हरियाणा के सोनीपत जिले में गन्नौर मार्केट कमेटी के सचिव दीपक सिहाग की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उन्हें न केवल कृषि मंत्री के एक आदेश की अवहेलना करने के आरोप में निलंबित किया गया है, बल्कि उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिनकी जांच अब और तेज होने की संभावना है।
पूरे मामले की शुरुआत पुरानी अनाज मंडी में स्थित श्री चंद प्रमोद जैन नामक फर्म से हुई। यह फर्म नई अनाज मंडी में दुकान प्राप्त करने में विफल रही थी। क्योंकि वह निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती थी। आरोप है कि फर्म के मालिक गौरव जैन ने कृषि मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनके पक्ष में दुकान आवंटित कराने की सिफारिश करवाई थी। इस सिफारिश के तहत, मार्केट कमेटी के सचिव दीपक सिहाग को यह लिखकर देना था कि फर्म को दुकान आवंटित की जाए। हालांकि, सिहाग ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार, इस इनकार के बाद मामला और बढ़ गया। यह भी कहा जा रहा है कि इस दौरान सिहाग कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर चले गए थे, और वापस आने के बाद भी उन्होंने मंत्री की सिफारिश के अनुसार लिखकर नहीं दिया। इसके बाद गौरव जैन ने मंत्री को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि सचिव दीपक सिहाग दुकान आवंटन के बदले में पैसों की मांग कर रहे हैं। इस शिकायत को मंत्री ने गंभीरता से लिया और सिहाग के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। पुराने आरोपों ने बढ़ाई मुसीबत
सिहाग के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं। निलंबन के साथ ही, उन पर पहले से चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी तेज होने की संभावना है। लगभग दो महीने पहले, स्थानीय किसानों ने गन्नौर के एसडीएम, डीसी और विभाग के उच्च अधिकारियों को एक विस्तृत शिकायत सौंपी थी। इस शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।
• अवैध रूप से रेस्ट हाउस में रहना और भत्ता लेना: शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सिहाग मार्केटिंग बोर्ड के रेस्ट हाउस में नियमों का उल्लंघन करते हुए रह रहे हैं और इसके बावजूद विभाग से आवासीय भत्ता भी प्राप्त कर रहे हैं।
• सुविधाओं का दुरुपयोग: यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने रेस्ट हाउस में गर्मियों में एयर कंडीशनर और सर्दियों में रूम हीटर व बाथरूम में वाटर गीजर का अत्यधिक उपयोग किया, जिससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। • राजस्व की चोरी: किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि धान के सीजन में आउटगोइंग गेट पास में हेराफेरी करके ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों से मार्केट फीस की चोरी की गई, जिससे सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
•आढ़तियों को परेशान करना: आढ़तियों ने भी शिकायत की थी कि सचिव उन्हें नाजायज तरीके से परेशान कर रहे हैं। हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड ने दीपक सिहाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उन्हें पंचकूला स्थित सी एम ईओ, आई आई एसएम बोर्ड के कार्यालय में मुख्यालयित किया गया है। उन्हें सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग द्वारा इन आरोपों की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या सिहाग के खिलाफ और भी खुलासे होते हैं। मंत्री के आदेश की अवहेलना और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सिहाग के करियर पर यह कार्रवाई एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। हरियाणा के सोनीपत जिले में गन्नौर मार्केट कमेटी के सचिव दीपक सिहाग की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उन्हें न केवल कृषि मंत्री के एक आदेश की अवहेलना करने के आरोप में निलंबित किया गया है, बल्कि उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिनकी जांच अब और तेज होने की संभावना है।
पूरे मामले की शुरुआत पुरानी अनाज मंडी में स्थित श्री चंद प्रमोद जैन नामक फर्म से हुई। यह फर्म नई अनाज मंडी में दुकान प्राप्त करने में विफल रही थी। क्योंकि वह निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती थी। आरोप है कि फर्म के मालिक गौरव जैन ने कृषि मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनके पक्ष में दुकान आवंटित कराने की सिफारिश करवाई थी। इस सिफारिश के तहत, मार्केट कमेटी के सचिव दीपक सिहाग को यह लिखकर देना था कि फर्म को दुकान आवंटित की जाए। हालांकि, सिहाग ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार, इस इनकार के बाद मामला और बढ़ गया। यह भी कहा जा रहा है कि इस दौरान सिहाग कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर चले गए थे, और वापस आने के बाद भी उन्होंने मंत्री की सिफारिश के अनुसार लिखकर नहीं दिया। इसके बाद गौरव जैन ने मंत्री को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि सचिव दीपक सिहाग दुकान आवंटन के बदले में पैसों की मांग कर रहे हैं। इस शिकायत को मंत्री ने गंभीरता से लिया और सिहाग के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। पुराने आरोपों ने बढ़ाई मुसीबत
सिहाग के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं। निलंबन के साथ ही, उन पर पहले से चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी तेज होने की संभावना है। लगभग दो महीने पहले, स्थानीय किसानों ने गन्नौर के एसडीएम, डीसी और विभाग के उच्च अधिकारियों को एक विस्तृत शिकायत सौंपी थी। इस शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए गए थे।
• अवैध रूप से रेस्ट हाउस में रहना और भत्ता लेना: शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सिहाग मार्केटिंग बोर्ड के रेस्ट हाउस में नियमों का उल्लंघन करते हुए रह रहे हैं और इसके बावजूद विभाग से आवासीय भत्ता भी प्राप्त कर रहे हैं।
• सुविधाओं का दुरुपयोग: यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने रेस्ट हाउस में गर्मियों में एयर कंडीशनर और सर्दियों में रूम हीटर व बाथरूम में वाटर गीजर का अत्यधिक उपयोग किया, जिससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हुआ। • राजस्व की चोरी: किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि धान के सीजन में आउटगोइंग गेट पास में हेराफेरी करके ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों से मार्केट फीस की चोरी की गई, जिससे सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
•आढ़तियों को परेशान करना: आढ़तियों ने भी शिकायत की थी कि सचिव उन्हें नाजायज तरीके से परेशान कर रहे हैं। हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड ने दीपक सिहाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और उन्हें पंचकूला स्थित सी एम ईओ, आई आई एसएम बोर्ड के कार्यालय में मुख्यालयित किया गया है। उन्हें सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग द्वारा इन आरोपों की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या सिहाग के खिलाफ और भी खुलासे होते हैं। मंत्री के आदेश की अवहेलना और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सिहाग के करियर पर यह कार्रवाई एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
