सोनीपत में अवैध जींस रंगाई फैक्ट्री पर छापेमारी:सीएम फ्लाइंग और प्रदूषण बोर्ड की जॉइंट कार्रवाई; केमिकल युक्त पानी बाहर बहाया जा रहा था

सोनीपत में अवैध जींस रंगाई फैक्ट्री पर छापेमारी:सीएम फ्लाइंग और प्रदूषण बोर्ड की जॉइंट कार्रवाई; केमिकल युक्त पानी बाहर बहाया जा रहा था

सोनीपत के खरखौदा में सीएम फ्लाइंग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने एक जींस रंगाई फैक्ट्री में छापेमारी की है। फैक्ट्री में अवैध रूप से जींस रंगाई का काम चल रहा था। फैक्ट्री बिना किसी अधिकृत अनुमति के गुपचुप तरीके से चल रही थी और वहां से केमिकल मिला पानी सीधे बाहर बहाया जा रहा था। टीम के निरीक्षण में सामने आया कि फैक्ट्री मालिक ने न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति थी और न ही किसी प्रकार का वैध दस्तावेज मिला है। अधिकारियों के अनुसार, फैक्ट्री संचालक ने पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए जींस रंगाई का काम शुरू कर रखा था। फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी खुले में बहाया जा रहा था, जिससे आसपास के पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा था। टीम ने लिए पानी के सैंपल, दस्तावेज नहीं मिले छापे के दौरान फैक्ट्री संचालक मौके पर मौजूद नहीं था। केवल मजदूर और मैनेजर उपस्थित थे, जो किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके। टीम ने मौके से पानी के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए लैब में भेजा है। इन सैंपलों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस जारी, तीन दिन में मांगा जवाब
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के फील्ड ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि फैक्ट्री संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संचालक को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित विभाग आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगा। अवैध उद्योगों पर प्रशासन सख्त
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के अवैध औद्योगिक गतिविधियां पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं। ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और संबंधित इकाइयों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सोनीपत के खरखौदा में सीएम फ्लाइंग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने एक जींस रंगाई फैक्ट्री में छापेमारी की है। फैक्ट्री में अवैध रूप से जींस रंगाई का काम चल रहा था। फैक्ट्री बिना किसी अधिकृत अनुमति के गुपचुप तरीके से चल रही थी और वहां से केमिकल मिला पानी सीधे बाहर बहाया जा रहा था। टीम के निरीक्षण में सामने आया कि फैक्ट्री मालिक ने न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति थी और न ही किसी प्रकार का वैध दस्तावेज मिला है। अधिकारियों के अनुसार, फैक्ट्री संचालक ने पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए जींस रंगाई का काम शुरू कर रखा था। फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी खुले में बहाया जा रहा था, जिससे आसपास के पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा था। टीम ने लिए पानी के सैंपल, दस्तावेज नहीं मिले छापे के दौरान फैक्ट्री संचालक मौके पर मौजूद नहीं था। केवल मजदूर और मैनेजर उपस्थित थे, जो किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके। टीम ने मौके से पानी के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए लैब में भेजा है। इन सैंपलों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस जारी, तीन दिन में मांगा जवाब
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के फील्ड ऑफिसर अनिल कुमार ने बताया कि फैक्ट्री संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संचालक को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित विभाग आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगा। अवैध उद्योगों पर प्रशासन सख्त
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के अवैध औद्योगिक गतिविधियां पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं। ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और संबंधित इकाइयों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर