हरियाणा के सोनीपत में एक व्यक्ति की हत्या करके उसके शव को घर के बाहर फेंक दिया गया। इस दौरान गाड़ी में आए युवकों ने उनके परिजनों को आवाज दी कि हमने तुम्हारे भाई को मार डाला है। वारदात के बाद गांव में सनसनी फेल गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक छानबीन के बाद शव को नागरिक अस्पताल में भेजा। हत्यारोपी परिवार से ही हैं और इनके बीच प्लॉट को लेकर विवाद बताया गया है। जानकारी के अनुसार मुकीमपुर गांव में ओमप्रकाश व अतर सिंह का एक ही परिवार है। बीती रात को ओमप्रकाश के लड़के कप्तान (50) की हत्या कर दी गई। आरोप है कि रात को अतर सिंह का बेटा सोनू, इसके दो अन्य साथी एक कार में आए। उन्होंने कप्तान के घर के बाहर गाड़ी रोकी और आवाज लगाई कि ‘हमने तुम्हारे भाई को मार डाला है’। इसके बाद कार से कप्तान के शव को उसके घर के बाहर फेंक दिया गया। परिजन बाहर आए तो देखा कि कप्तान की लाठी-डडों से पीट कर हत्या की गई है। परिजनों का कहना है कि परिवार में एक प्लाट को लेकर विवाद चल रहा है। इसी के चलते कप्तान की हत्या की गई है। हालांकि अभी कप्तान के परिजनों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। उसकी पत्नी व बच्चे एक शादी में गांव कटवाल गए हुए हैं। उनके आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल में रखा गया है। हरियाणा के सोनीपत में एक व्यक्ति की हत्या करके उसके शव को घर के बाहर फेंक दिया गया। इस दौरान गाड़ी में आए युवकों ने उनके परिजनों को आवाज दी कि हमने तुम्हारे भाई को मार डाला है। वारदात के बाद गांव में सनसनी फेल गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक छानबीन के बाद शव को नागरिक अस्पताल में भेजा। हत्यारोपी परिवार से ही हैं और इनके बीच प्लॉट को लेकर विवाद बताया गया है। जानकारी के अनुसार मुकीमपुर गांव में ओमप्रकाश व अतर सिंह का एक ही परिवार है। बीती रात को ओमप्रकाश के लड़के कप्तान (50) की हत्या कर दी गई। आरोप है कि रात को अतर सिंह का बेटा सोनू, इसके दो अन्य साथी एक कार में आए। उन्होंने कप्तान के घर के बाहर गाड़ी रोकी और आवाज लगाई कि ‘हमने तुम्हारे भाई को मार डाला है’। इसके बाद कार से कप्तान के शव को उसके घर के बाहर फेंक दिया गया। परिजन बाहर आए तो देखा कि कप्तान की लाठी-डडों से पीट कर हत्या की गई है। परिजनों का कहना है कि परिवार में एक प्लाट को लेकर विवाद चल रहा है। इसी के चलते कप्तान की हत्या की गई है। हालांकि अभी कप्तान के परिजनों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। उसकी पत्नी व बच्चे एक शादी में गांव कटवाल गए हुए हैं। उनके आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल में रखा गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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STF से मिली जानकारी के मुताबिक, काला खैरमपुरिया का पहली बार नाम 2014 में हिसार जिले में हुई एक लूट की वारदात में सामने आया। इस केस में जेल चला गया। यहां उसकी कुछ लोकल बदमाशों से दोस्ती हो गई। जेल से छूटने के बाद उसने इलाके में कई अन्य वारदातें की, लेकिन 2015 में उसने राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक शख्स की हत्या कर सबसे बड़ी वारदात को अंजाम दिया। राजस्थान पुलिस ने कुछ समय बाद उसे पकड़ भी लिया और वह हनुमानगढ़ जेल में बंद रहा। 2018 में उसे इसी कत्ल केस में हनुमानगढ़ की अदालत से उम्रकैद की सजा हो गई। हनुमानगढ़ जेल में रहते हुए उसके संपर्क उत्तर भारत में एक्टिव कई बड़े गैंगस्टर से हो गए। सजा के 2 साल बाद उसे 2020 में कोर्ट से पैरोल मिल गई, लेकिन काला खैरमपुरिया वापस जेल जाने की बजाए फरार हो गए। इसके बाद तो उसने ऐसा आतंक मचाया कि टारगेट किलिंग, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती, रंगदारी जैसे 14 वारदातों को या तो खुद अंजाम दिया या फिर विदेश में बैठकर अपने गुर्गो के जरिए अंजाम दिलवाया। उसने 2021 में फतेहाबाद जिले के गांव दरौली में एक शख्स की हत्या की। इसके साथ ही हनुमानगढ़, सिरसा, हिसार में कई जगह गोलियां चलाकर फिरौती मांगी। जब वह पुलिस के लिए सिरदर्द बनने लगा तो वह कुछ समय के लिए शांत बैठ गया। 2023 में उसने फर्जी पते पर फर्जी पासपोर्ट तैयार कराया और फिर पहले यूएई, आर्मीनिया के बाद थाईलैंड पहुंच गया। गैंगस्टर भाऊ और नीरज के संपर्क में आया
यहां पहुंचने के बाद काला राणा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ और नीरज फरीदपुरिया के संपर्क में आया। इन दोनों बड़े गैंगस्टर के साथ मिलकर अपनी गैंग को दिल्ली-हरियाणा में एक्टिव कर दिया। गैंग के गुर्गों के जरिए उसने सोनीपत में मातूराम हलवाई के यहां फिरौती के लिए फायरिंग कराई। इसके बाद सोनीपत में ही शराब कारोबारी सुंदर मलिक का कत्ल करा दिया। यही नहीं काला खैरमपुरिया ने दिल्ली के तिलक नगर में एक नामी शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। उसके बाद 18 जून को दिल्ली के राजौरी गार्डन में अमन जून नाम के शख्स की गैंगवारी में हत्या करा दी। 24 जून को उसने हिसार में इनेलो नेता रामभगत के बेटे के शोरूम पर फायरिंग कराकर 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी। एक बाद एक काला खैरमपुरिया का नाम पुलिस के रोजनामचे में चढ़ता गया। हिसार की घटना के बाद पुलिस के साथ-साथ सरकार की भी काफी किरकिरी हुई। इसी के चलते एसटीएफ ने कमान संभाली और फिर सबसे पहले पुलिस ने उस पते को ढूंढ निकाला, जिसके जरिए काला फर्जी पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भागा था। पुलिस ने उसी पते के आधार पर काला की ट्रैवलिंग रूट की हिस्ट्री खंगाली और फिर उसका पुख्ता ठिकाना पता लगने के बाद पासपोर्ट रद्द करवाकर उसे अरेस्ट कर लिया।