हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर फिर से मुख्यमंत्री नायब सैनी ऑफिस (CMO) के पावर सेंटर बन गए हैं। सीएम सैनी ने उन्हें 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी है। मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को सीएमओ का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया गया है। इन विभागों की फाइल खुल्लर के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। उनके पास एक्साइज एंड टैक्सेशन, वित्त, रेवेन्यू, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, जनसंपर्क, सिंचाई, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे अहम विभाग रहेंगे। विधायी कार्य भी राजेश खुल्लर को ही देखने को कहा गया है। विधायी प्रस्ताव और अध्यादेश तक जारी करने के मामले देखने की जिम्मेदारी भी खुल्लर को मिली है। इसके अलावा सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता को 9 विभाग दिए हैं। सीएम की घोषणाओं से संबंधित काम भी गुप्ता देखेंगे । यहां देखिए ऑर्डर की कॉपी… इन अफसरों को मिले ये जिम्मेदारी प्रधान सचिवः अरूण कुमार गुप्ता सिविल एविएशन, वन, पर्यावरण व वन्यप्राणी, फूड सप्लाई, हाउसिंग फार ऑल, खनन, परिवहन, यूएलबी, सहकारिता, यूथ एम्पावरमेंट, सीएम अनाउंसमेंट से संबंधित कार्य। अतिरिक्त प्रधान सचिवः साकेत कुमार कृषि, पशुपालन, विकास एवं पंचायत, चुनाव, मत्स्य, विदेश, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण, डब्ल्यूसीडी, केडीबी, सीएम विंडो के तहत विभिन्न विभागों की परफॉरमेंस। उप प्रधान सचिवः यशपाल आर्किटेक्चर, आर्काइव, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, हेरिटेज एंड टूरिज्म, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड। ओएसडी: सुधांशु गौतम अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट हाउस, सीएम अनाउंसमेंट, सीएम रिलीफ फंड, एचआरडीएफ, एचआरएमएस एंड ऑन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी, वक्फ बोर्ड। ओएसडी: सीएम विंडो -2: राकेश संधु, ग्रिवांस। ओएसडी सीएम विंडो – 1: विवेक कालिया, जन संवाद कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। हरियाणा सीएमओ में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इसलिए खुल्लर बने पावर सेंटर 1. अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। 2. हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। 3. सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर फिर से मुख्यमंत्री नायब सैनी ऑफिस (CMO) के पावर सेंटर बन गए हैं। सीएम सैनी ने उन्हें 21 अहम विभागों की जिम्मेदारी दी है। मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को सीएमओ का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया गया है। इन विभागों की फाइल खुल्लर के बिना आगे नहीं बढ़ेगी। उनके पास एक्साइज एंड टैक्सेशन, वित्त, रेवेन्यू, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, जनसंपर्क, सिंचाई, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग जैसे अहम विभाग रहेंगे। विधायी कार्य भी राजेश खुल्लर को ही देखने को कहा गया है। विधायी प्रस्ताव और अध्यादेश तक जारी करने के मामले देखने की जिम्मेदारी भी खुल्लर को मिली है। इसके अलावा सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता को 9 विभाग दिए हैं। सीएम की घोषणाओं से संबंधित काम भी गुप्ता देखेंगे । यहां देखिए ऑर्डर की कॉपी… इन अफसरों को मिले ये जिम्मेदारी प्रधान सचिवः अरूण कुमार गुप्ता सिविल एविएशन, वन, पर्यावरण व वन्यप्राणी, फूड सप्लाई, हाउसिंग फार ऑल, खनन, परिवहन, यूएलबी, सहकारिता, यूथ एम्पावरमेंट, सीएम अनाउंसमेंट से संबंधित कार्य। अतिरिक्त प्रधान सचिवः साकेत कुमार कृषि, पशुपालन, विकास एवं पंचायत, चुनाव, मत्स्य, विदेश, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण, डब्ल्यूसीडी, केडीबी, सीएम विंडो के तहत विभिन्न विभागों की परफॉरमेंस। उप प्रधान सचिवः यशपाल आर्किटेक्चर, आर्काइव, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, हेरिटेज एंड टूरिज्म, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड। ओएसडी: सुधांशु गौतम अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट हाउस, सीएम अनाउंसमेंट, सीएम रिलीफ फंड, एचआरडीएफ, एचआरएमएस एंड ऑन लाइन ट्रांसफर पॉलिसी, वक्फ बोर्ड। ओएसडी: सीएम विंडो -2: राकेश संधु, ग्रिवांस। ओएसडी सीएम विंडो – 1: विवेक कालिया, जन संवाद कौन हैं राजेश खुल्लर राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2014 में राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद से वे तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर की गुडबुक में रहे। खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त कर दिया गया। तब उन्होंने 1982 बैच के सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी की जगह ली थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को हरियाणा का नया सीएम बनाया था, तब भी राजेश खुल्लर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) थे। हरियाणा सीएमओ में यह उनका दूसरा कार्यकाल है। इसलिए खुल्लर बने पावर सेंटर 1. अपने 35 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष और प्रशासनिक सचिव रहे। वर्ष 2019 में खट्टर ने उन्हें अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। खुल्लर ने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। 2. हरियाणा में करप्शन की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) से जुड़ी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड कराने का श्रेय राजेश खुल्लर को ही जाता है। हरियाणा इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के कारण देशभर में सुर्खियों में रहता था। 3. सीएम ऑफिस (CMO) में रहते हुए खुल्लर ने ही पर्ची सिस्टम की जगह पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसके बाद अब आम लोगों या कर्मचारियों को अपने ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सीएम सैनी का जाटों को रिझाने का प्रयास:कहा- जाट हैं देशभक्त, कांग्रेस बोली- देशभक्ति नहीं भर्ती के लैटर बांटिए
हरियाणा सीएम सैनी का जाटों को रिझाने का प्रयास:कहा- जाट हैं देशभक्त, कांग्रेस बोली- देशभक्ति नहीं भर्ती के लैटर बांटिए हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करने वाली भाजपा अब जाटों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि जाट देशभक्त हैं और 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा को ही वोट देने वाले हैं। मुख्यमंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और राज्य में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है। इसलिए सीएम के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस ने सीएम के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा- “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए”। भाजपा की नजर गैर-जाट समुदाय के वोटबैंक पर ज्यादा रहती है इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जाट बाहुल क्षेत्रों में बीजेपी के लिए चक्रव्यूह तैयार करने में लगी हुई है। बीजेपी को भी इस बार ड़र सता रहा है कि कहीं जाटों का पूरा वोट कांग्रेस में ना शिफ्ट हो जाए। यही कारण है कि अब सीएम सैनी को जाटों की देशभक्ति याद आ गई है। सीएम बोले- जाट भाजपा को देंगे वोट
मंगलवार को सीएम नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान एक पत्रकार ने कहा- “राज्य में भाजपा को जाटों का सर्मथन नहीं है”। इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा “ऐसा कोई फैक्टर नहीं है, कल मेरी तोशाम के अंदर रैली थी, रैली के दौरान जाट समाज ने खुले तौर पर अपने दोनों हाथ उठाकर कहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे। ‘हुड्डा पर बरसे सीएम सैनी’
सीएम ने कहा- हुड्डा ने जाट समाज का शोषण किया है, कांग्रेस के लोग नैरेटिव सेट करने में लगे हुए हैं कि हैं कि जाट भाजपा को वोट नहीं दे रहा, जबकि हकीकत ये है कि पूरा जाट समाज भाजपा को ही वोट दे रहा है। ‘जाट देशभक्त कौम है’
जाटों पर आगे बोलते हुए सीएम ने कहा- जाट देशभक्त कौम है, वो हुड्डा के विकास में योगदान नहीं देना चाहते, वो देश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं और इसीलिए वो लगे हुए हैं और इस बार चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े मैंडेट से जिताने वाला है। कांग्रेस ने सीएम को दिलाई भर्तियों की याद
सीएम का बयान सामने के बाद हरियाणा कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। पोस्ट में कांग्रेस ने सीएम को भर्तियों की याद दिलाई है। सीएम का वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए। हरियाणवी सब देशभक्त हैं साहब। आप सिर्फ ये बताओ कि आचार संहिता में भर्तियों का ड्रामा क्यों कर रहे हो, साढ़े नौ साल मनोहर लाल जी खर्राटे क्यों लेते रहे ?” हरियाणा में है जाटों का दबदबा
हरियाणा में 22.2 प्रतिशत जाट समाज किसी को भी सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने और किसी की भी सरकार गिराने का दमखम रखता है। रोहतक, सोनीपत, कैथल, पानीपत, जींद, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी जिलों की करीब 35 विधानसभा सीटों पर जाटों की अच्छी पकड़ है। जिसके कारण इस इलाके को जाटलैंड भी कहा जाता है। इस बार के चुनाव में जाटलैंड की सीटें बीजेपी के लिए सिर दर्द बनी हुई हैं तो कांग्रेस इन्हीं सीटों की बदौलत एक बार फिर सत्ता में आने का सुनहरा सपना देख रही है। 33 साल तक सत्ता पर रहा जाटों का दबदबा
भले ही बीजेपी जाटों को दरकिनार कर बाकी 78 प्रतिशत को साधने में लगी हुई हो लेकिन ये तो तय है कि हरियाणा में जाटों की जड़ें बहुत गहरी हैं। हरियाणा का 58 साल का पूरा इतिहास देखें तो 33 सालों तक जाट समुदाय के नेता सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे हैं। गैर-जाट मुख्यमंत्रियों में भगवत दयाल शर्मा, राव बीरेंद्र सिंह, भजन लाल, बनारसी दास गुप्ता, मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी हैं। वहीं, जाट समुदाय के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो इस लिस्ट में बंसीलाल, देवीलाल, ओम प्रकाश चौटाला, हुकुम सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसमें से भी बंसीलाल तीन बार, ओपी चौटाला पांच बार और भूपेंद्र हुड्डा दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं।
हिसार में नए SP ने संभाला कार्यभार:ज्वाइन करते ही अफसरों की मीटिंग ली, कहा-बदमाशों का खात्मा करें
हिसार में नए SP ने संभाला कार्यभार:ज्वाइन करते ही अफसरों की मीटिंग ली, कहा-बदमाशों का खात्मा करें हिसार में नए SP दीपक सहारण ने ज्वाइन कर लिया है। पदभार संभालते ही दीपक सहारण ने पुलिस अफसरों की मीटिंग बुलाई। पुलिस लाइन स्थित आधिकारिक मेस में सभी पर्यवेक्षण अधिकारियों और थाना प्रबंधकों को निर्देशित करते हुए कहा कि हिसार में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स से हमारी तनख्वाह आती है। हमारी जिम्मेदारी है कि उनके जान माल की रक्षा करें। कानून के दायरे में रहते हुए बदमाशों का खात्मा करें। गलत काम करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाएं। थाना या चौकी में आने वाले किसी भी आगंतुक से सभ्य तरीके से पेश आएं। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। आमजन में पुलिस उपस्थिति बढ़ाएं। सभी पर्यवेक्षण अधिकारी, थाना और चौकी प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में प्रभावी गश्त कर जिले में होने वाली अवैध गतिविधियों की की रोकथाम सुनिश्चित करें। संगठित अपराध पर रोक लगाए कार्यभार ग्रहण करने बाद नव नियुक्त एसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए प्रभावशाली कार्रवाई की जाएगी। संगठित अपराध में लिप्त अपराधियों पर कमरतोड़ कार्रवाई की जाएगी और उनके सहयोगियों व गिरोह सहित पूरे आपराधिक तंत्र को पूर्णतया ध्वस्त किया जाएगा। साथ ही अपराधियों को सूचना और पनाह देने वालों के खिलाफ भी उदाहरणात्मतक कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि संगठित अपराध के साथ जिले में नशा उन्मूलन, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने सहित साइबर अपराध नियंत्रण करने और महिला विरुद्ध अपराध सहित सभी तरह के अपराधों पर रोक लगाने पर उनकी प्राथमिकता रहेगी। नशीले पदार्थों व साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे और पुलिस द्वारा नशीले पदार्थों का व्यापार करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। रंगदारी और फिरौती केस को सुलझाना चुनौती नए पुलिस कप्तान के सामने रंगदारी और फिरौती केस को सुलझाने की सबसे बड़ी चुनौती है। हिसार में एक के बाद एक व्यापारियों को डराया और धमकाया जा रहा है। विदेशी नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। इसी के चलते ऑटो मार्केट के व्यापारियों ने शुक्रवार को दुकानें बंद कर विरोध जताया था और चेतावनी दी थी कि अगर रविवार तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे। ऑटो मार्केट में व्यापारियों की सुरक्षा बढ़ाई वहीं घटना के बाद से ही पुलिस ऑटो मार्केट में मुस्तैद दिखाई दे रही है। पुलिस ने जिले भर में नाकों को एक्टिव कर दिया और 20 अतिरिक्त नाके लगाए गए हैं। इन नाकों पर दो-दो शिफ्ट में पुलिस 24 घंटे तैनात रहेगी। पुलिस की ओर से सिरसा चुंगी, सेक्टर 33, बरवाला चुंगी, नाका रायपुर रोड, मिर्जापुर चौक, एटीएम थाना चौक पर, शिव कालोनी फाटक, पटेल नगर, तोशाम रोड पर आधार अस्पताल के पास , बालसमंद चौक, राजगढ़ रोड, कैमरी रोड, भानू चौक, निरंकारी भवन चौक, जिंदल चौक, सुरेवाला चौक, पड़ाव चौक पर नाकाबंदी की गई है।
हरियाणा में आज भंग होगी विधानसभा:सैनी कैबिनेट ने की सिफारिश; बंसीलाल, ओपी चौटाला, हुड्डा भी 3 बार कर चुके भंग
हरियाणा में आज भंग होगी विधानसभा:सैनी कैबिनेट ने की सिफारिश; बंसीलाल, ओपी चौटाला, हुड्डा भी 3 बार कर चुके भंग हरियाणा की विधानसभा आज भंग हो जाएगी। 6 महीने की अवधि में विधानसभा सत्र बुलाने के नियम के कारण सरकार ने 14वीं विधानसभा समय से पहले भंग करने का फैसला किया है। दरअसल, सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक था। यानी यह 52 दिन बचा था। नियमों के चलते 12 सितंबर तक सत्र बुलाना अनिवार्य था। इससे एक दिन पहले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इसमें विधानसभा भंग करने की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आज राज्यपाल के पास जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी होगी। नई सरकार के गठन तक नायब रहेंगे सीएम अब, जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता , तब तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक सीएम के तौर पर कार्य करते रहेंगे । बता दें कि 15वीं विधानसभा के लिए 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा हुई थी। सरकार ने 17 अगस्त को कैबिनेट बुलाई हुई थी। इसमें विधानसभा सत्र की तारीख तय हो सकती थी, पर चुनाव की घोषणा से समय की कमी को देखते हुए सरकार ने सत्र टाल दिया । अब विधानसभा भंग करने का ही निर्णय लिया है। सरकार को बहुमत न होने का डर तो नहीं था ? 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 81 विधायक हैं। 41 के बहुमत का आंकड़ा अकेले खुद भाजपा के पास था, लेकिन 14 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। ऐसे में सरकार कोई प्रस्ताव लाती तो वहां क्रॉस वोटिंग के चलते यह गिर सकता था। इस स्थिति से भी सरकार बची। सीएम नायब सिंह सैनी व मंत्री कार्यवाहक के तौर पर कार्य करते रहेंगे, पर नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। हालांकि, कोई महामारी, प्राकृतिक आपदा या असुरक्षा जैसा मामला आता है तो फैसला लेने में सक्षम रहेंगे। इस फैसले का विधायकों पर क्या असर होगा ? विधायकों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। वे पूर्व विधायक कहलाएंगे। सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी। समय से पहले 3 बार विधानसभा और भंग हो चुकी है। फरवरी 1972 में कांग्रेस सरकार में बंसीलाल ने एक साल पहले विधानसभा भंग कराई थी। दिसंबर 1999 में इनेलो सरकार में ओमप्रकाश चौटाला ने 16 माह पहले विस भंग कराई। तीसरी बार अगस्त 2009 में कांग्रेस सरकार में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराए। विधानसभा भंग करना ही सिंगल ऑप्शन विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, फिर भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है। इसका पिछला विशेष सत्र 1 दिन का बुलाया गया था। वह विशेष सत्र 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था। उसमें CM ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपना बहुमत साबित किया था। इसके बाद उन्होंने कोई सत्र नहीं बुलाया। हेमंत कुमार कहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा विधानसभा का एक सत्र भले ही 1 दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितंबर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है। क्योंकि 6 माह के अंदर दूसरा सत्र बुलाना ही होता है। क्या कहता है संविधान संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि पिछले सत्र की अंतिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पिछली कैबिनेट बैठक में मानसून सत्र पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। ऐसे में अब सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समयपूर्व भंग करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश करना ही एकमात्र विकल्प बचा था। हरियाणा में संवैधानिक संकट का कारण हरियाणा में चुनाव की घोषणा के बाद संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है। इसकी वजह 6 महीने के भीतर एक बार विधानसभा सेशन बुलाना है। राज्य विधानसभा का अंतिम सेशन 13 मार्च को हुआ था। उसमें नए बने CM नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। इसके बाद 12 सितंबर तक सेशन बुलाना अनिवार्य है। यह संवैधानिक संकट ऐतिहासिक भी है, क्योंकि देश आजाद होने के बाद कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। हरियाणा में ही कोरोना के दौरान भी इस संकट को टालने के लिए 1 दिन का सेशन बुलाया गया था। 6 माह में सत्र न बुलाने का इतिहास में उदाहरण नहीं है। 5 अक्टूबर को होगी वोटिंग राज्य में इस समय 14वीं विधानसभा चल रही है। 15वीं विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है।