पंजाब के पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल में बिजली गुल होने का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में एक जनहित याचिका दायर हुई है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी तय की गई है। चार दिन पहले मामला आया था सामने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में चार दिन पहले डॉक्टर एक कैंसर मरीज का ऑपरेशन कर रहे थे। इसी दौरान लाइट चली गई थी। इसके बाद वेंटिलेटर मशीन बंद हो गई थी। गुस्साए डॉक्टरों ने इसका वीडियो बना लिया था। डेढ़ मिनट के वीडियो में एक डॉक्टर बोलते सुनाई दे रहे थे कि राजिंदरा अस्पताल की मेन इमरजेंसी की लाइट आ-जा रही है। उनका कहना था कि अगर ऐसे में मरीज की जान चली जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। मामला राजनीतिक रंग ले गया था। हालांकि उसके बाद पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि लाइट जाने के बाद यंग जूनियर डॉक्टर घबरा गया था। मरीज का ऑपरेशन नॉर्मल हुआ है। अस्पतालों में बिजली आपूर्ति का ऑडिट कराने का फैसला पंजाब सरकार की तरफ से अब सरकारी अस्पतालों में बिजली आपूर्ति और अग्नि सुरक्षा का ऑडिट करवाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। वहीं, पीएसपीसीएल भी बिजली के लिए वैकल्पिक हॉटलाइन की व्यवस्था करेगा। ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस काम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जिला अधिकारी अहम भूमिका निभाएंगे। पंजाब के पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल में बिजली गुल होने का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में एक जनहित याचिका दायर हुई है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी तय की गई है। चार दिन पहले मामला आया था सामने पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में चार दिन पहले डॉक्टर एक कैंसर मरीज का ऑपरेशन कर रहे थे। इसी दौरान लाइट चली गई थी। इसके बाद वेंटिलेटर मशीन बंद हो गई थी। गुस्साए डॉक्टरों ने इसका वीडियो बना लिया था। डेढ़ मिनट के वीडियो में एक डॉक्टर बोलते सुनाई दे रहे थे कि राजिंदरा अस्पताल की मेन इमरजेंसी की लाइट आ-जा रही है। उनका कहना था कि अगर ऐसे में मरीज की जान चली जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। मामला राजनीतिक रंग ले गया था। हालांकि उसके बाद पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि लाइट जाने के बाद यंग जूनियर डॉक्टर घबरा गया था। मरीज का ऑपरेशन नॉर्मल हुआ है। अस्पतालों में बिजली आपूर्ति का ऑडिट कराने का फैसला पंजाब सरकार की तरफ से अब सरकारी अस्पतालों में बिजली आपूर्ति और अग्नि सुरक्षा का ऑडिट करवाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। वहीं, पीएसपीसीएल भी बिजली के लिए वैकल्पिक हॉटलाइन की व्यवस्था करेगा। ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस काम में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जिला अधिकारी अहम भूमिका निभाएंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में बुजुर्ग ने फैक्ट्री में किया सुसाइड:मालिक से पैसों का लेन-देन, 36 साल बाद मांगा हिसाब, सुसाइड नोट में लिखा-अखिल-निखिल जिम्मेदार पंजाब के लुधियाना में चंडीगढ़ रोड, नजदीक गुरु अर्जुन देव नगर के पास एक हौजरी फैक्ट्री में बुजुर्ग व्यक्ति ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने सुसाइड नोट भी लिखा। मृतक का उसके फैक्ट्री मालिक से पैसों का लेन-देन था, जिस कारण उसने उससे परेशान होकर सुसाइड किया। सुसाइड नोट में मृतक बुजुर्ग ने फैक्ट्री मालिकों का नाम भी लिखा। मरने वाले का की पहचान हरदीप सिंह निवासी चंडीगढ़ रोड, लुधियाना के रुप में हुई है। फैक्ट्री मालिक से था पैसों के लेन-देन का मामला मृतक हरदीप सिंह के रिश्तेदार जुझार सिंह ने बताया कि फैक्ट्री मालिक पैसों को लेकर काफी परेशान करता था। इस कारण हरदीप ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। हरदीप पिछले 36 साल से फैक्ट्री में काम करता था। जुझार सिंह को जब हरदीप की मौत का पता चला तो वह मौके पर आया। पहले परिवार को फैक्ट्री मालिक ने अंदर नहीं जाने दिया। जिसके बाद मौके पर पुलिस बुलाई गई, जिसके बाद शव को फंदे से उतारा गया। काम के पैसे देने के लिए करता था मालिक परेशान मृतक की पत्नी कुलविंदर कौर ने कहा कि फैक्ट्री मालिक परेशान करता था। अक्सर कहता था कि तुम लोग बहाना लगाकर पैसे ले जाते हो। बीती रात फैक्ट्री मालिक ने 7 हजार रुपए दिए थे। उस समय भी फैक्ट्री मालिक ने कहा कि तुम बहाने लगाकर पैसे मांगते हो। फैक्ट्री मालिक की यह बात सुनकर हरदीप ने उसे कह दिया था कि आज के बाद कभी तुम से पैसे नहीं मांगा करुंगा। परिवार ने प्रशासन से मांग है कि इंसाफ दिलाया जाए। इस केस में थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस जांच कर रही है। अब पढ़े मरने से पहले सुसाइड नोट में हरदीप ने क्या लिखा-
मेरी मौत के लिए अखिल और निखिल महाजन जिम्मेदार हैं। मैं इनके यहां 1988 से काम कर रहा हूं। लेकिन अब इनको पैसे का घमंड हो गया है। बड़े बाबू जी अच्छे थे। वो लोग किसी की परेशानी समझते थे। ये लोग किसी की परेशानी नहीं समझते। मैंने 36 साल बाद हिसाब मांगा तो कुछ नहीं मिलेगा। पांच-दस हजार के लिए भी मिन्नत करनी पड़ती है। मेरे बाद 36 साल का मुआवजा मेरी पत्नी कुलविंदर कौर को दिया जाए।
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