हरियाणा CMO में खुल्लर फिर बने पावर सेंटर:सीएम सैनी ने 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी; CM घोषणाओं का काम गुप्ता देखेंगे

हरियाणा CMO में खुल्लर फिर बने पावर सेंटर:सीएम सैनी ने 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी; CM घोषणाओं का काम गुप्ता देखेंगे

हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के करीबी रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर फिर से मुख्यमंत्री नायब सैनी ऑफिस (CMO) के पावर सेंटर बन गए हैं। सीएम सैनी ने उन्हें 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी है। मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को सीएमओ का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया गया है। इन विभागों की फाइल खुल्लर के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। उनके पास एक्साइज एंड टैक्सेशन, वित्त, रेवेन्यू, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, जनसंपर्क, सिंचाई, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे अहम विभाग रहेंगे। विधायी कार्य भी राजेश खुल्लर को ही देखने को कहा गया है। विधायी प्रस्ताव और अध्यादेश तक जारी करने के मामले देखने की जिम्मेदारी भी खुल्लर को मिली है। इसके अलावा सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता को 9 विभाग दिए हैं। सीएम की घोषणाओं से संबंधित काम भी गुप्ता देखेंगे । यहां देखिए ऑर्डर की कॉपी… इन अफसरों को मिले ये जिम्मेदारी प्रधान सचिवः अरूण कुमार गुप्ता सिविल एविएशन, वन, पर्यावरण व वन्यप्राणी, फूड सप्लाई, हाउसिंग फार ऑल, खनन, परिवहन, यूएलबी, सहकारिता, यूथ एम्पावरमेंट, सीएम अनाउंसमेंट से संबंधित कार्य। अतिरिक्त प्रधान सचिवः साकेत कुमार कृषि, पशुपालन, विकास एवं पंचायत, चुनाव, मत्स्य, विदेश, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण, डब्ल्यूसीडी, केडीबी, सीएम विंडो के तहत विभिन्न विभागों की परफॉरमेंस। उप प्रधान सचिवः यशपाल आर्किटेक्चर, आर्काइव, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, हेरिटेज एंड टूरिज्म, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड। ओएसडी: सुधांशु गौतम अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट हाउस, सीएम अनाउंसमेंट, सीएम रिलीफ फंड, एचआरडीएफ, एचआरएमएस एंड ऑन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी, वक्फ बोर्ड। ओएसडी: सीएम विंडो -2: राकेश संधु, ग्रिवांस। ओएसडी सीएम विंडो – 1: विवेक कालिया, जन संवाद कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। हरियाणा सीएमओ में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इसलिए खुल्लर बने पावर सेंटर 1. अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। ​2. हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। 3. सीएम ऑफिस (CMO) ​​​​​​में रहते हुए ​खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के करीबी रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर फिर से मुख्यमंत्री नायब सैनी ऑफिस (CMO) के पावर सेंटर बन गए हैं। सीएम सैनी ने उन्हें 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी है। मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को सीएमओ का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया गया है। इन विभागों की फाइल खुल्लर के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। उनके पास एक्साइज एंड टैक्सेशन, वित्त, रेवेन्यू, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, जनसंपर्क, सिंचाई, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे अहम विभाग रहेंगे। विधायी कार्य भी राजेश खुल्लर को ही देखने को कहा गया है। विधायी प्रस्ताव और अध्यादेश तक जारी करने के मामले देखने की जिम्मेदारी भी खुल्लर को मिली है। इसके अलावा सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता को 9 विभाग दिए हैं। सीएम की घोषणाओं से संबंधित काम भी गुप्ता देखेंगे । यहां देखिए ऑर्डर की कॉपी… इन अफसरों को मिले ये जिम्मेदारी प्रधान सचिवः अरूण कुमार गुप्ता सिविल एविएशन, वन, पर्यावरण व वन्यप्राणी, फूड सप्लाई, हाउसिंग फार ऑल, खनन, परिवहन, यूएलबी, सहकारिता, यूथ एम्पावरमेंट, सीएम अनाउंसमेंट से संबंधित कार्य। अतिरिक्त प्रधान सचिवः साकेत कुमार कृषि, पशुपालन, विकास एवं पंचायत, चुनाव, मत्स्य, विदेश, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण, डब्ल्यूसीडी, केडीबी, सीएम विंडो के तहत विभिन्न विभागों की परफॉरमेंस। उप प्रधान सचिवः यशपाल आर्किटेक्चर, आर्काइव, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, हेरिटेज एंड टूरिज्म, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड। ओएसडी: सुधांशु गौतम अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट हाउस, सीएम अनाउंसमेंट, सीएम रिलीफ फंड, एचआरडीएफ, एचआरएमएस एंड ऑन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी, वक्फ बोर्ड। ओएसडी: सीएम विंडो -2: राकेश संधु, ग्रिवांस। ओएसडी सीएम विंडो – 1: विवेक कालिया, जन संवाद कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। हरियाणा सीएमओ में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इसलिए खुल्लर बने पावर सेंटर 1. अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। ​2. हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। 3. सीएम ऑफिस (CMO) ​​​​​​में रहते हुए ​खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।   हरियाणा | दैनिक भास्कर