हरियाणा के सोनीपत में डीजे की तेज आवाज को लेकर हुए विवाद में दो युवकों ने पड़ोस में रहने वाले युवक को अपने घर में बंद कर मारपीट की। भाई ने उसे छुड़वाया और इलाज के लिए रोहतक पीजीआई ले गया। पुलिस ने थाना बहालगढ़ में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। खेवड़ा कॉलोनी नजदीक CRPF कैंप के रहने वाले पीड़ित जितेंद्र ने बताया कि घटना रात करीब 10:30 बजे की है। जितेंद्र के अनुसार, उनका छोटा भाई लोकेश घर पर अकेला था। पड़ोसी आकाश (मुंडू का बेटा) और गौरव (सुरेश का बेटा) के घर से डीजे की तेज आवाज आ रही थी। जब लोकेश ने उनसे आवाज कम करने को कहा, तो दोनों आरोपियों ने उसे घर के अंदर खींच लिया और कुंडी लगाकर डंडों और लाठियों से मारपीट की। लोकेश ने अपने भाई जितेंद्र को फोन कर मदद मांगी। जब जितेंद्र मौके पर पहुंचा, तब तक दोनों आरोपी भाग चुके थे। हमले में लोकेश के दोनों हाथों में गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल उसका PGI रोहतक में इलाज चल रहा है। आरोपियों ने लोकेश को जान से मारने की धमकी भी दी है। पीड़ित पक्ष ने थाना बहालगढ़ में शिकायत दर्ज कराई है। डॉक्टर के अनुसार लोकेश को शरीर पर पांच जगह चोट लगी है। उसके दोनों हाथ भी जख्मी हैं। पुलिस ने धारा 115(2),127(2), 351(3),3(5 BNS में केस दर्ज किया है। हरियाणा के सोनीपत में डीजे की तेज आवाज को लेकर हुए विवाद में दो युवकों ने पड़ोस में रहने वाले युवक को अपने घर में बंद कर मारपीट की। भाई ने उसे छुड़वाया और इलाज के लिए रोहतक पीजीआई ले गया। पुलिस ने थाना बहालगढ़ में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। खेवड़ा कॉलोनी नजदीक CRPF कैंप के रहने वाले पीड़ित जितेंद्र ने बताया कि घटना रात करीब 10:30 बजे की है। जितेंद्र के अनुसार, उनका छोटा भाई लोकेश घर पर अकेला था। पड़ोसी आकाश (मुंडू का बेटा) और गौरव (सुरेश का बेटा) के घर से डीजे की तेज आवाज आ रही थी। जब लोकेश ने उनसे आवाज कम करने को कहा, तो दोनों आरोपियों ने उसे घर के अंदर खींच लिया और कुंडी लगाकर डंडों और लाठियों से मारपीट की। लोकेश ने अपने भाई जितेंद्र को फोन कर मदद मांगी। जब जितेंद्र मौके पर पहुंचा, तब तक दोनों आरोपी भाग चुके थे। हमले में लोकेश के दोनों हाथों में गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल उसका PGI रोहतक में इलाज चल रहा है। आरोपियों ने लोकेश को जान से मारने की धमकी भी दी है। पीड़ित पक्ष ने थाना बहालगढ़ में शिकायत दर्ज कराई है। डॉक्टर के अनुसार लोकेश को शरीर पर पांच जगह चोट लगी है। उसके दोनों हाथ भी जख्मी हैं। पुलिस ने धारा 115(2),127(2), 351(3),3(5 BNS में केस दर्ज किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में CPS नियुक्ति 3 सीनियर मंत्रियों ने रुकवाई:आदेश जारी होते ही कैबिनेट दर्जा देने का विरोध किया; बिना रैंक के जारी होंगे ऑर्डर
हरियाणा में CPS नियुक्ति 3 सीनियर मंत्रियों ने रुकवाई:आदेश जारी होते ही कैबिनेट दर्जा देने का विरोध किया; बिना रैंक के जारी होंगे ऑर्डर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) की नियुक्ति के आदेश पर नाटकीय ढंग से रोक लग गई। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार रात करीब 8 बजे रिटायर्ड IAS राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव बनाने के आदेश जारी किए। इसमें उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया था। हालांकि 4 घंटे बाद ही रात करीब 12 बजे दूसरा ऑर्डर जारी हो गया। जिसमें लिखा गया कि मुख्य प्रधान सचिव की नियुक्ति के संबंध में जारी आदेश अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब CM नायब सैनी दिल्ली गए हुए हैं। इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी अब सामने आई है। जिसमें पता चला है कि जब देर शाम उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी किए गए, तो कैबिनेट के तीन सीनियर मंत्रियों ने इस पर ऑब्जेक्शन कर दिया। तीनों मंत्रियों ने राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर विरोध जताया। उनका कहना था कि हम चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं अधिकारी को बैठे-बिठाए ही यह दर्जा दिया जा रहा है। जिसके बाद आदेश वापस ले लिए गए। हालांकि सरकार खुल्लर की नियुक्ति जरूर करेगी, इसके लिए अब बिना कैबिनेट रैंक के ये ऑर्डर आज या कल जारी कर सकती है। नियुक्ति और फिर उसे रोकने के ऑर्डर की कॉपी… कौन हैं राजेश खुल्लर
राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। पर्ची सिस्टम के विरोधी
अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मनोहर ने वर्ल्ड बैंक से वापस बुलवाया
राजेश खुल्लर की सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक के वाशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति हो गई। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। अमेरिका जाने से पहले उन्होंने करीब 5 साल हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके प्रधान सचिव के रूप में काम किया। उसके बाद मनोहर सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने राजेश खुल्लर को तय टाइम से पहले वर्ल्ड बैंक से वापस हरियाणा बुलाने की मंजूरी दे दी थी। वर्ल्ड बैंक से लौटने के बाद खुल्लर को एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया। CMO के रहे ओवरऑल इंचार्ज
इस साल 19 अप्रैल से 1 जून के बीच हुए लोकसभा चुनाव से करीब सवा 2 महीने पहले यानी 8 फरवरी 2024 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सीएम ऑफिस (सीएमओ) में बड़ा बदलाव किया था। उस समय खट्टर ने 58 प्रमुख विभागों को 6 अफसरों में बांट दिया था। उस फेरबदल के दौरान सीएम के तत्कालीन मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को 17, तत्कालीन सहायक प्रधान सचिव आशिमा बराड़ को 11, तत्कालीन प्रधान सचिव वी उमाशंकर को 10, अमित अग्रवाल को 9, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र सिंह को 3, एचसीएस सुधांशु गौतम को 6 और भूपेश्वर दयाल को 2 विभाग दिए गए थे। इसके साथ ही खट्टर ने राजेश खुल्लर को सीएम ऑफिस (सीएमओ) का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया था। ये खबर भी पढ़ें… पूर्व विधायक ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद मांगा, गोगी बोले-3 साल के लिए बनाओ, वही बनना चाहिए जो मुख्यमंत्री न बनकर पार्टी को मजबूत करे हरियाणा की असंध विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने खुद को 3 साल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 5 साल का समय है। हाईकमान चाहेगा तो सब कुछ हो सकता है। हाईकमान मुझे 3 साल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बना दे। बाद में इलेक्शन के लिए किसी और को चेहरा बनाना होगा तो हाईकमान बना सकता है (पूरी खबर पढ़ें)
पानीपत में बिजली दफ्तर का औचक निरीक्षण:सीट से गायब मिले 19 कर्मचारी, गैरहाजिरी लगा XEN ने मांगा स्पष्टीकरण
पानीपत में बिजली दफ्तर का औचक निरीक्षण:सीट से गायब मिले 19 कर्मचारी, गैरहाजिरी लगा XEN ने मांगा स्पष्टीकरण हरियाणा के पानीपत शहर में बिजली निगम के 19 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। यहां निगम के एसडीओ ने गुरुवार सुबह गोहाना रोड स्थित सब अर्बन, सब डिवीजन का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारी को यहां कई अनियमितताएं मिलीं। इसके अलावा लगातार मिल रही जनता की शिकायतों में भी सच्चाई नजर आई। यहां 19 कर्मचारी अपनी सीटों से गायब मिले। जिसके बाद सभी से संपर्क किया गया। कुछ ने कहा कि वे रास्ते में हैं। जबकि कुछ ने कोई जवाब ही नहीं दिया। तय समय से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जब कर्मचारी नहीं पहुंचे तो एसडीओ ने इसकी रिपोर्ट एक्सईएन को सौंपी। जिसके बाद सभी को अनुपस्थित कर दिया गया। लगातार मिल रही शिकायतों पर किया निरीक्षण जानकारी देते हुए एक्सईएन आदित्य कुंडू ने बताया कि उन्हें लगातार जनता की ओर से शिकायतें मिल रही थी। जिसमें बताया जा रहा था कि जनता सुबह 9 बजे से पहले ही गोहाना रोड स्थित सब अर्बन, सब डिवीजन कार्यालय पहुंच जाती है। जबकि अधिकारी व कर्मचारी निर्धारित समय से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यहां नहीं पहुंचते। देरी से आने के बाद भी तुरंत काम शुरू नहीं करते। पब्लिक डीलिंग काफी देर बाद की जाती है। इन सभी शिकायतों को लेकर उन्होंने एसडीओ नरेंद्र जागलान को डिवीजन में औचक निरीक्षण कर हकीकत देखने को कहा था। निर्देशानुसार एसडीओ सुबह करीब 9:25 बजे कार्यालय पहुंचे। यहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि 19 कर्मचारी अपनी सीटों से गायब थे। नोटिस में ये लिखा
सभी गैर जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नोटिस जारी कर कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई है कि औचक निरीक्षण के दौरान आप गैर हाजिर मिले है। जिससे आपकी लापरवाही साफ तौर पर झलकती है। इससे साफ तौर पर पता लगता है कि आप गैर हाजिर रहने व लेट आने के आदी हैं। आपको मौखिक तौर पर कई बार इस बारे में चेतावनी दी जा चुकी है। यहां तक कि चेतावनी लेटर भी दिए जा चुके है। इसीलिए बार आपसे इस व्यवहार का स्पष्टीकरण मांगा जाता है। स्पष्टीकरण न देने पर आपके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
टिकट वितरण के बाद करनाल में सियासी सन्नाटा:BJP ने 4 उम्मीदवार किए घोषित, कांग्रेस की चाल का इंतजार, जातिगत समीकरण-स्थानीय मुद्दे उभार पर
टिकट वितरण के बाद करनाल में सियासी सन्नाटा:BJP ने 4 उम्मीदवार किए घोषित, कांग्रेस की चाल का इंतजार, जातिगत समीकरण-स्थानीय मुद्दे उभार पर हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो गई है। भाजपा में दावेदारों के टिकट कटे तो आंखों से आंसू गिरे और मुंह से बगावती सुर। इसके बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई। कांग्रेस में अभी 32 ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। इनमें अधिकतर टिकट वे है जो पहले ही निश्चित थी। करनाल से कांग्रेस में किसी तरह की बगावत या विरोध की सुगबुगाहट तक नहीं आई। करनाल की दोनों विधानसभा सीटों पर विधायकों को ही टिकट मिला है। घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट अभी पेंडिंग है। दूसरी लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस के दावेदार शांत रहते है या फिर विरोध में उतरते है, वह देखने वाली बात होगी। इंद्री, नीलोखेड़ी और करनाल सीट पर भाजपा के टिकट बंटवारे का विरोध हो रहा है। ऐसे में प्रत्याशी अपना चुनाव प्रचार करे या फिर रूठे हुए को मनाए, वह भी उनके समझ में नहीं आ रहा है। जगमोहन की टिकट पर दावेदार विचलित करनाल विधानसभा 10 साल तक सीएम सिटी रही। मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल छोड़ लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। करनाल में जगमोहन आनंद को टिकट दिया। प्रबल दावेदार रेणु बाला गुप्ता ने टिकट के बंटवारे पर सवाल खड़े कर दिए। अशोक सुखीजा भी सोशल मीडिया पर मौन लिखकर बैठ गए और वे अभी तक मौन ही नजर आ रहे है। करनाल में कांग्रेस पंजाबी चेहरे पर दांव खेलती है ताे मनोज वधवा, अशोक खुराना और भीम सेन मेहता को टिकट जा सकता है, अगर दूसरे चेहरे पर दांव लगाती है तो वह सुमिता सिंह होगी, बताया जा रहा है इनका नाम टॉप में चल रहा है। कांग्रेस की 3 सीटों पर कौन हो सकता है कैंडिडेट करनाल में कांग्रेस की तरफ से अभी कोई भी उम्मीदवार तय नहीं किया गया और न ही घरौंडा व इंद्री से। नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और असंध से विधायक शमशेर गोगी को प्रत्याशी बनाया गया है। धर्मपाल गोंदर 2019 में आजाद जीते थे, बाद में इन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया। शमशेर गोगी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे। बीजेपी ने नीलोखेड़ी में भगवानदास कबीरपंथी को टिकट दिया है, लेकिन यहां सुभाष चंद्र और मीना चौहान बीजेपी के फैसले की बगावत कर चुकी है। कांग्रेस की अभी घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट पर टिकट फाइनल होना बाकी है। क्योंकि इन तीनों सीटों पर टिकट के चाहने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। कांग्रेस के रणनीतिकार जातिगत समीकरण के साथ साथ जीत के आंकड़े बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। टिकट की दौड़ में सबसे आगे वीरेंद्र सिंह राठौर पार्टी सुत्रों की माने तो घरौंडा से एडवोकेट वीरेंद्र सिंह राठौर टिकट की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार वह स्वयं चुनाव न लड़ कर अपने परिवार से किसी दूसरे सदस्य को चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं। उन्होंने अपनी टिकट के लिए हुड्डा खेमे के साथ भी तालमेल बैठा लिया है। हालांकि यहां से टिकट की दौड़ में नरेंद्र सांगवान, भूपेंद्र सिंह लाठर, सतीश राणा भी शामिल है। भाजपा ने विधायक हरविंद्र कल्याण पर तीसरी बार भरोसा जताया है। इंद्री की स्थिति, कश्यप की राह में अड़चन इंद्री में राम कुमार कश्यप को बीजेपी टिकट दे चुकी है और कर्ण देव कंबोज और सुरेंद्र उड़ाना टिकट बंटवारे का विरोध कर चुके है। सूत्रों की माने तो इंद्री से राकेश कंबोज को बीजेपी के सामने उतारेगी। टिकट भी लगभग तय माना जा रहा है। यहां से भीम सेन मेहता भी टिकट मांग रहे हैं। जिस तरह से कश्यप का विरोध हो रहा है, उससे उनकी राह आसान नहीं है। असंध सीट पर तीन मजबूत चेहरे कांग्रेस ने असंध से तो टिकट फाइनल कर दिया। बीजेपी अभी मंथन कर रही है। जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा और पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क यहां से टिकट मांग रहे है। जिले राम शर्मा कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए है। बख्शीश सिंह पूर्व विधायक है और योगेंद्र राणा कर्मठ जिलाध्यक्ष है, ऐसे में टिकट को लेकर बीजेपी को गहरा चिंतन करना पड़ राह है। ऐसे टिकट किसकी झोली में जाएगी, वह देखने वाली बात है। क्या कहता है सियासी समीकरण? करनाल जिले की राजनीति इस बार जातिगत समीकरण, बगावत, और स्थानीय मुद्दों के ईर्द-गिर्द घूम रही है। कांग्रेस की दूसरी सूची आते ही मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है। बीजेपी के बगावती सुरों और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के बीच यह चुनावी लड़ाई और पेचीदा होती नजर आ रही है।