हमीरपुर जिले में के भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल के मुद्दे को लेकर रविवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम सूक्खू ने बैठक के लिए राधा स्वामी सत्संग व्यास प्रबंधन के पदाधिकारियों सहित जिले के कई अन्य नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया है। यह बैठक 2 बजे सीएम सुक्खू के सरकारी आवास ओक ओवर में होगी। बता दें कि भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल अब बंद होने की कगार पर जिसको लेकर पिछले दिनों से आसपास की पंचायतों के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। इस प्रदर्शन में बीजेपी के विधायक भी शामिल है। क्या है पूरा मामला हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी सत्संग व्यास अस्पताल है, प्रबंधन इसको अपग्रेड करना चाहता है। लेकिन उपकरण खरीदने के लिए भारी भरकम GST चुकाना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में हिमाचल सरकार अब लैंड सीलिंग एक्ट 1972 आड़े आ रहा है। जानकारी के अनुसार राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की जमीन को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को ट्रांसफर करना चाहती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें हर साल 2 करोड़ रुपए जीएसटी देना पड़ रहा है। जबकि वह मुफ्त में लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन चाहता है कि जमीन को उनकी सिस्टर कन्सर्न संस्था को ट्रांसफर कर दिया जाए। 5 दिनों से प्रदर्शन लोग कर रहे प्रदर्शन डेरा प्रबंधन द्वारा अस्पताल को बंद करने की घोषणा के बाद आस-पास की पंचायतों के ग्रामीण सड़क पर उतर गए है। लोग हर दिन चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बाहर पहुंच रहे और नेशनल हाई-वे पर चक्का जाम कर नारेबाजी कर रहे है। बता दें कि क्षेत्र में डेरा स्वामी की काफी लोकप्रियता है, उनके समर्थकों की काफी संख्या है। बता दें कि भाजपा ने मामले पर समर्थन किया है। भाजपा के कई विधायक इसमें शामिल हो रहे है। भाजपा विधायकों ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना बता दें कि बीते दिनों प्रदर्शन में पहुंचे हमीरपुर जिले से भाजपा विधायक प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार घेरने की कोशिश की। हमीरपुर के बड़सर विधानसभा से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के चलते लोग अब सड़कों पर उतरे है और सीएम सुक्खू को चाहिए कि विवाद को सुलझाने के लिए जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए। ताकि समस्या हल हो सके। हमीरपुर सदर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि पिछले 24 साल से अस्पताल चल रहा है और सीआईडी ने यह जानकारी सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जब तक लोग सड़कों में ना आए। तब तक सीएम कुछ नहीं करेंगे। सीएम सुक्खू अगर लिख कर दो लाइनें संस्थान को दे देते हैं कि आगामी सत्र में संशोधन किया जाएगा तो अस्पताल बंद होने से बच जाएगा। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जनता के विरोध का बीजेपी पूर्ण रूप से समर्थन करती है और अस्पताल प्रबंधन की मांग जायज है। कितनी जमीन है संस्था के पास राधा स्वामी सत्संग ब्यास के पास हिमाचल में 6000 बीघा से ज्यादा की लैंड होल्डिंग है। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के समय 2014 में इन्हें लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दी गई थी। तब भारत सरकार ने एक राइडर लगा दिया था कि लैंड सीलिंग की सीमा से बाहर की जमीन को ये सेल, लीज, गिफ्ट, विल, मॉर्टगेज या किसी अन्य तरीके से ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। इसी राइडर की बाधा को अब हटाया जा रहा है। हिमाचल निर्माता ने दिया था हिमाचल को सुरक्षा कवच हिमाचल प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया था। ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। इस एक्ट की धारा-5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों तथा जल विद्युत परियोजनाओं की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। लेकिन अब संशोधन से जो छूट राधा स्वामी सत्संग ब्यास को दी जा रही है, वह किसी अन्य को उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार की अनुमति पर ही लागू होगा ऑर्डिनेंस स्वामी सत्संग ब्यास ने एक अन्य सोसाइटी को हमीरपुर के भोटा स्थित अस्पताल परिसर की लैंड ट्रांसफर करने का आवेदन किया है। यदि ऐसा न हुआ तो अस्पताल को बंद करने का नोटिस भी सरकार को दिया है। वहीं प्रदेश सरकार ने चैरिटेबल संस्था को देखते हुए बीते दिनों सीएम सुक्खू ने संस्था को छूट देने की बात कही थी। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अध्यादेश लाकर में वन टाइम छूट के तहत 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके बदले हस्तांतरण शुल्क भी मार्केट वैल्यू के फार्मूले से प्रस्तावित किया जा रहा है। हालांकि यह अध्यादेश तभी प्रख्यापित या घोषित होगा, जब इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी भारत सरकार से आ जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य के हित का ध्यान रखा जाएगा। सीएम सुक्खू ने पहले ही कहा है कि पहले सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार फैसला करेगी। हमीरपुर जिले में के भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल के मुद्दे को लेकर रविवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम सूक्खू ने बैठक के लिए राधा स्वामी सत्संग व्यास प्रबंधन के पदाधिकारियों सहित जिले के कई अन्य नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया है। यह बैठक 2 बजे सीएम सुक्खू के सरकारी आवास ओक ओवर में होगी। बता दें कि भोटा में स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास चैरिटेबल अस्पताल अब बंद होने की कगार पर जिसको लेकर पिछले दिनों से आसपास की पंचायतों के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। इस प्रदर्शन में बीजेपी के विधायक भी शामिल है। क्या है पूरा मामला हमीरपुर जिले के भोटा में राधा स्वामी सत्संग व्यास अस्पताल है, प्रबंधन इसको अपग्रेड करना चाहता है। लेकिन उपकरण खरीदने के लिए भारी भरकम GST चुकाना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में हिमाचल सरकार अब लैंड सीलिंग एक्ट 1972 आड़े आ रहा है। जानकारी के अनुसार राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की जमीन को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को ट्रांसफर करना चाहती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें हर साल 2 करोड़ रुपए जीएसटी देना पड़ रहा है। जबकि वह मुफ्त में लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन चाहता है कि जमीन को उनकी सिस्टर कन्सर्न संस्था को ट्रांसफर कर दिया जाए। 5 दिनों से प्रदर्शन लोग कर रहे प्रदर्शन डेरा प्रबंधन द्वारा अस्पताल को बंद करने की घोषणा के बाद आस-पास की पंचायतों के ग्रामीण सड़क पर उतर गए है। लोग हर दिन चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बाहर पहुंच रहे और नेशनल हाई-वे पर चक्का जाम कर नारेबाजी कर रहे है। बता दें कि क्षेत्र में डेरा स्वामी की काफी लोकप्रियता है, उनके समर्थकों की काफी संख्या है। बता दें कि भाजपा ने मामले पर समर्थन किया है। भाजपा के कई विधायक इसमें शामिल हो रहे है। भाजपा विधायकों ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना बता दें कि बीते दिनों प्रदर्शन में पहुंचे हमीरपुर जिले से भाजपा विधायक प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार घेरने की कोशिश की। हमीरपुर के बड़सर विधानसभा से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के चलते लोग अब सड़कों पर उतरे है और सीएम सुक्खू को चाहिए कि विवाद को सुलझाने के लिए जल्द से जल्द काम किया जाना चाहिए। ताकि समस्या हल हो सके। हमीरपुर सदर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि पिछले 24 साल से अस्पताल चल रहा है और सीआईडी ने यह जानकारी सरकार तक क्यों नहीं पहुंचाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जब तक लोग सड़कों में ना आए। तब तक सीएम कुछ नहीं करेंगे। सीएम सुक्खू अगर लिख कर दो लाइनें संस्थान को दे देते हैं कि आगामी सत्र में संशोधन किया जाएगा तो अस्पताल बंद होने से बच जाएगा। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जनता के विरोध का बीजेपी पूर्ण रूप से समर्थन करती है और अस्पताल प्रबंधन की मांग जायज है। कितनी जमीन है संस्था के पास राधा स्वामी सत्संग ब्यास के पास हिमाचल में 6000 बीघा से ज्यादा की लैंड होल्डिंग है। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के समय 2014 में इन्हें लैंड सीलिंग एक्ट से छूट दी गई थी। तब भारत सरकार ने एक राइडर लगा दिया था कि लैंड सीलिंग की सीमा से बाहर की जमीन को ये सेल, लीज, गिफ्ट, विल, मॉर्टगेज या किसी अन्य तरीके से ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। इसी राइडर की बाधा को अब हटाया जा रहा है। हिमाचल निर्माता ने दिया था हिमाचल को सुरक्षा कवच हिमाचल प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार के समय हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट इसलिए बनाया गया था। ताकि भूमि के व्यक्तिगत उपयोग की सीमा तय की जा सके। यह भू-सुधारों में सबसे बड़ा कदम था। इसमें लैंड होल्डिंग की सीमा निर्धारित है। कोई भी व्यक्ति या परिवार राज्य में पानी लगने वाली जमीन सिर्फ 50 बीघा, एक फसल देने वाली जमीन 75 बीघा और बगीचा 150 बीघा और ट्राइबल एरिया में 350 बीघा जमीन ही रख सकता है। इस एक्ट की धारा-5 के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार, सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, स्थानीय निकायों, चाय बागानों, उद्योगों तथा जल विद्युत परियोजनाओं की जमीन को सीलिंग से छूट दी गई है। लेकिन अब संशोधन से जो छूट राधा स्वामी सत्संग ब्यास को दी जा रही है, वह किसी अन्य को उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार की अनुमति पर ही लागू होगा ऑर्डिनेंस स्वामी सत्संग ब्यास ने एक अन्य सोसाइटी को हमीरपुर के भोटा स्थित अस्पताल परिसर की लैंड ट्रांसफर करने का आवेदन किया है। यदि ऐसा न हुआ तो अस्पताल को बंद करने का नोटिस भी सरकार को दिया है। वहीं प्रदेश सरकार ने चैरिटेबल संस्था को देखते हुए बीते दिनों सीएम सुक्खू ने संस्था को छूट देने की बात कही थी। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अध्यादेश लाकर में वन टाइम छूट के तहत 30 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके बदले हस्तांतरण शुल्क भी मार्केट वैल्यू के फार्मूले से प्रस्तावित किया जा रहा है। हालांकि यह अध्यादेश तभी प्रख्यापित या घोषित होगा, जब इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी भारत सरकार से आ जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य के हित का ध्यान रखा जाएगा। सीएम सुक्खू ने पहले ही कहा है कि पहले सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार फैसला करेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब के 3.50 लाख रिश्वत के साथ गिरफ्तार प्रोफेसर बोले:फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने इन्सपेक्शन को किया अधिकृत; PCI को ऑनलाइन सबमिट की रिपोर्ट
पंजाब के 3.50 लाख रिश्वत के साथ गिरफ्तार प्रोफेसर बोले:फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने इन्सपेक्शन को किया अधिकृत; PCI को ऑनलाइन सबमिट की रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से गिरफ्तार पंजाब के 2 प्रोफेसरों से विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने मंगलवार को पूछताछ की। विजिलेंस पूछताछ में दोनों ने बताया कि पालमपुर स्थित साई स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर की ऑनलाइन वैरिफिकेशन के लिए उन्हें फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने अधिकृत किया था। उन्होंने संबधित संस्थान की जांच करने के बाद PCI के ऑनलाइन ऐप के माध्यम से रिपोर्ट सबमिट कर दी है। गिरफ्तार प्रोफेसर्स ने विजिलेंस को बताया, PCI ने इस शैक्षणिक सत्र से फार्मेसी के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेज-यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर का ऑनलाइन वैरिफिकेशन शुरू किया है। वह संबंधित संस्थान की इंस्पेक्शन रिपोर्ट ऑनलाइन सब्मिट करने के बाद 10 अगस्त को पालमपुर के इन्फिनिटी स्पोर्ट्स क्लब और टी गार्डन रिसॉर्ट के रूम नंबर 201 में ठहरे थे। 11 अगस्त को चेक-आउट करके वापस लौट रहे थे। 3.50 लाख की रिश्वत के साथ किया था गिरफ्तार विजिलेंस ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फरीदकोट के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश चावला और सेंट्रल यूनिवर्सिटी घुद्दा (बठिंडा) के प्रोफेसर पुनीत कुमार को बीते रविवार शाम को 3.50 लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। इस दौरान रक्कड़ पुलिस स्टेशन में कार की तलाशी में राकेश चावला और पुनीत कुमार के लैपटॉप बैग से दो अलग-अलग इन्फिनिटी स्पोर्ट्स क्लब की 15 हजार रुपए की रसीद नंबर 2024 24/25/592 रूम रेंट के रूप में बरामद की। चावला की सूटकेस से मिले 1.70 लाख विजिलेंस टीम ने कार की तलाशी ली तो कार से राकेश चावला के चॉकलेट ब्राउन रंग का सूटकेस मिला। उसके अंदर रखे पॉलिथीन से 1.70 लाख रुपए बरामद हुए। इन नोटों की गड्डियों पर एक्सिस बैंक पालमपुर ब्रांच की स्लिप लगी हुई थी। उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया। जांच में पता चला कि यह सारा कैश पालमपुर शाखा से 9 अगस्त को ही विड्रा किया गया था। पुनीत कुमार के सूटकेस से 1.80 लाख मिले इसके बाद टीम ने प्रोफेसर पुनीत कुमार के सूटकेस की तलाशी ली तो तौलिए में लपेटकर रखे गए 1.80 लाख रुपए बरामद हुए। टीम ने जब दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो वह रुपए के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जांच अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन दोनों के बैंक डिटेल्स ली गई है। शीघ्र ही पंजाब के विभिन्न स्थानों पर टीम भेजकर जानकारियां जुटाई जाएंगी। विजिलेंस ने प्रोफेसर की यूनिवर्सिटी को किया सूचित गिरफ्तार दोनों प्रोफेसर्स की यूनिवर्सिटी से भी संपर्क कर इनके गिरफ्तार होने की सूचना दे दी गई है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र भेजकर कर इनकी इंस्पेक्शन रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही खुलासा होगा कि इन्होंने साई स्कूल ऑफ़ साई स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को इंसपेशन से क्या अनुचित लाभ दिया है। जबकि श्री साईं यूनिवर्सिटी के प्रबंधक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह रूटीन इंस्पेक्शन थी जिस ऑनलाइन सबमिट किया जाता है।
हिमाचल में मानसून सीजन में 253 की मौत:121 करोड़ की संपत्ति तबाह, मानसून पड़ा धीमा, आज भी प्रदेशभर में खिलेगी धूप
हिमाचल में मानसून सीजन में 253 की मौत:121 करोड़ की संपत्ति तबाह, मानसून पड़ा धीमा, आज भी प्रदेशभर में खिलेगी धूप हिमाचल प्रदेश में बेशक मानसून की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है। मगर अब तक मानसून सीजन में 253 लोगों की मौत तथा 121 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो गई है। 383 लोग घायल तथा 30 लोग लंबे समय से लापता है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, मृतकों में 110 की जान सड़कों हादसों में गई है, जबकि बाढ़ में 8 की मौत, लैंडस्लाइड से 5, बादल फटने से 22, पानी में डूबने से 26, सांप के काटने से 21, करंट लगने से 15, पेड़ या ढांक से गिरने से 38 तथा 8 की अन्य कारणों से जान गई है। आज भी ज्यादातर भागों में खिलेगी धूप प्रदेश में इस बार मानसून की रफ्तार शुरू से ही धीमी पड़ी हुई है। आज भी प्रदेश के ज्यादातर भागों में धूप खिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कल यानी 27 अगस्त को कांगड़ा, मंडी, शिमला व सोलन के कुछेक क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। 28 अगस्त को चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। 29 से 31 अगस्त तक मौसम साफ रहेगा। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान भी ज्यादातर भागों में बारिश नहीं हुई। बीते सप्ताह 38% कम बादल बरसे 18 से 25 अगस्त के बीच सामान्य से 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 50.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 31.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। बिलासपुर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में बहुत कम बारिश हुई है। लाहौल स्पीति, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला में सामान्य की अपेक्षा 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन में 24% कम बारिश वहीं पूरे मानसून सीजन में भी प्रदेश में 1 जून से 25 अगस्त के बीच सामान्य से 24 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 577.9 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। इस बार 437.1 मिलीमीटर बारिश हुई। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में पिछले साल की अपेक्षा 63% कम बारिश शिमला में साल 2023 में अगस्त महीने में 591.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी। मगर इस बार अगस्त के 25 दिन में मात्र 213.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। वहीं सोलन में भी पिछले साल अगस्त में 283.4 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि इस पार 25 अगस्त तक 191.4 बारिश हुई है। इसी तरह अन्य जिलों में भी पिछले साल की अपेक्षा कम बारिश हुई है। अब तक 121 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में अब तक बरसात से 121 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश से 172 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है, जबकि 446 मकान को आंशिक नुकसान हुआ है।
शिमला में पैरा मिलिट्री भूतपूर्व समिति की बैठक:3 साल से लंबित है मंहगाई भत्ता, सरकार से भुगतान करने की अपील
शिमला में पैरा मिलिट्री भूतपूर्व समिति की बैठक:3 साल से लंबित है मंहगाई भत्ता, सरकार से भुगतान करने की अपील जिला शिमला के रामपुर में पैरा मिलिट्री भूतपूर्व समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसमें सरकार से तीन साल से लंबित पड़े 18 महीने की मंहगाई भत्ते का भुगतान करने की अपील की गई। रामपुर में बैठक बुधवार को समिति के अध्यक्ष एनडी बेश्टू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया गया, साथ ही लंबित मुद्दे जोर शोर से उठे और सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया गया। केंद्रीय कर्मचारियों का 18 माह का महंगाई भत्ता नही मिला बैठक में बेश्टू ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारी का 18 माह का महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के पास तीन वर्षी से लंबित पड़ा हुआ है। उसका शीघ्र भुगतान सरकार करें। वहीं अतिरिक्त पेंशन 5, 10,15 और 20 प्रतिशत जो सरकार ने उम्र के साथ भुगतान करना है, उसे केंद्र सरकार जल्द से जल्द जारी करें। यानी 65 वर्ष होने पर 5, 70 वर्ष होने पर 10, 75 वर्ष होने पर 15 प्रतिशत और 80 वर्ष होने पर 20 प्रतिशत देय है। बादल फटने से समिति के सदस्य का मकान हुआ था नष्ट वहीं समिति ने बीते दिनों समेज गांव में बादल फटने से समिति के सदस्य जवान सूरत राम का मकान सहित बहुमूल्य सामान नष्ट हो गया, समिति ने उन्हें अपनी तरफ से 25 हजार की सहायता राशि प्रदान की। इसके अलावा कैंटीन का मामला समिति ने पहले ही महानिदेशक भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस से उठाया है, लेकिन अभी तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है। बैठक में लंबित समस्याओं को लेकर रोष जताया गया और सरकार से जल्द से जल्द मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई गई। इस मौके पर धर्मजीत खिंगटा, देष्टा, रत्नदेव भारद्वाज, जीवन दास, नारायण मेहता, ताराचंद कटोच, रोशन मेहता और सागर दास सहित अन्य मौजूद रहे।