भास्कर न्यूज | अमृतसर सेवा केंद्र में होने वाले आवेदनों की पेंडेंसी निपटारे में गुरुनगरी सूबे में टॉप पर रहा है। सरकार से जुड़ी अलग-अलग तरह की योजनाओं के लिए साल में विभिन्न विभागों से जुड़े 456552 आवेदन हुए। इनमें 99.3% का निपटारा कराया गया जिससे पेंडेंसी सिर्फ 0.07% रही। यानि कि निर्धारित समय पर कुल 341 फाइलें अफसरों के लेवल पर पेंडिंग हैं। इनमें सबसे ज्यादा पुलिस से जुड़ी 72 तो नगर निगम की 45 फाइलें अटकी हुई हैं। बता दें कि 30 दिन पहले 16 दिसंबर को गुरुनगरी 2100 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 20वें नंबर पर तो 60 दिन पहले 16 नवंबर को 1400 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 18वें नंबर पर पहुंच गया था। पेंडिंग फाइलों की संख्या बढ़ता देख डीसी साक्षी साहनी ने खुद मॉनिटरिंग शुरू की। गवर्नेंस रिफॉर्म के डिस्ट्रिक हैड प्रिंस सिंह को पेंडेंसी कम करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं खुद डेली शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू करती रहीं। साथ ही जिन अफसरों के दफ्तर में लंबे समय से फाइलें लटकी पड़ी थी, उनकी क्लास लगा विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके बाद भी लापरवाही बरतने वालों को कैंप ऑफिस में बुलाकर अपडेट ली जाती और फाइलों के निपटारे नहीं कराने की वजह बतानी होती थी। बता दें कि इसके पहले दिसंबर-2023 में गुरुनगरी पेंडेंसी निपटारे को लेकर सूबे में टॉपर पर पहुंचा था। तब 397983 आवेदन हुए थे और 124 फाइलों की पेंडेंसी थी। लेकिन तत्कालीन डीसी का तबादला होने पर अफसरों की मनमानी फिर से शुरू हो गई और पेंडेंसी में 20वें नंबर तक पहुंच गया था। फिलहाल डीसी की सख्ती के बाद पेंडेंसी कम होने के बाद इसे मेंटेन रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी विभाग के अफसरों की तरफ से बेवजह निर्धारित समये से अधिक फाइलें लटकाई गई तो संबंधित के एचओडी से जवाब-तलब की जाएगी। बता दें कि तरनतारन 0.52% पेंडेंसी के साथ 23वें नंबर पर है। यहां साल भर में कुल 215113 आवेदन सेवा केंद्रों में हुए और निर्धारित समय में 1127 फाइलों का निपटारा नहीं कराया जा सका। जबकि 0.07% पेंडेंसी के साथ जालंधर दूसरे नंबर पर है। कुल 399573 आवेदन हुए और 274 फाइलें पेंडिंग हैं। जिला आवेदन पेंडेंसी फीसदी अमृतसर 456552 341 0.07 जालंधर 39957 3 274 0.07% पठानकोट 136548 95 0.07% बठिंडा 252868 200 0.08% गुरुदासपुर 280861 218 0.08% होशियारपुर 307356 248 0.08% रूपनगर 118206 124 0.1% बरनाला 95819 104 0.11% पटियाला 322100 397 0.12% एसबीएस 113505 148 0.13% नगर फरीदकोट 107595 153 0.14% संगरूर 206550 311 0.15% एसएएस नगर 1 84819 289 0.16% मानसा 144012 256 0.18% मोगा 146690 266 0.18% मुक्तसर 171419 308 0.18% साहिब कपूरथला 135670 271 0.2% फाजिल्का 201416 441 0.22% फतेहगढ़ 88867 208 0.23% साहिब लुधियाना 560545 1 677 0.3% मलेरोटला 63063 261 0.41% फिरोजपुर 155588 679 0 .44% तरनतारन 215113 1127 0.52% ^रोजाना शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू लिया गया। जिन ब्रांचों या विभागों में फाइलों की पेंडेंसी अधिक थी, एचओडी को तलब कर जवाब लिया गया। पेंडेंसी निपटारे में टॉप पर आने की वजह टीम वर्क के तौर पर काम किया जाना है। आगे भी पेंडेंसी मेंटेन रखने का निर्देश अफसरों को दिया गया है। बेवजह फाइलें लटकाने वालों के खिलाफ सख्त विभागीय एक्शन लिया जाएगा। सिटिजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। बेहतर काम करने वाले अफसरों-मुलाजिमों को सम्मानित भी किया गया है। -साक्षी साहनी, डीसी भास्कर न्यूज | अमृतसर सेवा केंद्र में होने वाले आवेदनों की पेंडेंसी निपटारे में गुरुनगरी सूबे में टॉप पर रहा है। सरकार से जुड़ी अलग-अलग तरह की योजनाओं के लिए साल में विभिन्न विभागों से जुड़े 456552 आवेदन हुए। इनमें 99.3% का निपटारा कराया गया जिससे पेंडेंसी सिर्फ 0.07% रही। यानि कि निर्धारित समय पर कुल 341 फाइलें अफसरों के लेवल पर पेंडिंग हैं। इनमें सबसे ज्यादा पुलिस से जुड़ी 72 तो नगर निगम की 45 फाइलें अटकी हुई हैं। बता दें कि 30 दिन पहले 16 दिसंबर को गुरुनगरी 2100 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 20वें नंबर पर तो 60 दिन पहले 16 नवंबर को 1400 फाइलों की पेंडेंसी के साथ 18वें नंबर पर पहुंच गया था। पेंडिंग फाइलों की संख्या बढ़ता देख डीसी साक्षी साहनी ने खुद मॉनिटरिंग शुरू की। गवर्नेंस रिफॉर्म के डिस्ट्रिक हैड प्रिंस सिंह को पेंडेंसी कम करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं खुद डेली शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू करती रहीं। साथ ही जिन अफसरों के दफ्तर में लंबे समय से फाइलें लटकी पड़ी थी, उनकी क्लास लगा विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इसके बाद भी लापरवाही बरतने वालों को कैंप ऑफिस में बुलाकर अपडेट ली जाती और फाइलों के निपटारे नहीं कराने की वजह बतानी होती थी। बता दें कि इसके पहले दिसंबर-2023 में गुरुनगरी पेंडेंसी निपटारे को लेकर सूबे में टॉपर पर पहुंचा था। तब 397983 आवेदन हुए थे और 124 फाइलों की पेंडेंसी थी। लेकिन तत्कालीन डीसी का तबादला होने पर अफसरों की मनमानी फिर से शुरू हो गई और पेंडेंसी में 20वें नंबर तक पहुंच गया था। फिलहाल डीसी की सख्ती के बाद पेंडेंसी कम होने के बाद इसे मेंटेन रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी विभाग के अफसरों की तरफ से बेवजह निर्धारित समये से अधिक फाइलें लटकाई गई तो संबंधित के एचओडी से जवाब-तलब की जाएगी। बता दें कि तरनतारन 0.52% पेंडेंसी के साथ 23वें नंबर पर है। यहां साल भर में कुल 215113 आवेदन सेवा केंद्रों में हुए और निर्धारित समय में 1127 फाइलों का निपटारा नहीं कराया जा सका। जबकि 0.07% पेंडेंसी के साथ जालंधर दूसरे नंबर पर है। कुल 399573 आवेदन हुए और 274 फाइलें पेंडिंग हैं। जिला आवेदन पेंडेंसी फीसदी अमृतसर 456552 341 0.07 जालंधर 39957 3 274 0.07% पठानकोट 136548 95 0.07% बठिंडा 252868 200 0.08% गुरुदासपुर 280861 218 0.08% होशियारपुर 307356 248 0.08% रूपनगर 118206 124 0.1% बरनाला 95819 104 0.11% पटियाला 322100 397 0.12% एसबीएस 113505 148 0.13% नगर फरीदकोट 107595 153 0.14% संगरूर 206550 311 0.15% एसएएस नगर 1 84819 289 0.16% मानसा 144012 256 0.18% मोगा 146690 266 0.18% मुक्तसर 171419 308 0.18% साहिब कपूरथला 135670 271 0.2% फाजिल्का 201416 441 0.22% फतेहगढ़ 88867 208 0.23% साहिब लुधियाना 560545 1 677 0.3% मलेरोटला 63063 261 0.41% फिरोजपुर 155588 679 0 .44% तरनतारन 215113 1127 0.52% ^रोजाना शाम को पेंडिंग फाइलों का रिव्यू लिया गया। जिन ब्रांचों या विभागों में फाइलों की पेंडेंसी अधिक थी, एचओडी को तलब कर जवाब लिया गया। पेंडेंसी निपटारे में टॉप पर आने की वजह टीम वर्क के तौर पर काम किया जाना है। आगे भी पेंडेंसी मेंटेन रखने का निर्देश अफसरों को दिया गया है। बेवजह फाइलें लटकाने वालों के खिलाफ सख्त विभागीय एक्शन लिया जाएगा। सिटिजन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। बेहतर काम करने वाले अफसरों-मुलाजिमों को सम्मानित भी किया गया है। -साक्षी साहनी, डीसी पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोगा में ट्रक के नीचे आने से युवक की मौत:बाइक पर सवार होकर जा रहा, दोस्त घायल, छह महीने की बेटी का पिता पंजाब में मोगा के कस्बा बाघा पुराना में देर रात तेज रफ्तार 16 टायरी ट्रक के नीचे आने से एक बाइक सवार युवक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रुप से घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थाना बाघा पुराना पुलिस ने आरोपी ट्रक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच अधिकारी गुरनाब सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बाघा पुराना के मेन चौक के पास एक ट्रक और बाइक में टक्कर हो गई है। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि ट्रक के नीचे आने से 29 वर्षीय बाइक सवार बहादुर सिंह मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि उसका दूसरा साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक बहादुर सिंह की छह महीने की बच्ची है। उसकी पत्नी जशनदीप कौर के बयानों के आधार पर ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे कारवाई की जा रही है। अभी ट्रक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
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सुप्रीम कोर्ट बोला-डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही:पंजाब सरकार उन्हें अस्थाई अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती, ये उन्हीं की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट बोला-डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही:पंजाब सरकार उन्हें अस्थाई अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती, ये उन्हीं की जिम्मेदारी हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 25 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (20 दिसंबर) को लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। पंजाब सरकार के अटॉर्नी जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य से जुड़ी अपडेट रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को मोर्चे के पास बनाए अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया जाए। इस पर सरकारी वकील का कहना है कि किसान नेता के सारे टेस्ट किए गए हैं। उनका स्वास्थ्य अभी स्थिर है। सरकार से निर्देश लेकर और किसानों की अनुमति से उन्हें शिफ्ट किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार डल्लेवाल की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। उन्हें अस्थायी अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट कर सकते?। उनके स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और AG गुरमिंदर सिंह के सवाल-जवाब पंजाब AG गुरमिंदर सिंह: कल हमने डल्लेवाल के सभी टेस्ट किए थे। ECG सामान्य था, ब्लड के सैंपल भी लिए थे। फिलहाल, ऐसा लगता है कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है। उनके हार्ट की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हमने ब्लड के सैंपलों पर लगभग 20 टेस्ट किए गए। सुप्रीम कोर्ट- इस पर अदालत ने पूछा कि कौन सा भाग असामान्य है? पंजाब AG- क्रिएटिनिन थोड़ा ऊपर है। यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, जिसके लिए दवा की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट- डल्लेवाल को आपके द्वारा बनाए गए ऑफ-साइट अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट करें। पंजाब AG- किसानों के थोड़े से सहयोग की शर्त पर ऐसा करने का प्रयास करेंगे। वहीं, कैंसर की स्थिति पर हमने पाया है कि उनका PSA थोड़ा अधिक है, लेकिन खतरनाक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट- कौन अधिकारी इन सबकी जिम्मेदारी लेते हुए हलफनामा दायर करेगा? पंजाब AG- इसका जवाब हम निर्देश लेने के बाद देंगे। सुप्रीम कोर्ट- हम चाहते हैं कि मुख्य सचिव और DGP दोनों आज हलफनामा दाखिल करें। इस वचन के साथ कि आप उन्हें अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करेंगे और लगातार चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे। पंजाब AG- मुख्य सचिव का हलफनामा मिल गया है। हमने मेडिकल राय ली है और ये हलफनामा दिया है। सुप्रीम कोर्ट- आप उन्हें (डल्लेवाल) अस्थायी अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट कर सकते? सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पंजाब के मुख्य सचिव ने एक हलफनामा दायर किया है। इसमें डल्लेवाल के ब्लड के सैंपल और ECG की रिपोर्ट का रेफरेंस दिया गया है। कल हमारे सामने एक और मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसके अनुसार डल्लेवाल की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। सुप्रीम कोर्ट का आदेश: अधिकारी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या उन्हें उस अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है, जो प्रदर्शन वाली जगह से कुछ दूरी पर बनाया गया है। स्वास्थ्य स्थिरता के बारे में एक ताजा मेडिकल रिपोर्ट पंजाब के मुख्य सचिव के साथ-साथ मेडिकल बोर्ड की चेयरपर्सन देंगी। सरकार ने 4 डॉक्टरों की टीम बनाई थी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देने के लिए पंजाब सरकार ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल, पटियाला के 4 डॉक्टरों की टीम बनाई थी। उन्होंने गुरुवार को खनौरी बॉर्डर पहुंचकर डल्लेवाल के ब्लड सैंपल लिए। ECG की। इसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। डल्लेवाल फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं। इसी बीच डल्लेवाल ने 6 मुद्दे उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी है। इसमें आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2020–21 में हुए आंदोलन के वक्त मानी मांगों को पूरा नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट में पिछले 2 दिन की सुनवाई के बड़े पॉइंट्स 18 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है?। आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई, तो कैसे कह सकते हैं कि वह ठीक हैं?। 17 दिसंबर: पंजाब सरकार ने कहा था कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा– डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। पंजाब सरकार ने कहा कि किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।” हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी 2024 को आंदोलन शुरू हुआ। खनौरी बॉर्डर पर भी किसान बैठे। 10 जुलाई 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोलने को कहा। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए कमेटी बनाई
हरियाणा सरकार की याचिका पर 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई, जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। डल्लेवाल की सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी के 6 पॉइंट… 1. मुझे खबरों से पता चला कि आप मेरे स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं। आपकी भावना का हम सम्मान करते हैं। मगर, मेरी जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण उन किसानों की जिंदगियां थी जिन्होंने सरकारों की गलत नीतियों के कारण आत्महत्या कर ली। 2. पहले सिर्फ किसान–खेत मजदूर ही MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे थे लेकिन अब संसद की स्थायी समिति (खेती) ने भी इसकी सिफारिश की है। आप केंद्र सरकार को निर्देश दें कि संसद की कमेटी की रिपोर्ट एवं किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए MSP गारंटी कानून बनाएं। जिससे किसानों की आत्महत्या बंद हो सके। 3. हम जिन मुद्दों पर आंदोलन कर रहे, ये सिर्फ मांगें नहीं बल्कि सरकारों के किए वादे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के CM रहते हुए इसकी सिफारिश की थी। 4. किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए बनाए गए डॉ स्वामीनाथन कमीशन ने 2006 में रिपोर्ट दी। 2014 तक रही UPA सरकार ने इसे लागू नहीं किया। 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में नरेंद्र मोदी C2+50% फॉर्मूले पर MSP का वादा किया लेकिन अब केंद्र ने SC में एफिडेविट दे दिया कि वे रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते। 5. 2018 में पहले चीमा मंडी और फिर अन्ना हजारे के साथ मैंने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया। तब तत्कालीन कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से चिट्ठी सौंपी की 3 महीने में स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करेंगे। 6 साल बीत जाने के बावजूद आज तक उसे लागू नहीं किया गया। 6. 2020-2021 में 378 दिनों तक चले आंदोलन को स्थगित करते समय 9 दिसंबर 2021 को कृषि मंत्रालय ने एक चिट्ठी सौंपी। जिसमें हर किसान के लिए MSP सुनिश्चित करने का वादा था। मगर इसे पूरा नहीं किया गया। डल्लेवाल की ओर से SC को लिखी चिट्ठी की कॉपी… किसान आंदोलन में आगे क्या…. – किसानों के समर्थन में हरियाणा की खाप पंचायतें 29 दिसंबर को हिसार में महापंचायत करेंगी। – शंभू–खनौरी बॉर्डर आंदोलन कर रहे फोरम के नेता सरवण पंधेर ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद की कॉल दी है।
——————————— सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- किसान नेता डल्लेवाल की हालत बिगड़ी,डॉक्टर बोले- उनकी जान कमजोर धागे जैसी, कुछ भी हो सकता है; पंजाब सरकार से SC बोला- आपकी जिम्मेदारी किसानों को फसल पर MSP के गारंटी कानून के लिए 24 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बिगड़ गई है। डल्लेवाल गुरुवार सुबह अचानक बेहोश होकर गिर गए। उन्हें उल्टियां भी हुईं। 10 मिनट बाद वह होश में आए। पढ़ें पूरी खबर