सोनीपत में एक मेडिकल स्टोर में बिना अधिकृत चिकित्सकीय पर्चे के गर्भपात की किट बेचे जाने का मामला सामने आया है। सिविल हॉस्पिटल में लेबर रूम में एडमिट एक महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो पति ने खुलासा किया। मामले की शिकायत पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर साक्ष्य जुटाए और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है।पुलिस मामले में जांच कर रही है।
छापेमारी के दौरान जांच में पाया कि त्यागी मेडिकल एजेंसी, देवडू रोड पर 450 रू में एमटीपी किट बेची जा रही थी, जिसमें गर्भपात के लिए उपयोग की जाने वाली माइफिप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल दवाएं शामिल थीं। इन दवाओं का उपयोग बिना डॉक्टर की निगरानी में करना कानूनन अपराध है और इससे महिलाओं की जान को खतरा हो सकता है। महिला की बिगड़ी तबीयत, पति ने किया खुलासा मामले का खुलासा उस समय हुआ जब जिला नागरिक अस्पताल सोनीपत के लेबर रूम में नीरज की पत्नी आरती को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया। महिला की स्थिति बयान देने लायक नहीं थी, ऐसे में उसके पति नीरज का बयान दर्ज किया गया। नीरज ने बताया कि उसकी पत्नी लगभग डेढ़ महीने की गर्भवती है और परिवार में पहले से तीन बच्चे हैं। इसलिए उसने गर्भपात कराने के लिए बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के स्थानीय मेडिकल स्टोर से एमटीपी किट खरीदी थी। जिला स्तरीय हेल्थ टीम ने की कार्रवाई मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन एवं जिला स्तरीय टीम के आदेश पर गठित टीम जिसमें डॉ. सुमित कौशिक नोडल अधिकारी,नितिन फालस्वाल नोडल अधिकारी और संदीप हुड्डा ड्रग कंट्रोलर अधिकारी शामिल रहे, उन्होंने तत्काल छानबीन की। टीम ने सभी आवश्यक दस्तावेज, मरीज की मेडिकल रिपोर्ट, पति का बयान और स्थल मेमो इकट्ठा कर थाना सेक्टर-27 को सौंपा। डॉ. सुमित कौशिक द्वारा थाना सेक्टर-27 में दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया। यह मामला ASI भीम की उपस्थिति में दर्ज किया गया और आगे की तफ्तीश PSI दीपक को सौंपी गई है। एफआईआर की प्रतियां संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई हैं। मेडिकल स्टोर्स की भी होगी जांच जिला हेल्थ विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस मामले के बाद अन्य मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियां और कहीं नहीं चल रहीं। प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाने को तैयार है। क्या है MTP कानून और BNS की धारा 125 MTP अधिनियम 1971 के तहत गर्भपात की दवाएं केवल पंजीकृत डॉक्टर द्वारा अधिकृत मेडिकल सेंटर पर ही दी जा सकती हैं। वहीं भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 125(2) के अनुसार यदि किसी महिला का अवैध तरीके से गर्भपात कराया जाता है या उसमें सहायता की जाती है, तो यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। सोनीपत में एक मेडिकल स्टोर में बिना अधिकृत चिकित्सकीय पर्चे के गर्भपात की किट बेचे जाने का मामला सामने आया है। सिविल हॉस्पिटल में लेबर रूम में एडमिट एक महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो पति ने खुलासा किया। मामले की शिकायत पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर साक्ष्य जुटाए और मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है।पुलिस मामले में जांच कर रही है।
छापेमारी के दौरान जांच में पाया कि त्यागी मेडिकल एजेंसी, देवडू रोड पर 450 रू में एमटीपी किट बेची जा रही थी, जिसमें गर्भपात के लिए उपयोग की जाने वाली माइफिप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल दवाएं शामिल थीं। इन दवाओं का उपयोग बिना डॉक्टर की निगरानी में करना कानूनन अपराध है और इससे महिलाओं की जान को खतरा हो सकता है। महिला की बिगड़ी तबीयत, पति ने किया खुलासा मामले का खुलासा उस समय हुआ जब जिला नागरिक अस्पताल सोनीपत के लेबर रूम में नीरज की पत्नी आरती को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया। महिला की स्थिति बयान देने लायक नहीं थी, ऐसे में उसके पति नीरज का बयान दर्ज किया गया। नीरज ने बताया कि उसकी पत्नी लगभग डेढ़ महीने की गर्भवती है और परिवार में पहले से तीन बच्चे हैं। इसलिए उसने गर्भपात कराने के लिए बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के स्थानीय मेडिकल स्टोर से एमटीपी किट खरीदी थी। जिला स्तरीय हेल्थ टीम ने की कार्रवाई मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन एवं जिला स्तरीय टीम के आदेश पर गठित टीम जिसमें डॉ. सुमित कौशिक नोडल अधिकारी,नितिन फालस्वाल नोडल अधिकारी और संदीप हुड्डा ड्रग कंट्रोलर अधिकारी शामिल रहे, उन्होंने तत्काल छानबीन की। टीम ने सभी आवश्यक दस्तावेज, मरीज की मेडिकल रिपोर्ट, पति का बयान और स्थल मेमो इकट्ठा कर थाना सेक्टर-27 को सौंपा। डॉ. सुमित कौशिक द्वारा थाना सेक्टर-27 में दी गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया। यह मामला ASI भीम की उपस्थिति में दर्ज किया गया और आगे की तफ्तीश PSI दीपक को सौंपी गई है। एफआईआर की प्रतियां संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई हैं। मेडिकल स्टोर्स की भी होगी जांच जिला हेल्थ विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस मामले के बाद अन्य मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियां और कहीं नहीं चल रहीं। प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाने को तैयार है। क्या है MTP कानून और BNS की धारा 125 MTP अधिनियम 1971 के तहत गर्भपात की दवाएं केवल पंजीकृत डॉक्टर द्वारा अधिकृत मेडिकल सेंटर पर ही दी जा सकती हैं। वहीं भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 125(2) के अनुसार यदि किसी महिला का अवैध तरीके से गर्भपात कराया जाता है या उसमें सहायता की जाती है, तो यह एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
