महेंद्रगढ़ के नारनौल में बस स्टैंड पर सल्फास खाकर आत्महत्या करने वाली लड़की पढ़ाई में बहुत होशियार थी। वह सेना जाना चाहती थी और एनडीए की तैयारी कर रही थी। इसी को लेकर वह अटेली कस्बा में कोचिंग और लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए आती थी। पढ़ाई के लिए ही डिस्टर्ब होने के चलते उसने यह कदम उठाया। लड़की की मौत के बाद ग्रामीणों को भी विश्वास नहीं हो रहा कि पढ़ाई में इतनी इंटेलिजेंट लड़की यह कदम उठा सकती है। जानकारी अनुसार, शहर के बस अड्डे पर बीते कल दोपहर बाद गांव तुर्कियावास की 21 साल की अंजली ने सल्फॉस खाकर आत्महत्या कर ली थी। जिस पेड़ के नीचे उसने गोली खाई थी। वहां पर सल्फॉस की गोली का एक टुकड़ा भी पुलिस को मिला था। अंजली की मौत के बाद न केवल परिजन सुबद्ध हैं, बल्कि ग्रामीणों को भी नहीं लग रहा कि अंजली इस तरह आत्महत्या करेगी। क्योंकि अंजली का परिवार काफी संपन्न है। वहीं वह भी पढ़ाई में काफी होशियार लड़की थी। बारहवीं में 86 प्रतिशत नंबर आए थे अंजली ने गांव के ही एक निजी स्कूल से दसवीं व बारहवीं कक्षा पास की थी। उसके दसवीं में 86 प्रतिशत नंबर आए थे। वहीं बारहवीं में भी उसके 85 प्रतिशत नंबर थे। इसके बाद उसने यदुवंशी डिग्री कालेज से केमेस्ट्री विषय में बीएससी ऑनर्स की है। सेना में जाना चाहती थी अंजली अंजली के गांव वालों ने बताया कि उसका सपना एनडीए क्वालीफाई करना था। वह एनडीए के थ्रू सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहती थी। इसी के चलते वह न केवल अटेली के एक कोचिंग सेंटर में कोचिंग ले रही थी, बल्कि वहां पर लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई भी करती थी। महेंद्रगढ़ के नारनौल में बस स्टैंड पर सल्फास खाकर आत्महत्या करने वाली लड़की पढ़ाई में बहुत होशियार थी। वह सेना जाना चाहती थी और एनडीए की तैयारी कर रही थी। इसी को लेकर वह अटेली कस्बा में कोचिंग और लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए आती थी। पढ़ाई के लिए ही डिस्टर्ब होने के चलते उसने यह कदम उठाया। लड़की की मौत के बाद ग्रामीणों को भी विश्वास नहीं हो रहा कि पढ़ाई में इतनी इंटेलिजेंट लड़की यह कदम उठा सकती है। जानकारी अनुसार, शहर के बस अड्डे पर बीते कल दोपहर बाद गांव तुर्कियावास की 21 साल की अंजली ने सल्फॉस खाकर आत्महत्या कर ली थी। जिस पेड़ के नीचे उसने गोली खाई थी। वहां पर सल्फॉस की गोली का एक टुकड़ा भी पुलिस को मिला था। अंजली की मौत के बाद न केवल परिजन सुबद्ध हैं, बल्कि ग्रामीणों को भी नहीं लग रहा कि अंजली इस तरह आत्महत्या करेगी। क्योंकि अंजली का परिवार काफी संपन्न है। वहीं वह भी पढ़ाई में काफी होशियार लड़की थी। बारहवीं में 86 प्रतिशत नंबर आए थे अंजली ने गांव के ही एक निजी स्कूल से दसवीं व बारहवीं कक्षा पास की थी। उसके दसवीं में 86 प्रतिशत नंबर आए थे। वहीं बारहवीं में भी उसके 85 प्रतिशत नंबर थे। इसके बाद उसने यदुवंशी डिग्री कालेज से केमेस्ट्री विषय में बीएससी ऑनर्स की है। सेना में जाना चाहती थी अंजली अंजली के गांव वालों ने बताया कि उसका सपना एनडीए क्वालीफाई करना था। वह एनडीए के थ्रू सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहती थी। इसी के चलते वह न केवल अटेली के एक कोचिंग सेंटर में कोचिंग ले रही थी, बल्कि वहां पर लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई भी करती थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
