हरियाणा के सोनीपत में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की एक महिला प्रशासकीय अधिकारी के खिलाफ जालसाजी व कई अन्य गंभीर धाराओं में गोहाना सिटी थाने में केस दर्ज हुआ है। पति के खिलाफ कोर्ट में चल रहे तलाक के केस में खुलासा हुआ कि उसने विवाह रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से तैयार कराया है। पति पक्ष की तरफ से कोई भी पंजीयक अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुआ। उनकी ओर से फर्जी व्यक्ति खड़े किए गए। असामान्य परिस्थितियों में हुई शादी खास बात ये है कि बैंक अधिकारी अन्नु कुमारी और करण रोहिल्ला का विवाह अप्रैल 2019 में असमान्य परिस्थितियों में हुआ है। असल मे अन्नु की शादी रोहतक में किसी ओर के साथ तय थी, लेकिन दो दिन पहले किसी कारणवश शादी टूट गई। शादी की सारी तैयारी पहले ही चोकी थी। इसके बाद आनन फानन में रिश्तेदारों के दबाव में अन्नु की शादी करण रोहिल्ला के साथ कर दी गई। अब अन्नु ने पति से तलाक के लिए कोर्ट में केस किया हुआ है। कोर्ट के आदेश पर FIR गोहाना की SDJM कोर्ट के आदेश पर अन्नु कुमारी व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। उसके पति करण रोहिल्ला (34) ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनकी शादी का प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार कराया गया है। करण रोहिल्ला मूल रूप से मॉडल टाउन, पानीपत का रहने वाला है और अभी हिमालय अपार्टमेंट, साईं कॉलोनी, रहतानी, पुणे, महाराष्ट्र में रह रहा है। वहीं अन्नु कुमारी यूनियन बैंक आफ इंडिया में प्रशासकीय अधिकारी है और वर्तमान में वह अहमदाबाद में तैनात है। वह मूल रूप से सूर्य नगर गोहाना की रहने वाली है। पति ने कोर्ट को ये बताया… करण रोहिल्ला ने कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि उसका विवाह 21 अप्रैल 2019 को गोहाना की अन्नू कुमारी रोहिल्ला के साथ हिंदू रीति-रिवाज और अनुष्ठान के अनुसार रोहतक में हुआ था। उनका विवाह असामान्य परिस्थितियों में संपन्न हुआ था। क्योंकि अन्नू कुमारी रोहिल्ला की शादी किसी और के साथ तय हुई थी। लेकिन शादी से 2 दिन पहले उक्त शादी/रिश्ता टूट गया। उसने बताया कि पारिवारिक मित्रों, रिश्तेदारों के हस्तक्षेप के कारण उसकी अन्नू कुमारी रोहिल्ला के साथ उसी दिन शादी संपन्न हुई, क्योंकि सभी व्यवस्थाएं पहले से ही की जा चुकी थीं। शादी के बाद दोनों पूणे में रहने लगे। इस बीच अन्नू कुमारी ने पारिवारिक न्यायालय, रोहतक के समक्ष तलाक की याचिका दायर की। उसने विवाह रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट संख्या 1876 दिनांक 26/04/2019 काेर्ट में पेश किया। वे तो कभी रजिस्ट्रार के सामने गए ही नहीं मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देख कर उनको काफी आश्चर्य हुआ, क्योंकि न तो वह और न ही उसके परिवार के सदस्य कभी भी उक्त प्राधिकारी अर्थात विवाह रजिस्ट्रार, गोहाना के समक्ष विवाह को पंजीकृत कराने और विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। उसके साथ-साथ उसके पिता और माता के हस्ताक्षरों की जालसाजी करके जाली/नकली दस्तावेज तैयार किए हैं। किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके सर्टिफिकेट तैयार कराया गया। इन धाराओं में हुआ केस दर्ज गोहाना सिटी थाना के ASI अजमेर के अनुसार कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अन्नु कुमारी के खिलाफ धारा 416/419/463/464/465/468/471/34/120B IPC में केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा के सोनीपत में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की एक महिला प्रशासकीय अधिकारी के खिलाफ जालसाजी व कई अन्य गंभीर धाराओं में गोहाना सिटी थाने में केस दर्ज हुआ है। पति के खिलाफ कोर्ट में चल रहे तलाक के केस में खुलासा हुआ कि उसने विवाह रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से तैयार कराया है। पति पक्ष की तरफ से कोई भी पंजीयक अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुआ। उनकी ओर से फर्जी व्यक्ति खड़े किए गए। असामान्य परिस्थितियों में हुई शादी खास बात ये है कि बैंक अधिकारी अन्नु कुमारी और करण रोहिल्ला का विवाह अप्रैल 2019 में असमान्य परिस्थितियों में हुआ है। असल मे अन्नु की शादी रोहतक में किसी ओर के साथ तय थी, लेकिन दो दिन पहले किसी कारणवश शादी टूट गई। शादी की सारी तैयारी पहले ही चोकी थी। इसके बाद आनन फानन में रिश्तेदारों के दबाव में अन्नु की शादी करण रोहिल्ला के साथ कर दी गई। अब अन्नु ने पति से तलाक के लिए कोर्ट में केस किया हुआ है। कोर्ट के आदेश पर FIR गोहाना की SDJM कोर्ट के आदेश पर अन्नु कुमारी व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। उसके पति करण रोहिल्ला (34) ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनकी शादी का प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार कराया गया है। करण रोहिल्ला मूल रूप से मॉडल टाउन, पानीपत का रहने वाला है और अभी हिमालय अपार्टमेंट, साईं कॉलोनी, रहतानी, पुणे, महाराष्ट्र में रह रहा है। वहीं अन्नु कुमारी यूनियन बैंक आफ इंडिया में प्रशासकीय अधिकारी है और वर्तमान में वह अहमदाबाद में तैनात है। वह मूल रूप से सूर्य नगर गोहाना की रहने वाली है। पति ने कोर्ट को ये बताया… करण रोहिल्ला ने कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि उसका विवाह 21 अप्रैल 2019 को गोहाना की अन्नू कुमारी रोहिल्ला के साथ हिंदू रीति-रिवाज और अनुष्ठान के अनुसार रोहतक में हुआ था। उनका विवाह असामान्य परिस्थितियों में संपन्न हुआ था। क्योंकि अन्नू कुमारी रोहिल्ला की शादी किसी और के साथ तय हुई थी। लेकिन शादी से 2 दिन पहले उक्त शादी/रिश्ता टूट गया। उसने बताया कि पारिवारिक मित्रों, रिश्तेदारों के हस्तक्षेप के कारण उसकी अन्नू कुमारी रोहिल्ला के साथ उसी दिन शादी संपन्न हुई, क्योंकि सभी व्यवस्थाएं पहले से ही की जा चुकी थीं। शादी के बाद दोनों पूणे में रहने लगे। इस बीच अन्नू कुमारी ने पारिवारिक न्यायालय, रोहतक के समक्ष तलाक की याचिका दायर की। उसने विवाह रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट संख्या 1876 दिनांक 26/04/2019 काेर्ट में पेश किया। वे तो कभी रजिस्ट्रार के सामने गए ही नहीं मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देख कर उनको काफी आश्चर्य हुआ, क्योंकि न तो वह और न ही उसके परिवार के सदस्य कभी भी उक्त प्राधिकारी अर्थात विवाह रजिस्ट्रार, गोहाना के समक्ष विवाह को पंजीकृत कराने और विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए थे। उसके साथ-साथ उसके पिता और माता के हस्ताक्षरों की जालसाजी करके जाली/नकली दस्तावेज तैयार किए हैं। किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके सर्टिफिकेट तैयार कराया गया। इन धाराओं में हुआ केस दर्ज गोहाना सिटी थाना के ASI अजमेर के अनुसार कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अन्नु कुमारी के खिलाफ धारा 416/419/463/464/465/468/471/34/120B IPC में केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में आज 34 निकाय आरक्षित होंगे:पंचकूला में बैठक, 8 मेयर पदों के लिए भी निकलेगा ड्रा, नगर पालिकाओं पर भी सबकी नजर
हरियाणा में आज 34 निकाय आरक्षित होंगे:पंचकूला में बैठक, 8 मेयर पदों के लिए भी निकलेगा ड्रा, नगर पालिकाओं पर भी सबकी नजर हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग (ULB) के पंचकूला मुख्यालय में आज मेयर और प्रधान पद के लिए ड्रा होगा। हरियाणा के 8 नगर निगमों समेत 34 नगर निकायों में चुनाव होंगे। ये चुनाव 2 चरणों में होंगे। चुनाव की तैयारियों की घोषणा के बाद से ही इच्छुक उम्मीदवार ड्रा का इंतजार कर रहे थे। ड्रा के बाद ही तय होगा कि किस निगम या नगर पालिका में मेयर और प्रधान का पद किसके लिए आरक्षित रहेगा। महिला, एससी, बीसी और सामान्य पदों के लिए ड्रा निकाला जाएगा। आज पंचकूला में होने वाली बैठक के लिए 22 जिलों के सभी अधिकारियों को पंचकूला मुख्यालय बुलाया गया है। बता दें कि इससे पहले निकायों में वार्ड आरक्षित किए गए थे। इसके बाद वार्ड सीमांकन का अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए वार्ड सीमांकन पर आपत्तियां मांगी गई थीं। आपत्तियों के बाद वार्ड सीमांकन को अंतिम रूप दिया जाएगा और चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रदेश में 2025 फरवरी तक नगर निगम चुनाव होने की उम्मीद है। इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने खर्च सीमा भी बढ़ाई
हरियाणा में मेयर चुनाव के प्रचार के लिए अब उम्मीदवार 5 लाख रुपए ज्यादा खर्च कर सकेंगे। पहले यह सीमा 25 लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपए कर दिया गया है। हरियाणा के निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने यह फैसला पिछले दिनों लिया था। निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए भी खर्च की सीमा डेढ़ लाख बढ़ाई गई है। अब वे साढ़े 7 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। वहीं नगर कौंसिल के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च की सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया गया है। इसी तरह नगर कौंसिल मेंबर भी साढ़े 3 लाख की जगह साढ़े 4 लाख खर्च कर सकेंगे। म्युनिसिपल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में खर्च सीमा 12.50 लाख रुपए कर दी गई है। इससे पहले वह 10.50 लाख रुपए ही खर्च सकते थे। 212 वार्डों में 74 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित
हरियाणा के आठ नगर निगमों में कुल 212 वार्ड हैं, जिनमें से 74 वार्ड महिलाओं, 28 वार्ड अनुसूचित जाति (SC) और 17 वार्ड पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 11 वार्ड बीसी-बी के लिए रिजर्व किए गए हैं। गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, रोहतक, पानीपत, यमुनानगर, करनाल और हिसार नगर निगम के वार्डों में आरक्षण का काम पूरा कर लिया गया है। दो चरणों में होंगे निकाय चुनाव
हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मुताबिक निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव होंगे। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं सिरसा नगर परिषद, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर और 21 पालिकाओं के लिए आम चुनाव भी पहले चरण में होगा। सोनीपत-अंबाला में मेयर उपचुनाव होंगे
इसके साथ ही सोनीपत और अंबाला में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराए जाएंगे। सोनीपत के मेयर निखिल मदान और अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा विधायक बन चुकी हैं। इस कारण दोनों निगमों में मेयर का उपचुनाव कराना पड़ रहा है। दूसरे चरण में मार्च-अप्रैल में बाकी बचे 5 नगर निगमों हिसार, पानीपत, रोहतक, करनाल और यमुनानगर के अलावा थानेसर नगर परिषद एवं अन्य पालिकाओं के चुनाव कराए जाएंगे।
बवानी खेड़ा में फ्लैग ना होने पर भड़के लोग:शहीद गुलाब सिंह पार्क में स्थापित किया था झंडा, 2 दिन का दिया समय
बवानी खेड़ा में फ्लैग ना होने पर भड़के लोग:शहीद गुलाब सिंह पार्क में स्थापित किया था झंडा, 2 दिन का दिया समय भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में स्थित शहीद गुलाब सिंह पार्क में लगे लगभग 100 फुट के पोल पर फ्लैग के अचानक गायब होने पर कस्बे वासियों रोष देखने को मिला। जिसको लेकर उन्होंने रोष जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया। आगामी दो दिनों में इसे प्रशासन ने स्थापित नहीं किया तो वे रोड जाम करेंगें। 2 दिनों में फ्लैग लगाने की कही बात कस्बा वासियों में अनिल कुमार शर्मा, ललित कुमार सैनी, जोगेन्द्र काजल, सोनू नोहडिया, सन्नी नोहडिया, बिहारी लाल, बिनू, राजू, नितिन पारासर आदि ने रोष जाहिर करते हुए बताया कि पार्क के पोल पर लगा झंडा पिछले कई दिनों से गायब है जिससे पार्क व कस्बा की सुंदरता धूमिल होती है। सभी ने विभाग से इसे आगामी दो दिनों में स्थापित करवाने की बात कही। ऐसा न करने पर आगामी दो दिनों में रोड जाम करने की बात कही। वाशिंग के लिए भेजा फ्लैग इस मामले को लेकर नगर पालिका के अकाउंटेंट शिवपाल ने बताया कि शहीद गुलाब सिंह पार्क कस्बे की शान है। इसमें पोल पर लगाया गया फ्लैग मैला हो गया था। फिलहाल उसे वाशिंग के लिए दिया हुआ है। जल्द ही पार्क में फ्लैग स्थापित कराया जाएगाl
हरियाणा में सैनी सरकार के मंत्रिमंडल का एनालिसिस:गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही चलेगी BJP; जीटी रोड-बागड़ बेल्ट को तरजीह, अहीरवाल में पावर बैलेंस
हरियाणा में सैनी सरकार के मंत्रिमंडल का एनालिसिस:गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही चलेगी BJP; जीटी रोड-बागड़ बेल्ट को तरजीह, अहीरवाल में पावर बैलेंस हरियाणा में CM नायब सैनी की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने गुरुवार (17 अक्टूबर) को शपथ ले ली। मुख्यमंत्री के अलावा मंत्रिमंडल में 13 चेहरे शामिल किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 5 मंत्री ओबीसी बिरादरी से हैं जो BJP का कोर वोटबैंक रहा है। दूसरे नंबर पर SC, ब्राह्मण और जाट कम्युनिटी है जिनसे 2-2 मंत्री बनाए गए हैं। कैबिनेट में शामिल चेहरों को अगर जातीय समीकरणों के लिहाज से देखें तो यह बात एकदम स्पष्ट है कि BJP हरियाणा में अपनी गैर जाट पॉलिटिक्स पर ही आगे बढ़ेगी। सैनी की नई कैबिनेट अनुभव और युवा जोश का बढ़िया कंबीनेशन है। इसमें जहां अनिल विज और श्याम सिंह राणा जैसे अनुभवी चेहरों को जगह दी गई है वहीं गौरव गौतम, आरती राव और श्रुति चौधरी जैसे यंग फेस भी रखे गए हैं। इसके लिए भाजपा ने परिवारवाद के टैग की भी परवाह नहीं की। BJP ने मंत्रिमंडल बनाते समय क्षेत्रीय समीकरणों और पावर बैलेंस का भी पूरा ध्यान रखा। अहीरवाल बेल्ट से राव इंद्रजीत की बेटी को लिया तो उनके विरोधी राव नरबीर को भी कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया। शपथग्रहण की सबसे रोचक बात यह रही कि CM नायब सैनी समेत 13 मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ली। अकेले विधायक श्रुति चौधरी ऐसी मंत्री रहीं, जिन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली। नायब सैनी के मंत्रिमंडल में क्या खास, 5 सवाल-जवाब से जानिए पूरे 1. सवाल: कौन किसके कोटे से और क्यों मंत्री बना?
जवाब: मुख्यमंत्री नायब सैनी, सीधे केंद्रीय नेतृत्व की पसंद है। पार्टी ने उन्हें सीएम चेहरा बनाकर पूरा चुनाव लड़ा। सैनी के बाद दूसरे नंबर पर अनिल विज ने शपथ ली जो पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में हैं। विज 7वीं बार विधायक बने हैं। पार्टी उन्हें साइडलाइन करके पुराने साथियों को छोड़ने जैसा कोई मैसेज नहीं देना चाहती थी। कृष्णलाल पंवार 6 बार के विधायक और दलित बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं। इस चुनाव में कांग्रेस की जगह भाजपा को ज्यादा दलित वोटर मिलने से पंवार की दावेदारी मजबूत हुई। राव नरबीर सीधे हाईकमान की पसंद हैं। वह सीधे अमित शाह से टिकट लेकर आए थे और अब मंत्री भी केंद्रीय कोटे से बने हैं। कुछ ऐसा ही मामला विपुल गोयल का भी है। टिकट मिलने से लेकर मंत्री बनने तक, उनके केस में सीधे शाह की पसंद चली है। महिपाल ढांडा बड़ा जाट चेहरा है। वह CM सैनी की पिछली सरकार में राज्यमंत्री थे। इसबार उन्हें प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। ढांडा जाट बिरादरी के उन चुनिंदा नेताओं में से है जिनकी पूरी पॉलिटिक्स भाजपा से रही है। डॉ. अरविंद शर्मा ब्राह्मण बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं। वह 2019 से 2024 तक रोहतक का सांसद रहते हुए खासे एक्टिव रहे। भाजपा के केंद्रीय नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं। श्याम सिंह राणा 2019 में टिकट कटने पर भाजपा छोड़ गए थे। इस बार चुनाव से पहले पार्टी में उनकी वापसी करवाने से लेकर टिकट दिलाने और फिर मंत्री बनाने तक में नायब सैनी की अहम भूमिका रही। रणबीर गंगवा 2019 से 2024 तक डिप्टी स्पीकर रहे। संसदीय मामलों की जानकार के चलते उनका दावा मजबूत रहा। भाजपा में आने से पहले रणबीर गंगवा इनेलो में थे। कृष्ण बेदी 20 साल से भाजपा में हैं। 2014 में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में वह मंत्री भी रहे। वह खट्टर के करीबियों में है। 2019 में मिनिस्टर रहते चुनाव हार जाने पर खट्टर ने अपने दूसरे टर्म में बेदी को अपना पॉलिटिकल सेक्रेटरी बनाया था। पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट में शामिल की गई श्रुति चौधरी को यूं तो जाट कोटे से माना जा सकता है लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण उनका बंसीलाल परिवार से होना है। श्रुति और उनकी मां किरण चौधरी चुनाव से कुछ अर्सा पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई थी। पार्टी किरण चौधरी को पहले ही राज्यसभा भेज चुकी है। आरती राव को केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की बेटी होने का फायदा मिला। गौरव गौतम को पार्टी ने संगठन में काम करने का इनाम दिया है। 2. सवाल: मंत्रिमंडल में किसकी चली, किसको झटका लगा
जवाब: मोटे तौर पर देखें तो कुलदीप बिश्नोई खाली हाथ रहे। उनके बेटे भव्य बिश्नोई चुनाव हार गए। उसके बाद कुलदीप अपने करीबी रणधीर पनिहार को भी मंत्री नहीं बनवा सके। दूसरा नाम केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत का है। राव ने अहीरवाल की 11 में से 10 सीटों पर अपनी पसंद से टिकट दिलवाए और उन्हें जितवा भी लिया लेकिन मंत्री सिर्फ बेटी आरती को ही बनवा सके। BJP ने राव के विरोधी नरबीर को भी मंत्री बनाकर साफ कर दिया कि अहीरवाल में वह अकेले इंद्रजीत के भरोसे नहीं रहने वाली। मंत्रिमंडल में केंद्रीय नेतृत्व और मनोहर लाल की पसंद सबसे ज्यादा चली। ढांडा, बेदी, श्रुति और रणबीर गंगवा खट्टर के करीबी हैं। विपुल गोयल, राव नरबीर, अनिल विज और गौरव गौतम केंद्रीय नेतृत्व की पसंद है। किरण चौधरी के कांग्रेस से BJP में आने के बाद दोनों हाथ में लड्डू हैं। खुद राज्यसभा सांसद और बेटी मंत्री बन गईं। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी अपने करीबी राजेश नागर को मंत्री बनवाने में कामयाब रहे। 3. सवाल: BJP ने जातीय समीकरण कैसे साधा?
जवाब: भाजपा ने टिकट वितरण के बाद कैबिनेट गठन में भी अपनी गैर जाट पॉलिटिक्स को कंटीन्यू किया। सबसे ज्यादा 5 मिनिस्टर ओबीसी बिरादरी से बनाए गए। 30% आबादी वाली ओबीसी बिरादरी के भाजपा और कांग्रेस ने 21-21 कैंडिडेट उतारे थे। इस बिरादरी के जो 17 विधायक बने, उनमें से 14 भाजपा के हैं। मंत्रिमंडल में भी इसका असर दिखा। भाजपा के कुल 6 जाट विधायक चुनकर आए, इनमें से 2 को मंत्रिपद मिला। राज्य की कुल 17 रिजर्व सीटों में से 8 पर भाजपा के विधायक जीते जिनमें से 2 मंत्री बनाए गए। अगर ब्राह्मण बिरादरी की बात करें तो भाजपा ने इस कम्युनिटी के कुल 11 कैंडिडेट उतारे थे जिनमें से 7 विजयी रहे। अब इनमें से 2 को झंडी वाली कार दे दी गई। विधानसभा में इस बार वैश्य बिरादरी के जो विधायक पहुंचे हैं और यह दोनों ही भाजपा के हैं। कुल 12 पंजाबी विधायकों में से 9 भाजपा के हैं। राजपूत बिरादरी के दो विधायक बने हैं और यह दोनों ही BJP के हैं। पार्टी ने इन तीनों बिरादरियों से एक-एक मिनिस्टर बनाया है। 4. सवाल: क्षेत्रीय समीकरण क्या रहे?, सबसे ज्यादा मंत्री किस बेल्ट से
जवाब: BJP ने अपने परंपरागत गढ़ जीटी रोड बेल्ट को ज्यादा तरजीह दी। यहां से CM नायब सैनी के अलावा अनिल विज, श्याम सिंह राणा, महिपाल ढांडा और कृष्णलाल पंवार को मंत्री बनाया। पार्टी ने जीटी रोड बेल्ट की 23 में से 14 सीटें जीती थीं। बागड़ बेल्ट पर भी भाजपा मेहरबान दिखी। सियासी दिग्गजों वाली इस बेल्ट की 21 सीटों में से 8 सीटें भाजपा ने जीती। यहां से गंगवा और श्रुति को मिनिस्टर बनाया। बांगर बेल्ट में जींद-कैथल की 9 सीटें आती हैं। पार्टी ने यहां की नरवाना सीट से जीते बेदी को मंत्री बनाया। इन सबके मुकाबले अहीरवाल को कम तरजीह मिली। भाजपा ने यहां की 11 में से 10 सीटें जीतीं। इनमें से सिर्फ आरती और नरबीर को ही मंत्री बनाया गया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले जाटलैंड या देशवाल बेल्ट में भाजपा की नॉन जाट पॉलिटिक्स इस बार सफल रही। उसने सोनीपत की 6 में से 4 सीटें जीती जबकि एक सीट पर उसका बागी विजयी रही। पार्टी ने यहां से विधायक बने ब्राह्मण चेहरे अरविंद शर्मा को मंत्री बनाया। इसके अलावा दिल्ली-यूपी से लगते साउथ हरियाणा से विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम को कैबिनेट में जगह मिली। यहां फरीदाबाद-पलवल की 9 सीटों में से भाजपा ने 7 पर जीत हासिल की। 5. सवाल: परिवारवाद, नए या रिपीट चेहरे कितने
जवाब: परिवारवाद के लिहाज से 2 चेहरे कैबिनेट में लिए गए हैं। पहला केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव और दूसरा किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी। नए चेहरों की बात करें तो पहली बार विधायक बने राजेश नागर और गौरव गौतम मंत्री बने हैं। मिनिस्टर बनी श्रुति और आरती राव का भी यह पहला ही चुनाव रहा। सैनी ने पिछली बार के 3 चेहरे रिपीट किए हैं। इनमें अनिल विज, महिपाल ढांडा और रणबीर सिंह गंगवा का नाम है। गंगवा भाजपा की अगुवाई वाली पिछली सरकार में डिप्टी स्पीकर थे। पिछली सरकार के मुकाबले आरती राव, श्रुति चौधरी, राजेश नागर, गौरव गौतम, अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, राव नरबीर, विपुल गोयल, कृष्ण कुमार बेदी नए चेहरे हैं। हालांकि विपुल गोयल, राव नरबीर और कृष्ण बेदी 2014 से 2019 के दौरान मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट में शामिल रह चुके हैं। श्याम सिंह राणा तब संसदीय सचिव थे। बेदी 2019 में हार गए थे और राणा ने टिकट कट जाने पर चुनाव नहीं लड़ा। हरियाणा की नई सरकार से जुड़ी 3 अहम बातें 1. हरियाणा में डिप्टी CM के फॉर्मूले से परहेज
भाजपा ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में डिप्टी सीएम बनाए थे। हरियाणा में भी इसकी चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे भाजपा को मिले बहुमत को वजह माना जा रहा है। भाजपा को 90 सीटों वाली विधानसभा में 46 के बहुमत से 2 ज्यादा 48 सीटें मिलीं हैं। 2019 में जब भाजपा बहुमत से चूक गई और 40 सीटों पर रह गई तो जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन के चलते दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद दिया था। 2. तीनों सीटों पर जीतने वाले नायब सैनी तीसरे सीएम
नायब सैनी प्रदेश के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने 3 अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव जीता है। नायब ने पहले अंबाला की नारायणगढ़, फिर करनाल और इस चुनाव में लाडवा से जीत हासिल की। सैनी से पहले सिर्फ ओपी चौटाला ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 5 अलग-अलग सीटों से चुनाव जीता था। 3. निर्दलीयों को मंत्रिपद नहीं
प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिला था। इसके बावजूद 3 निर्दलीय विधायकों हिसार से सावित्री जिंदल, गन्नौर से देवेंद्र कादियान और बहादुरगढ़ से राजेश जून ने भाजपा को समर्थन दे दिया। इसके बाद उम्मीद थी कि सावित्री जिंदल को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि यह उम्मीद पूरी नहीं हुई। ये खबर भी पढ़ें… नायब सैनी दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने:13 मंत्री बनाए, इनमें 6 पहले भी मंत्री रहे; सबसे ज्यादा 5 OBC चेहरे, 2 महिलाएं हरियाणा में नायब सैनी ने दूसरी बार CM पद की शपथ ले ली है। सैनी राज्य के 19वें मुख्यमंत्री बने। हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले वे 11वें नेता हैं। शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में हुआ (पूरी खबर पढ़ें)