सूर्योदय से पहले मंदिरों में लगी भक्तों की कतारें

सूर्योदय से पहले मंदिरों में लगी भक्तों की कतारें

भास्कर न्यूज | जालंधर प्राचीन शिव मंदिर दोमोरिया पुल में सावन माह के तीसरे सोमवार को भक्तों ने पूजन किया। विद्वानों ने वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भक्तों से विधिवत पूजन करके भोले बाबा का जलाभिषेक करवाया। पंडितों ने कहा कि इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी रुके हुए कार्यों को गति मिलती है। सावन माह के नवरात्र एवं मां चिंतपूर्णी व मां चामुंडा दरबार के मेले भी शुरू हुए। सूर्य उदय से पहले मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी पंक्तियां लगनी शुरू हो गई थीं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में सावन माह को पूजा पाठ के लिए अधिक शुभ माना गया है। इस दौरान चातुर्मास होने के कारण पूरी सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है। इसलिए इस माह में सभी शुभ मांगलिक कार्यक्रम में भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। वहीं सावन के तीसरे सोमवार को विशेष माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी रुके हुए कार्यों को गति मिलती है। वहीं वैवाहिक जीवन खुशहाली के लिए सुहागिनें इस दिन व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर महादेव के 108 नाम जपने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही मन से डर भय दूर होते हैं। भक्तों की सुविधा के लिए शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र, भांग, धतूरा, पुष्पादि का विशेष प्रबंध किया गया। भक्तों ने शिवलिंग का पंचामृत से स्नान करवा कर जलाभिषेक किया। पंडित चक्र प्रसाद जोशी द्वारा वैदिक मंत्रों से भोले बाबा का महा रुद्राभिषेक करवाया गया और उपरांत फलों का लंगर भी लगाया गया। भक्तों ने सावन महीने का तीसरा उपवास रखा और व्रत की कथा भी मंदिर प्रांगण में बैठकर पढ़ी। मंदिर में विश्व विख्यात अमर भजन लेखक बलबीर निर्दोष जी द्वारा रचित शिव अमृतवाणी का संगीतमय पाठ भी किया गया। इस मौके पर प्रधान यादव खोसला, रमेश सहदेव, गुरुचरन बजाज, मानव बजाज, गोविंद खोसला, सुनील सहदेव, अश्वनी तुली, मनीष रेहान, नरिंदर जैन, विनय नैय्यर, बिन्नी वोहरा, कुणाल शर्मा, नीलम बजाज, पूजा खोसला व अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। भास्कर न्यूज | जालंधर प्राचीन शिव मंदिर दोमोरिया पुल में सावन माह के तीसरे सोमवार को भक्तों ने पूजन किया। विद्वानों ने वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भक्तों से विधिवत पूजन करके भोले बाबा का जलाभिषेक करवाया। पंडितों ने कहा कि इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी रुके हुए कार्यों को गति मिलती है। सावन माह के नवरात्र एवं मां चिंतपूर्णी व मां चामुंडा दरबार के मेले भी शुरू हुए। सूर्य उदय से पहले मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी पंक्तियां लगनी शुरू हो गई थीं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में सावन माह को पूजा पाठ के लिए अधिक शुभ माना गया है। इस दौरान चातुर्मास होने के कारण पूरी सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है। इसलिए इस माह में सभी शुभ मांगलिक कार्यक्रम में भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। वहीं सावन के तीसरे सोमवार को विशेष माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी रुके हुए कार्यों को गति मिलती है। वहीं वैवाहिक जीवन खुशहाली के लिए सुहागिनें इस दिन व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर महादेव के 108 नाम जपने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही मन से डर भय दूर होते हैं। भक्तों की सुविधा के लिए शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र, भांग, धतूरा, पुष्पादि का विशेष प्रबंध किया गया। भक्तों ने शिवलिंग का पंचामृत से स्नान करवा कर जलाभिषेक किया। पंडित चक्र प्रसाद जोशी द्वारा वैदिक मंत्रों से भोले बाबा का महा रुद्राभिषेक करवाया गया और उपरांत फलों का लंगर भी लगाया गया। भक्तों ने सावन महीने का तीसरा उपवास रखा और व्रत की कथा भी मंदिर प्रांगण में बैठकर पढ़ी। मंदिर में विश्व विख्यात अमर भजन लेखक बलबीर निर्दोष जी द्वारा रचित शिव अमृतवाणी का संगीतमय पाठ भी किया गया। इस मौके पर प्रधान यादव खोसला, रमेश सहदेव, गुरुचरन बजाज, मानव बजाज, गोविंद खोसला, सुनील सहदेव, अश्वनी तुली, मनीष रेहान, नरिंदर जैन, विनय नैय्यर, बिन्नी वोहरा, कुणाल शर्मा, नीलम बजाज, पूजा खोसला व अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।   पंजाब | दैनिक भास्कर