प्रावधान
राहुल गांधी पर इस मामले में धारा 499 और 500 में केस दर्ज है। धारा 499 के मुताबिक किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना वहीं धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है। सुल्तानपुर में बुधवार को राहुल गांधी की एमपी/एमएलए कोर्ट में मानहानि मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राहुल गांधी के वकील से पूछा कि वह कहां हैं? इस पर राहुल के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि लोकसभा में स्पीकर पद का चुनाव होना है। यही कारण है कि राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने इसके बाद राहुल को 2 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया। सुल्तानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी पर अमित शाह हेट स्पीच से जुड़ा केस चल रहा है। बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 6 दिन बाद की तारीख दी। मामले में राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान दिया था। क्या है पूरा मामला
2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अमित शाह को लेकर विवादित बयान दिया था। राहुल की टिप्पणी से आहत होकर कोतवाली देहात थानाक्षेत्र के भाजपा नेता विजय मिश्रा ने अगस्त 2018 में MP/MLA कोर्ट में परिवाद दायर किया था। 5 साल से लगातार केस में सुनवाई चल रही है। दिसंबर 2023 में MP/MLA कोर्ट के तत्कालीन जज ने राहुल गांधी के खिलाफ NBW की कार्रवाई की थी। 20 फरवरी को मिली थी जमानत
इसके बाद न्याय यात्रा लेकर 19 फरवरी 2024 को अमेठी पहुंचे। राहुल गांधी 20 फरवरी को सुल्तानपुर पहुंचे और उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया। विशेष कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार के दो बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी। तब से लगातार हर महीने में दो तारीखें पड़ रही हैं, जिसमें कोर्ट में बयान मुलजिम की कार्रवाई होना है, लेकिन राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता काशी शुक्ला हाजिरी माफी दे रहे हैं। पक्षकार बनाने की एप्लीकेशन प्रार्थना पत्र का निस्तारण पर भी कोर्ट करेगी सुनवाई
बीते मंगलवार को सुबह कोर्ट में राहुल के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया था कि न्यायालय के अवकाश के चलते सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में 26 जून को सुनवाई होनी है। इसी मामले में कोतवाली नगर घरहां कलां डिहवा निवासी रामप्रताप पुत्र रामनेवाज ने पक्षकार बनने का प्रार्थनापत्र बीती तारीख पर कोर्ट में दिया गया है। पक्षकार बनाने के प्रार्थनापत्र का निस्तारण विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की अदालत आज करेगी। 2018 में दर्ज हुआ परिवाद
बताते चलें कि कोतवाली देहात थाने के हनुमानगंज निवासी विजय मिश्र ने चार अगस्त 2018 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस (परिवाद) दायर किया था। विजय मिश्र का आरोप था कि 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था- अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद लोया मामले में इसका उल्लेख किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अमित शाह की कोई विश्वसनीयता है। जो पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है। बता दें कि जस्टिस बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत दिसंबर 2014 में नागपुर में हुई थी। उस वक्त वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में गए थे। जज लोया गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसमें अमित शाह आरोपी थे। हालांकि जस्टिस लोया के बेटे ने अपने पिता की मौत को नेचुरल बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सामान्य मौत बताते हुए मामले की SIT जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता विजय बोले- राहुल के बयान से भावनाएं आहत हुईं
इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने कहा कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं क्योंकि वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए, उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था। इसमें विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने वकील के माध्यम से कोर्ट में कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को आरोपी के रूप में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं। राहुल के खिलाफ दो धाराएं, दो साल की सजा का प्रावधान
राहुल गांधी पर इस मामले में धारा 499 और 500 में केस दर्ज है। धारा 499 के मुताबिक किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना वहीं धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर