हरियाणा के सोनीपत में सिंचाई विभाग में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जहां कर्मचारियों की मिली भगत से नहर की पटरी से लाखों रुपए की मिट्टी उठाकर चोरी की गई है और अवैध रूप से नहर पर पंप सेट लगाकर खेत में सिंचाई की जा रही थी। मामले को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा यूनियन ने पर्दाफाश किया है और इसकी शिकायत मंडल अभियंता दिल्ली वह अन्य अधिकारियों को दी गई है। वहीं मौके पर यूनियन पदाधिकारी द्वारा वीडियो बनाई गई तो आनन फानन में जेई ने पुलिस में अज्ञात के खिलाफ शिकायत दी है। यूनियन के पदाधिकारी ने जेई पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन से संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सिंचाई विभाग में हो रहे बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली मंडल जल सेवाओं के तहत नहर से पानी चोरी कर माफियाओं को बेचा जा रहा है और साथ ही नहर की मिट्टी को भी अवैध रूप से लाखों रुपए में बेचा जा रहा है। यूनियन के प्रदेश उप महासचिव सिलक राम मलिक और प्रदेश उप कोषाध्यक्ष राजेश धनखड़, जो खुद नहर पर कैनाल गार्ड के पद पर तैनात हैं। उन्होंने इस भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। उन्होंने वीडियो बनाकर सिंचाई विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर किया और इसकी शिकायत मंडल अभियंता दिल्ली, परिमंडल अध्यक्ष और प्रमुख अभियंता से की है। क्या है पूरा मामला? यूनियन के पदाधिकारी ने बताया कि सोनीपत में मल्ला माजरा से नाहरी गांव की तरफ नहर की पटरी से 2 एकड़ की लंबाई में करीबन 2 फुट मिट्टी अवैध रूप से उठाई गई है। लाखों रुपए की मिट्टी अवैध रूप से उठाकर बेचने का आरोप लगाया है। आरोप है कि भीम नाम के जमींदार द्वारा जेई से मिली भगत करके अवैध पंप सेट लगाया गया है और नहर से पानी चोरी किया जा रहा था। जिसको लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं जब पूरा मामला पकड़ में आया तो उसी समय पाइपलाइन को उखाड़ कर हटा दिया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा घोटाला यूनियन नेताओं का कहना है कि यह भ्रष्टाचार लंबे समय से जारी है। इसमें जेई की पूरी मिलीभगत है। यूनियन का आरोप है कि पानी की चोरी करवाई जा रही है, बल्कि नहर की पटरी की खुदाई कर निकाली गई मिट्टी को भी गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
यूनियन ने कहा कि इस घोटाले में सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों की चुप्पी यह साबित करती है कि वे भी इसमें शामिल हैं। यूनियन के अनुसार, हरियाणा की सीमा पर स्थित नहर मेजर आरडी 9100 माइनर से अवैध रूप से पानी की चोरी करवाई जा रही है। यूनियन ने बताया कि यह कारोबार लाखों रुपए का है, जिससे विभागीय अधिकारियों और माफियाओं को भारी मुनाफा हो रहा है। इस भ्रष्टाचार की वजह से नहर की संरचना भी कमजोर हो रही है, जिससे भविष्य में नहर टूटने की आशंका बनी रहती है। मामला उजागर करने वालों को जान का खतरा यूनियन नेताओं ने कहा कि इस घोटाले को उजागर करने वालों को अपनी जान का खतरा है। यह एक संगठित माफिया गिरोह है, जो मिट्टी बेचने और पानी की चोरी करवाने के काम में लिप्त है। जनता के टैक्स के पैसे से उनका वेतन आता है, इसलिए वे भ्रष्टाचार को अनदेखा नहीं कर सकते।हालांकि, इस घोटाले को उजागर करने से उनकी सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। यूनियन की मांग यूनियन ने हरियाणा सरकार और प्रशासन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। 1. मामले की गहन जांच कर दोषी अधिकारियों और माफिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। 2. सिंचाई विभाग में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए। 3. घोटाले का खुलासा करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा दी जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं जारी रख सकें। यूनियन की चेतावनी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। क्या कहते हैं जेई मामले को लेकर जब जेई प्रदीप डांगी से बातचीत की गई तो उन्होंने माना है कि नहर की पटरी से मिट्टी चोरी हुई है। दूसरी तरफ पंपसेट लगाकर पानी चोरी हो रहा था। मामला मेरे संज्ञान में बाद में आया है। मुझे और मेरे बेलदारों को जानकारी नहीं थी। मामले के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस को शिकायत दी गई है। हरियाणा के सोनीपत में सिंचाई विभाग में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। जहां कर्मचारियों की मिली भगत से नहर की पटरी से लाखों रुपए की मिट्टी उठाकर चोरी की गई है और अवैध रूप से नहर पर पंप सेट लगाकर खेत में सिंचाई की जा रही थी। मामले को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा यूनियन ने पर्दाफाश किया है और इसकी शिकायत मंडल अभियंता दिल्ली वह अन्य अधिकारियों को दी गई है। वहीं मौके पर यूनियन पदाधिकारी द्वारा वीडियो बनाई गई तो आनन फानन में जेई ने पुलिस में अज्ञात के खिलाफ शिकायत दी है। यूनियन के पदाधिकारी ने जेई पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन से संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सिंचाई विभाग में हो रहे बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया है कि दिल्ली मंडल जल सेवाओं के तहत नहर से पानी चोरी कर माफियाओं को बेचा जा रहा है और साथ ही नहर की मिट्टी को भी अवैध रूप से लाखों रुपए में बेचा जा रहा है। यूनियन के प्रदेश उप महासचिव सिलक राम मलिक और प्रदेश उप कोषाध्यक्ष राजेश धनखड़, जो खुद नहर पर कैनाल गार्ड के पद पर तैनात हैं। उन्होंने इस भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत जुटाए हैं। उन्होंने वीडियो बनाकर सिंचाई विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर किया और इसकी शिकायत मंडल अभियंता दिल्ली, परिमंडल अध्यक्ष और प्रमुख अभियंता से की है। क्या है पूरा मामला? यूनियन के पदाधिकारी ने बताया कि सोनीपत में मल्ला माजरा से नाहरी गांव की तरफ नहर की पटरी से 2 एकड़ की लंबाई में करीबन 2 फुट मिट्टी अवैध रूप से उठाई गई है। लाखों रुपए की मिट्टी अवैध रूप से उठाकर बेचने का आरोप लगाया है। आरोप है कि भीम नाम के जमींदार द्वारा जेई से मिली भगत करके अवैध पंप सेट लगाया गया है और नहर से पानी चोरी किया जा रहा था। जिसको लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं जब पूरा मामला पकड़ में आया तो उसी समय पाइपलाइन को उखाड़ कर हटा दिया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा घोटाला यूनियन नेताओं का कहना है कि यह भ्रष्टाचार लंबे समय से जारी है। इसमें जेई की पूरी मिलीभगत है। यूनियन का आरोप है कि पानी की चोरी करवाई जा रही है, बल्कि नहर की पटरी की खुदाई कर निकाली गई मिट्टी को भी गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है, जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
यूनियन ने कहा कि इस घोटाले में सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों की चुप्पी यह साबित करती है कि वे भी इसमें शामिल हैं। यूनियन के अनुसार, हरियाणा की सीमा पर स्थित नहर मेजर आरडी 9100 माइनर से अवैध रूप से पानी की चोरी करवाई जा रही है। यूनियन ने बताया कि यह कारोबार लाखों रुपए का है, जिससे विभागीय अधिकारियों और माफियाओं को भारी मुनाफा हो रहा है। इस भ्रष्टाचार की वजह से नहर की संरचना भी कमजोर हो रही है, जिससे भविष्य में नहर टूटने की आशंका बनी रहती है। मामला उजागर करने वालों को जान का खतरा यूनियन नेताओं ने कहा कि इस घोटाले को उजागर करने वालों को अपनी जान का खतरा है। यह एक संगठित माफिया गिरोह है, जो मिट्टी बेचने और पानी की चोरी करवाने के काम में लिप्त है। जनता के टैक्स के पैसे से उनका वेतन आता है, इसलिए वे भ्रष्टाचार को अनदेखा नहीं कर सकते।हालांकि, इस घोटाले को उजागर करने से उनकी सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। यूनियन की मांग यूनियन ने हरियाणा सरकार और प्रशासन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। 1. मामले की गहन जांच कर दोषी अधिकारियों और माफिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। 2. सिंचाई विभाग में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए। 3. घोटाले का खुलासा करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा दी जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं जारी रख सकें। यूनियन की चेतावनी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। क्या कहते हैं जेई मामले को लेकर जब जेई प्रदीप डांगी से बातचीत की गई तो उन्होंने माना है कि नहर की पटरी से मिट्टी चोरी हुई है। दूसरी तरफ पंपसेट लगाकर पानी चोरी हो रहा था। मामला मेरे संज्ञान में बाद में आया है। मुझे और मेरे बेलदारों को जानकारी नहीं थी। मामले के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस को शिकायत दी गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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